पंजाब के लुधियाना जिले के रायकोट में दिवाली की रात हुई किसान नेता अमना पंडोरी की हत्या मामले में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। एसएसपी नवनीत सिंह बैंस ने थाना सिटी रायकोट के इंचार्ज इंस्पेक्टर करमजीत सिंह को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर पुलिस लाइन भेज दिया है। वही पुलिस ने मामले की विभागीय जांच भी शुरू कर दी। 90 दिनों के अंदर चालान करना था पेश मामले में मुख्य आरोपी बीकेयू डकौंदा जिला प्रधान जसप्रीत सिंह जस्सी ढट्ट को पुलिस की लापरवाही का फायदा मिल गया। पुलिस को 90 दिनों के भीतर चालान पेश करना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इस देरी का फायदा उठाते हुए आरोपी को सेशन कोर्ट लुधियाना से जमानत मिल गई। आश्चर्यजनक रूप से जमानत मिलने के कुछ घंटों बाद ही पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश कर दिया। एसएसपी ने दिए जांच के आदेश गंभीर मामले को देखते हुए एसएसपी ने विभागीय जांच के आदेश भी दिए हैं। जांच में पता लगाया जाएगा कि क्या पुलिस ने जानबूझकर चालान पेश करने में देरी की। उल्लेखनीय है कि सीएफएल रिपोर्ट भी पुलिस को पहले ही मिल चुकी थी और आरोपी की जमानत याचिका की जानकारी भी पुलिस को थी। 5 फरवरी को आरोपी के परिवार ने एसएसपी से मुलाकात कर इंस्पेक्टर करमजीत सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी और हाईकोर्ट जाने की चेतावनी दी थी। इस पूरे प्रकरण में पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। यह था विवाद अमनदीप सिंह उर्फ अमना पंडोरी ने गांव तंलवड़ी राय की रहने वाली गगनदीप कौर के साथ प्रेम विवाह किया गया था। दोनों का विवाह करवाने में सबसे ज्यादा मदद डीसी नूर पूरा ने ही की थी। पहले प्रेम विवाह करवाने वाले डीसी नूरपुरा ने ही बाद में अमना का घर तोड़ने की कोशिश की और इंगलैंड गई अमना की पत्नी गगनदीप कौर को डीसी नूर पूरा अमना के खिलाफ भड़काने लगा। डीसी ने अमना के खिलाफ भड़काया डीसी नूर पूरा ने गगनदीप कौर को बताया कि अमना के पास कोई घर, जमीन जायदाद नही है और उसने अपनी जाति छुपाकर प्रेम विवाह करवाया है। गगनदीप कौर की और से सारी बात अपने पति अमना पंडोरी को बताने के बाद विवाद शुरू हुआ और इसका दर्दनाक अंत अमना के कत्ल से हुआ। पंडोरी की गोली मारकर की थी हत्या महीने के करीब जेल में रहने के बाद ही जमानत पर बाहर आ गया। दिवाली की रात ललकार कर लडाई के लिए बुलाया था। दीपावली की रात रायकोट स्थित डकौंदा किसान जत्थेबंदी के दफ्तर में किसान नेता दानवीर सिंह चीना उर्फ डीसी नूरपुरा ने अमनदीप सिंह उर्फ अमना पंडोरी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। एक फायर अमना के सिर पर लगा था और उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया था। पहली गोली कर गई थी मिस दानवीर सिंह चीना उर्फ डीसी नूरपुरा ने अमना पंडोरी के सर में गोली मारी थी। मृतक अमना पंडोरी के भाई और मुकदमे के शिकायतकर्ता हरदीप सिंह के अनुसार पहली गोली मिस कर गई थी। जिसके बाद जस्सी ढट्ट ने डीसी नूरपुरा को उकसाया था कि सर में गोली मार जस्सी ढट्ट के कहने पर डीसी नूरपुरा ने अमना पंडोरी के सर में गोली मार दी और उसकी मौके पर मौत हो गई। डीसी नूरपुरा और अन्य आरोपी जेल में थाना सिटी रायकोट में अमना पंडोरी के भाई हरदीप सिंह पंडोरी के बयान पर पुलिस ने डीसी नूरपुरा व जसप्रीत सिंह उर्फ जस्सी ढट्ट के खिलाफ मामला दर्ज किया था | पुलिस नें जस्सी ढट्ट और डीसी नूरपुरा की पूछताछ के बाद मुकदमे में गग्गी, राजा, बूटा सिंह व जश्न को भी नामजद कर दिया गया। डीसी नूरपुरा और अन्य आरोपी अभी जेल में हैं। पंजाब के लुधियाना जिले के रायकोट में दिवाली की रात हुई किसान नेता अमना पंडोरी की हत्या मामले में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। एसएसपी नवनीत सिंह बैंस ने थाना सिटी रायकोट के इंचार्ज इंस्पेक्टर करमजीत सिंह को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर पुलिस लाइन भेज दिया है। वही पुलिस ने मामले की विभागीय जांच भी शुरू कर दी। 90 दिनों के अंदर चालान करना था पेश मामले में मुख्य आरोपी बीकेयू डकौंदा जिला प्रधान जसप्रीत सिंह जस्सी ढट्ट को पुलिस की लापरवाही का फायदा मिल गया। पुलिस को 90 दिनों के भीतर चालान पेश करना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इस देरी का फायदा उठाते हुए आरोपी को सेशन कोर्ट लुधियाना से जमानत मिल गई। आश्चर्यजनक रूप से जमानत मिलने के कुछ घंटों बाद ही पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश कर दिया। एसएसपी ने दिए जांच के आदेश गंभीर मामले को देखते हुए एसएसपी ने विभागीय जांच के आदेश भी दिए हैं। जांच में पता लगाया जाएगा कि क्या पुलिस ने जानबूझकर चालान पेश करने में देरी की। उल्लेखनीय है कि सीएफएल रिपोर्ट भी पुलिस को पहले ही मिल चुकी थी और आरोपी की जमानत याचिका की जानकारी भी पुलिस को थी। 5 फरवरी को आरोपी के परिवार ने एसएसपी से मुलाकात कर इंस्पेक्टर करमजीत सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी और हाईकोर्ट जाने की चेतावनी दी थी। इस पूरे प्रकरण में पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। यह था विवाद अमनदीप सिंह उर्फ अमना पंडोरी ने गांव तंलवड़ी राय की रहने वाली गगनदीप कौर के साथ प्रेम विवाह किया गया था। दोनों का विवाह करवाने में सबसे ज्यादा मदद डीसी नूर पूरा ने ही की थी। पहले प्रेम विवाह करवाने वाले डीसी नूरपुरा ने ही बाद में अमना का घर तोड़ने की कोशिश की और इंगलैंड गई अमना की पत्नी गगनदीप कौर को डीसी नूर पूरा अमना के खिलाफ भड़काने लगा। डीसी ने अमना के खिलाफ भड़काया डीसी नूर पूरा ने गगनदीप कौर को बताया कि अमना के पास कोई घर, जमीन जायदाद नही है और उसने अपनी जाति छुपाकर प्रेम विवाह करवाया है। गगनदीप कौर की और से सारी बात अपने पति अमना पंडोरी को बताने के बाद विवाद शुरू हुआ और इसका दर्दनाक अंत अमना के कत्ल से हुआ। पंडोरी की गोली मारकर की थी हत्या महीने के करीब जेल में रहने के बाद ही जमानत पर बाहर आ गया। दिवाली की रात ललकार कर लडाई के लिए बुलाया था। दीपावली की रात रायकोट स्थित डकौंदा किसान जत्थेबंदी के दफ्तर में किसान नेता दानवीर सिंह चीना उर्फ डीसी नूरपुरा ने अमनदीप सिंह उर्फ अमना पंडोरी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। एक फायर अमना के सिर पर लगा था और उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया था। पहली गोली कर गई थी मिस दानवीर सिंह चीना उर्फ डीसी नूरपुरा ने अमना पंडोरी के सर में गोली मारी थी। मृतक अमना पंडोरी के भाई और मुकदमे के शिकायतकर्ता हरदीप सिंह के अनुसार पहली गोली मिस कर गई थी। जिसके बाद जस्सी ढट्ट ने डीसी नूरपुरा को उकसाया था कि सर में गोली मार जस्सी ढट्ट के कहने पर डीसी नूरपुरा ने अमना पंडोरी के सर में गोली मार दी और उसकी मौके पर मौत हो गई। डीसी नूरपुरा और अन्य आरोपी जेल में थाना सिटी रायकोट में अमना पंडोरी के भाई हरदीप सिंह पंडोरी के बयान पर पुलिस ने डीसी नूरपुरा व जसप्रीत सिंह उर्फ जस्सी ढट्ट के खिलाफ मामला दर्ज किया था | पुलिस नें जस्सी ढट्ट और डीसी नूरपुरा की पूछताछ के बाद मुकदमे में गग्गी, राजा, बूटा सिंह व जश्न को भी नामजद कर दिया गया। डीसी नूरपुरा और अन्य आरोपी अभी जेल में हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
![जगराओं में रायकोट एसएचओ सस्पेंड:किसान नेता अमना पंडोरी हत्याकांड, पुलिस की लापरवाही, चालान देरी से आरोपी को मिली जमानत](https://images.bhaskarassets.com/thumb/1000x1000/web2images/521/2025/02/07/110_1738927103.jpg)