अलीगढ़ में जज डॉ. अनिल कुमार सिंह पर हमले के 11 दिन बाद FIR लिखी गई। पुलिस ने 100 CCTV देखे, मगर हमलावरों की बोलेरो गाड़ी का क्लू नहीं मिला। सोमवार देर शाम RTO ने छानबीन के बाद जांच और उलझा दी। क्योंकि, RTO दस्तावेज में हमलावरों की गाड़ी के नंबर से मैच करती हुई कोई गाड़ी नहीं मिली। उन्होंने इनपुट दिया कि अलीगढ़ में 700 बोलेरो चल रही है। मगर किसी का नंबर संदिग्ध गाड़ी से मैच नहीं करता है। हालांकि अभी सर्चिंग जारी हैं। अब पुलिस को 2 संदेह हैं। अलीगढ़ पुलिस ने हमलावरों को ट्रेस करने के लिए वेस्ट UP-NIC के सभी थानों के साथ डिटेल साझा की है। जज ने उस रात की कुछ तस्वीरें भी पुलिस को दी हैं। जिसमें सफेद बोलेरो दिख रही है। अंधेरा होने का फायदा बदमाशों को मिल रहा है। पुलिस ने कहा- हमें जब तहरीर मिली, तब FIR लिखी
पुलिस इन्वेस्टिगेशन के बीच हमने अलीगढ़ पुलिस से जानने का प्रयास किया कि FIR इतनी लेट क्यों हुई? बताया गया कि जज डॉ. अनिल ने थाना प्रभारी से लेकर अफसरों को कॉल तो किया। मगर उन्होंने लिखित तहरीर नहीं सौंपी थी। यही वजह है कि लिखापढ़त में देरी हुई। 9 नवंबर को जज ने ई-मेल के जरिए अलीगढ़ पुलिस को अपनी तहरीर भेजी, जिसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। बोलेरो को ढूंढने के लिए 2 पुलिस टीम लगाई गई हैं। अब जज डॉ. अनिल कुमार सिंह ने जो पुलिस को बताया, वो पढ़िए… मेरी गाड़ी का पीछा करते हुए वह लोग भला-बुरा बोल रहे थे
मैं 29 अक्टूबर की शाम को फर्रुखाबाद से नोएडा जा रहा था। करीब 7.50 बजे थे, हमारी गाड़ी गुमट चौराहा, खैर से होकर फतुरी की ओर बढ़ी, तभी एक सफेद बोलेरो कार ने हमारा पीछा किया। इस गाड़ी की नंबर प्लेट पर यूपी 81 7882 लिखा था। उस गाड़ी में 5 लोग मौजूद थे। उन्होंने मेरी गाड़ी को कई बार रोकने की कोशिश की। वो लोग अभद्र भाषा में मुझे धमका रहे थे। उनके पास हथियार भी थे। हमने अपनी गाड़ी को सोफा पुलिस चौकी तक मोड़ दिया। सुता पुलिस चौकी के सामने हमने अपनी गाड़ी रोक दी। ये लोग यू टर्न करके तेज स्पीड में भाग गए। इसके बाद चौकी प्रभारी संदीप कुमार को मैंने बताया कि मेरी गाड़ी को टक्कर मारी गई, इसलिए यह रोड रेज का मामला है। बाद में SSP के पीआरओ, थानाध्यक्ष को भी मोबाइल से रात 9:28 बजे बताया था। पुलिस की लापरवाही पर मुख्य सचिव को भेजा लेटर
30 अक्टूबर को SSP अलीगढ़ को ईमेल से रिपोर्ट दर्ज करने के लिए लेटर भेजा था। इसके बावजूद 10 नवंबर को रिपोर्ट दर्ज की गई। पुलिस की लापरवाही पर जज ने मुख्य सचिव गृह, डीजीपी, आईजी जोन और डीआईजी को कार्रवाई के लिए लेटर भेजा है। जज ने सुंदर भाटी गैंग पर शक जाहिर किया
जज की तरफ से जो FIR दर्ज कराई गई, उसमें लिखा है कि 5 अप्रैल, 2021 को सुंदर भाटी गैंग के 11 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई। तब मेरी पोस्टिंग गौतमबुद्धनगर कोर्ट में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के रूप में थी, जिन्हें सजा सुनाई, उनमें ऋषि पाल, राज सिंह, योगेश, विकास पंडित, कालू भाटी, नील कवींद्र, दिनेश भाटी, अनूप भाटी, यतेंद्र चौधरी, सोरू, बॉबी शेर सिंह और सुरेंद्र पंडित शामिल हैं। सुंदर भाटी के कनेक्शन तलाश रही पुलिस
पुलिस अब अलीगढ़ में सुंदर भाटी के कनेक्शन तलाशने में जुटी है। अलीगढ़ के कई राजनीतिक लोगों से सुंदर भाटी के संबंध रहे हैं। जिसके कारण वह अलीगढ़ आता-जाता रहा है। वहीं सुंदर भाटी गैंग का एक शार्प शूटर अलीगढ़ की जेल में बंद है। भाटी गैंग के शार्प शूटर अन्नी को नोएडा से ही अलीगढ़ में ट्रांसफर किया गया था, जिसके बाद कई लोगों का यहां आना-जाना लगा हुआ था। पुलिस इन सभी फैक्ट को ध्यान में रखते हुए अपनी जांच को आगे बढ़ा रही है। CCTV में संदिग्ध बोलेरो नहीं दिखी
पुलिस ने गौमत चौराहे से लेकर आस-पास के CCTV देखे। अब तक पुलिस 100 से ज्यादा CCTV देख चुकी है, लेकिन पुलिस के हाथ कुछ खास सुराग नहीं लग सका है। थाना पुलिस के साथ फील्ड यूनिट, सर्विलांस, SOG की टीमें इस मामले की जांच कर रही हैं। पुलिस ने मुखबिर नेटवर्क भी एक्टिव कर दिए हैं। SSP संजीव सुमन ने कहा- पुलिस की कई टीमें मामले की जांच कर रही हैं। CCTV देखे जा रहे हैं। संदिग्धों से पूछताछ भी हो रही है। जल्दी ही पुलिस आरोपियों का पता लगा लेगी और घटना का खुलासा किया जाएगा। ——————– यह भी पढ़ें : ‘अफसरों के नाम हमें भेजना, हम इन्हें बाद में ढूंढेंगे’:कानपुर में शिवपाल ने कार्यकर्ताओं से कहा-पुलिस बुलाए तो जाना नहीं, घर आए तो मिलना नहीं ‘सपा और कांग्रेस के कार्यकर्ता पुलिस की पकड़ में न आएं। पुलिस बुलाए तो जाना नहीं, घर आए तो मिलना नहीं। प्रशासन या पुलिस अफसर आपका नाम लिखें तो आप उनका नाम लिखकर हमें जरूर भेजना, हम इन्हें बाद में ढूंढेंगे।’ यह बात सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने कानपुर में कार्यकर्ताओं को दी। पढ़िए पूरी खबर… अलीगढ़ में जज डॉ. अनिल कुमार सिंह पर हमले के 11 दिन बाद FIR लिखी गई। पुलिस ने 100 CCTV देखे, मगर हमलावरों की बोलेरो गाड़ी का क्लू नहीं मिला। सोमवार देर शाम RTO ने छानबीन के बाद जांच और उलझा दी। क्योंकि, RTO दस्तावेज में हमलावरों की गाड़ी के नंबर से मैच करती हुई कोई गाड़ी नहीं मिली। उन्होंने इनपुट दिया कि अलीगढ़ में 700 बोलेरो चल रही है। मगर किसी का नंबर संदिग्ध गाड़ी से मैच नहीं करता है। हालांकि अभी सर्चिंग जारी हैं। अब पुलिस को 2 संदेह हैं। अलीगढ़ पुलिस ने हमलावरों को ट्रेस करने के लिए वेस्ट UP-NIC के सभी थानों के साथ डिटेल साझा की है। जज ने उस रात की कुछ तस्वीरें भी पुलिस को दी हैं। जिसमें सफेद बोलेरो दिख रही है। अंधेरा होने का फायदा बदमाशों को मिल रहा है। पुलिस ने कहा- हमें जब तहरीर मिली, तब FIR लिखी
पुलिस इन्वेस्टिगेशन के बीच हमने अलीगढ़ पुलिस से जानने का प्रयास किया कि FIR इतनी लेट क्यों हुई? बताया गया कि जज डॉ. अनिल ने थाना प्रभारी से लेकर अफसरों को कॉल तो किया। मगर उन्होंने लिखित तहरीर नहीं सौंपी थी। यही वजह है कि लिखापढ़त में देरी हुई। 9 नवंबर को जज ने ई-मेल के जरिए अलीगढ़ पुलिस को अपनी तहरीर भेजी, जिसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। बोलेरो को ढूंढने के लिए 2 पुलिस टीम लगाई गई हैं। अब जज डॉ. अनिल कुमार सिंह ने जो पुलिस को बताया, वो पढ़िए… मेरी गाड़ी का पीछा करते हुए वह लोग भला-बुरा बोल रहे थे
मैं 29 अक्टूबर की शाम को फर्रुखाबाद से नोएडा जा रहा था। करीब 7.50 बजे थे, हमारी गाड़ी गुमट चौराहा, खैर से होकर फतुरी की ओर बढ़ी, तभी एक सफेद बोलेरो कार ने हमारा पीछा किया। इस गाड़ी की नंबर प्लेट पर यूपी 81 7882 लिखा था। उस गाड़ी में 5 लोग मौजूद थे। उन्होंने मेरी गाड़ी को कई बार रोकने की कोशिश की। वो लोग अभद्र भाषा में मुझे धमका रहे थे। उनके पास हथियार भी थे। हमने अपनी गाड़ी को सोफा पुलिस चौकी तक मोड़ दिया। सुता पुलिस चौकी के सामने हमने अपनी गाड़ी रोक दी। ये लोग यू टर्न करके तेज स्पीड में भाग गए। इसके बाद चौकी प्रभारी संदीप कुमार को मैंने बताया कि मेरी गाड़ी को टक्कर मारी गई, इसलिए यह रोड रेज का मामला है। बाद में SSP के पीआरओ, थानाध्यक्ष को भी मोबाइल से रात 9:28 बजे बताया था। पुलिस की लापरवाही पर मुख्य सचिव को भेजा लेटर
30 अक्टूबर को SSP अलीगढ़ को ईमेल से रिपोर्ट दर्ज करने के लिए लेटर भेजा था। इसके बावजूद 10 नवंबर को रिपोर्ट दर्ज की गई। पुलिस की लापरवाही पर जज ने मुख्य सचिव गृह, डीजीपी, आईजी जोन और डीआईजी को कार्रवाई के लिए लेटर भेजा है। जज ने सुंदर भाटी गैंग पर शक जाहिर किया
जज की तरफ से जो FIR दर्ज कराई गई, उसमें लिखा है कि 5 अप्रैल, 2021 को सुंदर भाटी गैंग के 11 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई। तब मेरी पोस्टिंग गौतमबुद्धनगर कोर्ट में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के रूप में थी, जिन्हें सजा सुनाई, उनमें ऋषि पाल, राज सिंह, योगेश, विकास पंडित, कालू भाटी, नील कवींद्र, दिनेश भाटी, अनूप भाटी, यतेंद्र चौधरी, सोरू, बॉबी शेर सिंह और सुरेंद्र पंडित शामिल हैं। सुंदर भाटी के कनेक्शन तलाश रही पुलिस
पुलिस अब अलीगढ़ में सुंदर भाटी के कनेक्शन तलाशने में जुटी है। अलीगढ़ के कई राजनीतिक लोगों से सुंदर भाटी के संबंध रहे हैं। जिसके कारण वह अलीगढ़ आता-जाता रहा है। वहीं सुंदर भाटी गैंग का एक शार्प शूटर अलीगढ़ की जेल में बंद है। भाटी गैंग के शार्प शूटर अन्नी को नोएडा से ही अलीगढ़ में ट्रांसफर किया गया था, जिसके बाद कई लोगों का यहां आना-जाना लगा हुआ था। पुलिस इन सभी फैक्ट को ध्यान में रखते हुए अपनी जांच को आगे बढ़ा रही है। CCTV में संदिग्ध बोलेरो नहीं दिखी
पुलिस ने गौमत चौराहे से लेकर आस-पास के CCTV देखे। अब तक पुलिस 100 से ज्यादा CCTV देख चुकी है, लेकिन पुलिस के हाथ कुछ खास सुराग नहीं लग सका है। थाना पुलिस के साथ फील्ड यूनिट, सर्विलांस, SOG की टीमें इस मामले की जांच कर रही हैं। पुलिस ने मुखबिर नेटवर्क भी एक्टिव कर दिए हैं। SSP संजीव सुमन ने कहा- पुलिस की कई टीमें मामले की जांच कर रही हैं। CCTV देखे जा रहे हैं। संदिग्धों से पूछताछ भी हो रही है। जल्दी ही पुलिस आरोपियों का पता लगा लेगी और घटना का खुलासा किया जाएगा। ——————– यह भी पढ़ें : ‘अफसरों के नाम हमें भेजना, हम इन्हें बाद में ढूंढेंगे’:कानपुर में शिवपाल ने कार्यकर्ताओं से कहा-पुलिस बुलाए तो जाना नहीं, घर आए तो मिलना नहीं ‘सपा और कांग्रेस के कार्यकर्ता पुलिस की पकड़ में न आएं। पुलिस बुलाए तो जाना नहीं, घर आए तो मिलना नहीं। प्रशासन या पुलिस अफसर आपका नाम लिखें तो आप उनका नाम लिखकर हमें जरूर भेजना, हम इन्हें बाद में ढूंढेंगे।’ यह बात सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने कानपुर में कार्यकर्ताओं को दी। पढ़िए पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर