हरियाणा में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सिरसा और रोहतक में बोगस वोटिंग पर दिए बयान पर पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पलटवार किया है। दिल्ली में पूर्व सीएम हुड्डा ने कहा है कि बोगस वोटिंग पर एक्शन लेने वाले के लिए पावर होनी चाहिए, फिर किस अधिकार से एक्शन लेने की बात की जा रही है। हुड्डा ने कहा कि जब केंद्र और राज्य में सरकार उनकी थी, पोलिंग एजेंट भी उनके थे, तब आखिर बोगस वोटिंग कैसे हो गई। कांग्रेस के CLP लीडर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पूर्व सीएम मनोहर लाल के द्वारा अधिकारियों और कर्मचारियों को धमकाने पर पर भी सवाल उठाए हैं, उन्होंने कहा है कि वह किस हैसियत से अधिकारियों को धमका रहे हैं। हरियाणा में शांति पूर्वक वोटिंग वोटिंग को लेकर पूर्व सीएम ने कहा कि हरियाणा में बोगस वोटिंग कही नहीं हुई है। पूरे प्रदेश में शांतिपूर्वक मतदान हुआ है, इसके लिए मैं पूरे हरियाणा के लोगों को धन्यवाद देता हूं। हुड्डा दावा किया कि कांग्रेस हरियाणा में क्लीन स्वीप करने जा रही है। इस बार हरियाणा में कांग्रेस के पक्ष में लहर थी। इसकी वजह यह रही कि बीजेपी ने जो वादे किए वह पूरे नहीं किए। इसके अलावा अग्निवीर योजना को लेकर भी लोगों में काफी रोष था। अधिकारियों को कह चुके काली भेड़ें हरियाणा के पूर्व CM एवं करनाल लोकसभा प्रत्याशी मनोहर लाल ने कांग्रेस पर बोगस वोटिंग के आरोप तो लगाए ही हैं। अब उन्होंने कुछ अधिकारियों को काली भेड़ तक कह दिया है। उन्होंने कहा है कि प्रशासन में कुछ काली भेड़े हैं, जिनको मौके पर नहीं पकड़ा जाता, लेकिन बाद में देखने पर पता चल जाता है। उनकी रिपोर्ट भी बाद में आती है, लेकिन 6 जून के बाद उन सब पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि कई जगह से कांग्रेस द्वारा बोगस वोटिंग की शिकायतें आई है और उन जगहों पर बोगस वोटिंग हुई है तो निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी। किसी को बख्शा नहीं जाएगा। पूर्व सीएम मनोहर लाल ने करनाल दौरे के दौरान यह बयान दिया है। हरियाणा में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सिरसा और रोहतक में बोगस वोटिंग पर दिए बयान पर पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पलटवार किया है। दिल्ली में पूर्व सीएम हुड्डा ने कहा है कि बोगस वोटिंग पर एक्शन लेने वाले के लिए पावर होनी चाहिए, फिर किस अधिकार से एक्शन लेने की बात की जा रही है। हुड्डा ने कहा कि जब केंद्र और राज्य में सरकार उनकी थी, पोलिंग एजेंट भी उनके थे, तब आखिर बोगस वोटिंग कैसे हो गई। कांग्रेस के CLP लीडर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पूर्व सीएम मनोहर लाल के द्वारा अधिकारियों और कर्मचारियों को धमकाने पर पर भी सवाल उठाए हैं, उन्होंने कहा है कि वह किस हैसियत से अधिकारियों को धमका रहे हैं। हरियाणा में शांति पूर्वक वोटिंग वोटिंग को लेकर पूर्व सीएम ने कहा कि हरियाणा में बोगस वोटिंग कही नहीं हुई है। पूरे प्रदेश में शांतिपूर्वक मतदान हुआ है, इसके लिए मैं पूरे हरियाणा के लोगों को धन्यवाद देता हूं। हुड्डा दावा किया कि कांग्रेस हरियाणा में क्लीन स्वीप करने जा रही है। इस बार हरियाणा में कांग्रेस के पक्ष में लहर थी। इसकी वजह यह रही कि बीजेपी ने जो वादे किए वह पूरे नहीं किए। इसके अलावा अग्निवीर योजना को लेकर भी लोगों में काफी रोष था। अधिकारियों को कह चुके काली भेड़ें हरियाणा के पूर्व CM एवं करनाल लोकसभा प्रत्याशी मनोहर लाल ने कांग्रेस पर बोगस वोटिंग के आरोप तो लगाए ही हैं। अब उन्होंने कुछ अधिकारियों को काली भेड़ तक कह दिया है। उन्होंने कहा है कि प्रशासन में कुछ काली भेड़े हैं, जिनको मौके पर नहीं पकड़ा जाता, लेकिन बाद में देखने पर पता चल जाता है। उनकी रिपोर्ट भी बाद में आती है, लेकिन 6 जून के बाद उन सब पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि कई जगह से कांग्रेस द्वारा बोगस वोटिंग की शिकायतें आई है और उन जगहों पर बोगस वोटिंग हुई है तो निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी। किसी को बख्शा नहीं जाएगा। पूर्व सीएम मनोहर लाल ने करनाल दौरे के दौरान यह बयान दिया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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दिल्ली की लड़की से लव जिहाद मामला:हिंदू बनकर युवक ने फंसाया, गर्भवती हुई, शादी के लिए कहने पर हत्या, डेढ़ साल पहले संपर्क
दिल्ली की लड़की से लव जिहाद मामला:हिंदू बनकर युवक ने फंसाया, गर्भवती हुई, शादी के लिए कहने पर हत्या, डेढ़ साल पहले संपर्क दिल्ली की युवती से लव जिहाद का मामले सामने आया है। आरोपी मुस्लिम युवक ने हिंदू बनकर युवती को प्यार के जाल में फंसाया। वहीं जब युवती ने गर्भवती होने के बाद शादी के लिए कहा तो उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। जिसका शव रोहतक के गांव मदीना के खेतों में मिला। मृतका के शव को पोस्टमार्टम के लिए रोहतक पीजीआई में लाया गया है। जहां पर डाक्टरों के बोर्ड द्वारा मृतका के शव का पोस्टमार्टम करवाया गया। मृतका की पहचान दिल्ली के नांगलोई निवासी करीब 20 वर्षीय सोनी के रूप में हुई है। जिसे करीब एक डेढ़ साल से सलीम ने अपना नाम संजू बताकर प्रेम जाल में फंसाया। इसी बीच लड़की गर्भवती भी हो गई। लड़की के गर्भवती होने के कारण उससे शादी करने का दवाब बना रही थी। जबकि संजू उर्फ सलीम, शादी से इनकार कर दिया था। रास्ते से हटाने के लिए रची हत्या की साजिश
सलीम ने सोनी को अपने रास्ते से हटाने के लिए उसकी हत्या की साजिश रच डाली। 20 अक्टूबर को करवा चौथ के दिन सोनी को घुमाने के बहाने घर से बुलाया और अपने दो और साथी पंकज और ऋतिक के साथ कार में लेकर चल पड़ा। इसी बीच सलीम ने सोनी का गला दबाकर हत्या कर दी। वहीं, ऋतिक सोनीपत जिले के गांव कथुरा का रहने वाला और गांव मदीना का भांजा है। सोनी की हत्या कर शव को ठिकाने लगाने के लिए ऋतिक उन्हें गांव मदीना के सुनसान खेतो में ले आया और तीनों ने खेत में गड्ढा खोदकर शव को गाड़ दिया और वापस नांगलोई आ गए। फोन पर बातचीत के दौरान हुआ संदेह
मृतका के भाई मनीष ने बताया कि उसने फोन कर संजू उर्फ सलीम से सोनी के घर नहीं आने की बात पूछी और कब तक आएगी तो उसने बहाना बनाया कि उसके साथ नहीं है। वह कहीं जंगल में फोन के दौरान वे गड्ढे की खोदने की बात कर रहे थे। दो दिन तक सोनी घर नहीं आई तो पुलिस में उसके प्रेमी के पास जाने की शिकायत दी। दिल्ली पुलिस ने उसके प्रेमी को हिरासत में लिया तो उसने कबूल किया कि सोनी की गला दबा कर हत्या कर दी और उसका शव मदीना के खेतों में गाड़ हुआ है। नाम बदलकर फंसाया
मनीष ने बताया कि पहले हमें नहीं पता था कि लड़का मुस्लिम है। वह करीब डेढ़ साल से उसके साथ संपर्क में थी। इसी बीच वह गर्भवती हो गई और अब करीब सात माह की गर्भवती थी। इसके बाद युवती ने शादी की बात कही, लेकिन आरोपी इनकार कर रहा था। शादी का झांसा देकर उसे फंसाया है। उसने बताया कि आरोपी ने अपना नाम संजू बताया था। जब आरोपी के परिवार वालों से संपर्क किया तो पता चला कि आरोपी हिंदू नहीं मुस्लिम है और उसका असली नाम सलीम है। मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं
लड़की के पिता शंकर ने बताया कि वह मूल रूप से बिहार का रहने वाला है। कई साल से वह नांगलोई (दिल्ली) में रहता है। उसके तीन बच्चे (दो बेटी व एक बेटा) है और वह चारे की दुकान चलाता है। दोनों बेटियों में सोनी बड़ी थी। उसने कहा कि लड़की के बारे में उसे कुछ ज्यादा पता नहीं था। अगर उसे पता होता तो यह नहीं होने देता। उन्हें नहीं पता था कि लड़का हिंदू नहीं है।
भाजपा से मिला धोखा, कांग्रेस से है सावित्री को आस:टिकट नहीं मिली तो निर्दलीय लड़ेंगी चुनाव, बेटे ने दी कांग्रेस में ना जाने की सलाह
भाजपा से मिला धोखा, कांग्रेस से है सावित्री को आस:टिकट नहीं मिली तो निर्दलीय लड़ेंगी चुनाव, बेटे ने दी कांग्रेस में ना जाने की सलाह हरियाणा में हिसार से भाजपा की टिकट ना मिलने पर नाराज चल रही भारत की चौथी सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल अब कांग्रेस से टिकट की आस लगाकर बैठी हैं। अगर कांग्रेस भी उन्हें टिकट नहीं देती तो वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगी। जिंदल समर्थक रोजाना जिंदल हाउस फोन मिलाकर पूछ रहे हैं कि मैडम कब नामांकन भरेंगी? मगर जिंदल हाउस के अंदर अभी तक किसी के पास भी इस बात का जवाब नहीं है। सबकी निगाहें अब कांग्रेस पर आकर टिक गई हैं। चूंकी जिंदल परिवार पहले कांग्रेस में ही था इसलिए उन्हें उम्मीद है कि कांग्रेस उन्हें हिसार से टिकट जरूर देगी। सावित्री जिंदल 2 बार कांग्रेस की टिकट पर ही हिसार से विधायक बनी थी। इससे पहले इनके पति ओमप्रकाश जिंदल हिसार से ही विधायक रहे हैं। अपने पुराने रिकॉर्ड के हिसाब से जिंदल परिवार को कांग्रेस से टिकट मिलने की उम्मीद है। कांग्रेस की सूची जारी होने के बाद सावित्री जिंदल आगे का फैसला करेंगी। हालांकि सावित्री जिंदल के बेटे नवीन जिंदल लगातार अपनी मां को कांग्रेस में ना जाने की सलाह दे रहे हैं। जिंदल हाउस पर पसरा सन्नाटा
भाजपा से टिकट कटने के बाद ही सावित्री जिंदल हिसार से बाहर हैं और लगातार दिल्ली में सक्रिय हैं। वो चुनाव लड़ने का फैसला ले चुकी हैं और चुनावी रण में उतरने के लिए पूरी तरह से तैयार नजर आ रही हैं। हालांकि जिंदल हाउस पर सन्नाटा पसरा है, किसी को नहीं पता कि सावित्री जिंदल का अगला कदम क्या होगा। 6 दिन बाद भी किसी निर्णय पर नहीं पहुंचा जिंदल परिवार
बता दें कि भाजपा ने 4 सितंबर को 67 कैंडिडेट की लिस्ट जारी की थी। लिस्ट आते ही पार्टी में बगावत शुरू हो गई थी। कई पदाधिकारियों ने सोशल मीडिया पर ही इस्तीफा दे दिया था। वहीं, 5 सितंबर की सुबह सावित्री जिंदल ने भी बगावत कर दी है। भाजपा से टिकट न मिलने के बाद उन्होंने हिसार से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था। सावित्री जिंदल ने समर्थकों से कहा था कि- मैं भाजपा की प्राथमिक सदस्य नहीं हूं। मैं चुनाव न लड़ने के बारे में बोलने के लिए दिल्ली से वापस आई थी, लेकिन आपका प्यार और विश्वास देखकर मैं चुनाव लड़ूंगी। सावित्री मशहूर उद्योगपति और कुरूक्षेत्र से भाजपा सांसद नवीन जिंदल की मां हैं। हिसार सीट पर उनका मुकाबला भाजपा के प्रत्याशी मंत्री डॉ. कमल गुप्ता से होगा। चुनाव लड़ा तो कड़ी टक्कर दे सकती हैं सावित्री जिंदल
सावित्री जिंदल अगर हिसार विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ती हैं तो विरोधियों को कड़ी टक्कर दे सकती हैं। जिंदल परिवार 1991 से हिसार सीट से चुनाव लड़ता आ रहा है। सबसे पहले स्व. ओपी जिंदल ने चौधरी बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी की टिकट पर हिसार से चुनाव लड़ा और पहले ही चुनाव में जीत दर्ज की थी। जिंदल परिवार राजनीति के साथ ही समाजसेवा से भी जुड़ा हुआ है। हिसार में उन्होंने कई स्कूल और अस्पताल खोले हुए हैं। इसके अलावा हिसार में जिंदल इंडस्ट्रीज में कई स्थानीय लोगों को नौकरी भी दी है। जिंदल परिवार का कोर वोटर हिसार में हैं जो सिर्फ जिंदल हाउस के कहने पर ही चलता है। डॉ. कमल गुप्ता मंत्री पद जरूर रहे लेकिन हिसार में उनके प्रति नाराजगी लगातार सामने आती रही है और इसका फायदा भी सावित्री जिंदल को मिल सकता है। सावित्री जिंदल 2.77 लाख करोड़ की मालकिन
जिंदल परिवार की मुखिया और जिंदल समूह की चेयरपर्सन सावित्री जिंदल फॉर्च्यून इंडिया की लिस्ट के मुताबिक, देश में चौथे नंबर पर सबसे अमीर हैं। इसके अलावा वह देश की सबसे अमीर महिला भी हैं। सावित्री जिंदल हरियाणा के हिसार की रहने वाली हैं और स्टील किंग स्व. ओपी जिंदल की पत्नी हैं। फॉर्च्यून इंडिया की सूची के मुताबिक, 74 वर्षीय सावित्री देवी जिंदल लगभग 2.77 लाख करोड़ रुपए की मालकिन हैं।
सैलजा गुट के नेता का हुड्डा पर हमला:कहा, हरियाणा की जिम्मेदारी ऐसे नेता को सौंपी, जिसकी अपने हलके में पकड़ नहीं थी
सैलजा गुट के नेता का हुड्डा पर हमला:कहा, हरियाणा की जिम्मेदारी ऐसे नेता को सौंपी, जिसकी अपने हलके में पकड़ नहीं थी हरियाणा में कांग्रेस गुटबाजी थमने का नाम नहीं ले रही। विधानसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद सैलजा गुट के नेता लगातार भूपेंद्र हुड्डा पर हमलावर हैं। ताजा बयान पूर्व प्रदेश प्रवक्ता व हरियाणा के पिछड़ा वर्ग उपाध्यक्ष एडवोकेट मुकेश सैनी का आया है। मुकेश सैनी ने आरोप लगाया कि इस विधानसभा चुनाव में पार्टी की बागडोर ऐसे प्रदेश अध्यक्ष के हाथों में थी, जो लगातार 2 बार से अपने खुद के हलके से चुनाव हार रहा हो और अब भी विधानसभा चुनाव में मिली हार दर्शाती है कि इस नेता की अपने हलके में कितनी पकड़ है। मुकेश सैनी ने कहा कि ऐसे नेता कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री रही किरण चौधरी के बारे में कहते कि क्या है किरण चौधरी? जबकि किरण चौधरी ने दूसरी पार्टी में जाकर भी अपनी पुत्री सहित अन्य कई सीटों पर चुनाव जीतवाने का काम किया। इसी बर्ताव के चलते ही किरण चौधरी जैसी कद्दावर नेता को पार्टी छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा कि कुमारी सैलजा के प्रति सरेआम जातिसूचक अपशब्दों का इस्तेमाल हुआ। इसके बावजूद भी पार्टी के आला नेताओं ने कोई कार्रवाई नहीं की। जिसका परिणाम आज पार्टी को विधानसभा चुनाव में शिकस्त के रूप में भुगतना पड़ रहा है। सैलजा गुट के नेता के हुड्डा पर 4 आरोप
1. कुमारी सैलजा सहित अन्य सभी वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार करते हुए केवल एक नेता विशेष को टिकट वितरण में अहमियत देते हुए मजबूत प्रत्याशियों की लगातार अनदेखी की गई। ऐसा करके पीढ़ी दर पीढ़ी कांग्रेस पार्टी के प्रति समर्पित कार्यकर्ताओं का गला काटने जैसा कृत्य किया गया। 2. कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशियों को हराने के लिए ही चुनाव मैदान में उतरे निर्दलीय बागी कांग्रेसियों को समझा बुझाकर बैठाने का प्रयास तक नहीं किया गया। अंबाला कैंट से कांग्रेस प्रत्याशी परविंदर परी के सामने चुनाव मैदान में उतरी बागी कांग्रेसी चित्रा सरवारा, उचाना में कांग्रेस प्रत्याशी बृजेंद्र सिंह के सामने बागी कांग्रेसी वीरेंद्र घोघड़िया को मनाकर नहीं बैठाया गया। 3. नलवा से कांग्रेस प्रत्याशी अनिल मान के खिलाफ पर्चा भरने वाले प्रो. संपत सिंह को व हांसी से कांग्रेस प्रत्याशी राहुल मक्कड़ के सामने उतरे प्रेम सिंह मलिक व सुमन शर्मा और अंबाला सिटी से कांग्रेस प्रत्याशी निर्मल सिंह के सामने खड़े बागी कांग्रेसियों हिम्मत सिंह व जसवीर मल्लौर के नामांकन वापस करवा लिए गए, क्योंकि इन सीटों पर नेता विशेष के समर्थक प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। 4. प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने नेता विशेष के प्रभाव में आकर सिर्फ अपने चहेतों को टिकटें बांटी और चुनाव के वक्त बीमार होकर घर बैठ गए। आलाकमान को इस प्रकार की अहम जिम्मेदारी किसी अन्य नेता को सौंप देनी चाहिए थी। कांग्रेस आलाकमान से की मांग
मुकेश सैनी ने कांग्रेस आलाकमान से मांग की है कि पार्टी को धरातल पर लेकर जाने वाले ऐसे नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसे स्वयंभू वरिष्ठ नेताओं के अड़ियल रवैये और केवल खुद को सर्वोपरि रखने की मानसिकता के चलते ही कांग्रेस को आज हरियाणा की सत्ता से हाथ धोना पड़ा है।