जामिया के कैंपस में सैकड़ों छात्र जुटे, किया विरोध प्रदर्शन, जानें पूरा मामला

जामिया के कैंपस में सैकड़ों छात्र जुटे, किया विरोध प्रदर्शन, जानें पूरा मामला

<p style=”text-align: justify;”><strong>Jamia Millia Islamia Students Protest:</strong> दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के कैंपस में सैकड़ों छात्रों ने सोमवार (10 फरवरी) को विरोध प्रदर्शन किया. प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ छात्र इकट्ठा हुए और विरोध जताया. छात्रों की ओर से ये प्रदर्शन ऐसे समय में किया गया है जब यूनिवर्सिटी की अनुशासनात्मक समिति दो पीएचडी छात्रों के प्रोटेस्ट कार्यक्रम आयोजित करने के मामले की समीक्षा करने वाली है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>टीओआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक यूनिवर्सिटी की अनुशासनात्मक समिति (Disciplinary Committee) 2019 के सीएए विरोधी विरोध प्रदर्शनों की याद में वार्षिक समारोह के हिस्से के रूप में पिछले साल एक विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के आरोपी दो पीएचडी छात्रों के मामले की समीक्षा करेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जामिया में विरोध प्रदर्शन में कई छात्र संगठन शामिल</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जामिया के सैकड़ों छात्र प्रशासन के खिलाफ नारे लगाते हुए इकट्ठा हुए. उनके हाथों में ‘कैंपस लोकतंत्र बहाल करें’ जैसे संदेशों वाले पोस्टर थे. उन्होंने छात्रों की सक्रियता के दमन का आरोप लगाया. विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन, ऑल इंडिया रिवोल्यूशनरी स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन सहित कई लेफ्ट संबंधित छात्र संगठनों ने किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पीएचडी छात्रों की भूमिका की होगी जांच</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अनुशासनात्मक समिति 25 फरवरी को दो पीएचडी छात्रों की भूमिका की जांच करेगी, जिन्होंने कथित तौर पर 2024 में जामिया प्रतिरोध दिवस का आयोजन किया था, जो 2019 के सीएए विरोधी विरोध प्रदर्शनों की याद में एनिवर्सरी के तौर पर मनाया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>2019 में जामिया परिसर में दिल्ली पुलिस ने की थी कार्रवाई</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि 15 दिसंबर, 2019 को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बाद दिल्ली पुलिस जामिया परिसर में घुस गई थी. दिल्ली पुलिस ने कथित तौर पर जामिया परिसर में एंट्री की और नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान बाहरी लोगों की तलाश करते हुए लाइब्रेरी के अंदर छात्रों पर लाठीचार्ज किया. इस कार्रवाई से देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें:</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”दिल्ली में कब होगी BJP के विधायक दल की बैठक? इसमें ही चुना जाएगा मुख्यमंत्री का चेहरा” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-bjp-cm-bjp-legislature-party-meeting-on-15-or-16-february-in-delhi-parvesh-verma-2882132″ target=”_self”>दिल्ली में कब होगी BJP के विधायक दल की बैठक? इसमें ही चुना जाएगा मुख्यमंत्री का चेहरा</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Jamia Millia Islamia Students Protest:</strong> दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के कैंपस में सैकड़ों छात्रों ने सोमवार (10 फरवरी) को विरोध प्रदर्शन किया. प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ छात्र इकट्ठा हुए और विरोध जताया. छात्रों की ओर से ये प्रदर्शन ऐसे समय में किया गया है जब यूनिवर्सिटी की अनुशासनात्मक समिति दो पीएचडी छात्रों के प्रोटेस्ट कार्यक्रम आयोजित करने के मामले की समीक्षा करने वाली है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>टीओआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक यूनिवर्सिटी की अनुशासनात्मक समिति (Disciplinary Committee) 2019 के सीएए विरोधी विरोध प्रदर्शनों की याद में वार्षिक समारोह के हिस्से के रूप में पिछले साल एक विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के आरोपी दो पीएचडी छात्रों के मामले की समीक्षा करेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जामिया में विरोध प्रदर्शन में कई छात्र संगठन शामिल</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जामिया के सैकड़ों छात्र प्रशासन के खिलाफ नारे लगाते हुए इकट्ठा हुए. उनके हाथों में ‘कैंपस लोकतंत्र बहाल करें’ जैसे संदेशों वाले पोस्टर थे. उन्होंने छात्रों की सक्रियता के दमन का आरोप लगाया. विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन, ऑल इंडिया रिवोल्यूशनरी स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन सहित कई लेफ्ट संबंधित छात्र संगठनों ने किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पीएचडी छात्रों की भूमिका की होगी जांच</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अनुशासनात्मक समिति 25 फरवरी को दो पीएचडी छात्रों की भूमिका की जांच करेगी, जिन्होंने कथित तौर पर 2024 में जामिया प्रतिरोध दिवस का आयोजन किया था, जो 2019 के सीएए विरोधी विरोध प्रदर्शनों की याद में एनिवर्सरी के तौर पर मनाया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>2019 में जामिया परिसर में दिल्ली पुलिस ने की थी कार्रवाई</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि 15 दिसंबर, 2019 को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बाद दिल्ली पुलिस जामिया परिसर में घुस गई थी. दिल्ली पुलिस ने कथित तौर पर जामिया परिसर में एंट्री की और नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान बाहरी लोगों की तलाश करते हुए लाइब्रेरी के अंदर छात्रों पर लाठीचार्ज किया. इस कार्रवाई से देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे.</p>
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