<p style=”text-align: justify;”><strong>Jammu Kashmir news:</strong> जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में रहस्यमयी बीमारी से अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है, जिससे पूरे इलाके में दहशत है. इस बीमारी का पता लगाने के लिए एम्स दिल्ली के विष विज्ञान विशेषज्ञों सहित पांच सदस्यीय टीम राजौरी पहुंची. डॉक्टरों की टीम ने बीमारी से जूझ रहे 11 मरीजों से मुलाकात की और उनकी जांच की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>टीम ने रविवार (2 फरवरी 2025) को बधाल गांव का दौरा किया, जहां इस रहस्यमयी बीमारी के कारण लोगों की मौत हुई थी. वहां वे सील किए गए घरों और आसपास के इलाकों से नमूने एकत्र किए गए. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>एम्स के विशेषज्ञ कर रहे जांच</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ. एम. श्रीनिवास के नेतृत्व में आई इस टीम में ‘क्लिनिकल टॉक्सिकोलॉजी’ के प्रोफेसर डॉ. ए. शरीफ, एनेस्थीसिया और क्रिटिकल केयर के विशेषज्ञ डॉ. शैलेन्द्र कुमार, इमरजेंसी मेडिसिन के डॉक्टर डॉ. जमाहेद नायर, बाल रोग विभाग के डॉ. जगदीश प्रसाद मीना और क्लिनिकल टॉक्सिकोलॉजी के सहायक प्रोफेसर डॉ. जावेद कादरी शामिल हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>राजौरी के अस्पताल में मरीजों से बातचीत</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>शुक्रवार (31 जनवरी) की रात टीम ने राजौरी के सरकारी मेडिकल कॉलेज (GMC) में मरीजों और उनके परिजनों से मुलाकात की और बीमारी के बारे में जानने का प्रयास किया. टीम ने उन मरीजों की भी जांच की, जो डॉक्टरों की निगरानी में हैं. फिलहाल, जीएमसी राजौरी के डॉक्टर 11 मरीजों का विष रोधी दवा एट्रोपिन से इलाज कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इलाके में कोई नया मामला नहीं</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>फिलहाल बधाल गांव में पिछले 9 दिनों से कोई नया मामला सामने नहीं आया है. प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर 87 परिवारों के 364 व्यक्तियों को गांव से राजौरी के तीन पृथक केंद्रों – सरकारी नर्सिंग कॉलेज, सरकारी बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय और सरकारी मेडिकल कॉलेज में रखा है.<br />एम्स की टीम के अलावा, पीजीआई चंडीगढ़ के विशेषज्ञ भी इस बीमारी की जांच कर रहे हैं. प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और किसी भी असाधारण लक्षण की जानकारी तुरंत देने की अपील की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”Jammu: डोगरा फ्रंट और शिवसेना ने बताया मिडिल क्लास का बजट, ढोल नगाड़े की थाप पर थिरके कार्यकर्ता” href=”https://www.abplive.com/states/jammu-and-kashmir/budget-2025-shiv-sena-dogra-front-workers-expressed-happiness-over-budget-2025-in-jammu-ann-2875375″ target=”_self”>Jammu: डोगरा फ्रंट और शिवसेना ने बताया मिडिल क्लास का बजट, ढोल नगाड़े की थाप पर थिरके कार्यकर्ता</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Jammu Kashmir news:</strong> जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में रहस्यमयी बीमारी से अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है, जिससे पूरे इलाके में दहशत है. इस बीमारी का पता लगाने के लिए एम्स दिल्ली के विष विज्ञान विशेषज्ञों सहित पांच सदस्यीय टीम राजौरी पहुंची. डॉक्टरों की टीम ने बीमारी से जूझ रहे 11 मरीजों से मुलाकात की और उनकी जांच की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>टीम ने रविवार (2 फरवरी 2025) को बधाल गांव का दौरा किया, जहां इस रहस्यमयी बीमारी के कारण लोगों की मौत हुई थी. वहां वे सील किए गए घरों और आसपास के इलाकों से नमूने एकत्र किए गए. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>एम्स के विशेषज्ञ कर रहे जांच</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ. एम. श्रीनिवास के नेतृत्व में आई इस टीम में ‘क्लिनिकल टॉक्सिकोलॉजी’ के प्रोफेसर डॉ. ए. शरीफ, एनेस्थीसिया और क्रिटिकल केयर के विशेषज्ञ डॉ. शैलेन्द्र कुमार, इमरजेंसी मेडिसिन के डॉक्टर डॉ. जमाहेद नायर, बाल रोग विभाग के डॉ. जगदीश प्रसाद मीना और क्लिनिकल टॉक्सिकोलॉजी के सहायक प्रोफेसर डॉ. जावेद कादरी शामिल हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>राजौरी के अस्पताल में मरीजों से बातचीत</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>शुक्रवार (31 जनवरी) की रात टीम ने राजौरी के सरकारी मेडिकल कॉलेज (GMC) में मरीजों और उनके परिजनों से मुलाकात की और बीमारी के बारे में जानने का प्रयास किया. टीम ने उन मरीजों की भी जांच की, जो डॉक्टरों की निगरानी में हैं. फिलहाल, जीएमसी राजौरी के डॉक्टर 11 मरीजों का विष रोधी दवा एट्रोपिन से इलाज कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इलाके में कोई नया मामला नहीं</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>फिलहाल बधाल गांव में पिछले 9 दिनों से कोई नया मामला सामने नहीं आया है. प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर 87 परिवारों के 364 व्यक्तियों को गांव से राजौरी के तीन पृथक केंद्रों – सरकारी नर्सिंग कॉलेज, सरकारी बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय और सरकारी मेडिकल कॉलेज में रखा है.<br />एम्स की टीम के अलावा, पीजीआई चंडीगढ़ के विशेषज्ञ भी इस बीमारी की जांच कर रहे हैं. प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और किसी भी असाधारण लक्षण की जानकारी तुरंत देने की अपील की है.</p>
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