जालंधर में सकरे बाजार खिंगरा गेट के पास दो पक्षों में दीपावली की रात हुए विवाद के बाद शनिवार देर शाम बदमाश मनु कपूर उर्फ मनु कपूर ढिल्लू, तोता और अन्य ने अपने साथियों के साथ गोलियां चला दी थी। जिसमें अली मोहल्ला के रहने वाले ऋषभ उर्फ बादशाह की मौत हो गई थी। देर रात थाना डिवीजन नंबर-3 की पुलिस ने मामले में हत्या, आर्म्स एक्ट सहित विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने तीन आरोपियों को हिरासत में ले लिया है। केस में मनु और उसके अन्य साथियों को नामजद किया गया है। आरोपियों ने अपने अवैध वेपन से करीब पांच रौंद फायर किए थे। बता दें कि मनु शहर के एक बड़े कांग्रेसी नेता का करीबी है। आरोपी मनु का फायरिंग के बाद क्राइम सीन से फरार होने का एक वीडियो भी देर रात सामने आया था। जिसमें वह वेपन अपने हाथ में लेकर फरार होता हुआ नजर आ रहा था। प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ हुई थी गहमा-गहमी ऋषभ ने इलाज के दौरान रामामंडी के जौहल अस्पताल में दम तोड़ दिया थी। वहीं, बस्ती भूरेखां का रहने वाले उसका साथी ईशू गंभीर रूप से जख्मी हुआ था। जिसके हाथ में गोली लगी थी। दोनों युवक अली मोहल्ला के रहने वाले चर्चित एसके भाइयों के काफी करीबी थे। गोली लगने के बाद सबसे पहले दोनों को सत्यम अस्पताल लेकर जाया गया था, जहां से उन्हें टैगोर भेजा गया और वहां से रेफर कर जोहल अस्पताल भेजा गया था। जहां ऋषभ की मौत हो गई थी। परिवार द्वारा जब हाईवे बंद किया गया तो इस दौरान दोस्तों और पारिवारिक सदस्यों की पुलिस के साथ जमकर गहमा गहमी हो गई थी। पुलिस कमिश्नर स्वपन शर्मा देर रात मौके पर पहुंचे, जिसके बाद हाईवे खोल दिया गया था। देर रात पुलिस कमिश्नर शर्मा ने पुष्टि की है कि तीन लोगों को उन्होंने हिरासत में के लिया था। ऋषभ काम से घर लौट रहा था, तब हुई वारदात पीड़ित पक्ष ने आरोप लगाया था कि हत्या के वक्त मनु का पिता भी मौके पर मौजूद था। ऋषभ बादशाह की मौत के बाद परिवार ने जोहल अस्पताल के बाहर से होशियारपुर हाईवे बंद कर दिया था। बादशाह की मौत के बाद से परिवार का रो रोकर बुरा हाल था। परिवार ने कहा- बादशाह अपने काम से घर वापस लौट रहा था। इस दौरान आरोपियों ने घेर कर वारदात को अंजाम दिया। वारदात के बाद मौके से फरार हुआ आरोपी मिली जानकारी के अनुसार गोली चलाने का आरोप खिंगरा गेट के रहने वाले मनु नाम के बदमाश पर है। बताया जाता है कि करीब पांच राउंड फायरिंग किए गए थे। आरोपी मौके से फरार हो गए। क्राइम सीन पर जांच के लिए पुलिस टीमें पहुंच गई थी। आसपास के लोगों ने बताया कि युवकों के गोलियां पेट में लगी है। क्राइम सीन पर जांच के लिए जालंधर कमिश्नरेट पुलिस की सीआईए स्टाफ और थाना डिवीजन नंबर-3 की पुलिस पहुंच गई थी। पुलिस ने क्राइम सीन से गोली के खोल बरामद किए गए थे। सीसीटीवी के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और वारदात में कौन कौन आरोपी शामिल है, उनकी पहचान की जा रही है। बता दें कि जिस युवक पर गोलियां चलाने का आरोप है, उस पर पहले भी कई मामला दर्ज हैं। जिसमें हत्या की कोशिश सहित कई गंभीर केस हैं। मनु के दूसरे साथी की पहचान तोता निवासी खिंगरा गेट के रूप में हुई है। जालंधर में सकरे बाजार खिंगरा गेट के पास दो पक्षों में दीपावली की रात हुए विवाद के बाद शनिवार देर शाम बदमाश मनु कपूर उर्फ मनु कपूर ढिल्लू, तोता और अन्य ने अपने साथियों के साथ गोलियां चला दी थी। जिसमें अली मोहल्ला के रहने वाले ऋषभ उर्फ बादशाह की मौत हो गई थी। देर रात थाना डिवीजन नंबर-3 की पुलिस ने मामले में हत्या, आर्म्स एक्ट सहित विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने तीन आरोपियों को हिरासत में ले लिया है। केस में मनु और उसके अन्य साथियों को नामजद किया गया है। आरोपियों ने अपने अवैध वेपन से करीब पांच रौंद फायर किए थे। बता दें कि मनु शहर के एक बड़े कांग्रेसी नेता का करीबी है। आरोपी मनु का फायरिंग के बाद क्राइम सीन से फरार होने का एक वीडियो भी देर रात सामने आया था। जिसमें वह वेपन अपने हाथ में लेकर फरार होता हुआ नजर आ रहा था। प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ हुई थी गहमा-गहमी ऋषभ ने इलाज के दौरान रामामंडी के जौहल अस्पताल में दम तोड़ दिया थी। वहीं, बस्ती भूरेखां का रहने वाले उसका साथी ईशू गंभीर रूप से जख्मी हुआ था। जिसके हाथ में गोली लगी थी। दोनों युवक अली मोहल्ला के रहने वाले चर्चित एसके भाइयों के काफी करीबी थे। गोली लगने के बाद सबसे पहले दोनों को सत्यम अस्पताल लेकर जाया गया था, जहां से उन्हें टैगोर भेजा गया और वहां से रेफर कर जोहल अस्पताल भेजा गया था। जहां ऋषभ की मौत हो गई थी। परिवार द्वारा जब हाईवे बंद किया गया तो इस दौरान दोस्तों और पारिवारिक सदस्यों की पुलिस के साथ जमकर गहमा गहमी हो गई थी। पुलिस कमिश्नर स्वपन शर्मा देर रात मौके पर पहुंचे, जिसके बाद हाईवे खोल दिया गया था। देर रात पुलिस कमिश्नर शर्मा ने पुष्टि की है कि तीन लोगों को उन्होंने हिरासत में के लिया था। ऋषभ काम से घर लौट रहा था, तब हुई वारदात पीड़ित पक्ष ने आरोप लगाया था कि हत्या के वक्त मनु का पिता भी मौके पर मौजूद था। ऋषभ बादशाह की मौत के बाद परिवार ने जोहल अस्पताल के बाहर से होशियारपुर हाईवे बंद कर दिया था। बादशाह की मौत के बाद से परिवार का रो रोकर बुरा हाल था। परिवार ने कहा- बादशाह अपने काम से घर वापस लौट रहा था। इस दौरान आरोपियों ने घेर कर वारदात को अंजाम दिया। वारदात के बाद मौके से फरार हुआ आरोपी मिली जानकारी के अनुसार गोली चलाने का आरोप खिंगरा गेट के रहने वाले मनु नाम के बदमाश पर है। बताया जाता है कि करीब पांच राउंड फायरिंग किए गए थे। आरोपी मौके से फरार हो गए। क्राइम सीन पर जांच के लिए पुलिस टीमें पहुंच गई थी। आसपास के लोगों ने बताया कि युवकों के गोलियां पेट में लगी है। क्राइम सीन पर जांच के लिए जालंधर कमिश्नरेट पुलिस की सीआईए स्टाफ और थाना डिवीजन नंबर-3 की पुलिस पहुंच गई थी। पुलिस ने क्राइम सीन से गोली के खोल बरामद किए गए थे। सीसीटीवी के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और वारदात में कौन कौन आरोपी शामिल है, उनकी पहचान की जा रही है। बता दें कि जिस युवक पर गोलियां चलाने का आरोप है, उस पर पहले भी कई मामला दर्ज हैं। जिसमें हत्या की कोशिश सहित कई गंभीर केस हैं। मनु के दूसरे साथी की पहचान तोता निवासी खिंगरा गेट के रूप में हुई है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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लॉरेंस इंटरव्यू मामले में HC की पंजाब सरकार को फटकार:पूछा-तत्कालीन SSP पर क्यों नहीं हुई कार्रवाई, इंटरव्यू का कैसे पता लगा पंजाब में पुलिस कस्टडी से गैंगस्टर लॉरेंस के टीवी इंटरव्यू मामले की (03 दिसंबर) को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने इस मामले में पंजाब सरकार को फटकार लगाई है। अदालत ने सरकार ने पूछा कि तत्कालीन एसएसपी पर अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई। अदालत ने कहा कि जब जेल में अपराध होता है तो जेल वार्डन को सस्पेंड किया जाता है। लेकिन जब जिले में घटना हुई है तो एसएसपी पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई है। इसी तरह अदालत ने यह भी पूछा कि पंजाब पुलिस को गैंगस्टर के इंटरव्यू का कैसे पता चला। सुनवाई में ने गृह सचिव भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे। अदालत ने उन्हें भी फटकार लगाई । साथ ही कहा कि अगली बार कार्रवाई नहीं हुई तो उच्च अधिकारी को तलब करेंगे। मामले की अगली सुनवाई 10 दिसंबर तय की गई है। ऐसे चली थी अदालत में सुनवाई सुनवाई की शुरुआत में पंजाब पुलिस की तरफ से इंटरव्यू के समय हुई प्रेस कांफ्रेंस की ट्रांस्क्रिप्ट अदालत को दी गई, जिसमें डीजीपी की तरफ से बताया गया था कि इंटरव्यू पंजाब की जेल में नहीं हुआ है। अदालत ने पूछा कि आपको इंटरव्यू होने का पता कैसे लगा था। इसके बाद अदालत ने दूसरा प्वाइंट उठाया कि तत्कालीन एसएसपी पर क्या कार्रवाई की गई है। लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिला है। अदालत ने पूछा कि आरोपी को क्याें बचाया जा रहा है। फिर अदालत ने जेल वार्डन की दलील दी। फिर अदालत को बताया कि जो अधिकारी संस्पेंड किए है। उनके खिलाफ जांच रिटायर जज द्वारा की जा रही है। अदालत ने कहा कि यह हमें तय करना है कि जांच किससे करवानी है। हालांकि सरकार ने बताया कि रिटायर जज की अगुवाई में जांच चल रही है। वहीं, सरकार ने बताया कि जिन अधिकारियों पर कार्रवाई की गई हैं, उन्हें पब्लिक डीलिंग से हटा दिया गया है। छोटे अधिकारियों का बली का बकरा न बनाया जाए पंजाब पुलिस की तरफ से पहले इंटरव्यू के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की गई हैं। इसमें DSP से लेकर हेड कॉन्स्टेबल रैंक तक के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं। इसमें DSP गुरशेर सिंह (अमृतसर स्थित 9 बटालियन), DSP समर वनीत, सब इंस्पेक्टर रीना (CIA खरड़ में तैनात), सब इंस्पेक्टर जगतपाल जंगू (AGTF में तैनात), सब इंस्पेक्टर शगनजीत सिंह (AGTF), ASI मुखत्यार सिंह और हेड कॉन्स्टेबल ओम प्रकाश शामिल हैं। जबकि दूसरे इंटरव्यू की जांच राजस्थान पुलिस कर रही हैं। हालांकि गत सुनवाई पर अदालत ने कहा था कि छोटे अधिकारियों काे बली का बकरा न बनाया जाए। पहले इंटरव्यू में मूसेवाला के कत्ल की जिम्मेदारी ली लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च 2023 को ब्रॉडकास्ट हुआ था। इसमें लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाने की बात कबूल की थी। लॉरेंस का कहना था कि मूसेवाला सिंगिंग के बजाय गैंगवार में घुस रहा था। उसके कॉलेज फ्रैंड अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा के कत्ल में भी मूसेवाला का हाथ था, इसलिए उसे मरवाया। SIT रिपोर्ट के मुताबिक ये वही इंटरव्यू है, जो उसने CIA की कस्टडी से दिया। दूसरे इंटरव्यू में बैरक से कॉल करने का दिया सबूत लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू देने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर लेता है। लॉरेंस ने मोबाइल के अंदर आने के बारे में भी जानकारी दी थी। लॉरेंस के अनुसार मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाता है। इन अधिकारियों पर पुलिस ने कार्रवाई की पंजाब पुलिस की तरफ से पहले इंटरव्यू के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की गई हैं। इसमें DSP से लेकर हेड कॉन्स्टेबल रैंक तक के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं। इसमें DSP गुरशेर सिंह (अमृतसर स्थित 9 बटालियन), DSP समर वनीत, सब इंस्पेक्टर रीना (CIA खरड़ में तैनात), सब इंस्पेक्टर जगतपाल जंगू (AGTF में तैनात), सब इंस्पेक्टर शगनजीत सिंह (AGTF), ASI मुखत्यार सिंह और हेड कॉन्स्टेबल ओम प्रकाश शामिल हैं। जबकि दूसरे इंटरव्यू की जांच राजस्थान पुलिस कर रही हैं। गैंगस्टर के 2 इंटरव्यू वायरल हुए थे। SIT की रिपोर्ट के मुताबिक पहला इंटरव्यू 3 और 4 सितंबर 2023 को हुआ है। लॉरेंस उस समय पंजाब में CIA खरड़ में रखा गया था। दूसरा इंटरव्यू राजस्थान की जयपुर स्थित सेंट्रल जेल में हुआ है। पंजाब के DGP ने खारिज किया था दावा गैंगस्टर लॉरेंस के इंटरव्यू जारी होने के बाद पंजाब पुलिस पर सवाल उठे थे। इसके बाद पंजाब के DGP गौरव यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। जिसमें उन्होंने दावा किया था कि इंटरव्यू बठिंडा या पंजाब की किसी भी जेल से नहीं हुआ है। DGP ने लॉरेंस की 2 तस्वीरें दिखाते हुए कहा था- जब लॉरेंस को बठिंडा जेल लाया गया तो उसके बाल कटे थे और दाढ़ी-मूछ नहीं थी।
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