जम्मू कश्मीर को लेकर महबूबा मुफ्ती का बड़ा बयान- ‘इसे भारत-पाकिस्तान के बीच दोस्ती…’

जम्मू कश्मीर को लेकर महबूबा मुफ्ती का बड़ा बयान- ‘इसे भारत-पाकिस्तान के बीच दोस्ती…’

<p style=”text-align: justify;”><strong>Mehbooba Mufti on Jammu Kashmir:</strong> पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भारत-पाकिस्तान के संबंधों में जम्मू-कश्मीर के महत्व पर बड़ा बयान दिया है. शनिवार (31 मई) को महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को भारत और पाकिस्तान के बीच दोस्ती का पुल होना चाहिए, न कि युद्ध का मैदान.</p>
<p style=”text-align: justify;”>महबूबा मुफ्ती ने अपनी पार्टी पीडीपी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर ने हमेशा युद्ध और हिंसा का दंश झेला है. इसी के साथ उन्होंने जम्मू-कश्मीर की तुलना &lsquo;दो लड़ते हाथियों के पैरों तले रौंदी गई घास&rsquo; से की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’हमें युद्ध के डर को खत्म करना है’- महबूबा मुफ्ती</strong><br />महबूबा मुफ्ती ने कहा, &ldquo;पीडीपी शांति के लिए आवाज उठाना जारी रखेगी और लोगों की भावनाओं को समझेगी. हमें युद्ध के डर को खत्म करना चाहिए ताकि लोग अपना जीवन आगे बढ़ा सकें और अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित कर सकें. जम्मू-कश्मीर को समझ, दोस्ती और सहयोग का पुल बनना चाहिए, युद्ध का अखाड़ा नहीं.&rdquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>फारूक अब्दुल्ला के बयान पर भड़कीं मुफ्ती</strong><br />जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) नेतृत्व द्वारा हाल ही में की गई टिप्पणियों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह के बयान खतरनाक मानसिकता को दर्शाते हैं. दरअसल, फारूक अब्दुल्ला ने पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को तेज करने का आह्वान किया था, जिसपर महबूबा मुफ्ती भड़क गई हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पाकिस्तान का पानी रोकने का मुफ्ती ने किया विरोध</strong><br />महबूबा मुफ्ती ने कहा, &ldquo;जब भारत सरकार ने सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया गया था, तब जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ही थे जिन्होंने इस कदम की सराहना की थी और यहां तक ​​कि पाकिस्तान को पानी की आपूर्ति को तत्काल रोकने की वकालत की थी.&rdquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पाकिस्तान के लोगों के समर्थन में बोलीं महबूबा मुफ्ती</strong><br />महबूबा मुफ्ती ने पाकिस्तान के स्थानीय लोगों के पक्ष में बयान देते हुए कहा, &lsquo;&lsquo;पाकिस्तान की सरकार के साथ हमारे राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन वहां के लोगों के साथ नहीं. यह दुखद है कि देश के एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य के नेता द्वारा ऐसी टिप्पणियां की जा रही हैं.&rdquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पाकिस्तान से दुश्मनी खत्म करने की वकालत</strong><br />मुफ्ती ने शांति और संवाद को अपनी पार्टी की प्रतिबद्धता बताते हुए &lsquo;युद्ध को लेकर हो रही बयानबाजी&rsquo; के खिलाफ चेतावनी दी. उन्होंने कहा, &ldquo;ये नेता युद्ध और ज्यादा से ज्यादा लोगों की मौत चाहते हैं. केवल पीडीपी ही है, जिसने लगातार शत्रुता को समाप्त करने की वकालत की है और लोगों के सम्मानपूर्वक जीवन जीने के अधिकार के लिए बात की है.&rdquo;</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Mehbooba Mufti on Jammu Kashmir:</strong> पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भारत-पाकिस्तान के संबंधों में जम्मू-कश्मीर के महत्व पर बड़ा बयान दिया है. शनिवार (31 मई) को महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को भारत और पाकिस्तान के बीच दोस्ती का पुल होना चाहिए, न कि युद्ध का मैदान.</p>
<p style=”text-align: justify;”>महबूबा मुफ्ती ने अपनी पार्टी पीडीपी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर ने हमेशा युद्ध और हिंसा का दंश झेला है. इसी के साथ उन्होंने जम्मू-कश्मीर की तुलना &lsquo;दो लड़ते हाथियों के पैरों तले रौंदी गई घास&rsquo; से की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’हमें युद्ध के डर को खत्म करना है’- महबूबा मुफ्ती</strong><br />महबूबा मुफ्ती ने कहा, &ldquo;पीडीपी शांति के लिए आवाज उठाना जारी रखेगी और लोगों की भावनाओं को समझेगी. हमें युद्ध के डर को खत्म करना चाहिए ताकि लोग अपना जीवन आगे बढ़ा सकें और अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित कर सकें. जम्मू-कश्मीर को समझ, दोस्ती और सहयोग का पुल बनना चाहिए, युद्ध का अखाड़ा नहीं.&rdquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>फारूक अब्दुल्ला के बयान पर भड़कीं मुफ्ती</strong><br />जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) नेतृत्व द्वारा हाल ही में की गई टिप्पणियों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह के बयान खतरनाक मानसिकता को दर्शाते हैं. दरअसल, फारूक अब्दुल्ला ने पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को तेज करने का आह्वान किया था, जिसपर महबूबा मुफ्ती भड़क गई हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पाकिस्तान का पानी रोकने का मुफ्ती ने किया विरोध</strong><br />महबूबा मुफ्ती ने कहा, &ldquo;जब भारत सरकार ने सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया गया था, तब जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ही थे जिन्होंने इस कदम की सराहना की थी और यहां तक ​​कि पाकिस्तान को पानी की आपूर्ति को तत्काल रोकने की वकालत की थी.&rdquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पाकिस्तान के लोगों के समर्थन में बोलीं महबूबा मुफ्ती</strong><br />महबूबा मुफ्ती ने पाकिस्तान के स्थानीय लोगों के पक्ष में बयान देते हुए कहा, &lsquo;&lsquo;पाकिस्तान की सरकार के साथ हमारे राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन वहां के लोगों के साथ नहीं. यह दुखद है कि देश के एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य के नेता द्वारा ऐसी टिप्पणियां की जा रही हैं.&rdquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पाकिस्तान से दुश्मनी खत्म करने की वकालत</strong><br />मुफ्ती ने शांति और संवाद को अपनी पार्टी की प्रतिबद्धता बताते हुए &lsquo;युद्ध को लेकर हो रही बयानबाजी&rsquo; के खिलाफ चेतावनी दी. उन्होंने कहा, &ldquo;ये नेता युद्ध और ज्यादा से ज्यादा लोगों की मौत चाहते हैं. केवल पीडीपी ही है, जिसने लगातार शत्रुता को समाप्त करने की वकालत की है और लोगों के सम्मानपूर्वक जीवन जीने के अधिकार के लिए बात की है.&rdquo;</p>  जम्मू और कश्मीर दिल्ली में नकली CPVC पाइप बनाने वाली बड़ी फैक्टी का पर्दाफाश, पुलिस ने मैनेजर को किया गिरफ्तार