शिरोमणि अकाली दल (SAD) के बागी गुट के सदस्य बीबी जगीर कौर, परमिंदर सिंह ढींढसा और सोहन सिंह आज (सोमवार) श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचे।अकाली दल के पूर्व 17 मंत्रियों को जारी आदेशों में बीबी जगीर कौर और परमिंदर ढींढसा का भी नाम हैं। सुखबीर बादल, मनप्रीत बादल, डॉ. दलजीत सिंह चीमा सहित कई नेता श्री अकाल तख्त साहिब पहुंच अपना स्पष्टीकरण सौंप चुके हैं। बीबी जगीर कौर ने अपने स्पष्टीकरण में कहा कि वे 14 से 30 मार्च 2012 तक ही मंत्री थी। 16 दिन में चलित केसों से जुड़ा ना कोई फैसला हुआ ना ही कोई कार्रवाई हुई। जिसके चलते मेरी कोई भागीदारी नहीं है। उस दौरान सरकार में विधायक के तौर पर या पार्टी लीडर के तौर पर उनकी ना तो कोई सलाह ली गई और ना ही उनकी कोई योगदान है। बतौर पार्टी की सेवादार के तौर पर वे अपनी आवाज बुलंद करती रही। लेकिन बादल परिवार की पकड़ बहुत मजबूत होने के कारण उनकी कोशिश को पार्टी विरोधी भूमिका के तौर पर दर्ज किया गया। परिणाम स्वरूप उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया। पहुंचने से पहले छोड़े सभी पद बीबी जगीर कौर ने आज श्री अकाल तख्त साहिब पर पहुंचने से पहले अकाली दल के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। बीबी जगीर कौर की तरफ से जारी खत में उन्होंने लिखा- सभी को पता है कि श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से बतौर कैबिनेट मिनिस्टर स्पष्टीकरण मांगा गया है। 9 सितंबर को मैं श्री अकाल तख्त साहिब पर स्पष्टीकरण के लिए पेश हो रही हूं। मेरी दिली इच्छा है कि मैं अपनी पार्टी के सभी पदों को छोड़ कर श्री अकाल तख्त साहिब के पास हाजिरी दूं। पार्टी की तरफ से मुझे सलाहकार और एग्जीक्यूटिव सदस्य बनाया गया है। मैं अपने सभी पदों से इस्तीफा दे रही हूं, ताकि मैं एक साधारण सिख की तरह पेश होकर अपनी मनोभावनाएं जाहिर कर सकूं। अकाली दल सुधार लहर में रहेंगी एक्टिव अकाली दल से इस्तीफा देने के साथ-साथ बीबी जगीर कौर ने स्पष्ट किया है कि वे अकाली दल लहर के साथ जुड़ी रहेंगी। उन्होंने अपने खत में लिखा- शिरोमणि अकाली दल सुधार लहर की तरफ से आने वाले समय में जो भी हुक्म होंगे, मैं तनदेही के साथ निभाऊंगी और एक साधारण वर्कर के तौर पर काम करूंगी। पूर्व मंत्री, जिनके खिलाफ श्री अकाल तख्त साहिब ने निकाला फरमान सहित 17 पूर्व मंत्रियों के नाम श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से जारी लेटर में लिखा गया है- आप को सूचित किया जाता है कि 30 अगस्त 2024 को 5 सिख साहिबान की बैठक श्री अकाल तख्त साहिब में हुई। जिसमें शिरोमणि अकाली दल के साथ उस समय के कैबिनेट मिनिस्टर होते हुए आप भी बराबर के जिम्मेदार हैं। जिस लिए आप ने अपना स्पष्टीकरण 15 दिन के अंदर-अंदर श्री अकाल तख्त साहिब में निजी तौर पर पेश होकर दें। इस लेटर में सुखबीर बादल, बीबी जगीर कौर, मनप्रीत बादल, सुच्चा सिंह लंगाह, बिक्रम मजीठिया, डॉ. उपिंदर कौर, आदेश प्रताप सिंह कैरों, गुलजार सिंह रणिके, परमिंदर सिंह, जनमेजा सिंह, हीरा सिंह, सरवन सिंह फिल्लौर, सोहन सिंह, दलजीत सिंह, सिकंदर सिंह मलूका, शरणजीत सिंह, सुरजीत सिंह और महेशइंद्र सिंह का नाम भी शामिल हैं। अदबी व डेरा सच्चा सौदा मुखी को माफी दिलाने के खिलाफ हुई कार्रवाई सुखबीर बादल पर उनकी सरकार के वक्त डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने के अलावा सुमेध सैनी को DGP नियुक्त करने और श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में कार्रवाई न करने का आरोप लगा था। फैसला सुनाते हुए अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा- ”अकाली दल प्रधान और डिप्टी CM रहते हुए सुखबीर बादल ने कुछ ऐसे फैसले लिए, जिससे पंथक स्वरूप के अक्स को नुकसान पहुंचा। सिख पंथ का भारी नुकसान हुआ। 2007 से 2017 वाले सिख कैबिनेट मंत्री भी अपना स्पष्टीकरण दें।” शिरोमणि अकाली दल (SAD) के बागी गुट के सदस्य बीबी जगीर कौर, परमिंदर सिंह ढींढसा और सोहन सिंह आज (सोमवार) श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचे।अकाली दल के पूर्व 17 मंत्रियों को जारी आदेशों में बीबी जगीर कौर और परमिंदर ढींढसा का भी नाम हैं। सुखबीर बादल, मनप्रीत बादल, डॉ. दलजीत सिंह चीमा सहित कई नेता श्री अकाल तख्त साहिब पहुंच अपना स्पष्टीकरण सौंप चुके हैं। बीबी जगीर कौर ने अपने स्पष्टीकरण में कहा कि वे 14 से 30 मार्च 2012 तक ही मंत्री थी। 16 दिन में चलित केसों से जुड़ा ना कोई फैसला हुआ ना ही कोई कार्रवाई हुई। जिसके चलते मेरी कोई भागीदारी नहीं है। उस दौरान सरकार में विधायक के तौर पर या पार्टी लीडर के तौर पर उनकी ना तो कोई सलाह ली गई और ना ही उनकी कोई योगदान है। बतौर पार्टी की सेवादार के तौर पर वे अपनी आवाज बुलंद करती रही। लेकिन बादल परिवार की पकड़ बहुत मजबूत होने के कारण उनकी कोशिश को पार्टी विरोधी भूमिका के तौर पर दर्ज किया गया। परिणाम स्वरूप उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया। पहुंचने से पहले छोड़े सभी पद बीबी जगीर कौर ने आज श्री अकाल तख्त साहिब पर पहुंचने से पहले अकाली दल के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। बीबी जगीर कौर की तरफ से जारी खत में उन्होंने लिखा- सभी को पता है कि श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से बतौर कैबिनेट मिनिस्टर स्पष्टीकरण मांगा गया है। 9 सितंबर को मैं श्री अकाल तख्त साहिब पर स्पष्टीकरण के लिए पेश हो रही हूं। मेरी दिली इच्छा है कि मैं अपनी पार्टी के सभी पदों को छोड़ कर श्री अकाल तख्त साहिब के पास हाजिरी दूं। पार्टी की तरफ से मुझे सलाहकार और एग्जीक्यूटिव सदस्य बनाया गया है। मैं अपने सभी पदों से इस्तीफा दे रही हूं, ताकि मैं एक साधारण सिख की तरह पेश होकर अपनी मनोभावनाएं जाहिर कर सकूं। अकाली दल सुधार लहर में रहेंगी एक्टिव अकाली दल से इस्तीफा देने के साथ-साथ बीबी जगीर कौर ने स्पष्ट किया है कि वे अकाली दल लहर के साथ जुड़ी रहेंगी। उन्होंने अपने खत में लिखा- शिरोमणि अकाली दल सुधार लहर की तरफ से आने वाले समय में जो भी हुक्म होंगे, मैं तनदेही के साथ निभाऊंगी और एक साधारण वर्कर के तौर पर काम करूंगी। पूर्व मंत्री, जिनके खिलाफ श्री अकाल तख्त साहिब ने निकाला फरमान सहित 17 पूर्व मंत्रियों के नाम श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से जारी लेटर में लिखा गया है- आप को सूचित किया जाता है कि 30 अगस्त 2024 को 5 सिख साहिबान की बैठक श्री अकाल तख्त साहिब में हुई। जिसमें शिरोमणि अकाली दल के साथ उस समय के कैबिनेट मिनिस्टर होते हुए आप भी बराबर के जिम्मेदार हैं। जिस लिए आप ने अपना स्पष्टीकरण 15 दिन के अंदर-अंदर श्री अकाल तख्त साहिब में निजी तौर पर पेश होकर दें। इस लेटर में सुखबीर बादल, बीबी जगीर कौर, मनप्रीत बादल, सुच्चा सिंह लंगाह, बिक्रम मजीठिया, डॉ. उपिंदर कौर, आदेश प्रताप सिंह कैरों, गुलजार सिंह रणिके, परमिंदर सिंह, जनमेजा सिंह, हीरा सिंह, सरवन सिंह फिल्लौर, सोहन सिंह, दलजीत सिंह, सिकंदर सिंह मलूका, शरणजीत सिंह, सुरजीत सिंह और महेशइंद्र सिंह का नाम भी शामिल हैं। अदबी व डेरा सच्चा सौदा मुखी को माफी दिलाने के खिलाफ हुई कार्रवाई सुखबीर बादल पर उनकी सरकार के वक्त डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने के अलावा सुमेध सैनी को DGP नियुक्त करने और श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में कार्रवाई न करने का आरोप लगा था। फैसला सुनाते हुए अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा- ”अकाली दल प्रधान और डिप्टी CM रहते हुए सुखबीर बादल ने कुछ ऐसे फैसले लिए, जिससे पंथक स्वरूप के अक्स को नुकसान पहुंचा। सिख पंथ का भारी नुकसान हुआ। 2007 से 2017 वाले सिख कैबिनेट मंत्री भी अपना स्पष्टीकरण दें।” पंजाब | दैनिक भास्कर
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