पंजाब के जालंधर में होने वाले उपचुनाव को लेकर अब हर पार्टी एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रही है। आज ही पूर्व सांसद सुशील कुमार रिंकू ने मौजूदा सांसद चरणजीत सिंह चन्नी को कानूनी नोटिस भेजा है। वहीं आज यानी रविवार को आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस उम्मीदवार सुरिंदर कौर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आम आदमी पार्टी के लोकसभा उम्मीदवार रहे पवन कुमार टीनू ने सुरिंदर कौर और उनके बेटे पर कमर्शियल जमीन को रिहायशी बताकर उस पर अवैध निर्माण करवाने का आरोप लगाया है। यह तब हुआ जब सुरिंदर कौर नगर निगम की डिप्टी मेयर थीं। उन्होंने देओल कॉलोनी पहुंचकर एक प्लॉट दिखाते हुए ये आरोप लगाए। पवन कुमार टीनू ने जालंधर में मीडिया से बात करते हुए कहा- सुरिंदर कौर पांच साल डिप्टी मेयर रही हैं, इस दौरान वह लोगों के बीच से गायब रहीं। वे पूरे पश्चिम हलके में एक भी काम नहीं करवा पाईं। सुरिंदर कौर अपने इलाके में भी समस्याओं का समाधान नहीं करवा पाईं। टीनू ने कहा- कमर्शियल प्लाट को रेसिडेंशियल करवाया गया टीनू ने कहा- सुरिंदर कौर ने लोगों की सेवा करने की बजाय अपने परिवार की सेवा की। 100 मरला से ज्यादा जमीन को एक निजी कंपनी ने कमर्शियल कर दिया। लेकिन डिप्टी मेयर रहते हुए सुरिंदर कौर के बेटे ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कमर्शियल जमीन को रिहायशी बना दिया। अब उक्त प्लॉट को बांटकर कॉलोनी बनाकर बेचा जा रहा है। यह पूरी तरह से गैर कानूनी काम था और राजनीतिक ताकत का दुरुपयोग किया जा रहा था। मामला यहीं नहीं रुका, बिना किसी अनुमति के उक्त प्लॉट को सरकारी सीवर सिस्टम से भी जोड़ दिया गया। कांग्रेस हर जगह कमीशन लेती रही है। पवन कुमार टीनू ने कहा- पूरे मामले की विजिलेंस जांच कराई जाएगी। जिसके बाद मामले में आगे की कार्रवाई की जा सकेगी। पंजाब के जालंधर में होने वाले उपचुनाव को लेकर अब हर पार्टी एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रही है। आज ही पूर्व सांसद सुशील कुमार रिंकू ने मौजूदा सांसद चरणजीत सिंह चन्नी को कानूनी नोटिस भेजा है। वहीं आज यानी रविवार को आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस उम्मीदवार सुरिंदर कौर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आम आदमी पार्टी के लोकसभा उम्मीदवार रहे पवन कुमार टीनू ने सुरिंदर कौर और उनके बेटे पर कमर्शियल जमीन को रिहायशी बताकर उस पर अवैध निर्माण करवाने का आरोप लगाया है। यह तब हुआ जब सुरिंदर कौर नगर निगम की डिप्टी मेयर थीं। उन्होंने देओल कॉलोनी पहुंचकर एक प्लॉट दिखाते हुए ये आरोप लगाए। पवन कुमार टीनू ने जालंधर में मीडिया से बात करते हुए कहा- सुरिंदर कौर पांच साल डिप्टी मेयर रही हैं, इस दौरान वह लोगों के बीच से गायब रहीं। वे पूरे पश्चिम हलके में एक भी काम नहीं करवा पाईं। सुरिंदर कौर अपने इलाके में भी समस्याओं का समाधान नहीं करवा पाईं। टीनू ने कहा- कमर्शियल प्लाट को रेसिडेंशियल करवाया गया टीनू ने कहा- सुरिंदर कौर ने लोगों की सेवा करने की बजाय अपने परिवार की सेवा की। 100 मरला से ज्यादा जमीन को एक निजी कंपनी ने कमर्शियल कर दिया। लेकिन डिप्टी मेयर रहते हुए सुरिंदर कौर के बेटे ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कमर्शियल जमीन को रिहायशी बना दिया। अब उक्त प्लॉट को बांटकर कॉलोनी बनाकर बेचा जा रहा है। यह पूरी तरह से गैर कानूनी काम था और राजनीतिक ताकत का दुरुपयोग किया जा रहा था। मामला यहीं नहीं रुका, बिना किसी अनुमति के उक्त प्लॉट को सरकारी सीवर सिस्टम से भी जोड़ दिया गया। कांग्रेस हर जगह कमीशन लेती रही है। पवन कुमार टीनू ने कहा- पूरे मामले की विजिलेंस जांच कराई जाएगी। जिसके बाद मामले में आगे की कार्रवाई की जा सकेगी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब में SAD के बागी गुट की मीटिंग:अकाली दल सुधार लहर चलाएंगे, सुखबीर बादल के इस्तीफे की उठी मांग पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) में बगावत जोरों पर है। बागी गुट की बैठक से पहले शिअद ने चंडीगढ़ स्थित पार्टी मुख्यालय में पार्टी नेताओं की बैठक की। बैठक का नेतृत्व दलजीत सिंह चीमा और बलविंदर भूदड़ ने किया। जबकि बागी गुट की बैठक अलग जगह पर हुई। बैठक में प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, जागीर कौर, सिकंदर सिंह मलूका, गुर प्रताप सिंह बडाला, सुखदेव सिंह ढींडसा और चरणजीत सिंह बराड़ समेत कई नेता मौजूद रहे। इस मौके पर पत्रकार वार्ता में बागी गुट के नेताओं ने कहा कि वे अकाली दल में सुधार लहर चलाएंगे। इसके लिए गुर प्रताप बडाला को संयोजक नियुक्त किया जाएगा। एक और कमेटी बनाई जाएगी, जिसमें सभी की सहमति से फैसले लिए जाएंगे। सुधार लहर के तहत पंथ की महान शख्सियतों के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। 24 सितंबर को गुरचरण सिंह टोहड़ा साहिब का 100 साला मनाया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि जिन लोगों को सुखबीर बादल ने चुनाव के दौरान पार्टी से निकाल दिया था या जो पुराने अकाली परिवार हैं, उन्हें पार्टी में शामिल किया जाएगा। सुखबीर प्रधान पद से दे इस्तीफा प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने मीटिंग से पहले कहा कि पार्टी आफिस में मीटिंग के लिए समय नहीं मांगा गया था। प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा अकाली दल को मजबूत करना है तो सुखबीर बादल को इस्तीफा देना चाहिए। जालंधर चुनाव में सारी स्थिति साफ हो गई। वहीं, झूंदा कमेटी की सिफारिशों को लागू किया जाए। बीबी जागीर कौर ने कहा कि वह ही असली अकाली दल के नेता है। हम अकाली दल सुधार लहर लेकर आ रहे हैं। यह पार्टी ऑफिस है, मैरिज पैलेस नहीं इस मौके दलजीत सिंह चीमा ने बताया कि मीटिंग में एसजीपीसी चुनाव और चार विधानसभा उपचुनाव को लेकर मीटिंग की गई है। अभी तक चंडीगढ़ के नजदीक के ही लीडर बुलाए गए थे। जब उनसे बागी गुट नेताओं की मीटिंग के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि प्रधान साहब मीटिंग कर रहे थे तो यह लोग आए नहीं। इन्होंने बाहर जाकर शिरोमणि अकाली दल को नुकसान पहुंचाया। उन्होंने कहा कि पार्टी ऑफिस का सबका सांझा घर होता है। कोई भी अपनी मन की बात रख सकता है। लेकिन इस घर की मर्यादा है कि वह घर का एक मुखी चुने, जो मुखी सभी लोग चुनते है उसके हाथ ही घर की चाबी होती है। उन्होंने कहा कि यह मैरिज पैलेस तो नहीं है कि कोई भी बुकिंग करवाकर मीटिंग कर ले। इसमें लोगों के मुद्दों पर चर्चा होती है। जो लोग पार्टी के खिलाफ चलते हैं, उनके लिए यहां जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि भी किसी नेता मीटिंग के लिए जगह नहीं मांगी। जहां तक बागी नेताओं पर कार्रवाई की बात का सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इस बारे में अनुशासन कमेटी को फैसला लेना है। चंडीगढ़ पुलिस ने दफ्तर की बढ़ाई सुरक्षा
चंडीगढ़ पुलिस को सूचना मिली थी कि अकाली दल का बागी गुट भी पार्टी आफिस में मीटिंग करने आ रहा है। ऐसे में किसी भी तरह का माहौल न गर्मा जाए। इसके चलते सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। शिरोमणि अकाली दल के अंदर बगावत के सुर लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद उठने लगे थे। जब पार्टी सिर्फ एक बठिंडा सीट जीत पाई थी। यह सीट पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल की पत्नी हरसिमरत कौर ने जीती थी। यह उनकी लगातार जीत थी। चुनाव के बाद जैसे ही पार्टी ने इस पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई, बैठक से पहले ही प्रमुख सुखबीर बादल को बदलने की मांग उठने लगी। हालांकि, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि उन्हें यह आवाज पार्टी मंच पर उठानी चाहिए। जालंधर पश्चिम उपचुनाव के दौरान यह अंदरूनी कलह सार्वजनिक हो गई थी। जब पार्टी ने बसपा का समर्थन किया था। साथ ही, अपने उम्मीदवार से नामांकन वापस लेने को कहा था। हालांकि, उम्मीदवार ने अपना नामांकन वापस नहीं लिया। साथ ही, बागी गुट ने कहा कि वे तकड़ी चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ेंगे। हालांकि, पार्टी को चुनाव में बुरी हार का सामना करना पड़ा था। श्री अकाल तख्त पर दाखिल किया था माफ़ीनामा
इससे पहले अकाली दल के बागी गुप की ने श्री अकाल तख्त को माफ़ीनामा दिया था। माफ़ीनामा में उनकी तरफ से चार गलतियां क़बूली की गई। इसमें डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम को माफी देने से लेकर बेअदबी की घटना समेत सभी चीजों का जिक्र किया गया। वहीं, उनका कहना था कि उस समय पार्टी की सरकार थी। ऐसे में वह भी इसके लिए जिम्मेदार है।
अमृतसर में चिन्नी गैंग के सिंडिकेट का भंडाफोड़:6 सदस्य गिरफ्तार; एक 17 मामलों में वांटेड, गैंग वार की कर रहा था तैयारी
अमृतसर में चिन्नी गैंग के सिंडिकेट का भंडाफोड़:6 सदस्य गिरफ्तार; एक 17 मामलों में वांटेड, गैंग वार की कर रहा था तैयारी अमृतसर में पुलिस ने चिन्नी गैंग के सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने गैंग में शामिल 6 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से पुलिस ने 3 पिस्तौल, 1 डीबीबीएल, 15 जिंदा कारतूस बरामद किए हैं। पकड़े गए आरोपियों में गुरजशन सिंह चिन्नी 17 मामलों में वांटेड था और गैंग वार की तैयारी कर रहा था। अमृतसर के सीपी गुरप्रीत सिंह के अनुसार, आरोपी “चिन्नी समूह” सिंडिकेट का हिस्सा थे, जो हत्या, नशीले पदार्थों की तस्करी, चोरी, स्नैचिंग, हथियारों की तस्करी करते थे। प्रतिद्वंद्वी अमरबीर सिंह उर्फ गोपी महल गिरोह के साथ दुश्मनी थी। चिन्नी फाइनेंशियल तौर पर स्ट्रॉन्ग होने के लिए नशा तस्करी में भी जा रहा था और अब गैंग वार की भी तैयारी चल रही थी। सीआईए स्टाफ-1, अमृतसर सिटी की पुलिस टीम ने गैंग वार को रोकते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। इसके अलावा आरोपी के अन्य पांच साथी पारस सिंह उर्फ राजा, आकाशबीर सिंह उर्फ़ यादी, मनप्रीत सिंह उर्फ मनु, आकाशदीप सिंह, और सुखविंदर सिंह उर्फ सुखा को गिरफ्तार किया है।
पराली जलाने पर सुप्रीम कोर्ट की हरियाणा-पंजाब सरकार को चेतावनी:कहा- सख्त आदेश देने को मजबूर न करें; जुर्माना कम लगाया, जानकारी भी गलत दी
पराली जलाने पर सुप्रीम कोर्ट की हरियाणा-पंजाब सरकार को चेतावनी:कहा- सख्त आदेश देने को मजबूर न करें; जुर्माना कम लगाया, जानकारी भी गलत दी दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। पंजाब और हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी कोर्ट में पेश हुए। सुप्रीम कोर्ट ने गलत जानकारी देने पर पंजाब सरकार को फटकार लगाई। हरियाणा सरकार की कार्रवाई से भी सुप्रीम कोर्ट संतुष्ट नजर नहीं आया। कोर्ट ने कहा कि हमें सख्त आदेश देने के लिए मजबूर न करें। जस्टिस अभय एस ओका, जस्टिस ए अमानुल्लाह और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने पंजाब और हरियाणा सरकार की खेतों में पराली जलाने से रोकने की कोशिशों को महज दिखावा बताया। कोर्ट ने कहा कि अगर ये सरकारें वास्तव में कानून लागू करने में रुचि रखती हैं तो कम से कम एक मुकदमा तो चलना ही चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक कहा कि अब समय आ गया है कि केंद्र, पंजाब और हरियाणा सरकारों को याद दिलाया जाए कि प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहना नागरिकों का मौलिक अधिकार है। प्रदूषण में रहना अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकारों का घोर उल्लंघन है। केंद्र सरकार को दो हफ्ते का समय दिया
सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण को लेकर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम (EPA) के तहत नियम बनाने और जिम्मेदार अधिकारियों की नियुक्ति करने के लिए केंद्र सरकार को दो हफ्ते का समय दिया। दिल्ली-NCR में लगातार बढ़ते प्रदूषण के चलते सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा- आयोग ने प्रदूषण रोकने के लिए लागू होने वाली सख्तियों को लागू करवाने के लिए कोई मैकेनिज्म तैयार नहीं किया। प्रदूषण को रोकने में नाकाम रहे अधिकारियों पर सीधे कार्रवाई क्यों नहीं की गई, इसके बजाय उन्हें सिर्फ नोटिस जारी करके जवाब मांगा गया? जिस पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वस्त किया है कि पराली जलाने वालों पर 10 दिन के अंदर CAQM एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। मामले में अगली सुनवाई 4 नवंबर को होगी। सुप्रीम कोर्ट की हरियाणा सरकार को कही 2 अहम बातें… 1. आपके आंकड़े हर मिनट बदल रहे
हरियाणा के मुख्य सचिव ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि प्रदेश में फसल जलाने की 400 घटनाएं हुई हैं और राज्य ने 32 एफआईआर दर्ज की हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य सचिव से कहा कि उनके आंकड़े हर मिनट बदल रहे हैं। सरकार पिक एंड चूज कर रही है। कुछ ही लोगों से जुर्माना लिया जा रहा है और बहुत कम लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह कुछ लोगों पर एफआईआर दर्ज करने और कुछ पर मामूली जुर्माना लगाने को लेकर चिंतित हैं। 2. किसानों को क्या कुछ दिया
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के मुख्य सचिव से पूछा- पराली को लेकर क्या किया जा रहा है और क्या किसानों को कुछ दिया गया? इस पर मुख्य सचिव ने कहा कि पराली निस्तारण के लिए करीब 1 लाख मशीनें दी गई हैं, जिससे पराली जलाने की घटनाएं कम हुई हैं। सुप्रीम कोर्ट की पंजाब सरकार को कही 4 अहम बातें… 1. नाममात्र जुर्माना वसूला, 600 लोगों को बख्शा
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के मुख्य सचिव को कहा कि प्रदेश में पराली जलाने के मामले में 1,080 FIR दर्ज की गईं, लेकिन आपने केवल 473 लोगों से नाममात्र का जुर्माना वसूला है। आप 600 या अधिक लोगों को बख्श रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इससे यह स्पष्ट है कि आप पराली जलाने वालों को संकेत दे रहे हैं कि उनके खिलाफ कुछ नहीं किया जाएगा। ऐसा पिछले तीन साल से हो रहा है। 2. एडवोकेट जनरल बताएं, झूठा बयान किसके कहने पर दिया
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के एडवोकेट जनरल और मुख्य सचिव को भी फटकार लगाई। कोर्ट ने पूछा कि एडवोकेट जनरल बताएं कि किस अधिकारी के कहने पर उन्होंने केंद्र से मशीनें और फंड मांगने का झूठा बयान दिया था। मुख्य सचिव बताएं कि एडवोकेट जनरल को ऐसा किस अधिकारी ने करने के लिए कहा। हम उसे अवमानना का नोटिस जारी करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार की तरफ से पेश वरिष्ठ एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी पर भी नाराजगी दिखाई। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार गंभीर नहीं दिख रही। पहले एडवोकेट जनरल ने कहा कि किसी पर मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। अब आप बता रहे कि इस साल 5 केस दर्ज हुए। सुप्रीम कोर्ट ने कोई मुकदमा न होने के बारे में पंजाब सरकार का पिछला एफिडेविट भी दिखाया। 3. क्या 9 हजार लोगों ने सिर्फ 9 घटनाएं ढूंढी
सुप्रीम कोर्ट ने आगे पूछा कि एफिडेविट में गांव स्तर पर निगरानी कमेटी की बात कही गई है। सरकार ने कब आदेश दिया। कमेटी कब बनी। इसका नोडल अफसर कौन है? इस पर एडवोकेट सिंघवी ने कहा कि 9 हजार कमेटियां बनी हैं। हम पूरे ब्योरे के साथ एफिडेविट दाखिल करेंगे। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 9 हजार लोगों ने सिर्फ 9 घटनाएं ढूंढीं? 4. आपने ISRO की रिपोर्ट तक झुठला दी, 400 लोग छोड़े
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि वह ISRO की सैटेलाइट रिपोर्ट तक झुठला देते हैं। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के वकील ने कहा कि अमृतसर में 400 घटनाएं हुई हैं। कोर्ट ने पूछा कि हाल के दिनों में कितनी घटनाएं हुई हैं। इस पर एडवोकेट सिंघवी ने कहा कि 1510 घटनाएं हुईं और 1,080 केस दर्ज किए गए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसमें भी आपने 400 लोगों को छोड़ दिया। इस पर सिंघवी ने कुछ रिपोर्ट गलत निकलने की बात कही। हरियाणा और पंजाब में वायु प्रदूषण के हालात पढ़िए… पानीपत गैस चैंबर बना, 17 जिलों में AQI 300 पार
हरियाणा में जीटी रोड पर आने वाले 6 जिलों में प्रदूषण खतरनाक लेवल तक पहुंच गया है। पानीपत गैस चैंबर बन गया है। यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 500 तक पहुंच गया है। वहीं, 17 जिलों में AQI 300 से ऊपर है, जो खतरनाक श्रेणी में आता है। मंगलवार को कुरुक्षेत्र का AQI 400 से ऊपर दर्ज किया गया है। सुबह और शाम सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन महसूस हो रही है। दिल्ली-NCR में ग्रैप टू की पाबंदियां लागू हो चुकी हैं। NCR में प्रदेश के 14 जिले आते हैं। जिनमें प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है, उस हिसाब से ग्रैप 3 की पाबंदियां भी जल्द लागू हो जाएंगी। पंजाब के 2 जिलों में AQI 200 पार
पंजाब के 2 शहरों में AQI 200 पार हो चुका है। इनमें मंडी गोबिंदगढ़ का AQI 230 और अमृतसर का 203 हो चुका है। इसके अलावा लुधियाना का एयर क्वालिटी इंडेक्स भी 191 है। बाकी जिलों का AQI अभी 200 से कम है। वाइस चांसलर बिश्नोई बोले- 400 AQI में ऑक्सीजन की कमी होती है
पर्यावरण के जानकार गुरु जम्भेश्वर यूनिवर्सिटी (GJU) के वाइस चांसलर प्रो. नरसीराम बिश्नोई का कहना है कि वायु प्रदूषण के कारण वरिष्ठ नागरिकों को सबसे ज्यादा दिक्कतें होती हैं। AQI का स्तर 400 के आसपास पहुंचने पर ऑक्सीजन की कमी होती है। धीरे-धीरे इन्फेक्शन, ब्रोंकाइटिस (श्वास नलियों में सूजन) की बीमारी बढ़ जाती है। आंखों में जलन होने लगती है। प्रदूषण के लिए पराली ही जिम्मेदार नहीं है, बल्कि इसके कई कारण हैं। पराली को इसलिए खतरनाक माना जाता है, क्योंकि इसे जलाने से जहरीली गैस वातावरण में फैलती है। पराली जलाने से रोकने को हरियाणा और पंजाब सरकार ने क्या कार्रवाई की… हरियाणा सरकार के 3 बड़े दावे 1. 150 किसानों पर FIR, 29 गिरफ्तार
हरियाणा सरकार का दावा है कि राज्य में करीब 150 किसानों के खिलाफ अब तक FIR दर्ज हो चुकी है। इसमें 29 लोगों को गिरफ्तार और 380 को रेड लिस्ट किया गया है। पिछले 24 घंटे की बात करें तो कुरुक्षेत्र में 46, जींद में 10, सिरसा में 3, फतेहाबाद में 2 किसानों पर FIR दर्ज की गई है। वहीं सिरसा में 3 महिला किसानों पर केस दर्ज किया है। जांच में महिला किसानों की ओर से जमीन पट्टे पर दिए जाने की बात सामने आई। अब पुलिस काश्तकार किसानों को तलब करेगी। वहीं, पलवल में पराली जलाने पर एक महिला किसान के खिलाफ केस दर्ज किया गया। करनाल में 5, सोनीपत और कैथल में 2-2 किसानों को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि, कुछ समय बाद इन्हें जमानत दे दी गई। फसल अवशेष जलाने वाले किसानों पर अब तक 8.35 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जा चुका है। 2. कृषि विभाग के 24 अधिकारी और कर्मचारी सस्पेंड किए
एक दिन पहले कृषि विभाग ने 24 अधिकारियों और कर्मचारियों को सस्पेंड किया। इन अधिकारियों में एग्रीकल्चर डेवलपमेंट ऑफिसर (ADO) से लेकर एग्रीकल्चर सुपरवाइजर के अलावा कर्मचारी भी शामिल हैं। कृषि विभाग के डायरेक्टर राज नारायण कौशिक की तरफ से 9 जिलों के अधिकारियों पर एक्शन लिया गया है। इसमें पानीपत, जींद, हिसार, कैथल, करनाल, अंबाला, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र और सोनीपत के अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं। पराली जलाने के बढ़ रहे केसों पर कार्रवाई न होने पर अधिकारियों और कर्मचारियों पर एक्शन लिया गया है। 3. तीन साल में मामले आधे से कम हुए
प्रदेश में 3 साल में आधे से भी कम मामले हो गए हैं। 2021 में प्रदेश में 15 सितंबर से अभी तक पराली जलाने के 1,508 के मामले दर्ज किए गए थे। उसके बाद 2022 में 893 और 2023 में 714 मामले दर्ज हुए थे। मगर अब 2024 में यह आंकड़ा 665 पर रुका है। सरकार की तरफ से इस आंकड़े को कम करने के लिए लगातार छापे भी मारे जा रहे हैं। पंजाब सरकार बोली- 10.55 लाख जुर्माना, 394 के रेवेन्यू रिकॉर्ड में रेड एंट्री की
पंजाब पुलिस के स्पेशल DGP (कानून एवं व्यवस्था) अर्पित शुक्ला का कहना है कि पराली जलाने के मामलों में पुलिस की तरफ से अब तक 874 केस दर्ज किए गए हैं। 10.55 लाख का जुर्माना लगाया गया है। 394 किसानों के रेवेन्यू रिकॉर्ड में रेड एंट्री की गई है। लोगों पर केवल कार्रवाई नहीं की जा रही, बल्कि उन्हें जागरूक भी किया जा रहा है, ताकि पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सके। पराली जलाने से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… हरियाणा में पराली जलाई तो मंडी में फसल बिक्री बंद: 2 सीजन रोक हरियाणा में करीब एक हफ्ते पहले पराली जलाने को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया। पराली जलाने वाले किसान अगले 2 सीजन मंडियों में फसल नहीं बेच पाएंगे। इसके लिए उनके ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ के रिकॉर्ड में रेड एंट्री की जाएगी। सरकार ने इसका मकसद पराली जलाने की घटनाओं को रोकना बताया है। पूरी खबर पढ़ें…