जम्मू के डोडा जिला से मणिमहेश यात्रा के लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था शनिवार को चंबा के सलूणी उपमंडल में पहुंच गया। शिव भक्तों का यह जत्था जन्माष्टमी के पावन अवसर पर 26 अगस्त को मणिमहेश के पवित्र डल जिसे मणिमहेश झील कहा जाता है में डुबकी लगाकर अपनी यात्रा को पूरा करेगा। भक्ति रस में डूबी शिव भक्तों की टोली में महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग के साथ गुरू भी शामिल है। सलूणी नाग मंदिर में पहुंचने पर स्थानीय लोगों ने भक्तों का गर्मजोशी से स्वागत किया। अबकी बार यह मणिमहेश यात्रा गर्म न्हौण के रूप में मानी जा रही है, जिसके चलते पिछले साल के मुकाबले इस बार शिव भक्तों की भारी संख्या में मणिमहेश पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। 22 अगस्त को अधिकारी रूप से यह यात्रा शुरू हो जाएगी, जो राधा अष्टमी यानी 11 सितंबर तक जारी रहेगी। अगले कुछ दिनों में हजारों की संख्या में यहां लोग इस यात्रा के लिए चंबा का रुख करेंगे। जम्मू के डोडा जिला से मणिमहेश यात्रा के लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था शनिवार को चंबा के सलूणी उपमंडल में पहुंच गया। शिव भक्तों का यह जत्था जन्माष्टमी के पावन अवसर पर 26 अगस्त को मणिमहेश के पवित्र डल जिसे मणिमहेश झील कहा जाता है में डुबकी लगाकर अपनी यात्रा को पूरा करेगा। भक्ति रस में डूबी शिव भक्तों की टोली में महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग के साथ गुरू भी शामिल है। सलूणी नाग मंदिर में पहुंचने पर स्थानीय लोगों ने भक्तों का गर्मजोशी से स्वागत किया। अबकी बार यह मणिमहेश यात्रा गर्म न्हौण के रूप में मानी जा रही है, जिसके चलते पिछले साल के मुकाबले इस बार शिव भक्तों की भारी संख्या में मणिमहेश पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। 22 अगस्त को अधिकारी रूप से यह यात्रा शुरू हो जाएगी, जो राधा अष्टमी यानी 11 सितंबर तक जारी रहेगी। अगले कुछ दिनों में हजारों की संख्या में यहां लोग इस यात्रा के लिए चंबा का रुख करेंगे। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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मंडी में 2 पूर्व फौजी के साथ मारपीट:क्रशर मालिक व उसके साथियों पर आरोप; तूल पकड़ रहा मामला, सड़कों पर उतरे ग्रामीण हिमाचल प्रदेश के मंडी के बायर गांव के 2 पूर्व सैनिकों के साथ मारपीट का मामला तूल पकड़ रहा है। क्रशर मालिक और उसके साथियों पर मारपीट के आरोप लग रहे है। पिछले कल कैहनवाल पंचायत के ग्रामीणों ने पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया और पुलिस जांच पर सवाल उठाए। दरअसल, बीते 16 अगस्त को देकैहनवाल में क्रशर मालिक व उनके साथियों ने पूर्व फौजियों को जमकर पिटाई। पहले इन्होंने पूर्व सैनिक नेत्र सिंह को कमरे में ले जाकर कुर्सी से बांधकर पिटाई की। इससे नेत्र सिंह के मुंह व शरीर पर गंभीर चोटें आई है। नेत्र सिंह की चीखे सुनकर मौके पर पहुंचा भाई नेत्र सिंह की चीखे सुनकर मौके पर पहुंचे उनके भाई कश्मीर सिंह को भी उन्होंने धुन डाला। इसके बाद क्रशर मालिक ने खुद ही पुलिस को मौके पर बुलाया। पुलिस पर मामला दर्ज करने के बजाय समझौता करने के आरोप लग रहे है। ग्रामीणों के प्रदर्शन और SP-DC मंडी से शिकायत के बाद अब जाकर पुलिस ने मामला दर्ज कर किया है। क्रशर मालिक ने फौजी से लीज पर ले रखी है जमीन बताया जा रहा है कि नेत्र सिंह ने क्रशर मालिक को अपनी जमीन लीज पर दे रखी है। इसी वजह से क्रशर मालिक और नेत्र सिंह में विवाद चल रहा है। आरोप लग रहे हैं कि क्रशर मालिक ने नेत्र सिंह का मोबाइल भी छीन लिया। अब इस मामले में कैहनवाल पंचायत के ग्रामीण लामबद्ध हो रहे हैं और पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। ग्रामीणों ने इस केस में जांच अधिकारी को बदलने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। पीड़ित नेत्र सिंह ने बताया, क्रशर मालिक और उसके साथियों ने उन्हें मार कर छोड़ दिया था। यदि उनका भाई मौके पर नहीं पहुंचा होता तो उनका बचना मुश्किल था। उन्होंने बताया कि पुलिस ने जांच में ढिलाई बरती है। मामला में निष्पक्ष जांच की जा रही: SHO SHO सदर देसराज ने बताया कि क्रशर मालिक को पूछताछ के लिए बुलाया गया है और मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है।
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संजौली मस्जिद मामला-जिला-कोर्ट में सुनवाई आज:मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी ने दी चुनौती; आयुक्त के आदेशों को डिफैक्टेड बताया, तोड़ने के आदेशों पर मांगा स्टे हिमाचल की राजधानी शिमला की संजौली मस्जिद को गिराने के नगर निगम (MC) आयुक्त के आदेशों पर स्टे वाली याचिका पर आज जिला कोर्ट में सुनवाई होगी। कोर्ट ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेशनाइजेशन की याचिका की मैटेनेबिलिटी को लेकर फैसला सुना सकता है। दरअसल, मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी ने MC आयुक्त के 5 अक्टूबर को मस्जिद के ऊपर वाली तीन मंजिल तोड़ने के आदेशों को डिफैक्टेड बताते हुए स्टे की मांग की है। 6 नवंबर की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्टे देने से इनकार कर दिया था और MC से मस्जिद से जुड़ा रिकॉर्ड मांगा। याचिका में MC कोर्ट के फैसले को बताया डिफैक्टेड ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेशनाइजेशन प्रमुख नजाकत अली ने याचिका में कहा कि MC आयुक्त ने यह फैसला संजौली मस्जिद कमेटी द्वारा दिए गए हलफनामे के आधार पर सुनाया है। उन्होंने दावा किया कि संजौली मस्जिद कमेटी रजिस्टर नहीं है। ऐसे में उसके अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ की ओर से दिया गया हलफनामा सही नहीं है। नजाकत अली का दावा है कि उन्होंने मस्जिद बनाने के लिए पैसा दिया था। इसलिए वह भी पीड़ित पक्ष है। उन्हें सुना जाना चाहिए और मस्जिद की तीन मंजिल गिराने के फैसले पर स्टे दिया जाए। 5 अक्टूबर को आया था नगर निगम आयुक्त कोर्ट का फैसला संजौली मस्जिद मामले में MC आयुक्त कोर्ट ने बीते 5 अक्टूबर को फैसला सुनाया था। कोर्ट ने मस्जिद की 3 अवैध मंजिल हटाने के आदेश दिए थे। इसके बाद मस्जिद कमेटी ने अवैध हिस्से को हटाने का काम भी शुरू कर दिया है। मस्जिद की एटिक यानी छत को हटाने का काम पूरा हो गया है। अब टॉप की मंजिल की दीवारों को तोड़ा जाना है। इस बीच मुस्लिम वेलफेयर सोसायटी ने कोर्ट में मामले को चुनौती दी है। संजौली मस्जिद कमेटी अपने खर्चे पर ऊपर की 3 मंजिलें तुड़वाने का काम कर रही है। हाईकोर्ट ने 8 सप्ताह में मामले को निपटाने के आदेश दिए शिमला MC आयुक्त की कोर्ट में यह केस 2010 से चल रहा है। इसे देखते हुए लोकल रेजिडेंट ने 21 अक्टूबर को एक याचिका हाईकोर्ट में दायर की और जल्दी फैसला सुनाने के लिए MC आयुक्त को निर्देश देने का आग्रह किया। इस पर हिमाचल हाईकोर्ट ने MC आयुक्त को 8 सप्ताह के भीतर केस निपटाने के आदेश दिए। इन आदेशों के अनुसार, MC आयुक्त को 20 दिसंबर तक संजौली मस्जिद का केस निपटाना है। संजौली मस्जिद से पूरे प्रदेश में हुआ था विवाद संजौली मस्जिद के कारण पूरे प्रदेश में बवाल मचा था। शिमला के बाद सोलन, मंडी, कुल्लू और सिरमौर जिला में भी जगह-जगह मस्जिद मामले में हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किए और अवैध रूप से बनी मस्जिदों को गिराने की मांग उठाई। इससे पूरे प्रदेश में माहौल तनावपूर्ण हो गया। इस बीच बीते 12 सितंबर को संजौली मस्जिद कमेटी ने खुद नगर निगम आयुक्त से मिलकर अवैध रूप से बनी ऊपर की मंजिल को हटाने की पेशकश की। इसके बाद हिंदू संगठन शांत हुए। निगम आयुक्त के मस्जिद की तीन मंजिल तोड़ने के आदेशों के बाद यह मामला पूरी तरह शांत हो गया।
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हिमाचल हाईकोर्ट में कंगना के निर्वाचन को चुनौती पर सुनवाई:सांसद को कोर्ट के नोटिस का देना है जवाब; याचिकाकर्ता बोला- चुनाव रद्द हो हिमाचल हाईकोर्ट में आज मंडी से BJP सांसद कंगना रनोट के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई होगी। कंगना को उस नोटिस का जवाब देना है, जो पिछली सुनवाई में कोर्ट ने किन्नौर जिला निवासी लायक राम नेगी द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान जारी किया था। लायक राम नेगी चुनाव रद करने की मांग की है। यह मामला न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की बैंच सुनेगी। अदालत ने कंगना को प्रतिवादी बनाया है। दरअसल, लायक राम ने भी मंडी लोकसभा सीट से नामांकन पत्र भरा था। लायक राम नेगी के अनुसार, उनके नामांकन पत्र को गलत ढंग से अस्वीकार किया गया। इसलिए उन्होंने मंडी लोकसभा चुनाव को रद करने की मांग की है। लायक राम ने इस मामले में रिटर्निंग ऑफिसर (RO) एवं डीसी मंडी को भी प्रतिवादी बनाया है। उन्होंने मंडी सीट पर दोबारा चुनाव की मांग की है। याचिकाकर्ता ने कहा- नामांकन के दौरान मुझ पर ऑब्जेक्शन लगाए लायक राम के अनुसार, उन्होंने 14 मई को मंडी लोकसभा सीट से अपना नामांकन पत्र भरा। वन विभाग से असामयिक सेवानिवृत्त होने पर उन्होंने निर्वाचन अधिकारी के समक्ष वन विभाग से जारी जरूरी नो ड्यूज सर्टिफिकेट नामांकन पत्र के साथ सौंपे। नामांकन के दौरान उन्हें कहा गया कि स्वतंत्र रूप से संबंधित विभागों द्वारा सरकारी आवास को लेकर जारी बिजली, पानी और टेलीफोन के नो ड्यूज सर्टिफिकेट भी देने होंगे। उसे यह प्रमाण पत्र देने के लिए अगले दिन तक का समय दिया गया। लायक राम का इस वजह से रद्द किया गया था नामांकन 15 मई को नामांकन पत्रों की जांच की जानी थी। प्रार्थी के अनुसार, 15 मई को उसने विभिन्न विभागों द्वारा जारी बिजली, पानी और टेलीफोन के नो ड्यूज सर्टिफिकेट RO को सौंप दिए। मगर उन्होंने यह दस्तावेज लेने से इनकार कर दिया और कहा कि प्रार्थी के नामांकन में उपरोक्त नो ड्यूज सर्टिफिकेट न लगना एक बड़ी त्रुटि है, जिसे अब दूर नहीं किया जा सकता है। इसके बाद उनका नामांकन अस्वीकार किया गया। मंडी सीट पर चुनाव दोबारा कराने का आग्रह लायक राम के अनुसार, इस वजह से वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाए। प्रार्थी के अनुसार यह कोई बड़ी त्रुटि नहीं थी, जिस कारण उसका नामांकन अस्वीकार कर दिया जाता। याची का कहना है कि यदि उसे चुनाव लड़ने का अवसर दिया जाता तो वह लोकसभा चुनाव जीतने में कामयाब हो जाता। इसे देखते हुए उन्होंने मंडी सीट के चुनाव को रद करने की गुहार लगाई है,ताकि इस सीट पर दोबारा चुनाव हो सके। कंगना की इमरजेंसी फिल्म पर विवाद इस बीच BJP सांसद एवं एक्ट्रेस कंगना अपकमिंग मूवी इमरजेंसी विवादों से घिर गई हैं। कंगना की ये फिल्म पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में लगाई गई इमरजेंसी पर बनाई गई है। फिल्म 6 सितंबर को रिलीज होगी। इससे पहले पंजाब के निर्दलीय सांसद सर्बजीत सिंह खालसा ने ट्रेलर में दिखाए गए दृश्यों पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि इसमें सिखों को गलत तरीके से पेश किया गया है। उन्होंने केंद्र सरकार को लेटर लिखकर फिल्म की रिलीज रोकने की मांग की है। सर्बजीत सिंह खालसा ने कहा, ‘नई फिल्म ‘इमरजेंसी’ में सिखों को गलत तरीके से पेश करने की खबरें सामने आ रही हैं, जिससे समाज में शांति और कानून की स्थिति बिगड़ने की आशंका है। अगर इस फिल्म में सिखों को अलगाववादी या आतंकवादी के रूप में दिखाया गया है तो यह एक गहरी साजिश है