पंजाब के जालंधर वेस्ट हलके में उपचुनाव को लेकर रोजाना हर पार्टी का कोई न कोई बड़ा नेता जिले में पहुंच रहा है। बीते दिन सीएम भगवंत सिंह मान द्वारा आप उम्मीदवार मोहिंदर भगत के पक्ष में रोड शो निकाला गया था। वहीं, दूसरी ओर पंजाब बीजेपी प्रधान सुनील जाखड़ ने भी शीतल अंगुराल के लिए प्रचार किया था। कल यानी मंगलवार को कांग्रेस पंजाब प्रधान और लुधियाना से नव निर्वाचित सांसद अमरिंदर सिंर उर्फ राजा वड़िंग भी जालंधर में थे। उन्होंने कांग्रेस की उम्मीदवार सुरिंदर कौर के पक्ष में प्रचार के दौरान रास्ते में अपना काफिला रुकवाया और वरिष्ठ नेताओं के साथ एक दुकान पर गोल-गप्पे खाने के लिए रुक गए। उनके साथ आदमपुर से विधायक सुरिंदर सिंह कोटली और अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे। शीतल अंगुराल के इस्तीफे के बाद हो रहा है उपचुनाव लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 27 मार्च को शीतल अंगुराल भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन 29 मई को अंगुराल ने अपना इस्तीफा वापस लेने का फैसला किया। 30 मई को अंगुराल ने इस्तीफा वापस लेने के लिए स्पीकर को पत्र लिखा। 3 जून को स्पीकर ने अंगुराल को इस्तीफे पर बातचीत के लिए बुलाया था। लेकिन 30 मई को अंगुराल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया। इस पर अंगुराल ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की बात कही थी। मजे की बात यह है कि भगत और अंगुराल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी मैदान में थे। तब मोहिंदर भगत भाजपा के उम्मीदवार थे और अंगुराल आप के उम्मीदवार थे। इस बार उलटा हुआ है। भगत आप के हैं और अंगुराल भाजपा के उम्मीदवार हैं। पंजाब के जालंधर वेस्ट हलके में उपचुनाव को लेकर रोजाना हर पार्टी का कोई न कोई बड़ा नेता जिले में पहुंच रहा है। बीते दिन सीएम भगवंत सिंह मान द्वारा आप उम्मीदवार मोहिंदर भगत के पक्ष में रोड शो निकाला गया था। वहीं, दूसरी ओर पंजाब बीजेपी प्रधान सुनील जाखड़ ने भी शीतल अंगुराल के लिए प्रचार किया था। कल यानी मंगलवार को कांग्रेस पंजाब प्रधान और लुधियाना से नव निर्वाचित सांसद अमरिंदर सिंर उर्फ राजा वड़िंग भी जालंधर में थे। उन्होंने कांग्रेस की उम्मीदवार सुरिंदर कौर के पक्ष में प्रचार के दौरान रास्ते में अपना काफिला रुकवाया और वरिष्ठ नेताओं के साथ एक दुकान पर गोल-गप्पे खाने के लिए रुक गए। उनके साथ आदमपुर से विधायक सुरिंदर सिंह कोटली और अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे। शीतल अंगुराल के इस्तीफे के बाद हो रहा है उपचुनाव लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 27 मार्च को शीतल अंगुराल भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन 29 मई को अंगुराल ने अपना इस्तीफा वापस लेने का फैसला किया। 30 मई को अंगुराल ने इस्तीफा वापस लेने के लिए स्पीकर को पत्र लिखा। 3 जून को स्पीकर ने अंगुराल को इस्तीफे पर बातचीत के लिए बुलाया था। लेकिन 30 मई को अंगुराल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया। इस पर अंगुराल ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की बात कही थी। मजे की बात यह है कि भगत और अंगुराल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी मैदान में थे। तब मोहिंदर भगत भाजपा के उम्मीदवार थे और अंगुराल आप के उम्मीदवार थे। इस बार उलटा हुआ है। भगत आप के हैं और अंगुराल भाजपा के उम्मीदवार हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
जालंधर में भगवंत मान करेंगे जनसभा को संबोधित:AAP प्रत्याशी मोहिंदर भगत के लिए मांगेंगे वोट, पुलिस ने सुरक्षा बढ़ाई
जालंधर में भगवंत मान करेंगे जनसभा को संबोधित:AAP प्रत्याशी मोहिंदर भगत के लिए मांगेंगे वोट, पुलिस ने सुरक्षा बढ़ाई पंजाब के जालंधर में विधानसभा उप चुनाव को लेकर सीएम भगवंत सिंह मान आज जालंधर वेस्ट हलके में कुछ ही देर जनसभा को संबोधित करेंगे। सीएम भगवंत मान अबादपुरा, वार्ड नंबर-32, श्री वाल्मीकि मंदिर के पास शाम को सभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद सीएम मान के लगातार तीन और कार्यक्रम रहेंगे। सीएम मान इसके बाद वार्ड नंबर-47, 37 और फिर आखिरी में 77 में सीएम मान लोगों को संबोधित करेंगे। सीएम के आवाजाही को लेकर पुलिस ने एरिया की सिक्योरिटी बढ़ा दी है। शीतल अंगुराल के इस्तीफे के बाद हो रहा उप चुनाव लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 27 मार्च को शीतल अंगुराल भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन 29 मई को अंगुराल ने अपना इस्तीफा वापस लेने का मन बनाया था। 30 मई को अंगुराल ने अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए स्पीकर को पत्र लिखा था। 3 जून को स्पीकर ने अंगुराल को इस्तीफे पर बातचीत को लेकर बुलाया था। मगर 30 मई को अंगुराल का इस्तीफा मंजूर कर दिया गया। इस पर अंगुराल ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की बात कही थी। दिलचस्प बात यह है कि भगत और अंगुराल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी मैदान में थे। तब मोहिंदर भगत बीजेपी के उम्मीदवार थे और अंगुराल AAP की तरफ से कैंडिडेट थे। इस बार उलट हो गया है। भगत AAP के तो अंगुराल भाजपा के कैंडिडेट हैं।
लुधियाना में 3 महिलाओं का अपहरण:कार मांगने आए थे युवक; रंजिश में चचेरे भाइयों की पत्नियों-भतीजी को उठाया, FIR
लुधियाना में 3 महिलाओं का अपहरण:कार मांगने आए थे युवक; रंजिश में चचेरे भाइयों की पत्नियों-भतीजी को उठाया, FIR पंजाब के लुधियाना में एक चौंकाने वाली घटना में, दो भाइयों ने कथित तौर पर अपने चचेरे भाइयों की पत्नियों और उनकी भतीजी का अपहरण कर लिया। 10 दिनों से अधिक समय तक, परिवार ने अपने स्तर पर उन्हें ढूंढने का प्रयास किया, लेकिन लापता महिलाओं का कोई पता नहीं लगा सके। अब पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायकर्ता के मुताबिक अगवा करने से कुछ दिन पहले आरोपी उनसे कहीं जाने के लिए कार मांगने आए थे। उन्होंने उन्हें मना कर दिया था। इसी रंजिश में आरोपियों ने उनके घर की महिलाओं को अगवा किया है। थाना कूमकलां पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिनकी पहचान गांव सूदांवाला के रहने वाले हरदीप सिंह उर्फ मंगा, उसके भाई रविंदर सिंह उर्फ निशु और जस्सा नाम के एक साथी के रूप में हुई है। 22 अगस्त की रात हुआ महिलाओं का अपहरण पुलिस अधिकारियों के अनुसार, अपहरण 22 अगस्त की रात को हुआ था। स्थिति की गंभीरता के बावजूद, परिवार ने एक सप्ताह से अधिक समय तक खोजबीन करने के बाद ही पुलिस से संपर्क किया। कथित तौर पर परिवार ने सामाजिक कलंक के कारण घटना की जल्द रिपोर्ट करने से परहेज किया। कोई सुराग न मिलने पर उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराने का फैसला किया। शिकायतकर्ता सुरजीत सिंह ने आरोपियों द्वारा इस्तेमाल की गई कार का नंबर मुहैया कराया और पुलिस अब अपनी जांच के तहत टोल प्लाजा पर जांच कर रही है। किडनैपिंग के समय गहरी नींद में था परिवार शिकायतकर्ता सुरजीत सिंह ने कहा कि आरोपियों ने रात के दौरान उनकी दो बहूओं सिमरनजीत कौर, परविंदर कौर और सिमरनजीत की बेटी मनकीरत कौर का अपहरण कर लिया, जब परिवार सो रहा था। सुरजीत ने बताया कि अपहरण की रात 22 अगस्त के बाद से आरोपी और अपहृत महिला दोनों के मोबाइल फोन बंद हैं। पुलिस उनके फोन को ट्रैक करने का प्रयास कर रही है लेकिन डिवाइस बंद होने के कारण कोई सक्रिय स्थान प्राप्त करने में असमर्थ है। मामले की जांच कर रहे हेड कांस्टेबल जसवीर सिंह ने बताया कि आरोपी के खिलाफ बीएनएस की धारा 127 (6) (गलत तरीके से किसी व्यक्ति को बंधक बनाना) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तलाश की जा रही है।
अकाली दल प्रधान को तनखैया करार करने का मामला:दीपावली बाद होगा सुखबीर बादल की सजा पर फैसला, जत्थेदार ज्ञानी रघबीर ने दी जानकारी
अकाली दल प्रधान को तनखैया करार करने का मामला:दीपावली बाद होगा सुखबीर बादल की सजा पर फैसला, जत्थेदार ज्ञानी रघबीर ने दी जानकारी पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (SAD) के प्रधान सुखबीर बादल को धार्मिक सजा सुना दी गई थी। इसे लेकर आज श्री अकाल तख्त साहिब ने दीपावली के बाद इस मामले में आगे का फैसला लेने का ऐलान किया है। बता दें कि श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सुखबीर बादल को तनखैया करार दे दिया था। जिसके बाद से उनकी सजा पर फैसला होना था। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि इस पर फैसला दीपावली के बाद लिया जाएगा। 25 अक्टूबर यानी दो दिन बाद तक 4 विधानसभा चुनावों के नामांकन होंगे। इससे ये साफ हो गया है कि सुखबीर बादल खुद चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। बेअदबी मामले में कार्रवाई न करने के लगे थे आरोप सुखबीर बादल पर उनकी सरकार के वक्त डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने के अलावा सुमेध सैनी को DGP नियुक्त करने और श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में कार्रवाई न करने का आरोप लगा था। फैसला सुनाते हुए अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने था कि अकाली दल प्रधान और डिप्टी CM रहते हुए सुखबीर बादल ने कुछ ऐसे फैसले लिए, जिससे पंथक स्वरूप के अक्स को नुकसान पहुंचा। सिख पंथ का भारी नुकसान हुआ। 2007 से 2017 वाले सिख कैबिनेट मंत्री भी अपना स्पष्टीकरण दें। अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने था कहा कि सुखबीर बादल एक साधारण सिख की तरह अकाल तख्त पर आकर अपने गुनाहों की माफी मांगें। सुखबीर बादल 15 दिन के भीतर अकाल तख्त पर अपना स्पष्टीकरण दें। जब तक वे खुद श्री अकाल तख्त साहिब पर पहुंच माफी नहीं मांगते, उन्हें तनखैया करार दिया जाता है। वल्टोहा पर पहले ही हो चुकी कार्रवाई शिरोमणी अकाली दल के नेता विरसा सिंह वल्टोहा को श्री अकाल तख्त साहिब पर 15 अक्टूबर को पेश हुए थी। जिन्हें शिरोमणि अकाली दल छोड़ने के आदेश दिए गए थे। जिसके बाद उन्हें अकाली दल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। वल्टोहा का इस्तीफा अकाली दल द्वारा मंजूर कर दिया गया था। इसकी जानकारी शिअद के वरिष्ठ नेता दलजीत सिंह चीमा द्वारा दी गई थी। क्या होता है तनखैया सिख पंथ के अनुसार कोई भी सिख अगर धार्मिक तौर पर कुछ गलत करता है तो उसे तनखैया करार दिया जाता है। इसका फैसला सिखों के सर्वोच्च तख्त श्री अकाल तख्त साहिब करते हैं। तनखैया घोषित होने के बाद व्यक्ति सिख संगत के समक्ष उपस्थित होकर अपनी गलती के लिए क्षमा मांग सकता है। तब सिख संगत की ओर से पवित्र श्री गुरू ग्रंथ साहिब की हाजिरी में उसके गुनाह की समीक्षा की जाती है। फिर उसी के हिसाब से उसके लिए दंड तय किया जाता है। तनखैया की सजा मिलने पर ऐसे व्यक्ति से न तो कोई सिख संपर्क रखता है और न ही कोई संबंध। इनके यहां शादी जैसे कार्यक्रमों में भी कोई सिख आता-जाता नहीं है।