<p style=”text-align: justify;”><strong>Jammu Kashmir Weather:</strong> मौसम विभाग का पूर्वानुमान एक बार फिर सही साबित हुआ. सोमवार सुबह से ही मैदानी इलाकों में बारिश हो रही है, जबकि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में ऊंचाई वाले इलाकों में ताजा बर्फबारी हुई है. मौसम विभाग ने सोमवार को ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी का पूर्वानुमान लगाया है. साथ ही कहा है कि उत्तर और मध्य कश्मीर के कुछ ऊंचाई वाले इलाकों में मध्यम से भारी बर्फबारी हो सकती है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>मौसम विभाग के निदेशक डॉ. मुख्तार ने श्रीनगर में कहा, “4 मार्च से 9 मार्च तक मौसम शुष्क रहने की उम्मीद है, जबकि 10 मार्च से 12 मार्च के बीच बारिश और बर्फबारी की संभावना है.” </p>
<p style=”text-align: justify;”>पूरे क्षेत्र में ताजा बर्फबारी और बारिश के साथ अधिकतम तापमान में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है. श्रीनगर में न्यूनतम तापमान 4.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि गुलमर्ग माइनस 4.3 डिग्री और पहलगाम माइनस 0.8 डिग्री के साथ सबसे ठंडा रहा. </p>
<p style=”text-align: justify;”>सोमवार सुबह से ही लद्दाख क्षेत्र के जोजिला, कारगिल, द्रास, जांस्कर, लेह और अन्य इलाकों में ताजा बर्फबारी की खबर है. लेह स्थित मौसम विभाग के निदेशक ने कहा कि 12 मार्च तक मौसम अनिश्चित बना रहेगा तथा बारिश और बर्फबारी का मौजूदा दौर कम से कम 48 घंटे तक जारी रहेगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”>पिछले सात दिनों में हुई बारिश और बर्फबारी ने इस साल केंद्र शासित प्रदेश में लंबे समय तक सूखे की आशंकाओं को खत्म कर दिया है. नदियों, नालों, झीलों, झरनों और अन्य जल निकायों में जल स्तर में काफी सुधार हुआ है. जनवरी और फरवरी में 50 दिनों तक लंबे समय तक सूखे के कारण सूख गए कुछ बारहमासी झरनों में फिर से पानी बहने लगा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>किसे कहते है ‘चिल्लई कलां’ </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मौसम संबंधी परेशानियां तब शुरू हुईं जब कश्मीर में 40 दिनों की कठोर सर्दी की अवधि के दौरान सिर्फ एक बड़ी बर्फबारी हुई, जिसे ‘चिल्लई कलां’ कहा जाता है. यह हर साल 21 दिसंबर से शुरू होकर 30 जनवरी तक चलती है. 40 दिनों की कठोर सर्दी की अवधि के दौरान होने वाली यह बर्फबारी पहाड़ों में बारहमासी जलाशयों को भर देती है और घाटी के लोगों को पीने के लिए प्रचुर मात्रा में पानी उपलब्ध कराती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/jammu-and-kashmir/jammu-kashmir-cm-omar-abdullah-emotional-in-assembly-remembering-manmohan-singh-congress-2896076″>मनमोहन सिंह को याद कर विधानसभा में भावुक हुए CM उमर अब्दुल्ला, ‘भारत-पाकिस्तान जिस मुकाम…'</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Jammu Kashmir Weather:</strong> मौसम विभाग का पूर्वानुमान एक बार फिर सही साबित हुआ. सोमवार सुबह से ही मैदानी इलाकों में बारिश हो रही है, जबकि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में ऊंचाई वाले इलाकों में ताजा बर्फबारी हुई है. मौसम विभाग ने सोमवार को ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी का पूर्वानुमान लगाया है. साथ ही कहा है कि उत्तर और मध्य कश्मीर के कुछ ऊंचाई वाले इलाकों में मध्यम से भारी बर्फबारी हो सकती है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>मौसम विभाग के निदेशक डॉ. मुख्तार ने श्रीनगर में कहा, “4 मार्च से 9 मार्च तक मौसम शुष्क रहने की उम्मीद है, जबकि 10 मार्च से 12 मार्च के बीच बारिश और बर्फबारी की संभावना है.” </p>
<p style=”text-align: justify;”>पूरे क्षेत्र में ताजा बर्फबारी और बारिश के साथ अधिकतम तापमान में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है. श्रीनगर में न्यूनतम तापमान 4.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि गुलमर्ग माइनस 4.3 डिग्री और पहलगाम माइनस 0.8 डिग्री के साथ सबसे ठंडा रहा. </p>
<p style=”text-align: justify;”>सोमवार सुबह से ही लद्दाख क्षेत्र के जोजिला, कारगिल, द्रास, जांस्कर, लेह और अन्य इलाकों में ताजा बर्फबारी की खबर है. लेह स्थित मौसम विभाग के निदेशक ने कहा कि 12 मार्च तक मौसम अनिश्चित बना रहेगा तथा बारिश और बर्फबारी का मौजूदा दौर कम से कम 48 घंटे तक जारी रहेगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”>पिछले सात दिनों में हुई बारिश और बर्फबारी ने इस साल केंद्र शासित प्रदेश में लंबे समय तक सूखे की आशंकाओं को खत्म कर दिया है. नदियों, नालों, झीलों, झरनों और अन्य जल निकायों में जल स्तर में काफी सुधार हुआ है. जनवरी और फरवरी में 50 दिनों तक लंबे समय तक सूखे के कारण सूख गए कुछ बारहमासी झरनों में फिर से पानी बहने लगा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>किसे कहते है ‘चिल्लई कलां’ </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मौसम संबंधी परेशानियां तब शुरू हुईं जब कश्मीर में 40 दिनों की कठोर सर्दी की अवधि के दौरान सिर्फ एक बड़ी बर्फबारी हुई, जिसे ‘चिल्लई कलां’ कहा जाता है. यह हर साल 21 दिसंबर से शुरू होकर 30 जनवरी तक चलती है. 40 दिनों की कठोर सर्दी की अवधि के दौरान होने वाली यह बर्फबारी पहाड़ों में बारहमासी जलाशयों को भर देती है और घाटी के लोगों को पीने के लिए प्रचुर मात्रा में पानी उपलब्ध कराती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/jammu-and-kashmir/jammu-kashmir-cm-omar-abdullah-emotional-in-assembly-remembering-manmohan-singh-congress-2896076″>मनमोहन सिंह को याद कर विधानसभा में भावुक हुए CM उमर अब्दुल्ला, ‘भारत-पाकिस्तान जिस मुकाम…'</a></strong></p> जम्मू और कश्मीर अलीगढ़ में चंद्रशेखर आजाद के कार्यकर्ताओं का जबरदस्त प्रदर्शन, काफिले पर हमले के बाद है नाराजगी
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