जालंधर पहुंचे AAP नेता राघव चड्ढा:सचखंड डेरा बल्लां में माथा टेका, संत निरंजन दास के दरबार में हाजिरी लगाई

जालंधर पहुंचे AAP नेता राघव चड्ढा:सचखंड डेरा बल्लां में माथा टेका, संत निरंजन दास के दरबार में हाजिरी लगाई

पंजाब की राजनीति में डेरों का शुरू से ही प्रभाव रहा है। जब भी चुनाव आते हैं, नेता डेरों में जाना शुरू कर देते हैं। आज आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा जालंधर के सचखंड बल्लां पहुंचे और संत श्री निरंजन दास महाराज से आशीर्वाद लिया। जालंधर में रविदास समुदाय की मजबूत पकड़ है, जिसके चलते डेरा बल्लां अपने आप में बड़ा गेम चेंजर साबित हो सकता है। जालंधर सीट पर सभी उम्मीदवार रविदास समाज से बता दे कि जालंधर में डेरा बल्लां को लुभाने के लिए हर पार्टी ने अपना उम्मीदवार रविदास समाज से संबंध रखने वाले को ही उतारा है। ताकि डेरा बल्लां और रविदास समाज का उन्हें स्पॉट मिल सके। क्योंकि डेला बल्लां जालंधर जिले से सहित पंजाब में अपना काफी प्रभाव रखता है। बता दें कि डेरा बल्लां में कई वरिष्ठ नेता संत निरंजन दास का आशीर्वाद लेने पहुंच चुके हैं। जिनमें दिल्ली की सीएम केजरीवाल, पंजाब के सीएम भगवंत मान, आप के वरिष्ठ नेता राघव चड्ढा और अन्य के नाम शामिल हैं। डेरों के फेरे जरूरी क्यों… पंजाब में बने ज्यादातर डेरे कभी किसी एक पार्टी या उम्मीदवार को खुले तौर पर समर्थन नहीं देते। राजनीतिक तौर पर डेरे निष्पक्ष रहते हैं। इसके बावजूद वोटरों में उनका सियासी दबदबा बरकरार रहता है। जालंधर चुनाव की बात करें तो यहां सबसे पावरफुल रविदासिया समाज का सबसे बड़ा धर्मस्थल डेरा सचखंड बल्लां हैं। उनके करीब पंजाब लाख अनुयायी जालंधर लोकसभा सीट पर वोटर हैं। इन्हीं वोटों पर नजर रख नेता डेरे पहुंचते हैं। दूसरे नंबर पर नूरमहल डेरा है। हालांकि फिलहाल यह डेरा ज्यादा एक्टिव नजर नहीं आ रहा। पंजाब की राजनीति में डेरों का शुरू से ही प्रभाव रहा है। जब भी चुनाव आते हैं, नेता डेरों में जाना शुरू कर देते हैं। आज आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा जालंधर के सचखंड बल्लां पहुंचे और संत श्री निरंजन दास महाराज से आशीर्वाद लिया। जालंधर में रविदास समुदाय की मजबूत पकड़ है, जिसके चलते डेरा बल्लां अपने आप में बड़ा गेम चेंजर साबित हो सकता है। जालंधर सीट पर सभी उम्मीदवार रविदास समाज से बता दे कि जालंधर में डेरा बल्लां को लुभाने के लिए हर पार्टी ने अपना उम्मीदवार रविदास समाज से संबंध रखने वाले को ही उतारा है। ताकि डेरा बल्लां और रविदास समाज का उन्हें स्पॉट मिल सके। क्योंकि डेला बल्लां जालंधर जिले से सहित पंजाब में अपना काफी प्रभाव रखता है। बता दें कि डेरा बल्लां में कई वरिष्ठ नेता संत निरंजन दास का आशीर्वाद लेने पहुंच चुके हैं। जिनमें दिल्ली की सीएम केजरीवाल, पंजाब के सीएम भगवंत मान, आप के वरिष्ठ नेता राघव चड्ढा और अन्य के नाम शामिल हैं। डेरों के फेरे जरूरी क्यों… पंजाब में बने ज्यादातर डेरे कभी किसी एक पार्टी या उम्मीदवार को खुले तौर पर समर्थन नहीं देते। राजनीतिक तौर पर डेरे निष्पक्ष रहते हैं। इसके बावजूद वोटरों में उनका सियासी दबदबा बरकरार रहता है। जालंधर चुनाव की बात करें तो यहां सबसे पावरफुल रविदासिया समाज का सबसे बड़ा धर्मस्थल डेरा सचखंड बल्लां हैं। उनके करीब पंजाब लाख अनुयायी जालंधर लोकसभा सीट पर वोटर हैं। इन्हीं वोटों पर नजर रख नेता डेरे पहुंचते हैं। दूसरे नंबर पर नूरमहल डेरा है। हालांकि फिलहाल यह डेरा ज्यादा एक्टिव नजर नहीं आ रहा।   पंजाब | दैनिक भास्कर