पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु को ईडी ने गुरुवार 1 अगस्त को जालंधर में पूछताछ के लिए बुलाया था। देर शाम ईडी अधिकारियों ने पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया। 9 घंटे तक ईडी अधिकारियों ने आशु से उसकी बढ़ी हुई संपत्ति और विदेशों में लेनदेन के बारे में पूछताछ की। ईडी ने आशु को कोर्ट में पेश कर 5 दिन का रिमांड लिया है। आज फिर आशु को संविधान चौक के पास कोर्ट में पेश किया जाएगा। ईडी के सवालों का जवाब आशु नहीं दे पाए। ईडी पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान मंत्री रहते हुए आशु की बढ़ी हुई संपत्ति की जांच कर रही है। ईडी को कई विदेशी लेनदेन का भी पता चला है। ईडी ने जांच में पाया है कि भारत भूषण उर्फ आशु ने कई फर्जी संस्थाओं के जरिए अपराध की कमाई (पीओसी) को सफेद किया और अपने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर संपत्तियां खरीदीं। करीबियों पर भी गिरेगी गाज ईडी ने अब आशु के करीबियों की भी जांच शुरू कर दी है। आशु के करीबियों पर गाज गिरनी तय है। कई नजदीकियों के खातों को ईडी खंगाल चुकी है। बाकी के कुछ लोगों के सूची बन रही है। इस बीच ईडी को आशु व उसके करीबियों के खातों में विदेशी लेनदेन का भी पता चला है। जिससे आशु की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पंजाब में 24 जगहों पर छापेमारी की गई आशु की गिरफ्तारी से पहले ईडी ने पंजाब टेंडर घोटाला मामले में 24 अगस्त 2023, 04 सितंबर 2023 और 06 सितंबर 2023 को भारत भूषण आशु और उनके सहयोगियों के आवासीय परिसरों में लुधियाना, मोहाली, नवांशहर और चंडीगढ़ (पंजाब) में 24 जगहों पर छापेमारी की थी। तलाशी अभियान के दौरान नगदी जब्त की गई और बैंक खातों में पड़ी राशि को फ्रीज कर दिया गया। संपत्ति, सोने के आभूषण और सोने के सिक्कों की कुल राशि को फ्रीज कर दिया गया। इस मामले में जब्ती और फ्रीजिंग सहित बरामदगी का कुल मूल्य 8.46 करोड़ रुपये से अधिक था। जानिए क्या है टेंडर घोटाला: स्कूटर, बाइक पर दिखाया माल का परिवहन श्रम परिवहन टेंडर घोटाले में आरोपी वाहनों पर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर अनाज मंडियों में माल का परिवहन करते थे। वहीं, आरोपियों ने टेंडर लेने से पहले विभाग में गलत वाहनों के नंबर लिखवा लिए थे। जांच में पता चला कि जो नंबर लिखवाए गए थे, वे स्कूटर, बाइक आदि दोपहिया वाहनों के थे। जिन वाहनों पर ये नंबर लगे हैं, वे माल ढोने के लिए मान्य नहीं हैं। इस मामले में करीब 2 महीने पहले कुछ ट्रांसपोर्ट मालिकों और ठेकेदारों ने तत्कालीन कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु पर कुछ ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने और करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था। अब इस मामले में जांच के बाद विजिलेंस ने एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारियां शुरू कर दी हैं। आशु पर भी टेंडरिंग में 2 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप है। पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु को ईडी ने गुरुवार 1 अगस्त को जालंधर में पूछताछ के लिए बुलाया था। देर शाम ईडी अधिकारियों ने पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया। 9 घंटे तक ईडी अधिकारियों ने आशु से उसकी बढ़ी हुई संपत्ति और विदेशों में लेनदेन के बारे में पूछताछ की। ईडी ने आशु को कोर्ट में पेश कर 5 दिन का रिमांड लिया है। आज फिर आशु को संविधान चौक के पास कोर्ट में पेश किया जाएगा। ईडी के सवालों का जवाब आशु नहीं दे पाए। ईडी पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान मंत्री रहते हुए आशु की बढ़ी हुई संपत्ति की जांच कर रही है। ईडी को कई विदेशी लेनदेन का भी पता चला है। ईडी ने जांच में पाया है कि भारत भूषण उर्फ आशु ने कई फर्जी संस्थाओं के जरिए अपराध की कमाई (पीओसी) को सफेद किया और अपने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर संपत्तियां खरीदीं। करीबियों पर भी गिरेगी गाज ईडी ने अब आशु के करीबियों की भी जांच शुरू कर दी है। आशु के करीबियों पर गाज गिरनी तय है। कई नजदीकियों के खातों को ईडी खंगाल चुकी है। बाकी के कुछ लोगों के सूची बन रही है। इस बीच ईडी को आशु व उसके करीबियों के खातों में विदेशी लेनदेन का भी पता चला है। जिससे आशु की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पंजाब में 24 जगहों पर छापेमारी की गई आशु की गिरफ्तारी से पहले ईडी ने पंजाब टेंडर घोटाला मामले में 24 अगस्त 2023, 04 सितंबर 2023 और 06 सितंबर 2023 को भारत भूषण आशु और उनके सहयोगियों के आवासीय परिसरों में लुधियाना, मोहाली, नवांशहर और चंडीगढ़ (पंजाब) में 24 जगहों पर छापेमारी की थी। तलाशी अभियान के दौरान नगदी जब्त की गई और बैंक खातों में पड़ी राशि को फ्रीज कर दिया गया। संपत्ति, सोने के आभूषण और सोने के सिक्कों की कुल राशि को फ्रीज कर दिया गया। इस मामले में जब्ती और फ्रीजिंग सहित बरामदगी का कुल मूल्य 8.46 करोड़ रुपये से अधिक था। जानिए क्या है टेंडर घोटाला: स्कूटर, बाइक पर दिखाया माल का परिवहन श्रम परिवहन टेंडर घोटाले में आरोपी वाहनों पर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर अनाज मंडियों में माल का परिवहन करते थे। वहीं, आरोपियों ने टेंडर लेने से पहले विभाग में गलत वाहनों के नंबर लिखवा लिए थे। जांच में पता चला कि जो नंबर लिखवाए गए थे, वे स्कूटर, बाइक आदि दोपहिया वाहनों के थे। जिन वाहनों पर ये नंबर लगे हैं, वे माल ढोने के लिए मान्य नहीं हैं। इस मामले में करीब 2 महीने पहले कुछ ट्रांसपोर्ट मालिकों और ठेकेदारों ने तत्कालीन कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु पर कुछ ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने और करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था। अब इस मामले में जांच के बाद विजिलेंस ने एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारियां शुरू कर दी हैं। आशु पर भी टेंडरिंग में 2 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब में कांग्रेस नेता के घर पर फायरिंग:रात को विदेशी नंबर से कॉल आई, जान से मारने की धमकी; VIDEO सामने आया
पंजाब में कांग्रेस नेता के घर पर फायरिंग:रात को विदेशी नंबर से कॉल आई, जान से मारने की धमकी; VIDEO सामने आया पंजाब के गुरदासपुर में बुधवार रात को शहर के वार्ड 25 में रहने वाले कांग्रेस के हलका यूथ प्रधान नकुल महाजन के घर के बाहर स्कूटी पर आए 2 अज्ञात लोगों ने फायरिंग की। हालांकि, घटना का पता सुबह चला। सूचना मिलने पर कांग्रेस के जिला यूथ प्रधान एडवोकेट बलजीत सिंह पाहड़ा पहुंचे। घटना संबंधी सूचना मिलने पर थाना सिटी की पुलिस भी मौके पर पहुंची और मामले की कार्रवाई शुरू की। नकुल महाजन ने पुलिस को बताया है कि उन्हें रात को फोन पर धमकी भरी कॉल भी आई थी। पुलिस जांच के दौरान सुबह करीब 11 बजे उसी विदेशी नंबर से फिर कॉल आई। उस पर धमकी देने वाले ने कहा, “तुम अभी जिंदा हो।” फायरिंग करने की घटना CCTV में भी कैद हुई है, जिसमें नकाबपोश युवक घर के गेट पर लगातार गोलियां चलाता दिख रहा है। गौरतलब है कि नकुल महाजन हलका विधायक बरिंदरमीत सिंह पाहड़ा के बेहद करीबी हैं। फायरिंग के बाद की 3 PHOTOS… करीब 2 बजे विदेशी नंबर से फोन भी आया
नकुल महाजन ने बताया कि वह रात को परिवार सहित घर में सोए थे। रात करीब 10 बजे उनके घर के बाहर 2 अज्ञात लोग स्कूटी पर आए, जिन्होंने उनके घर पर करीब 5 फायर किए। इसके बाद वे अज्ञात युवक मौके से फरार हो गए। नकुल का कहना है कि जब फायरिंग की आवाज आ रही थीं तो उन्होंने सोचा कि कोई आतिशबाजी कर रहा है, जिस कारण उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया। हालांकि, रात करीब 2 बजे उन्हें विदेशी नंबर से एक कॉल आई, जिसमें उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। घर के गेट और छत पर लगीं गोलियां
सुबह जब वह घर के बाहर आए तो देखा कि गली में गोलियों के 5 खोल पड़े थे। गोलियां घर के गेट और छत पर लगी हुई थीं। नकुल ने बताया कि इससे पहले भी उन्हें जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं, लेकिन हैरानी की बात है कि पुलिस प्रशासन ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की। वहीं, जिला यूथ प्रधान एडवोकेट बलजीत सिंह पाहड़ा ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि सूचना मिलने के 2 घंटे बाद तक कोई भी पुलिसकर्मी मौके पर नहीं पहुंचा। जबकि, थाना सिटी से घटनास्थल का रास्ता 2 मिनट का लगता है। शहर में कानून व्यवस्था नहीं है। शहर में बेखौफ आपराधिक घटनाएं हो रही हैं, जबकि पुलिस इस पर लगाम लगाने में पूरी तरह विफल है। आक्रोश में लोगों ने की नारेबाजी
पुलिस प्रशासन की ओर से गंभीरता से कार्रवाई न करने के चलते आक्रोश में आए मोहल्ले के लोगों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। एडवोकेट पाहड़ा ने कहा कि पुलिस से इंसाफ की कोई उम्मीद नहीं है। शरारती तत्व ऐसी घटनाओं को आराम से अंजाम देकर फरार हो रहे हैं। इसी बयानबाजी के बीच जब पुलिस कार्रवाई करने पहुंची थी, तो उसी समय रात में जिस विदेशी नंबर से वॉट्सऐप कॉल आई थी, उसी नंबर से फिर कॉल आई। इस बार नकुल कॉल को स्पीकर पर डालकर पुलिस जांच अधिकारी के सामने बात कर रहे थे। नकुल महाजन और धमकी देने वाले के बीच हुई बातचीत- धमकी देने वाला : तुम कहां पर हो? नकुल : मैं घर पर हूं। तुम कौन हो? धमकी देना वाला : तुम अभी भी जिंदा हो? नकुल : अगर मैं बात कर रहा हूं तो इसका मतलब मैं जिंदा हूं। तुम कौन बोल रहे हो? धमकी देने वाला : तुम्हें जल्दी पता चल जाएगा कि मैं कौन बोल रहा हूं। बलजीत सिंह पाहड़ा : जीना मरना ऊपर वाले के हाथ में है। धमकी देने वाला : फिर तगड़े रहना। बलजीत सिंह पाहड़ा : कोई बात नहीं। हम तगड़े हैं। आरोपियों की पहचान कर रही पुलिस
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लुधियाना के सिविल अस्पताल में दो पक्ष भिड़े:इमरजेंसी वार्ड में महिलाओं ने की जूतों से पिटाई, गमला गिरने को लेकर विवाद लुधियाना में सिविल अस्पताल में रोजाना मारपीट और झड़प के मामले अब सामने आने लगे हैं। अस्पताल में पुलिस चौकी होने के बावजूद सरेआम मेडिकल करवाने आए लोग एक-दूसरे से मारपीट कर रहे हैं। इमरजेंसी वार्ड में एक व्यक्ति पर जूते और थप्पड़ से हमला किया गया। बीती रात करीब 11,30 बजे हैबोवाल इलाके में हुई मारपीट का मेडिकल करवाने आए एक व्यक्ति पर दूसरे पक्ष के 10 से 12 लोगों ने सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में जूते और थप्पड़ जड़ दिए। अस्पताल की इमरजेंसी में तैनात ASI, कांस्टेबल और सिक्योरिटी गार्ड दोनों पक्षों का बीच-बचाव करते रहे। इसके बावजूद हमलावर लगातार उस पर थप्पड़ व जूते मारते रहे। युवक ने घर पर हमला कर 6 लोग किए घायल वहीं, दूसरे पक्ष के लोगों ने आरोप लगाया कि उक्त युवक ने उनके घर हमला कर घर की 3 महिलाओं सहित कुल 6 लोगों को जख्मी किया है। जिसके बाद उक्त आरोपी अस्पताल में मेडिकल करवाने पहुंच गया। मामले की सूचना मिलते ही थाना डिवीजन 2 की पुलिस व चौकी इंचार्ज मौके पर पुहंचे। जिन्होंने हमलावरों को इमरजेंसी से बाहर निकाल घायलों को मेडिकल करवा संबंधित थाने में शिकायत दर्ज करवाने के लिए भेज दिया। हैबोवाल बैंक कॉलोनी निवासी ललित मोहन ने बताया कि बुधवार की शाम उनका बेटा घर के बाहर कार खड़ी कर रहा था। इस दौरान पड़ोस में रहने वाले व्यक्ति के घर का गमला नीचे गिर गया। जिससे गुस्साए पड़ोस में घर में रहने वाली महिला से गाली गलौच की। ललित मोहन रात करीब 10 बजे काम से उससे बात करने गया, तो उक्त पड़ोसियों ने उस पर हमला कर दिया। वह रात 11:30 बजे सिविल अस्पताल में से मेडिकल करवाने के लिए इमरजेंसी में आया, तो इमरजेंसी में पहले से मौजूद दूसरे पक्ष के लोगों ने उस पर लगातार थप्पड़ और जूतियों से हमला करना शुरू कर दिया। हमले के दौरान ललित मोहन गंभीर रूप से घायल हो गया। दूसरे पक्ष के विनोद कुमार ने बताया कि ललित मोहन ने अपने परिवार के साथ मिलकर उसके परिवार पर हमला कर दिया है। हमले में विनोद कुमार उसकी पत्नी रेखा, बेटा करन लाहौरिया, बेटी बेबी, छोटा भाई पुष्पिंदर लाल व माता जख्मी हो गए। घायलों ने सिविल अस्पताल में से मेडिकल करवा थाना हैबोवाल की पुलिस को मामले की शिकायत दी। उधर, पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है।
PSEB को एसोसिएशन अध्यक्ष पर एक्शन:सर्टिफिकेट वैरिफिकेशन मामले में खंगूड़ा सहित तीन सस्पेंड; जांच के बाद कार्रवाई
PSEB को एसोसिएशन अध्यक्ष पर एक्शन:सर्टिफिकेट वैरिफिकेशन मामले में खंगूड़ा सहित तीन सस्पेंड; जांच के बाद कार्रवाई पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (PSEB) ने बोर्ड कर्मचारी एसोसिएशन के अध्यक्ष परविंदर सिंह खंगूड़ा सहित तीन कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है। सर्टिफिकेट की वैरिफिकेशन के मामले में PSEB के वाइस चेयरमैन प्रेम कुमार ने यह आदेश जारी किए हैं। आदेश में कहा गया है कि मामला पंजाब फार्मेसी काउंसिल की तरफ से 4 अप्रैल को पत्र के माध्यम से ध्यान में लाया गया था। काउंसिल ने 2 उम्मीदवारों के सर्टिफिकेट वेरिफाइड करने के लिए साल 2023 में भेजे थे। बोर्ड ने सर्टिफिकेट्स की वेरिफिकेशन की दो रिपोर्ट भेजी। पहली में सर्टिफिकेट्स को सही और दूसरी में फेक बताया गया था। बोर्ड ने प्रारंभिक जांच संयुक्त सचिव जनरल से करवाई थी। शिक्षा बोर्ड कर्मचारी एसोसिएशन के अध्यक्ष खंगूड़ा ने उन पर लगे आरोपों का खंडन किया है। उनका कहना है कि वे तथ्यों के आधार पर खुद को सही साबित करेंगे। ये फैसला जल्दबाजी के तहत किया गया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष और बोर्ड के सचिव की अनियमितताओं को वे समय-समय पर उजागर करते रहे हैं। जानबूझ कर उन्हें निशाना बनाया गया है। उन पर लगे आरोप साबित नहीं होते परविंदर सिंह ने आरोप लगाया कि उन पर लगे आरोप किसी भी तरह से साबित नहीं हुए हैं और न ही कहीं पर उनके हस्ताक्षर हैं। लेकिन फिर भी उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। आने वाले दिनों में बोर्ड के सचिव द्वारा की अनियमितताओं का खुलासा करेंगे।