इस्लामाबाद में 15 और 16 अक्टूबर को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का शिखर सम्मेलन दक्षिण एशिया और मध्य एशिया में शांति तथा सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन था। शिखर सम्मेलन में भारतीय विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर की भागीदारी भी दुनिया भर के कई पर्यवेक्षकों के लिए काफ़ी अहम थी। अधिकांश पाकिस्तानी एससीओ के बारे में ज़्यादा नहीं जानते हैं, जिसकी स्थापना 2001 में शंघाई में हुई थी। शुरुआत में इस संगठन को “शंघाई फाइव’ कहा जाता था, जिसके संस्थापक सदस्य चीन, रूस, कज़ाकिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान थे। बाद में उज़्बेकिस्तान भी इसमें शामिल हो गया। 2017 में भारत और पाकिस्तान को इसमें शामिल किया गया। ईरान 2023 में और बेलारूस 2024 में शामिल हुआ। यह भूगोल और आबादी के हिसाब से दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्रीय संगठन है, जो दुनिया के लगभग 80 फ़ीसदी भूभाग और 40 फ़ीसदी आबादी को कवर करता है। एससीओ के भागीदार मुल्कों का दुनिया के 20 फ़ीसदी तेल भंडारों और 44 फ़ीसदी प्राकृतिक गैस पर नियंत्रण है। इसमें कोई शक नहीं है कि एससीओ पर वास्तव में चीन और रूस का दबदबा है, लेकिन 2017 से यह संगठन भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा रहा है, क्योंकि सार्क लंबे समय से निष्क्रिय है। पिछले साल पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी गोवा में आयोजित हुई मंत्री स्तरीय बैठक में शिरकत करने के लिए भारत गए थे। पाकिस्तान के किसी विदेश मंत्री ने 12 साल के बाद भारत का दौरा किया था। भारत ने पिछले साल दिल्ली में एससीओ के राष्ट्राध्यक्षों की बैठक की मेज़बानी की थी। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने वीडियो लिंक के जरिए उस बैठक में हिस्सा लिया था। अब भारतीय विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर कई सालों बाद पाकिस्तान आए। उन्होंने भारत-पाकिस्तान के ताल्लुकात को लेकर कोई बात नहीं की। वे केवल एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए यहां आए थे, लेकिन इस्लामाबाद में उनकी मौजूदगी भर से भारत और पाकिस्तान के अमन-पसंद लोगों के बीच एक अच्छा पैग़ाम गया है। दिल्ली में 2023 के एससीओ शिखर सम्मेलन और इस्लामाबाद के इस शिखर सम्मेलन के संयुक्त घोषणा-पत्र में कोई बहुत ज़्यादा फ़र्क़ नहीं है। दोनों घोषणा-पत्रों में आतंकवाद की निंदा की गई और एससीओ को क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी ढांचे के रूप में विकसित किए जाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया गया। इस्लामाबाद शिखर सम्मेलन का दस्तावेज़ बहुत अहम इसलिए भी है, क्योंकि इसमें कहा गया है कि एससीओ भारत और पाकिस्तान के लिए न केवल आतंकवाद के ख़िलाफ़, बल्कि नशीले पदार्थों की तस्करी के ख़िलाफ़ भी सहयोग करने का एक नया मंच बनने जा रहा है। भारत और पाकिस्तान दोनों को तेल और गैस की दरकार है। वे ऊर्जा के क्षेत्र में अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए एससीओ मंच का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस्लामाबाद में अपने प्रवास के दौरान डॉ. जयशंकर बहुत चौकस रहे। उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मसलों को छुआ तक नहीं। पिछले साल गोवा में भी वे पाकिस्तानी विदेश मंत्री से नहीं मिले थे और इस्लामाबाद के अपने प्रवास के दौरान भी उन्होंने अपने पाकिस्तानी समकक्ष के साथ कोई औपचारिक द्विपक्षीय बैठक नहीं की। ऐसा लगता है कि फिलहाल भारत और पाकिस्तान दोनों ही हुकूमतें जम्मू-कश्मीर पर अपने रुख में कोई लचीलापन नहीं दिखाएंगी। दोनों ही आतंकी घटनाओं के लिए एक-दूसरे पर इल्ज़ाम मढ़ते रहेंगे, लेकिन साथ ही “क्षेत्रीय सहयोग’ के नाम पर अहम मसलों पर चर्चा करने के लिए उन्हें एससीओ की छत्रछाया भी मिल गई है। इस्लामाबाद शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिकी डॉलर और यूरो को दरकिनार करते हुए स्थानीय मुद्राओं में आपसी व्यापार को बढ़ाने पर ख़ासा ज़ोर दिया गया। भले ही भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे के साथ व्यापार शुरू न करें, लेकिन अगर ये दोनों देश चीन, रूस और ईरान के साथ स्थानीय मुद्राओं में व्यापार शुरू करते हैं, तो उनकी स्थानीय मुद्राओं को भी परोक्ष रूप से कुछ मज़बूती मिल सकती है। इस्लामाबाद में यह धारणा है कि इस संगठन में चीन के प्रभुत्व की वजह से भारत एससीओ के महत्व को कम करने की कोशिश कर रहा है। भारत ‘ब्रिक्स’ (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, ईरान, सऊदी अरब, मिस्र, इथियोपिया और यूएई) पर ज़्यादा ध्यान दे रहा है। ब्रिक्स पर रूस का नियंत्रण है। पाकिस्तान अभी ब्रिक्स का सदस्य नहीं है, लेकिन उसने हाल ही में इसकी सदस्यता के लिए आवेदन किया है। रूस सहित इस मंच के दस में से छह सदस्यों ने पाकिस्तान को भरोसा दिया है कि वे ब्रिक्स में उसके शामिल होने का समर्थन करते हैं। रूस इसी माह 22 से 24 अक्टूबर तक कज़ान में अगला ब्रिक्स शिखर सम्मेलन आयोजित करेगा। अगर पाकिस्तान ब्रिक्स का सदस्य बन जाता है तो ईरान और भारत जैसे उसके पड़ोसियों को अमेरिका को नाराज़ किए बिना एक-दूसरे के साथ आर्थिक सहयोग शुरू करने का एक और मंच मिल जाएगा। इस्लामाबाद में एससीओ शिखर सम्मेलन पाकिस्तान के लिए रूस और चीन को यह समझाने का एक बड़ा मौक़ा था कि उन्हें उसे ब्रिक्स में शामिल करना चाहिए। यह एससीओ शिखर सम्मेलन का सबसे बड़ा रहस्य था, जिसे इस्लामाबाद ने कभी सार्वजनिक नहीं किया। ———————– ये कॉलम भी पढ़ें… पाकिस्तानी फ़ौज के गले की हड्डी बन गए हैं इमरान!:ख़ान के बारे में सभी अंदाजे ग़लत साबित हुए; ऐसी स्थिति तीसरी बार बनी इस्लामाबाद में 15 और 16 अक्टूबर को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का शिखर सम्मेलन दक्षिण एशिया और मध्य एशिया में शांति तथा सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन था। शिखर सम्मेलन में भारतीय विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर की भागीदारी भी दुनिया भर के कई पर्यवेक्षकों के लिए काफ़ी अहम थी। अधिकांश पाकिस्तानी एससीओ के बारे में ज़्यादा नहीं जानते हैं, जिसकी स्थापना 2001 में शंघाई में हुई थी। शुरुआत में इस संगठन को “शंघाई फाइव’ कहा जाता था, जिसके संस्थापक सदस्य चीन, रूस, कज़ाकिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान थे। बाद में उज़्बेकिस्तान भी इसमें शामिल हो गया। 2017 में भारत और पाकिस्तान को इसमें शामिल किया गया। ईरान 2023 में और बेलारूस 2024 में शामिल हुआ। यह भूगोल और आबादी के हिसाब से दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्रीय संगठन है, जो दुनिया के लगभग 80 फ़ीसदी भूभाग और 40 फ़ीसदी आबादी को कवर करता है। एससीओ के भागीदार मुल्कों का दुनिया के 20 फ़ीसदी तेल भंडारों और 44 फ़ीसदी प्राकृतिक गैस पर नियंत्रण है। इसमें कोई शक नहीं है कि एससीओ पर वास्तव में चीन और रूस का दबदबा है, लेकिन 2017 से यह संगठन भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा रहा है, क्योंकि सार्क लंबे समय से निष्क्रिय है। पिछले साल पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी गोवा में आयोजित हुई मंत्री स्तरीय बैठक में शिरकत करने के लिए भारत गए थे। पाकिस्तान के किसी विदेश मंत्री ने 12 साल के बाद भारत का दौरा किया था। भारत ने पिछले साल दिल्ली में एससीओ के राष्ट्राध्यक्षों की बैठक की मेज़बानी की थी। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने वीडियो लिंक के जरिए उस बैठक में हिस्सा लिया था। अब भारतीय विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर कई सालों बाद पाकिस्तान आए। उन्होंने भारत-पाकिस्तान के ताल्लुकात को लेकर कोई बात नहीं की। वे केवल एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए यहां आए थे, लेकिन इस्लामाबाद में उनकी मौजूदगी भर से भारत और पाकिस्तान के अमन-पसंद लोगों के बीच एक अच्छा पैग़ाम गया है। दिल्ली में 2023 के एससीओ शिखर सम्मेलन और इस्लामाबाद के इस शिखर सम्मेलन के संयुक्त घोषणा-पत्र में कोई बहुत ज़्यादा फ़र्क़ नहीं है। दोनों घोषणा-पत्रों में आतंकवाद की निंदा की गई और एससीओ को क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी ढांचे के रूप में विकसित किए जाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया गया। इस्लामाबाद शिखर सम्मेलन का दस्तावेज़ बहुत अहम इसलिए भी है, क्योंकि इसमें कहा गया है कि एससीओ भारत और पाकिस्तान के लिए न केवल आतंकवाद के ख़िलाफ़, बल्कि नशीले पदार्थों की तस्करी के ख़िलाफ़ भी सहयोग करने का एक नया मंच बनने जा रहा है। भारत और पाकिस्तान दोनों को तेल और गैस की दरकार है। वे ऊर्जा के क्षेत्र में अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए एससीओ मंच का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस्लामाबाद में अपने प्रवास के दौरान डॉ. जयशंकर बहुत चौकस रहे। उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मसलों को छुआ तक नहीं। पिछले साल गोवा में भी वे पाकिस्तानी विदेश मंत्री से नहीं मिले थे और इस्लामाबाद के अपने प्रवास के दौरान भी उन्होंने अपने पाकिस्तानी समकक्ष के साथ कोई औपचारिक द्विपक्षीय बैठक नहीं की। ऐसा लगता है कि फिलहाल भारत और पाकिस्तान दोनों ही हुकूमतें जम्मू-कश्मीर पर अपने रुख में कोई लचीलापन नहीं दिखाएंगी। दोनों ही आतंकी घटनाओं के लिए एक-दूसरे पर इल्ज़ाम मढ़ते रहेंगे, लेकिन साथ ही “क्षेत्रीय सहयोग’ के नाम पर अहम मसलों पर चर्चा करने के लिए उन्हें एससीओ की छत्रछाया भी मिल गई है। इस्लामाबाद शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिकी डॉलर और यूरो को दरकिनार करते हुए स्थानीय मुद्राओं में आपसी व्यापार को बढ़ाने पर ख़ासा ज़ोर दिया गया। भले ही भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे के साथ व्यापार शुरू न करें, लेकिन अगर ये दोनों देश चीन, रूस और ईरान के साथ स्थानीय मुद्राओं में व्यापार शुरू करते हैं, तो उनकी स्थानीय मुद्राओं को भी परोक्ष रूप से कुछ मज़बूती मिल सकती है। इस्लामाबाद में यह धारणा है कि इस संगठन में चीन के प्रभुत्व की वजह से भारत एससीओ के महत्व को कम करने की कोशिश कर रहा है। भारत ‘ब्रिक्स’ (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, ईरान, सऊदी अरब, मिस्र, इथियोपिया और यूएई) पर ज़्यादा ध्यान दे रहा है। ब्रिक्स पर रूस का नियंत्रण है। पाकिस्तान अभी ब्रिक्स का सदस्य नहीं है, लेकिन उसने हाल ही में इसकी सदस्यता के लिए आवेदन किया है। रूस सहित इस मंच के दस में से छह सदस्यों ने पाकिस्तान को भरोसा दिया है कि वे ब्रिक्स में उसके शामिल होने का समर्थन करते हैं। रूस इसी माह 22 से 24 अक्टूबर तक कज़ान में अगला ब्रिक्स शिखर सम्मेलन आयोजित करेगा। अगर पाकिस्तान ब्रिक्स का सदस्य बन जाता है तो ईरान और भारत जैसे उसके पड़ोसियों को अमेरिका को नाराज़ किए बिना एक-दूसरे के साथ आर्थिक सहयोग शुरू करने का एक और मंच मिल जाएगा। इस्लामाबाद में एससीओ शिखर सम्मेलन पाकिस्तान के लिए रूस और चीन को यह समझाने का एक बड़ा मौक़ा था कि उन्हें उसे ब्रिक्स में शामिल करना चाहिए। यह एससीओ शिखर सम्मेलन का सबसे बड़ा रहस्य था, जिसे इस्लामाबाद ने कभी सार्वजनिक नहीं किया। ———————– ये कॉलम भी पढ़ें… पाकिस्तानी फ़ौज के गले की हड्डी बन गए हैं इमरान!:ख़ान के बारे में सभी अंदाजे ग़लत साबित हुए; ऐसी स्थिति तीसरी बार बनी उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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UP की उपचुनाव के लिए कल वोटिंग, इस सीट पर सबसे ज्यादा कैंडिडट, 2 सीटों पर सिर्फ 5 उम्मीदवार <p>लोकसभा चुनाव के बाद खाली हुई उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए बुधवार को मतदान होगा. उत्तर प्रदेश में जिन नौ विधानसभा सीट पर चुनाव होने हैं, उनमें कटेहरी (अंबेडकरनगर), करहल (मैनपुरी), मीरापुर (मुजफ्फरनगर), गाजियाबाद, मझवां (मिर्जापुर), सीसामऊ (कानपुर शहर), खैर (अलीगढ़), फूलपुर (प्रयागराज) और कुंदरकी (मुरादाबाद) शामिल हैं. इन सीटों पर 20 नवंबर को उपचुनाव होंगे और नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.</p>
<p>इनमें से आठ सीटें मौजूदा विधायकों के लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद खाली हुई हैं, जबकि सीसामऊ में मौजूदा सपा विधायक इरफान सोलंकी को आपराधिक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उपचुनाव हो रहा है.</p>
<p>उपचुनाव में कुल 90 उम्मीदवार मैदान में हैं. सबसे ज्यादा 14 उम्मीदवार गाजियाबाद विधानसभा क्षेत्र से मैदान में हैं. वहीं, सबसे कम पांच—पांच उम्मीदवार खैर (सुरक्षित) और सीसामऊ सीटों पर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.</p>
<p>साल 2022 के विधानसभा चुनाव में सीसामऊ, कटेहरी, करहल और कुंदरकी सीटों पर सपा ने जीत हासिल की थी जबकि भाजपा ने फूलपुर, गाजियाबाद, मझवां और खैर पर जीत हासिल की थी. मीरापुर सीट राष्ट्रीय लोकदल के पास थी, जो अब भाजपा की सहयोगी है. कांग्रेस उपचुनाव नहीं लड़ रही है और इंडिया गठबंधन की अपनी सहयोगी सपा का समर्थन कर रही है. बहुजन समाज पार्टी अपने दम पर सभी नौ सीटों पर चुनाव लड़ रही है.</p>
<p>असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम ने गाजियाबाद, कुंदरकी और मीरापुर सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं जबकि चंद्रशेखर की आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने सीसामऊ को छोड़कर सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं.</p>
<p>उपचुनावों के नतीजों का 403 सदस्यीय उत्तर प्रदेश विधानसभा पर कोई सीधा असर नहीं पड़ेगा, लेकिन यह विभिन्न राजनीतिक दलों को एक संदेश देगा. सपा जहां सदन में अपनी संख्या बढ़ाने का लक्ष्य रखेगी, वहीं भाजपा और उसकी सहयोगी रालोद विधानसभा में अपनी उपस्थिति को और मजबूत करने की कोशिश करेगी.</p>
<p>वर्तमान में विधानसभा में भाजपा के 251 विधायक हैं, जबकि सपा के 105 विधायक हैं. भाजपा के सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के 13 विधायक हैं, रालोद के 8 विधायक हैं, सुभासपा के 6 विधायक हैं और निषाद पार्टी के 5 विधायक हैं. कांग्रेस और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के दो-दो विधायक हैं, जबकि बसपा का एक विधायक है. वर्तमान में दस सीटें खाली हैं.</p>
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Meerut News: पुलिस पर पथराव के बाद पुलिसकर्मियों की पिटाई, बंद घर में दीपावली की पूजा करने को लेकर हुआ था विवाद
Meerut News: पुलिस पर पथराव के बाद पुलिसकर्मियों की पिटाई, बंद घर में दीपावली की पूजा करने को लेकर हुआ था विवाद <p style=”text-align: justify;”><strong>Meerut News:</strong> मेरठ में बंद मकान में दीपावली की पूजा करने आए लोगों से मोहल्ले के लोगों की कहासुनी के बाद मारपीट हो गई, जिसमें जमकर पथराव हुआ. पुलिस मौके पर पहुंची तो पुलिस की गाड़ियों पर पथराव किया गया और पुलिसकर्मियों से भी मारपीट हो गई. घंटों की मशक्कत के बाद हालात काबू में आए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल पूरा मामला मेरठ के नौचंदी थाना इलाके के के-ब्लॉक साईं की बगिया का है. यहां एक बंद मकान में कुछ लोग दीपावली की पूजा करने आए थे. इसको लेकर मौहल्ले के लोगों ने विरोध जताया और हंगामा खड़ा कर दिया.इसको लेकर पहले कहासुनी हुई जो मारपीट में बदल गई.पुलिस को सूचना मिली तो वो भी मौके पर पहुंच गई, लेकिन पुलिस को देखते ही पथराव शुरू हो गया और पुलिस को निशाना बनाते हुए पुलिस की 112 नंबर गाड़ी पर भी पथराव किया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दहेज हत्या को लेकर गुस्से में थे इलाके के लोग</strong><br />लालकुर्ती थाना इलाके के कंकरखेड़ा क्षेत्र की रहने वाली निशाना वर्मा की शादी नौचंदी थाना इलाके के के-ब्लॉक सांईं की बगिया के रहने वाले दीपक वर्मा के साथ हुई थी. तीन महीने पहले निशा की मौत की खबर से सभी सहम उठे. निशा का शव फांसी के फंदे पर लटका हुआ था. निशा को लेकर ससुराल के लोग हॉस्पिटल पहुंचे तो डॉक्टर्स ने निशा को मृत घोषित कर दिया. इस बाद मायके वालों ने दहेज हत्या का आरोप लगाते हुए मुकदमा कायम कराया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आपसी कहासुनी के बाद हुई मारपीट</strong><br />दहेज हत्या के आरोप में पूरा परिवार घर का ताला डालकर कहीं और रह रहा था, लेकिन दीपावली की पूजा करने परिवार जब परिवार नौचंदी क्षेत्र के के-ब्लॉक साईं की बगियां में अपने घर पहुंचा और घर की लाइट जलाई तो ये बात पूरे मोहल्ले में फैल गई. लोग इकट्ठा हुए तो हंगामा होने लगा और पूरे परिवार को घेर लिया. हंगामा गाली गलौच में बदल गया और फिर कहासुनी के मारपीट हो गई. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>चार लोग पुलिस के हिरासत में</strong><br />पुलिस की डायल 112 पर पथराव करने और पुलिसकर्मियों से मारपीट की सूचना मिलते ही भारी पुलिस बल मौके पर पहुंच गया.पुलिसकर्मियों ने लाठियां फटकारकर भीड़ को तितर बितर किया और मारपीट करने और गाड़ी में तोड़फोड़ करने के आरोप में छह लोगों को हिरासत में ले लिया.एसपी सिटी मेरठ आयुष विक्रम सिंह का कहना है कि पुलिसवालों से अभद्रता करने और गाड़ी में तोड़फोन करने वालों से सख्ती से निपटेंगे.अभी चार लोगों को हिरासत में लिया और बाकी की पहचान की जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/sisamau-by-election-samajwadi-party-candidate-naseem-solanki-during-campaigning-shivling-puja-ann-2814543″>यूपी उपचुनाव में प्रचार के दौरान मंदिर पहुंचीं सपा की मुस्लिम प्रत्याशी, शिवलिंग पर किया जलाभिषेक</a></strong></p>
पटियाला में एनकाउंटर में बदमाश घायल:टेस्ट ड्राइव के बहाने लेकर भागा था थार गाड़ी, बदमाश का रिकार्ड खंगाल रही पुलिस
पटियाला में एनकाउंटर में बदमाश घायल:टेस्ट ड्राइव के बहाने लेकर भागा था थार गाड़ी, बदमाश का रिकार्ड खंगाल रही पुलिस पटियाला में नाभा में थार गाड़ी मामले में पटियाला पुलिस ने एनकाउंटर किया है। लूट के मामले में मुख्य आरोपी पुलिस की गोली लगने से जख्मी हो गया है। एसएसपी डॉ. नानक सिंह, एसपी और एसपीडी टीम के साथ पहुंचे। यह एनकाउंटर डकाला रोड पर संगरूर बाइपास एरिया में हुआ। गोली लगने से घायल हुए मुख्य आरोपी के खिलाफ तकरीबन 6 मामले दर्ज होने का रिकॉर्ड पुलिस ने हासिल किया है। जानकारी के अनुसार, नाभा के रहने वाले चिराग छाबड़ा (31) को सोशल मीडिया पर अपनी जीप बेचने के लिए एक पोस्ट सोशल मीडिया पर डाली थी। जीप बेचने की पोस्ट देखकर 3 युवक प्लानिंग के तहत बीते वीरवार शाम उसके घर पहुंचे और गाड़ी की टेस्ट ड्राइव लेने की बात कही। इसके चलते उक्त युवक भी आरोपियों के साथ गाड़ी में सवार होकर चला गया। घर से करीब 7-8 किलोमीटर दूर ले जाकर आरोपियों ने गाड़ी में बैठे युवक के सिर पर तेजधार हथियार से हमला कर उसे जख्मी कर बाहर फेंक दिया और गाड़ी लेकर फरार हो गए। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची थाना नाभा पुलिस ने पड़ताल शुरू कर दी थी। उधर, अस्पताल में दाखिल चिराग के सिर पर 10 टांके लगे थे। पुलिस ने की बदमाश की घेराबंदी आज दोपहर बाद पुलिस को सूचना मिली की थार गाड़ी लेकर भागा बदमाश बाइपास के नजदीक है। जिस पर पुलिस ने उनकी घेराबंदी की। इस दौरान बदमाश ने पुलिस पर हमला बोल दिया, जिस पर पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए फायरिंग की। पुलिस की गोली लगने से एक बदमाश घायल हो गया। आरोपी की पहचान सरोवर सिंह उर्फ लवली निवासी नाभा के तौर पर हुई है। इस आरोपी से पुलिस ने नाभा से लूटी गई थार जीप, 32 बोर की एक पिस्टल तीन जिंदा कारतूस और तीन खोल बरामद किए हैं। घायल लुटेरे के खिलाफ पटियाला, संगरूर, खन्ना में आधा दर्जन के करीब मामले दर्ज हैं।