<p style=”text-align: justify;”><strong>Himachal Pradesh Politics:</strong> हिमाचल प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शनिवार (3 मई) को सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि सरकार ने व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर व्यवस्था का पूरी तरीके से मजाक बनाकर रख दिया है. सरकार को शराब बिकवाने का भूत इस कदर सवार है कि वह आम लोगों की सुविधाओं का भी ख्याल नहीं कर रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया, “सरकार शिमला नगर निगम समेत प्रदेश के अन्य नगर निगमों को सरकार शराब बेचने के लिए बाध्य कर रही है. नगर निगम के जो जेई यानी कनिष्ठ अभियंता समेत अन्य कर्मचारी जनहित से जुड़े काम में व्यस्त रहते थे. अब सरकार उन लोगों से शराब बिकवा रही है.” </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’इंजीनियर-इंस्पेक्टर शराब बेचने में लगाए'</strong><br />उन्होंने आगे कहा, “सिर्फ शिमला नगर निगम में ही एक कनिष्ठ अभियंता, 07 इंस्पेक्टर, 18 होमगार्ड और 20 से ज्यादा कर्मचारियों की ड्यूटी शराब बेचने के लिए लगाई गई है. जिसकी वजह से उनके ऑफिस में सन्नाटा पसरा है और वहां अपना काम लेकर आने वाले लोग मायूस और बिना काम करवाए ही लौट रहे हैं.” </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’सरकार के रवैये से काम ठप'</strong><br />नेता प्रतिपक्ष ने ये भी कहा, “जब कर्मचारियों की पूरी फौज शराब के ठेकों पर ड्यूटी बजाएगी तो आम आदमियों के काम कैसे होंगे. सरकार के इस रवैये की वजह से शहरवासियों को टैक्स-बिल जारी करने से लेकर तहबाजारी हटाने, नए कार्यों के प्रस्ताव तैयार करने, 0डिफॉल्टरों से वसूली करने जैसे काम ठप हो गए हैं.” </p>
<p style=”text-align: justify;”>जयराम ठाकुर ने कहा, “जब सरकार द्वारा यह फैसला लिया जा रहा था तभी हमने चेताया था कि अगर नगर निगम के कर्मचारियों से सरकार शराब बिकवाएगी तो आम लोगों का क्या होगा? इन सरकार को प्रदेश के लोगों की नहीं शराब बिकवाने की चिंता है. इस तरीके का व्यवहार सरकार को बंद करना होगा और जनहित के कामों को ध्यान में रखना होगा.” </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’अपने वेतन के लिए धरना देने को मजबूर शिक्षक'</strong><br />इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिक्षकों के वेतन का मुद्दा उठाते हुए कहा, “हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय प्रदेश ही नहीं देश का एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान है, जहां शिक्षकों का काम शिक्षा देना, शोध कार्य को बढ़ावा देना और अपने छात्रों का सर्वांगीण विकास करना है, लेकिन वर्तमान की व्यवस्था परिवर्तन वाली सुक्खू सरकार में यहां भी लोग सुखी नहीं है. जिन शिक्षकों का कम पढ़ाना होता है, शोध के काम करना होता है वह लोग आज अपने वेतन को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.” </p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा, “यह स्थिति पिछले महीनें भी थी जब एचपीयू के शिक्षकों और गैर शिक्षकों ने अपने वेतन को जारी करने को लेकर विश्वविद्यालय परिसर में धरना दिया था. यह सरकार के हर दिन का काम हो गया. मैं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से आग्रह करता हूं की व्यवस्था परिवर्तन का नारा देकर व्यवस्थाओं का पतन मत करिए. सरकार कम से कम इतना प्रबंध हो तो कर दे कि लोगों को समय से उनका वेतन और पेंशन मिले.”</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Himachal Pradesh Politics:</strong> हिमाचल प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शनिवार (3 मई) को सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि सरकार ने व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर व्यवस्था का पूरी तरीके से मजाक बनाकर रख दिया है. सरकार को शराब बिकवाने का भूत इस कदर सवार है कि वह आम लोगों की सुविधाओं का भी ख्याल नहीं कर रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया, “सरकार शिमला नगर निगम समेत प्रदेश के अन्य नगर निगमों को सरकार शराब बेचने के लिए बाध्य कर रही है. नगर निगम के जो जेई यानी कनिष्ठ अभियंता समेत अन्य कर्मचारी जनहित से जुड़े काम में व्यस्त रहते थे. अब सरकार उन लोगों से शराब बिकवा रही है.” </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’इंजीनियर-इंस्पेक्टर शराब बेचने में लगाए'</strong><br />उन्होंने आगे कहा, “सिर्फ शिमला नगर निगम में ही एक कनिष्ठ अभियंता, 07 इंस्पेक्टर, 18 होमगार्ड और 20 से ज्यादा कर्मचारियों की ड्यूटी शराब बेचने के लिए लगाई गई है. जिसकी वजह से उनके ऑफिस में सन्नाटा पसरा है और वहां अपना काम लेकर आने वाले लोग मायूस और बिना काम करवाए ही लौट रहे हैं.” </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’सरकार के रवैये से काम ठप'</strong><br />नेता प्रतिपक्ष ने ये भी कहा, “जब कर्मचारियों की पूरी फौज शराब के ठेकों पर ड्यूटी बजाएगी तो आम आदमियों के काम कैसे होंगे. सरकार के इस रवैये की वजह से शहरवासियों को टैक्स-बिल जारी करने से लेकर तहबाजारी हटाने, नए कार्यों के प्रस्ताव तैयार करने, 0डिफॉल्टरों से वसूली करने जैसे काम ठप हो गए हैं.” </p>
<p style=”text-align: justify;”>जयराम ठाकुर ने कहा, “जब सरकार द्वारा यह फैसला लिया जा रहा था तभी हमने चेताया था कि अगर नगर निगम के कर्मचारियों से सरकार शराब बिकवाएगी तो आम लोगों का क्या होगा? इन सरकार को प्रदेश के लोगों की नहीं शराब बिकवाने की चिंता है. इस तरीके का व्यवहार सरकार को बंद करना होगा और जनहित के कामों को ध्यान में रखना होगा.” </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’अपने वेतन के लिए धरना देने को मजबूर शिक्षक'</strong><br />इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिक्षकों के वेतन का मुद्दा उठाते हुए कहा, “हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय प्रदेश ही नहीं देश का एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान है, जहां शिक्षकों का काम शिक्षा देना, शोध कार्य को बढ़ावा देना और अपने छात्रों का सर्वांगीण विकास करना है, लेकिन वर्तमान की व्यवस्था परिवर्तन वाली सुक्खू सरकार में यहां भी लोग सुखी नहीं है. जिन शिक्षकों का कम पढ़ाना होता है, शोध के काम करना होता है वह लोग आज अपने वेतन को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.” </p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा, “यह स्थिति पिछले महीनें भी थी जब एचपीयू के शिक्षकों और गैर शिक्षकों ने अपने वेतन को जारी करने को लेकर विश्वविद्यालय परिसर में धरना दिया था. यह सरकार के हर दिन का काम हो गया. मैं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से आग्रह करता हूं की व्यवस्था परिवर्तन का नारा देकर व्यवस्थाओं का पतन मत करिए. सरकार कम से कम इतना प्रबंध हो तो कर दे कि लोगों को समय से उनका वेतन और पेंशन मिले.”</p> हिमाचल प्रदेश ‘क्यों ढह जाते हैं पुल? हम जो कहते हैं वह नहीं होता’, अपनी ही सरकार के खिलाफ क्या-क्या बोल गए मांझी
जयराम ठाकुर का सुक्खू सरकार पर हमला, बोले- ‘शराब बेचने के लिए ये…’
