जम्मू में जान गंवाने वाले 11 का हुआ अंतिम संस्कार:ट्रेन से पहुंचे थे मथुरा, फिर एंबुलेंस से अलीगढ़ भेजा गया; जम्मू में शिव खोड़ी जाते समय 22 की हुई थी मौत

जम्मू में जान गंवाने वाले 11 का हुआ अंतिम संस्कार:ट्रेन से पहुंचे थे मथुरा, फिर एंबुलेंस से अलीगढ़ भेजा गया; जम्मू में शिव खोड़ी जाते समय 22 की हुई थी मौत

जम्मू के अखनूर में गुरुवार को हुए हादसे में अलीगढ़-हाथरस के 22 लोगों की मौत हो गई थी। मरने वालों में 12 लोग अलीगढ़ के इगलास तहसील के नाया गांव के रहने वाले हैं। वहीं 10 लोग हाथरस के मझोला और नगला उदयसिंह के रहने वाले हैं। ये तीनों गांव अगल-बगल ही हैं। मृतकों के शव जम्मू से झेलम और अंडमान दो अलग-अलग ट्रेनों से मथुरा लाए जा रहे हैं। उनमें से एक ट्रेन अंडमान एक्सप्रेस 11 शव लेकर शाम को करीब 6 बजे मथुरा पहुंची। इस दौरान कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण,डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह,एसएसपी शैलेश पांडे सहित कई पुलिसकर्मी और रेलवे के अधिकारी मौजूद रहे। शवों को ट्रेन से उतारकर 11 एंबुलेंस से अलीगढ़ के लिए रवाना कर दिया गया। शव जब अलीगढ़ पहुंचे तो यहां चीख पुकार मच गई। जिसके बाद परिवार के लोगों ने शवों का अंतिम संस्कार किया। बाकी की 11 लाशें झेलम एक्सप्रेस से रात करीब 11 बजे तक मथुरा पहुंचेगी। उन्हें भी एंबुलेंस से अलीगढ़ पहुंचाया जाएगा। दैनिक भास्कर आपको अखनूर में हुए हादसे की पूरी कहानी बताने जा रहा है। सबसे पहले ये तीन तस्वीरें देखिए अंडमान एक्सप्रेस से लक्ष्मण समेत 11 लोगों की डेडबॉडी लाई गई अंडमान एक्सप्रेस के S3 कोच में 6 सीट पर 11 शव लाए गए। उनकी पहचान लक्ष्मण प्रसाद, रघु,अनामिका,नैना,सीमा देवी, समरजीत, अंजली, संजय, तनुज,सुरेश सिंह, सुनीता देवी शामिल हैं। शवों के मथुरा पहुंचने पर डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा, जम्मू के अखनूर में बीते दिनों एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई थी। जिसमें से मरने वाले 11 लोगों के शव ट्रेन से मथुरा लाए गए हैं। सभी शवों को सम्मानपूर्वक एंबुलेंस से उनके घर के लिए भेजा रहा है। बस से शिव खोड़ी दर्शन करने जा रहे थे जम्मू के अखनूर में गुरुवार दोपहर एक बस 150 फीट गहरी खाई में जा गिरी। इसमें 90 तीर्थयात्री सवार थे। वे सभी शिव खोड़ी जा रहे थे। इसी दौरान यह हादसा हुआ। इसमें अलीगढ़-हाथरस के 22 लोगों की मौत हो गई थी। इसमें 12 लोग अलीगढ़ के नाया गांव के रहने वाले थे। जबकि 6 लोग मझोला और 4 नगला उदयसिंह के रहने वाले थे। ये सभी एक साथ दर्शन करने के लिए रवाना हुए थे। गांव की गलियों में पसरा रहा सन्नाटा
अलीगढ़ का नाया गांव हाथरस की सीमा पर स्थित है। वहीं मझोला ओर नगला उदयसिंह की सीमा इस गांव से सटी हुई है। तीनों गांवों के लोगों का एक-दूसरे के साथ रोज का उठना-बैठना रहता है। हादसे के बाद गांव का हर परिवार सदमे में है। पूरे दिन गांव की गलियों में सन्नाटा पसरा रहा और लोग गांव में हुए इस हादसे की ही चर्चा करते रहे। वहीं जिन परिवारों के लोग तीर्थ यात्रा में गए हुए हैं, ग्रामीण उनसे बात करके उन्हें दिलासा देते नजर आए। लेकिन हर कोई अपने परिवार के लोगों को सोचकर चिंता में डूबा नजर आया। हादसे में पूरा परिवार हुआ खत्म
गांव के डालचंद ने बताया- उनके परिवार से 6 लोग दर्शन करने गए थे। उनके दोनों सगे छोटे भाई शास्त्री और लक्ष्मण अपने परिवार के साथ दर्शन करने के लिए जम्मू गए थे। हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई है। उनका छोटा भाई शास्त्री और उसकी बेटी अनुप्रिया घायल है। जबकि सबसे छोटे भाई लक्ष्मण, उनकी पत्नी, बेटी और बेटे की मौत हो गई है। उन्होंने बताया- पहले परिवार में हुई मौतों की सूचना नहीं दी गई थी। उन्हें यही बताया जा रहा था कि परिवार के लोग घायल हैं और उन्हें जल्द ही अलीगढ़ लाया जाएगा। लेकिन परिवार के अन्य लोगों से रुका नहीं गया और कुछ लोग तत्काल जम्मू रवाना हो गए। वहां जाने पर उन्हें पता चला कि उनके छोटे भाई का पूरा परिवार खत्म हो गया है। डालचंद ने बताया कि वह वृंदावन में रहते हैं। हादसे की सूचना मिलने पर अलीगढ़ आए हैं। मौत से बेखबर बुजुर्ग बोले- घायल हैं लोग
हादसे में जिन परिवार के लोगों की मौत हुई है, उनके परिवार को अभी जानकारी नहीं दी गई है। ऐसा इसलिए किया गया है, जिससे मौतों की सूचना पाकर परिवार के किसी व्यक्ति को सदमा न लग जाए और उनकी तबीयत न बिगड़े। ग्रामीण भी इसमें प्रशासन का पूरा साथ दे रहे हैं। गांव के बुजुर्ग श्यामवीर सिंह ने बताया कि उनकी पत्नी सरिता देवी और उनकी साली का बेटा कौशल तीर्थयात्रा पर गए थे। उन्हें सूचना मिली है कि वह लोग घायल हुए हैं और हाथ-पैर में मामूली चोटें हैं। वह उनके लौटने का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पहली बार उनके परिवार के लोग दर्शन करने के लिए गए थे। मां का इंतजार कर रहा युवक
गांव के विपिन ने बताया कि उसकी मां और कई रिश्तेदार दर्शन करने के लिए गए थे। उसने बताया कि मामी और उसकी मां के चोट आई हैं। परिवार के लोग लगातार घायलों से बात कर रहे हैं और वह उनके लौटने का इंतजार कर रहा है। विपिन ने बताया कि हर साल गांव से लोग तीर्थयात्रा पर जाते थे। उनकी मां दूसरी बार यात्रा पर गई हैं। महिलाएं बोलीं- कैसे जलाएं चूल्हा
परिवार के लोग सदमे में हैं। वह अपने परिजनों के लौटने का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन इसके साथ पूरे गांव में भी लोग इस भयानक पीड़ा को महसूस कर रहे हैं और एक-दूसरे के साथ खड़े हैं। गांव में पुष्पा ने बताया- उनके घर के सामने रहने वाले 4 लोग यात्रा पर गए हुए हैं। इन सभी की मौत होने की जानकारी मिल रही है। जब से यह जानकारी मिली है, उनका मन ही नहीं लग रहा है। पूरे गांव की महिलाएं इस दुख से उबर नहीं पा रही हैं और किसी के घर में न तो चूल्हा जला है और न ही खाना पकाया जा रहा है। घर-घर हो रही जांच, पहुंचा रहे दवाइयां
हादसे के बाद पूरा गांव परेशान है। लोगों के घर में खाना तक नहीं पकाया गया है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की ओर से गांव में कैंप लगा दिया गया है, जहां कोई भी व्यक्ति आकर अपनी जांच करा सकता है। इसके साथ ही पीड़ित परिवारों के घर विभाग की टीम पहुंच रही है। एएनएम चंद्रमुखी ने बताया कि घर-घर जाकर लोगों की जांच कर रही हैं। अगर किसी को हाईपरटेंशन, हाई ब्लड प्रेशर या किसी तरह की परेशानी हो रही है तो उसे तुरंत दवाइयां दी जा रही हैं। लगातार पीड़ित परिवारों की निगरानी की जा रही है, जिससे कि सदमे के कारण किसी की हालत न बिगड़े। घर-घर पहुंच रहे खाने के पैकेट
प्रशासन और ग्राम प्रधान की ओर से लगातार लोगों के घरों में भोजन के पैकेट पहुंचाए जा रहे हैं। लोगों को दिलासा दिया जा रहा है कि वे परेशान न हों और उनके परिजन जल्दी ही लौट आएंगे। लेकिन अपने परिवार के लोगों की याद में लगातार ग्रामीणों की हालत खराब हो रही है। ट्रेन के जरिए अलीगढ़ लाए जाएंगे शव
घटना के बाद डीएम विशाख जी. ने प्रशासनिक अधिकारियों की एक टीम को तत्काल जम्मू रवाना कर दिया था। यह टीम जम्मू पहुंचकर सारे मामले पर नजर रख रही है और जम्मू प्रशासन से सारी कानूनी प्रक्रिया पूरी कराने के बाद शवों और घायलों को लेकर अलीगढ़ लौटेगी। यह टीम जम्मू से ट्रेन के जरिए शवों को लेकर अलीगढ़ के लिए रवाना होगी। ट्रेन शनिवार देर शाम तक अलीगढ़ पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। अलीगढ़ स्टेशन पर शवों को उतारा जाएगा, जिसके बाद इन्हें एंबुलेंस और शव वाहन के जरिए गांव पहुंचाया जाएगा। कंट्रोल रूम से ले रहे पल-पल की रिपोर्ट
एसडीएम इगलास महिमा राजपूत ने बताया कि गांव के अंदर प्रशासन का कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया गया है। लगातार जम्मू से संपर्क करके अपडेट लिया जा रहा है। इसके साथ ही ग्रामीणों से बातचीत करके उन्हें सांत्वना दी जा रही है। प्रशासन की ओर से घरों में भोजन के पैकेट और दवाइयां भेजी जा रही हैं। कंट्रोल रूम में 24 घंटे कर्मचारियों की ड्यूटी है, जो ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान कर रहे हैं। मधुमक्खियां बनीं परेशानी, हटाने को टीम बुलाई
सभी 12 शवों को शनिवार को अलीगढ़ लाया जाएगा। इन सभी का अंतिम संस्कार एक साथ गांव में ही होगा। इसके लिए प्रशासन ने गांव में खेतों में अंतिम संस्कार के लिए जगह तैयार कराई है। यहीं पर एक साथ शवों का अंतिम संस्कार कराया जाएगा। इस दौरान प्रशासन की नजर खेतों में लगे एक पेड़ पर गई, जिसमें मधुमक्खियों का छत्ता लगा हुआ था। जिसके बाद एसडीएम ने तत्काल वन विभाग के अधिकारियों से संपर्क करके इसे हटाने को कहा। ऐसा इसलिए किया गया कि अंतिम संस्कार के समय मधुमक्खियों ने अगर लोगों पर हमला कर दिया तो परेशानी और ज्यादा बढ़ जाएगी। अधिकारियों की पूरी टीम पहुंची जम्मू
डीएम विशाख जी. ने बताया कि हादसे के बाद प्रशासन की एक टीम जम्मू भेजी गई है। यह जम्मू प्रशासन से कोऑर्डिनेट करके सारी प्रक्रिया को पूरा कर रही है। शुक्रवार रात तक सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद टीम शवों को ट्रेन से लेकर अलीगढ़ के लिए रवाना होगी। शनिवार शाम तक इसके अलीगढ़ पहुंचने की संभावना है। इसके बाद शवों को गांव पहुंचाया जाएगा। जम्मू के अखनूर में गुरुवार को हुए हादसे में अलीगढ़-हाथरस के 22 लोगों की मौत हो गई थी। मरने वालों में 12 लोग अलीगढ़ के इगलास तहसील के नाया गांव के रहने वाले हैं। वहीं 10 लोग हाथरस के मझोला और नगला उदयसिंह के रहने वाले हैं। ये तीनों गांव अगल-बगल ही हैं। मृतकों के शव जम्मू से झेलम और अंडमान दो अलग-अलग ट्रेनों से मथुरा लाए जा रहे हैं। उनमें से एक ट्रेन अंडमान एक्सप्रेस 11 शव लेकर शाम को करीब 6 बजे मथुरा पहुंची। इस दौरान कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण,डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह,एसएसपी शैलेश पांडे सहित कई पुलिसकर्मी और रेलवे के अधिकारी मौजूद रहे। शवों को ट्रेन से उतारकर 11 एंबुलेंस से अलीगढ़ के लिए रवाना कर दिया गया। शव जब अलीगढ़ पहुंचे तो यहां चीख पुकार मच गई। जिसके बाद परिवार के लोगों ने शवों का अंतिम संस्कार किया। बाकी की 11 लाशें झेलम एक्सप्रेस से रात करीब 11 बजे तक मथुरा पहुंचेगी। उन्हें भी एंबुलेंस से अलीगढ़ पहुंचाया जाएगा। दैनिक भास्कर आपको अखनूर में हुए हादसे की पूरी कहानी बताने जा रहा है। सबसे पहले ये तीन तस्वीरें देखिए अंडमान एक्सप्रेस से लक्ष्मण समेत 11 लोगों की डेडबॉडी लाई गई अंडमान एक्सप्रेस के S3 कोच में 6 सीट पर 11 शव लाए गए। उनकी पहचान लक्ष्मण प्रसाद, रघु,अनामिका,नैना,सीमा देवी, समरजीत, अंजली, संजय, तनुज,सुरेश सिंह, सुनीता देवी शामिल हैं। शवों के मथुरा पहुंचने पर डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा, जम्मू के अखनूर में बीते दिनों एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई थी। जिसमें से मरने वाले 11 लोगों के शव ट्रेन से मथुरा लाए गए हैं। सभी शवों को सम्मानपूर्वक एंबुलेंस से उनके घर के लिए भेजा रहा है। बस से शिव खोड़ी दर्शन करने जा रहे थे जम्मू के अखनूर में गुरुवार दोपहर एक बस 150 फीट गहरी खाई में जा गिरी। इसमें 90 तीर्थयात्री सवार थे। वे सभी शिव खोड़ी जा रहे थे। इसी दौरान यह हादसा हुआ। इसमें अलीगढ़-हाथरस के 22 लोगों की मौत हो गई थी। इसमें 12 लोग अलीगढ़ के नाया गांव के रहने वाले थे। जबकि 6 लोग मझोला और 4 नगला उदयसिंह के रहने वाले थे। ये सभी एक साथ दर्शन करने के लिए रवाना हुए थे। गांव की गलियों में पसरा रहा सन्नाटा
अलीगढ़ का नाया गांव हाथरस की सीमा पर स्थित है। वहीं मझोला ओर नगला उदयसिंह की सीमा इस गांव से सटी हुई है। तीनों गांवों के लोगों का एक-दूसरे के साथ रोज का उठना-बैठना रहता है। हादसे के बाद गांव का हर परिवार सदमे में है। पूरे दिन गांव की गलियों में सन्नाटा पसरा रहा और लोग गांव में हुए इस हादसे की ही चर्चा करते रहे। वहीं जिन परिवारों के लोग तीर्थ यात्रा में गए हुए हैं, ग्रामीण उनसे बात करके उन्हें दिलासा देते नजर आए। लेकिन हर कोई अपने परिवार के लोगों को सोचकर चिंता में डूबा नजर आया। हादसे में पूरा परिवार हुआ खत्म
गांव के डालचंद ने बताया- उनके परिवार से 6 लोग दर्शन करने गए थे। उनके दोनों सगे छोटे भाई शास्त्री और लक्ष्मण अपने परिवार के साथ दर्शन करने के लिए जम्मू गए थे। हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई है। उनका छोटा भाई शास्त्री और उसकी बेटी अनुप्रिया घायल है। जबकि सबसे छोटे भाई लक्ष्मण, उनकी पत्नी, बेटी और बेटे की मौत हो गई है। उन्होंने बताया- पहले परिवार में हुई मौतों की सूचना नहीं दी गई थी। उन्हें यही बताया जा रहा था कि परिवार के लोग घायल हैं और उन्हें जल्द ही अलीगढ़ लाया जाएगा। लेकिन परिवार के अन्य लोगों से रुका नहीं गया और कुछ लोग तत्काल जम्मू रवाना हो गए। वहां जाने पर उन्हें पता चला कि उनके छोटे भाई का पूरा परिवार खत्म हो गया है। डालचंद ने बताया कि वह वृंदावन में रहते हैं। हादसे की सूचना मिलने पर अलीगढ़ आए हैं। मौत से बेखबर बुजुर्ग बोले- घायल हैं लोग
हादसे में जिन परिवार के लोगों की मौत हुई है, उनके परिवार को अभी जानकारी नहीं दी गई है। ऐसा इसलिए किया गया है, जिससे मौतों की सूचना पाकर परिवार के किसी व्यक्ति को सदमा न लग जाए और उनकी तबीयत न बिगड़े। ग्रामीण भी इसमें प्रशासन का पूरा साथ दे रहे हैं। गांव के बुजुर्ग श्यामवीर सिंह ने बताया कि उनकी पत्नी सरिता देवी और उनकी साली का बेटा कौशल तीर्थयात्रा पर गए थे। उन्हें सूचना मिली है कि वह लोग घायल हुए हैं और हाथ-पैर में मामूली चोटें हैं। वह उनके लौटने का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पहली बार उनके परिवार के लोग दर्शन करने के लिए गए थे। मां का इंतजार कर रहा युवक
गांव के विपिन ने बताया कि उसकी मां और कई रिश्तेदार दर्शन करने के लिए गए थे। उसने बताया कि मामी और उसकी मां के चोट आई हैं। परिवार के लोग लगातार घायलों से बात कर रहे हैं और वह उनके लौटने का इंतजार कर रहा है। विपिन ने बताया कि हर साल गांव से लोग तीर्थयात्रा पर जाते थे। उनकी मां दूसरी बार यात्रा पर गई हैं। महिलाएं बोलीं- कैसे जलाएं चूल्हा
परिवार के लोग सदमे में हैं। वह अपने परिजनों के लौटने का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन इसके साथ पूरे गांव में भी लोग इस भयानक पीड़ा को महसूस कर रहे हैं और एक-दूसरे के साथ खड़े हैं। गांव में पुष्पा ने बताया- उनके घर के सामने रहने वाले 4 लोग यात्रा पर गए हुए हैं। इन सभी की मौत होने की जानकारी मिल रही है। जब से यह जानकारी मिली है, उनका मन ही नहीं लग रहा है। पूरे गांव की महिलाएं इस दुख से उबर नहीं पा रही हैं और किसी के घर में न तो चूल्हा जला है और न ही खाना पकाया जा रहा है। घर-घर हो रही जांच, पहुंचा रहे दवाइयां
हादसे के बाद पूरा गांव परेशान है। लोगों के घर में खाना तक नहीं पकाया गया है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की ओर से गांव में कैंप लगा दिया गया है, जहां कोई भी व्यक्ति आकर अपनी जांच करा सकता है। इसके साथ ही पीड़ित परिवारों के घर विभाग की टीम पहुंच रही है। एएनएम चंद्रमुखी ने बताया कि घर-घर जाकर लोगों की जांच कर रही हैं। अगर किसी को हाईपरटेंशन, हाई ब्लड प्रेशर या किसी तरह की परेशानी हो रही है तो उसे तुरंत दवाइयां दी जा रही हैं। लगातार पीड़ित परिवारों की निगरानी की जा रही है, जिससे कि सदमे के कारण किसी की हालत न बिगड़े। घर-घर पहुंच रहे खाने के पैकेट
प्रशासन और ग्राम प्रधान की ओर से लगातार लोगों के घरों में भोजन के पैकेट पहुंचाए जा रहे हैं। लोगों को दिलासा दिया जा रहा है कि वे परेशान न हों और उनके परिजन जल्दी ही लौट आएंगे। लेकिन अपने परिवार के लोगों की याद में लगातार ग्रामीणों की हालत खराब हो रही है। ट्रेन के जरिए अलीगढ़ लाए जाएंगे शव
घटना के बाद डीएम विशाख जी. ने प्रशासनिक अधिकारियों की एक टीम को तत्काल जम्मू रवाना कर दिया था। यह टीम जम्मू पहुंचकर सारे मामले पर नजर रख रही है और जम्मू प्रशासन से सारी कानूनी प्रक्रिया पूरी कराने के बाद शवों और घायलों को लेकर अलीगढ़ लौटेगी। यह टीम जम्मू से ट्रेन के जरिए शवों को लेकर अलीगढ़ के लिए रवाना होगी। ट्रेन शनिवार देर शाम तक अलीगढ़ पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। अलीगढ़ स्टेशन पर शवों को उतारा जाएगा, जिसके बाद इन्हें एंबुलेंस और शव वाहन के जरिए गांव पहुंचाया जाएगा। कंट्रोल रूम से ले रहे पल-पल की रिपोर्ट
एसडीएम इगलास महिमा राजपूत ने बताया कि गांव के अंदर प्रशासन का कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया गया है। लगातार जम्मू से संपर्क करके अपडेट लिया जा रहा है। इसके साथ ही ग्रामीणों से बातचीत करके उन्हें सांत्वना दी जा रही है। प्रशासन की ओर से घरों में भोजन के पैकेट और दवाइयां भेजी जा रही हैं। कंट्रोल रूम में 24 घंटे कर्मचारियों की ड्यूटी है, जो ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान कर रहे हैं। मधुमक्खियां बनीं परेशानी, हटाने को टीम बुलाई
सभी 12 शवों को शनिवार को अलीगढ़ लाया जाएगा। इन सभी का अंतिम संस्कार एक साथ गांव में ही होगा। इसके लिए प्रशासन ने गांव में खेतों में अंतिम संस्कार के लिए जगह तैयार कराई है। यहीं पर एक साथ शवों का अंतिम संस्कार कराया जाएगा। इस दौरान प्रशासन की नजर खेतों में लगे एक पेड़ पर गई, जिसमें मधुमक्खियों का छत्ता लगा हुआ था। जिसके बाद एसडीएम ने तत्काल वन विभाग के अधिकारियों से संपर्क करके इसे हटाने को कहा। ऐसा इसलिए किया गया कि अंतिम संस्कार के समय मधुमक्खियों ने अगर लोगों पर हमला कर दिया तो परेशानी और ज्यादा बढ़ जाएगी। अधिकारियों की पूरी टीम पहुंची जम्मू
डीएम विशाख जी. ने बताया कि हादसे के बाद प्रशासन की एक टीम जम्मू भेजी गई है। यह जम्मू प्रशासन से कोऑर्डिनेट करके सारी प्रक्रिया को पूरा कर रही है। शुक्रवार रात तक सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद टीम शवों को ट्रेन से लेकर अलीगढ़ के लिए रवाना होगी। शनिवार शाम तक इसके अलीगढ़ पहुंचने की संभावना है। इसके बाद शवों को गांव पहुंचाया जाएगा।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर