तवा डैम के गेट खुलने से बढ़ रहा नर्मदा नदी का जलस्तर, अधिकारियों ने किया हेल्पलाइन नंबर जारी तवा डैम के गेट खुलने से बढ़ रहा नर्मदा नदी का जलस्तर, अधिकारियों ने किया हेल्पलाइन नंबर जारी मध्य प्रदेश Gaya News: गया में टेलीकॉम कार्यालय में मैनेजर को गोली मारकर 14.50 लाख की लूट, पुलिस ने तीन को दबोचा
Related Posts
कौन है असली शिवसेना? उद्धव ठाकरे गुट की याचिका को सूचीबद्ध करने पर सुप्रीम कोर्ट तैयार
कौन है असली शिवसेना? उद्धव ठाकरे गुट की याचिका को सूचीबद्ध करने पर सुप्रीम कोर्ट तैयार <p style=”text-align: justify;”><strong>Supreme Court on Maharashtra Political Crisis:</strong> सुप्रीम कोर्ट बुधवार को महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के उस आदेश को चुनौती देने वाली उद्धव ठाकरे गुट की याचिका को सूचीबद्ध करने पर विचार करने के लिए सहमत हो गया, जिसमें मुख्यमंत्री <a title=”एकनाथ शिंदे” href=”https://www.abplive.com/topic/eknath-shinde” data-type=”interlinkingkeywords”>एकनाथ शिंदे</a> के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट को जून 2022 में विभाजन के बाद ‘असली राजनीतिक दल’ घोषित करने का आदेश दिया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>उद्धव गुट की याचिका पर विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट?</strong><br />विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री शिंदे और उनके समर्थक विधायकों के खिलाफ ठाकरे गुट की अयोग्यता याचिकाओं को भी खारिज कर दिया था. प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष शिवसेना (यूबीटी) नेता सुनील प्रभु की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने आग्रह किया कि याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाना आवश्यक है, क्योंकि विधानसभा का कार्यकाल भी समाप्त होने वाला है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, “मैं देखूंगा” और वरिष्ठ अधिवक्ता से इस संबंध में एक ई-मेल भेजने को कहा. शीर्ष अदालत ने 22 जनवरी को उद्धव ठाकरे गुट के नेता प्रभु की याचिका पर मुख्यमंत्री और उनके गुट के अन्य विधायकों को नोटिस जारी किया था. ठाकरे गुट ने आरोप लगाया है कि शिंदे ने “असंवैधानिक रूप से सत्ता हड़पी है” और वह एक “असंवैधानिक सरकार” का नेतृत्व कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने 10 जनवरी को पारित अपने आदेश में शिंदे सहित सत्तारूढ़ खेमे के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की ठाकरे गुट की याचिका को भी खारिज कर दिया था. नार्वेकर द्वारा पारित आदेश को चुनौती देते हुए ठाकरे गुट ने दावा किया कि यह “स्पष्टतः गैरकानूनी और गलत” है और दलबदल करने वालों को दंडित करने के बजाय दलबदल करने वालों को यह मानकर पुरस्कृत करता है कि वे ही असली राजनीतिक दल हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”‘सिमरन’ ने 8 महीने में 9 बार रचाई शादी, किसान के बेटों से ठगे लाखों रुपये, शातिर गैंग का खुलासा” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/maharashtra-police-exposed-gang-fraud-wit-people-for-marriage-in-ahmednagar-2734411″ target=”_blank” rel=”noopener”>’सिमरन’ ने 8 महीने में 9 बार रचाई शादी, किसान के बेटों से ठगे लाखों रुपये, शातिर गैंग का खुलासा</a></strong></p>
Telangana: Another BRS MLA quits, joins Congress
Telangana: Another BRS MLA quits, joins Congress This is yet another blow to the BRS after two MLAs, Pocharam Srinivas Reddy and Sanjay Kumar joined the party over the last week.
Arvind Kejriwal News Live: सीएम अरविंद केजरीवाल रिहा होंगे या नहीं? दिल्ली हाई कोर्ट का आज आएगा फैसला
Arvind Kejriwal News Live: सीएम अरविंद केजरीवाल रिहा होंगे या नहीं? दिल्ली हाई कोर्ट का आज आएगा फैसला <p style=”text-align: justify;”>दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल रिहा होंगे या नहीं, इसको लेकर दिल्ली हाई कोर्ट आज दोपहर 2.30 बजे अपना फैसला सुनाएगा. सीएम केजरीवाल ने सोमवार को दायर अपनी लिखित दलील में जमानत आदेश का बचाव किया. उन्होंने कहा कि यदि उन्हें इस समय रिहा किया जाता है तो ईडी पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं होगा, क्योंकि यदि हाई कोर्ट बाद में आदेश को रद्द करने का फैसला करता है तो उन्हें वापस हिरासत में भेजा जा सकता है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम केजरीवाल ने दलील दी कि ‘सुविचारित जमानत आदेश’ के क्रियान्वयन पर रोक लगाना जमानत रद्द करने की याचिका को एक तरह से स्वीकार करने के समान होगा. न्यायमूर्ति सुधीर कुमार जैन की अवकाशकालीन पीठ ने निचली अदालत के फैसले को ईडी द्वारा चुनौती दिये जाने के बाद 21 जून को आदेश सुरक्षित रख लिया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हाई कोर्ट ने फैसला सुनाये जाने तक निचली अदालत के फैसले के क्रयान्वयन पर रोक लगा दी थी. आप के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था. वह तिहाड़ जेल से बाहर आ सकते थे, यदि हाई कोर्ट ने ईडी को अंतरिम राहत नहीं दी होती. निचली अदालत ने 20 जून को केजरीवाल को जमानत दे दी थी और एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>निचली अदालत ने साथ ही कुछ शर्तें भी लगाई थीं, जिसमें यह भी शामिल था कि वह जांच में बाधा डालने या गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे. ईडी ने दलील दी है कि निचली अदालत का आदेश ‘विकृत’, ‘एकतरफा’ और ‘गलत’ था तथा निष्कर्ष अप्रासंगिक तथ्यों पर आधारित थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जमानत आदेश पर रोक लगाने की याचिका के संबंध में सोमवार को दायर एक नोट में ईडी ने कहा कि निर्णय में कथित आबकारी घोटाले से जुड़े धनशोधन के अपराध में आप नेता की ‘गहरी संलिप्तता’ को प्रदर्शित करने वाली सामग्री पर गौर नहीं किया गया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम केजरीवाल ने अपने लिखित दलील में कहा कि ईडी के दावे ‘‘स्पष्ट रूप से गलत, भ्रामक और छल-कपट और गलत बयानी के समान हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘ईडी का बार-बार यह दावा कि उसे सुनवाई का उचित अवसर नहीं दिया गया और/या उसके सभी दलीलों पर विचार नहीं किया गया, शुरू में ही खारिज कर देने योग्य है. जैसा कि कहा गया है, जमानत देने वाला आदेश न केवल दोनों पक्षों की सभी प्रासंगिक दलीलों से जुड़ा है, बल्कि जमानत देने के कारणों को भी दर्शाता है, जो प्रत्येक पहलू पर अदालत द्वारा उचित विचार-विमर्श को दर्शाता है.’ </p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके साथ उन्होंने कहा कि यह कोई विकृत मामला नहीं है, जैसा कि रिकॉर्ड से पता चलता है. उन्होंने कहा कि यह तथ्य उनके खिलाफ झूठा मामला बनाने और उन्हें कानून की उचित प्रक्रिया से वंचित करने का आधार नहीं हो सकता कि वह एक राजनीतिक व्यक्ति हैं, जो केंद्र की व्यवस्था के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा, ‘प्रतिवादी (केजरीवाल) अपने जमानत आदेश पर रोक लगाने के आदेश से बहुत व्यथित हैं, जिसने न्याय को एक आपदा बना दिया है और इसे अब एक पल के लिए भी जारी नहीं रखा जाना चाहिए.’ </p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा, ‘‘विशेष न्यायाधीश द्वारा जमानत देने का आदेश न केवल तर्कसंगत था, बल्कि प्रथम दृष्टया ‘दोनों पक्षों की ओर से दी गई प्रासंगिक दलीलों’ पर गौर करने और साथ ही उसका ईमानदारी से निस्तारण दर्शाता है. इसलिए, आदेश पर रोक लगाना याचिका को शुरू में ही स्वीकार करने के समान होगा.’ अवकाशकालीन न्यायाधीश के रूप में विशेष न्यायाधीश न्याय बिंदु ने 20 जून को धनशोधन मामले में केजरीवाल को जमानत दे दी थी और कहा था कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) धनशोधन मामले में अपराध की आय से उन्हें जोड़ने वाले प्रत्यक्ष साक्ष्य प्रस्तुत करने में विफल रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>21जून को, हाई कोर्ट ने स्थगन के मुद्दे पर फैसला सुनाये जाने तक जमानत आदेश के क्रियान्वयन को स्थगित कर दिया था और पक्षों को 24 जून तक लिखित दलील दाखिल करने को कहा था. </p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम केजरीवाल ने अपनी जमानत पर अंतरिम रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. सोमवार को शीर्ष अदालत ने उनकी याचिका पर सुनवाई के लिए 26 जून की तारीख तय की और कहा कि वह इस मुद्दे पर हाई कोर्ट के आदेश की घोषणा की प्रतीक्षा करना चाहेगी. दिल्ली आबकारी नीति तैयार करने और इसके क्रियान्वयन से जुड़ी कथित अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार की उपराज्यपाल ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने का आदेश दिया था, जिसके बाद 2022 में आबकारी नीति को रद्द कर दिया गया था. सीबीआई और ईडी के अनुसार, आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया. </p>