जालंधर उपचुनाव से पहले कांग्रेस को झटका:नाराज पूर्व पार्षद राजीव टिक्का ने दिया इस्तीफा, टिकट के लिए किया था दावा

जालंधर उपचुनाव से पहले कांग्रेस को झटका:नाराज पूर्व पार्षद राजीव टिक्का ने दिया इस्तीफा, टिकट के लिए किया था दावा

पंजाब में जालंधर उपचुनाव से पहले दल बदलने का दौर शुरू हो गया है. कल कई बीजेपी नेता कांग्रेस में शामिल हुए थे. आज कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व पार्षद राजीव ओंकार टिक्का ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। मिली जानकारी के मुताबिक टिक्का पिछले काफी समय से कांग्रेस पार्टी से नाराज चल रहे थे, जिसके चलते उन्होंने ये कदम उठाया. वह जालंधर में होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस द्वारा नजरअंदाज किए जाने से नाराज थे. टिकट का ऐलान करते ही कांग्रेस को बड़ा झटका बता दें कि जालंधर वेस्ट हलके में उप चुनाव को लेकर कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार के तौर पर सुरिंदर कौर को मैदान में उतारा है। मगर सुरिंदर कौर को टिकट मिलने से कई पार्षद और नेता नाराज थे, क्योंकि वह भी टिकट की दावेदारी पेश कर रहे थे। अब टिक्का ने इस्तीफा देकर कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। टिक्का वेस्ट हलके में अपनी काफी पकड़ रखते हैं। टिक्का ने वेस्ट हलके से टिकट के लिए दावेदारी भी पेश की थी। मगर कांग्रेस ने उन्हें टिकट न देने के बजाए, सुरिंदर कौर को टिकट दे दिया। शीतल अंगुराल के इस्तीफे के बाद हो रहा उपचुनाव लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 27 मार्च को शीतल अंगुराल भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। लेकिन 29 मई को अंगुराल ने अपना इस्तीफा वापस लेने का मन बनाया था। 30 मई को अंगुराल ने अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए स्पीकर को पत्र लिखा था। 3 जून को स्पीकर ने अंगुराल को इस्तीफे पर बातचीत को लेकर बुलाया था। मगर 30 मई को अंगुराल का इस्तीफा मंजूर कर दिया गया। इस पर अंगुराल ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की बात कही थी। दिलचस्प बात यह है कि भगत और अंगुराल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी मैदान में थे। तब मोहिंदर भगत बीजेपी के उम्मीदवार थे और अंगुराल AAP की तरफ से कैंडिडेट थे। इस बार उलट हो गया है। भगत AAP के तो अंगुराल भाजपा के कैंडिडेट हैं। पंजाब में जालंधर उपचुनाव से पहले दल बदलने का दौर शुरू हो गया है. कल कई बीजेपी नेता कांग्रेस में शामिल हुए थे. आज कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व पार्षद राजीव ओंकार टिक्का ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। मिली जानकारी के मुताबिक टिक्का पिछले काफी समय से कांग्रेस पार्टी से नाराज चल रहे थे, जिसके चलते उन्होंने ये कदम उठाया. वह जालंधर में होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस द्वारा नजरअंदाज किए जाने से नाराज थे. टिकट का ऐलान करते ही कांग्रेस को बड़ा झटका बता दें कि जालंधर वेस्ट हलके में उप चुनाव को लेकर कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार के तौर पर सुरिंदर कौर को मैदान में उतारा है। मगर सुरिंदर कौर को टिकट मिलने से कई पार्षद और नेता नाराज थे, क्योंकि वह भी टिकट की दावेदारी पेश कर रहे थे। अब टिक्का ने इस्तीफा देकर कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। टिक्का वेस्ट हलके में अपनी काफी पकड़ रखते हैं। टिक्का ने वेस्ट हलके से टिकट के लिए दावेदारी भी पेश की थी। मगर कांग्रेस ने उन्हें टिकट न देने के बजाए, सुरिंदर कौर को टिकट दे दिया। शीतल अंगुराल के इस्तीफे के बाद हो रहा उपचुनाव लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 27 मार्च को शीतल अंगुराल भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। लेकिन 29 मई को अंगुराल ने अपना इस्तीफा वापस लेने का मन बनाया था। 30 मई को अंगुराल ने अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए स्पीकर को पत्र लिखा था। 3 जून को स्पीकर ने अंगुराल को इस्तीफे पर बातचीत को लेकर बुलाया था। मगर 30 मई को अंगुराल का इस्तीफा मंजूर कर दिया गया। इस पर अंगुराल ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की बात कही थी। दिलचस्प बात यह है कि भगत और अंगुराल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी मैदान में थे। तब मोहिंदर भगत बीजेपी के उम्मीदवार थे और अंगुराल AAP की तरफ से कैंडिडेट थे। इस बार उलट हो गया है। भगत AAP के तो अंगुराल भाजपा के कैंडिडेट हैं।   पंजाब | दैनिक भास्कर