पंजाब के जालंधर में शाहकोट कस्बे के पास जमीनी विवाद में एक भतीजे ने अपने चाचा की हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी भतीजे को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि उसके तीन साथी अभी भी फरार हैं। पुलिस जल्द ही गिरफ्तार आरोपी को कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए रिमांड पर लेगी। आरोपी अपने चाचा लखवीर सिंह उर्फ लक्खा (65) की हत्या कर परिवार समेत फरार हो गया था। आरोपियों की गिरफ्तारी का आश्वासन मिलने के बाद परिवार ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया। खेत में खून से लथपथ मिला था लक्खा लखवीर सिंह उर्फ लक्खा का अपने बड़े भाई के बेटों से जमीन का विवाद चल रहा था। भतीजा जसविंदर सिंह चाचा लखवीर सिंह को खेतों में पानी लगाने और कुएं पर जाने से रोकता था। जमीन विवाद को लेकर दोनों के बीच केस भी चल रहा था। कल सुबह करीब 10 बजे लखवीर सिंह खेतों में घूम रहा था, तभी अचानक मक्के के खेत से निकल रहे उसके भतीजों ने उस पर हमला कर दिया। आरोपी भतीजे ने उस पर चाकू से कई बार वार कर उसे घायल कर दिया। घटना के बाद आरोपी वहां से फरार हो गया। शाहकोट से उसे निजी अस्पताल में रेफर किया गया जानकारी के अनुसार, जब ग्रामीणों ने लक्खा को घायल अवस्था में देखा तो उन्होंने तुरंत मामले की सूचना परिजनों को दी। जिसके बाद लक्खा को उपचार के लिए शाहकोट के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे तुरंत निजी अस्पताल में रेफर कर दिया गया। अस्पताल में उपचार के दौरान लखवीर सिंह की मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने भतीजे तीर्थ राम और सरबजीत (दोनों), उनकी मां इंद्रजीत कौर और सुखजीत सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया था। पंजाब के जालंधर में शाहकोट कस्बे के पास जमीनी विवाद में एक भतीजे ने अपने चाचा की हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी भतीजे को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि उसके तीन साथी अभी भी फरार हैं। पुलिस जल्द ही गिरफ्तार आरोपी को कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए रिमांड पर लेगी। आरोपी अपने चाचा लखवीर सिंह उर्फ लक्खा (65) की हत्या कर परिवार समेत फरार हो गया था। आरोपियों की गिरफ्तारी का आश्वासन मिलने के बाद परिवार ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया। खेत में खून से लथपथ मिला था लक्खा लखवीर सिंह उर्फ लक्खा का अपने बड़े भाई के बेटों से जमीन का विवाद चल रहा था। भतीजा जसविंदर सिंह चाचा लखवीर सिंह को खेतों में पानी लगाने और कुएं पर जाने से रोकता था। जमीन विवाद को लेकर दोनों के बीच केस भी चल रहा था। कल सुबह करीब 10 बजे लखवीर सिंह खेतों में घूम रहा था, तभी अचानक मक्के के खेत से निकल रहे उसके भतीजों ने उस पर हमला कर दिया। आरोपी भतीजे ने उस पर चाकू से कई बार वार कर उसे घायल कर दिया। घटना के बाद आरोपी वहां से फरार हो गया। शाहकोट से उसे निजी अस्पताल में रेफर किया गया जानकारी के अनुसार, जब ग्रामीणों ने लक्खा को घायल अवस्था में देखा तो उन्होंने तुरंत मामले की सूचना परिजनों को दी। जिसके बाद लक्खा को उपचार के लिए शाहकोट के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे तुरंत निजी अस्पताल में रेफर कर दिया गया। अस्पताल में उपचार के दौरान लखवीर सिंह की मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने भतीजे तीर्थ राम और सरबजीत (दोनों), उनकी मां इंद्रजीत कौर और सुखजीत सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया था। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
सेना में हुए थे ब्लड प्रेशर के शिकार, मिलेंगी पेंशन:HC ने सुनाया फैसला, केंद्र सरकार की अपील खारिज, 2019 में दी रिटायरमेंट
सेना में हुए थे ब्लड प्रेशर के शिकार, मिलेंगी पेंशन:HC ने सुनाया फैसला, केंद्र सरकार की अपील खारिज, 2019 में दी रिटायरमेंट सेना में रहते हुए कोई हाई ब्लड प्रेशर स्टेज एक का शिकार हो जाता है। तो वह विकलांगता पेंशन का हकदार माना जाएगा। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने इस तरह के एक केस को सुनते हुए फैसला सुनाया है। अदालत ने आर्म्ड फोर्सेज ट्रिब्रूनल (AFT) के फैसले के खिलाफ भारत सरकार की अपील को खारिज कर दी है। 2002 में सेना हुए थे भर्ती धीरज कुमार की तरफ से इस संबंधी AFT में याचिका दाखिल की गई थी। उन्होंने अपनी याचिका में बताया था कि वह 2002 में सेना में शामिल हुए थे। नौकरी के दौरान वह वह स्टेज हाई ब्लड प्रेशर का शिकार हो गए थे। इसके बाद सेना ने उन्हें 31 अक्तूबर 2019 को सेवा मुक्त कर दिया था। लेकिन पेंशन नहीं दी गई। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने अपनी जंग जारी रखी। मेडिकल बोर्ड ने उनकी विकलांगता 30 फीसदी मानी थी। सेना पेंशन देने का तैयार नहीं थी धीरज ने इसके बाद विकलांगता पेंशन के लिए आवेदन किया। लेकिन सरकार ने उसके आवेदन को इस आधार पर खारिज कर दिया कि उसे हुई विकलांगता न तो सैन्य सेवा के कारण थी और न ही उससे बढ़ी थी। सेना के खिलाफ उन्हाेंने इस मुद्दे पर AFT में जंग लड़ी। जहां पर फैसला उसके पक्ष में आया। लेकिन सरकार सरकार उस फैसले को मानने के लिए तैयार नहीं थी। इसके बाद AFT के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार हाईकोर्ट पहुंची। लेकिन फैसला उसके पक्ष में आया। अदालत में सुनवाई के दौरान सैनिक की तरफ से मेडिकल रिकॉर्ड पेश किया है। उसने बताया कि जब वह भर्ती हुआ तो पूरी तरह से तंदुरुस्त था। उसे यह बीमारी सेना सेवाकाल में हुई।
गुरदासपुर में गोलीकांड का आरोपी अस्पताल से फरार:अमृतसर में चल रहा था इलाज, घटना में हुई थी 4 लोगों की मौत
गुरदासपुर में गोलीकांड का आरोपी अस्पताल से फरार:अमृतसर में चल रहा था इलाज, घटना में हुई थी 4 लोगों की मौत गुरदासपुर जिले के श्री हरगबिंदपुर साहब के गांव विठवां में दो गुटों के दरमियान हुई फायरिंग मामले में अमृतसर में दाखिल एक जख्मी आरोपी अस्पताल से फरार हो गया। आरोपी के फरार होने के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। फिलहाल पुलिस फरार आरोपी की तलाश में जुट गई है। वहीं पुलिस अधिकारी इस मामले को लेकर कुछ भी कहने से बच रहे है। अस्पताल में चल रहा था इलाज 7 जुलाई की शाम को गुरदासपुर के कस्बा श्री हरगबिंदपुर साहब के गांव विठवां में दो गुटों के दरमियान हुई फायरिंग में दोनों गुटों के 2-2 कुल चार लोग मारे गए थे। इस गोलीबारी में 8 से ज्यादा लोग ज़ख्मी हुए थे। घायलों का इलाज अमृतसर के निजी अस्पताल में चल रहा था। बटाला पुलिस में इन घायलों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया हुआ है। अस्पताल में दाखिल इन आरोपियों को पुलिस की कस्टडी में रखा गया था। अधिकारी नहीं कर रहे बात लेकिन बीती शाम को निजी अस्पताल में दाखिल एक गुट का युवक नवनिंदर सिंह उर्फ रवि वासी गांव मोड अपने साथियों की मदद से अस्पताल से फरार हो गया। इस मामले को लेकर एसएसपी बटाला अश्वनी गोटियाल से बात करनी चाहिए तो उन्होंने फोन नहीं उठाया और श्री हरगबिंदपुर साहब के डीएसपी राजेश कंकड़ ने कहा कि वह अभी बिजी हैं। इस मामले की जानकारी आपको बाद में देंगे। लेकिन पुलिस की कस्टडी से एक जख्मी आरोपी का भाग जाना पुलिस पर कई तरह के सवाल खड़े करता है।
मोगा में बैंक क्लर्क ने 68 लाख निकाले:69 खाताधारकों के खाते से रुपए गायब, 2 साल तक खुद वाउचर भरा
मोगा में बैंक क्लर्क ने 68 लाख निकाले:69 खाताधारकों के खाते से रुपए गायब, 2 साल तक खुद वाउचर भरा मोगा कोट कपूरा रोड स्थित पंजाब नेशनल बैंक के क्लर्क ने खाताधारकों के खाते से लाखों रुपए निकाल लिए। जानकारी के मुताबिक, क्लर्क ने अलग-अलग खाता धारकों के खाते से निकले लाखों रुपए 2022 से 2024 तक निकले। ब्रांच मैनेजर के बयान पर थाना सिटी साउथ में मामला दर्ज हो चुका है। थाना मुखी इकबाल हुसैन ने कहा कि हमारे पास पंजाब नेशनल बैंक के मैनेजर निशांत खोसला ने शिकायत दर्ज करवाई है कि ब्रांच में क्लर्क की जॉब पर तैनात सतपाल सिंह ने 2022 से 2024 तक 69 खाताधारकों के खातों में से 68 लाख 30 हजार के करीब की राशि खुद वाउचर भर निकाल ली। एसएमएस के निर्देशों तहत थाना सिटी में मामला दर्ज कर लिया गया है आरोपी की गिरफ्तारी अभी बाकी है। बैंक मैनेजर ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।