मुरादाबाद में बिजली विभाग के क्लर्क की लाश SDO ऑफिस में फंदे पर लटकी मिली। सूचना पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची। शव को नीचे उतारकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। मामला बिलारी बिजली विभाग के उपखंड अधिकारी कार्यालय का है। मामले में बिजली विभाग के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लग रहे हैं। बिजली विभाग के वरिष्ठ सहायक लिपिक धनपाल यादव (45) की तैनाती बिलारी में उपखंड अधिकारी (SDO) कार्यालय में थी। नवंबर में उनकी बेटी की शादी होनी है। धनपाल बेटी की शादी की तैयारियों में जुटे थे। हालांकि तीन दिन के अवकाश की वजह से वो घर पर थे। लेकिन, अधिकारियों ने विभागीय काम के लिए उन्हें दफ्तर आने को कहा था। अधिकारियों का फोन आने के बाद धनपाल यादव ऑफिस पहुंचे थे। इसके बाद उनका शव SDO ऑफिस में पंखे पर लटका मिला। खबर अपडेट हो रही है…. मुरादाबाद में बिजली विभाग के क्लर्क की लाश SDO ऑफिस में फंदे पर लटकी मिली। सूचना पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची। शव को नीचे उतारकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। मामला बिलारी बिजली विभाग के उपखंड अधिकारी कार्यालय का है। मामले में बिजली विभाग के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लग रहे हैं। बिजली विभाग के वरिष्ठ सहायक लिपिक धनपाल यादव (45) की तैनाती बिलारी में उपखंड अधिकारी (SDO) कार्यालय में थी। नवंबर में उनकी बेटी की शादी होनी है। धनपाल बेटी की शादी की तैयारियों में जुटे थे। हालांकि तीन दिन के अवकाश की वजह से वो घर पर थे। लेकिन, अधिकारियों ने विभागीय काम के लिए उन्हें दफ्तर आने को कहा था। अधिकारियों का फोन आने के बाद धनपाल यादव ऑफिस पहुंचे थे। इसके बाद उनका शव SDO ऑफिस में पंखे पर लटका मिला। खबर अपडेट हो रही है…. उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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SCR से कितनी बदलेगी राजधानी?:कॉर्पोरेट, इंडस्ट्री और आईटी हब की संभावना, दिल्ली और बेंगलुरु की तर्ज पर डेवलपमेंट प्लान
SCR से कितनी बदलेगी राजधानी?:कॉर्पोरेट, इंडस्ट्री और आईटी हब की संभावना, दिल्ली और बेंगलुरु की तर्ज पर डेवलपमेंट प्लान यूपी में दिल्ली एनसीआर की तर्ज पर लखनऊ एससीआर( राज्य राजधानी क्षेत्र) का गठन किया जाएगा। इस रीजन में लखनऊ समेत आसपास के 6 जिलों को शामिल किया जाएगा। देश के किसी भी राज्य में एससीआर बनाने वाला यूपी पहला राज्य होगा। सीएम योगी ने एससीआर बनाने की घोषणा की। राज्य राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण के गठन की मंजूरी का नोटिफिकेशन भी जारी हो चुका है। इसमें लखनऊ के अलावा हरदोई, रायबरेली, बाराबंकी, सीतापुर और उन्नाव जिले शामिल है। एक्सपर्ट बताते हैं कि दिल्ली और बेंगलुरु जैसी चमक लखनऊ रीजन की हो सकती है। इन छह जिलों का 27, 826 वर्ग मीटर का क्षेत्रफल एससीआर के दायरे में आएगा। इसमें सबसे ज्यादा 5,986 वर्ग किमी का इलाका हरदोई जिले का है। एससीआर के छह जिलों में 2, 29, 41, 300 की जनसंख्या है। इसमें 45, 89, 638 लोक शामिल है। एससीआर गठन की मंजूरी के बाद सबके मन में सवाल है कि एससीआर बनने से इन शहरों में किस तरह का बदलाव होगा। नई चीजें क्या आएंगी और विकास को किस तरह से गति मिल सकेगी। कैसे स्टेट कैपिटल रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी यानी एससीआर में कार्य को गति दी जाएगी। इसे लेकर दैनिक भास्कर ने एक्सपर्ट से बातचीत की और जाना की एससीआर में खास क्या होगा एससीआर में कुल 6 जिले शामिल है?
एससीआर में राजधानी और आसपास के कुल 6 जिलों को शामिल किया गया है। इसमें लखनऊ के अलावा उन्नाव, रायबरेली, बाराबंकी, सीतापुर और हरदोई को शामिल किया गया है। एससीआर गठन को लेकर भास्कर रिपोर्टर ने रिजन एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल से बातचीत की। अनुज अग्रवाल ने सवालों के जो जवाब दिए वो पढ़िए… सवाल- एससीआर बनाने की जरूरत क्यों पड़ी है? आप इससे भविष्य में किस तरह का बदलाव देखते हैं जवाब- एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल कहते हैं कि लखनऊ शहर का विस्तार तेजी से हो रहा है। लखनऊ के चारों तरफ शहर फैल चुका है। सीतापुर हो, रायबरेली हो या फिर उन्नाव आसपास के जिलों की तक लोग का रह रहे हैं। मार्केट फैल चुका है ऐसे में जरूरी हो कि शहर का स्वरूप बड़ा हो। तभी लोगों को सुविधाएं मिल सकेंगी। हालांकि अनुज कहते हैं कि एससीआर बनने से कोई बड़ा परिवर्तन देखने को नहीं मिलेगा। जैसा का आपने देखा एनसीआर में कोई नियम दिल्ली में लागू होता उसका पालन पूरे एससीआर के सभी जिले में होता है। इसी तरह लोग फील करेंगे। इसी तरह से लखनऊ में इन 6 जिलों का केंद्र होगा। जोन नियम लखनऊ में लागू किए जाएंगे उसे एससीआर को भी मानना होगा। लखनऊ को इसका खास फायदा हो सकता है। जबकि बाकी के 5 जिलों का मामूली फायदा ही हो सकता है। सवाल- आपको क्या लगता है एससीआर कैसे कार्य करेगा? जवाब- एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल बताते हैं कि SCR का एक केन्द्र मुख्यालय होता है। इस मुख्यालय से ही विकास, नक्शा मंजूरी और अन्य विकास परियोजनाओं के लिए नए नियम और मानक बनेंगे। इसमें प्रमुख जिम्मेदारी लखनऊ विकास प्राधिकरण के पास ही होगी। अन्य जिले में इसके नियम का पालन किया जाएगा। सवाल- एससीआर में कौन-कौन किस पद पर रहेगा? जवाब- जारी किए गए नोटिफिकेशन में बताया गया है कि एससीआर प्राधिकरण के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे। मुख्य सचिव, विभागीय अपर मुख्य सचिव, विभागीय सचिव, कई महत्वपूर्ण विभागों के अपर मुख्य सचिव और सचिव सदस्य होंगे। मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजन भी पदेन सदस्य होंगे। भारत सरकार द्वारा नामित और रक्षा मंत्रालय द्वारा नामित अधिकारी भी सदस्य होंगे। SCR प्राधिकरण के सचिव का पदभार मंडलायुक्त लखनऊ संभालेंगे। सवाल- क्या दिल्ली-एनसीआसर से बेहतर विकल्प एससीआर बनेगा? जवाब- एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल बताते हैं कि देखिए, विकल्प बनना तो मुश्किल है। क्योंकि देश की राजधानी से पूरे दुनियां का नेटवर्क रहता है। ये माना जा सकता है। एससीआर बनाने के विकल्प बनने से बेहतर सुविधाओं पर ध्यान देने पर फोकस किया जा सकता है। जिससे इस 6 जिले में बेहतर सुविधा बढ़ाई जा सकती है। विकास के नए तरीके ईजाद करने होंगे। ऐसे में इंडस्ट्रियल एरिया, कॉरपोरेट ऑफिस, आईटी सिटी जैसे हब बनाए जा सकते है। सवाल? एनसीआर में रहने वाले लोगों का क्या लाभ मिलेगा? जवाब- आम लोगों को लाभ मिलने को लेकर अनुज कहते हैं कि मुझे ऐसा लगता है ऑन पेपर तो सब अच्छा ही लगेगा। पर हकीकत में कुछ खास चीजें चेंज नहीं होंगी। लखनऊ और हरदोई वालों को फील होगा कि वह एससीआर में रह रहे है। फायदे होने की बात अलग है कि समस्या बढ़ेगी जो नियम लखनऊ के लिए बनेगा। वह सबके लिए लागू होगा। सवाल- एससीआर से लखनऊ समेत छह जिले के लोगों को क्या मिलेगा?
जवाब- एक्सपर्ट एसके त्रिपाठी ने बताया कि लखनऊ समेत छह जिले में इसका मास्टर प्लान भी एक होगा। एक ही ऑफिस से पूरे एससीआर का काम चलेगा। जैसे दिल्ली में मेट्रो एनसीआर में मेट्रों का संचालन होता है। ऐसे ही रीजनल मेट्रो का संचालन किया जा सकेगा। सिटी बस सेवा भी एक जैसी होगी। हाईटेक सड़कों और चौड़ाई में भी लाई जाएगी, जिससे लोग लखनऊ में न होकर भी अपने शहर में राजधानी जैसा अनुभव करेंगे। एससीआर में मकान बनाने समेत कई नियम अगल होंगे। जो केवल एससीआर में लागू होंगे। सवाल- एससीआर से इन छह जिलों के लोगों का क्या मिलेगा?
जवाब- लोग खुद को प्रदेश में अलग मानेंगे। क्योंकि एससीआर का दायरा सीमित होता है। ऐसे में लोग फील करेंगे। वह प्रदेश की राजधानी लखनऊ के उस जिले में रह रहे है। जो स्टेट कैपिटल रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी में आता है। लाभ मिलने की बात करें तो सड़क, मेट्रो, बिजली, पानी सेवाएं और बेहतर होगी। रियल स्टेट मार्केट में थोड़ा उछाल आएगा। सवाल- उद्योगों के लिए क्या रहेगा?
जवाब- उद्योगों के लिए अवसर कहीं भी किसी राज्य में वहां की कानून व्यवस्था से मिलता है। उद्योगों का हब बनाने की बात करें वो तो सुविधा, बिजली, सड़क बेहतर होने का अहम रोल रहेगा। फिर भी एससीआर में इसका लाभ बहुत ज्यादा देखने को नहीं मिलेगा। सवाल- रोजगार को लेकर आपकी राय क्या है?
जवाब- एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल मानते हैं कि रोजगार को लेकर कोई आकड़ा नहीं बताया जा सकता है। लेकिन रोजगार सरकार के पॉलिसी और नौकरी के लिए बेहतर ऑप्शन बनाने पर मिलेगा। इसलिए पर कुछ कहना या दावा करना मुश्किल होगा कितना रोजगार मिलेगा।
गांव से वापस आने के बाद एकनाथ शिंदे का पहला बड़ा बयान- ‘मैं अपनी भूमिका स्पष्ट कर चुका हूं’
गांव से वापस आने के बाद एकनाथ शिंदे का पहला बड़ा बयान- ‘मैं अपनी भूमिका स्पष्ट कर चुका हूं’ <p style=”text-align: justify;”><strong>Eknath Shinde News:</strong> महाराष्ट्र में महायुति के नए मुख्यमंत्री चुनने की जुगत के बीच एकनाथ शिंदे कुछ दिन के लिए गांव चले गए थे. इस बीच राजनीतिक गलियारों में हल्ला हो गया कि शिवसेना प्रमुख कुछ बड़ी रणनीति तैयार कर रहे हैं. अब वह अपने गांव से वापस आ गए हैं और उन्होंने बड़ा बयान दिया है. एकनाथ शिंदे ने प्रेस कांफ्रेंस कर के कहा, “मैंने अपनी भूमिका क्लियर की है. PM मोदी और अमित शाह CM का फैसला लेंगे. हम मजबूती के साथ उनके साथ हैं.”</p>
Jammu Kashmir Election: सालों बाद भारी संख्या में मतदान केंद्र पर वोटिंग के लिए पहुंचे मतदाता, पहले चरण में कहां है बड़ी फाइट
Jammu Kashmir Election: सालों बाद भारी संख्या में मतदान केंद्र पर वोटिंग के लिए पहुंचे मतदाता, पहले चरण में कहां है बड़ी फाइट <p style=”text-align: justify;”><strong>Jammu Kashmir Assembly Election 2024:</strong> जम्मू कश्मीर के सात जिलों की 24 सीटों पर सुबह से मतदान जारी है. पिछले 10 वर्षों में पहली बार प्रदेश के मतदाता विधानसभा चुनाव में मतदान कर रहे हैं. केंद्र शासित प्रदेश में बुधवार को शांतिपूर्ण तरीके से पहले चरण का मतदान संपन्न कराने को लेकर सुरक्षा का सख्त पहरा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>जम्मू क्षेत्र के सात जिलों और कश्मीर घाटी के चार जिलों में 24 सीटों पर 90 निर्दलीय सहित 219 उम्मीदवारों के लिए 23 लाख से अधिक मतदाता आज अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>साल 2019 में अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने के बाद से जम्मू कश्मीर में यह पहला विधानसभा चुनाव होगा. चुनाव आयोग के अनुसार प्रथम चरण में कुल 23,27,580 निर्वाचक मतदान करने के लिए पात्र हैं, जिनमें 11,76,462 पुरुष, 11,51,058 महिलाएं और 60 तृतीय लिंग मतदाता शामिल हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>चुनाव आयोग के एक अधिकारी के मुताबिक, ‘‘पहले चरण में 18 से 19 वर्ष की आयु के 1.23 लाख युवा, 28,309 दिव्यांग और 85 वर्ष से अधिक आयु के 15,774 बुजुर्ग मतदाता भी अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे.’’ चुनाव अधिकारी के अनुसार, ‘‘शहरी क्षेत्रों में 302 और ग्रामीण क्षेत्रों में 2,974 मतदान केंद्र हैं. प्रत्येक मतदान केंद्र पर पीठासीन अधिकारी सहित चार चुनाव कर्मी तैनात रहेंगे….’’ </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सुरक्षा का सख्त पहरा </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>कश्मीर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक वी. के. बिरदी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘जम्मू कश्मीर पुलिस ने विधानसभा चुनाव के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की है ताकि अधिक से अधिक लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकें.’’ बिरदी ने कहा कि केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बल (सीएपीएफ), जम्मू कश्मीर सशस्त्र पुलिस और जम्मू कश्मीर पुलिस के कई बलों को सुरक्षा इंतजाम में लगाया गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>कश्मीर में प्रमुख उम्मीदवारों में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के मोहम्मद यूसुफ तारिगामी कुलग्राम सीट से लगातार पांचवीं बार चुनाव लड़ रहे हैं. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) महासचिव गुलाम अहमद मीर डूरू से तीसरी बार जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) की सकीना इटू दमहाल हाजीपोरा से चुनाव लड़ रहीं हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के सरताज मदनी (देवसर) तथा अब्दुल रहमान वीरी (शांगस-अनंतनाग) भी प्रमुख उम्मीदवारों में शामिल हैं. बिजबेहरा से चुनाव लड़ रही पीडीपी की इल्तिजा मुफ्ती का नेकां के बशीर अहमद वीरी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सोफी मोहम्मद यूसुफ से त्रिकोणीय मुकाबला है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलवामा सीट पर पीडीपी के वहीद पारा चुनाव लड़ रहे हैं. वह आतंकवाद के एक मामले में आरोपी हैं. उन्हें पार्टी के पूर्व सहकर्मी एवं नेकां उम्मीदवार मोहम्मद खलील से कड़ी चुनौती मिल रही है. वहीं, प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के पूर्व सदस्य तलत मजीद अली के भी मैदान में उतरने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इन विधानसभा सीटों पर हो मतदान </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बुधवार को जिन निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान हो रहा है उनमें पंपोर, त्राल, पुलवामा, राजपोरा, जैनापोरा, शोपियां, डीएच पोरा, कुलगाम, देवसर, दोरू, कोकेरनाग (एसटी), अनंतनाग पश्चिम, अनंतनाग, श्रीगुफवारा-बिजबेहरा, शांगस-अनंतनाग पूर्व, पहलगाम, इंदरवाल, किश्तवाड़, पैडर-नागसेनी, भद्रवाह, डोडा, डोडा पश्चिम, रामबन और बनिहाल शामिल हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”Jammu Kashmir Polls 2024 Phase 1: पहले चरण के चुनाव में कौन-कौन से बड़े चहरे मैदान में, किस सीट पर कड़ी टक्कर?” href=”https://www.abplive.com/states/jammu-and-kashmir/jammu-kashmir-assembly-election-2024-phase-1-polls-key-candidates-iltija-mufti-yusuf-tarigami-2785727″ target=”_blank” rel=”noopener”>Jammu Kashmir Polls 2024 Phase 1: पहले चरण के चुनाव में कौन-कौन से बड़े चहरे मैदान में, किस सीट पर कड़ी टक्कर?</a></strong></p>