पंजाब के जालंधर में एक नाबालिग युवती के साथ दो दोस्तों ने मिलकर रेप कर दिया। आरोपियों ने पहले पीड़िता को अपने घर बुलाया और फिर उसके साथ बारी बारी से संबंध बनाए। आरोपियों ने जमकर पीड़िता से अश्लीलता की। जब मामला पुलिस तक पहुंचा तो जालंधर देहात के थाना आदमपुर की पुलिस ने गांव सिकंदरपुर के रहने वाले रविंदर सिंह और दोस्त साहिल के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। केस में बीएनएस की धारा 70 और पॉक्सो एक्ट की धारा-6 लगाई गई है। दोनों आरोपी वारदात के बाद से फरार चल रहे हैं। जिनकी तलाश आदमपुर पुलिस द्वारा की जा रही है। गिरफ्तारी के बाद जल्द आरोपियों को पुलिस कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेगी। रेप का पता चलते ही परिवार ने करवाया मेडिकल थाना आदमपुर के अधीन आते गांव सिकंदरपुर की ये घटना है। रविंदर ने बीती 24 जुलाई को दोपहर के वक्त पीड़िता को बहाना बनाकर किसी तरह अपने घर ले आया था। जहां पहले से ही साहिल मौजूद था। वहां पर उक्त आरोपियों ने बारी बारी से उसके साथ उसकी इच्छा के बिना शारीरिक संबंध बनाए। वारदात के बाद पीड़िता किसी तरह वहां से निकली और परिजनों के पास पहुंच गई। घटना की सूचना पीड़ित ने तुरंत अपने परिवार को दी और फिर उसका मेडिकल करवाया गया। मेडिकल जांच के बाद मामला पुलिस तक पहुंचा तो जांच शुरू हुई। मामला दर्ज किए जाने की पुष्टि थाना आदमपुर में तैनात इंस्पेक्टर संदीप कौर ने की है। पंजाब के जालंधर में एक नाबालिग युवती के साथ दो दोस्तों ने मिलकर रेप कर दिया। आरोपियों ने पहले पीड़िता को अपने घर बुलाया और फिर उसके साथ बारी बारी से संबंध बनाए। आरोपियों ने जमकर पीड़िता से अश्लीलता की। जब मामला पुलिस तक पहुंचा तो जालंधर देहात के थाना आदमपुर की पुलिस ने गांव सिकंदरपुर के रहने वाले रविंदर सिंह और दोस्त साहिल के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। केस में बीएनएस की धारा 70 और पॉक्सो एक्ट की धारा-6 लगाई गई है। दोनों आरोपी वारदात के बाद से फरार चल रहे हैं। जिनकी तलाश आदमपुर पुलिस द्वारा की जा रही है। गिरफ्तारी के बाद जल्द आरोपियों को पुलिस कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेगी। रेप का पता चलते ही परिवार ने करवाया मेडिकल थाना आदमपुर के अधीन आते गांव सिकंदरपुर की ये घटना है। रविंदर ने बीती 24 जुलाई को दोपहर के वक्त पीड़िता को बहाना बनाकर किसी तरह अपने घर ले आया था। जहां पहले से ही साहिल मौजूद था। वहां पर उक्त आरोपियों ने बारी बारी से उसके साथ उसकी इच्छा के बिना शारीरिक संबंध बनाए। वारदात के बाद पीड़िता किसी तरह वहां से निकली और परिजनों के पास पहुंच गई। घटना की सूचना पीड़ित ने तुरंत अपने परिवार को दी और फिर उसका मेडिकल करवाया गया। मेडिकल जांच के बाद मामला पुलिस तक पहुंचा तो जांच शुरू हुई। मामला दर्ज किए जाने की पुष्टि थाना आदमपुर में तैनात इंस्पेक्टर संदीप कौर ने की है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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केंद्रीय राज्य मंत्री बिट्टू बोले- किसान नेता तालिबान, खाद लूटी:इनकी प्रॉपर्टी की जांच कराएंगे; पंधेर का चैलेंज- मोदी-शाह थक चुके, ये करवाकर दिखाएं
केंद्रीय राज्य मंत्री बिट्टू बोले- किसान नेता तालिबान, खाद लूटी:इनकी प्रॉपर्टी की जांच कराएंगे; पंधेर का चैलेंज- मोदी-शाह थक चुके, ये करवाकर दिखाएं केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू ने किसान नेताओं को तालिबान कह दिया। बिट्टू ने कहा कि ये खाद लूट रहे हैं, ये तालिबान बन गए। सरकार किसान नेताओं की प्रॉपर्टी की जांच कराएगी। इनके पास नेता बनने से पहले और बाद में कितनी प्रॉपर्टी हुई। इस पर किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन पंधेर ने पलटवार करते हुए कहा कि मणिपुर में भाजपाइयों ने जो किया, असली तालिबान तो ये लोग खुद हैं। पंधेर ने चैलेंज भी किया कि वह किसान नेताओं की जांच करके दिखाएं। उन्होंने बिट्टू को बयान पर माफी मांगने के लिए कहा। केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू की 3 अहम बातें 1. भाजपा का विरोध किसान नहीं नेता कर रहे
केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू ने कहा- किसान कोई विरोध नहीं कर रहा। किसान भाजपा के साथ है। सिर्फ लीडर विरोध कर रहे हैं। किसान के पास कहां टाइम है। किसान मंडियों में है। उसके बाद गेहूं की बिजाई में व्यस्त हो जाएगा। यह लीडर हैं, जो भेजे जाते हैं। कोई बात नहीं, हमारा भी इलेक्शन में विरोध किया। 2. किसान लीडरों की जांच कराएंगे, ये आढ़ती, इनके शैलर चल रहे
किसान यूनियन के कई बड़े लीडर बने हैं, इनकी जांच कराएंगे। उनकी जमीनों की जांच होगी। उनकी किसान लीडर बनने से पहले और बाद में कितनी जमीन-जायदाद बनी है। कौन सा ऐसा किसान नेता है, जो आढ़तिया नहीं या फिर उनके शैलर नहीं हैं। 3. खाद की ट्रेन लूटी, ये तालिबानी
कहीं ट्रेन लूट ली। खाद भी तो किसी जमींदार को मिलनी है। ये कहते हैं यहां नहीं वहां जाएगी। ये तो तालिबान बन गए। कहीं तो यह काम रोकना पड़ेगा। आने वाले दिनों में किसान भाजपा को ठोक कर वोट डालेगा। किसान को पता है कि किसानों का सुधार केंद्र सरकार से ही हो सकता है। उनके पास पैसे के गफ्फे हैं। किसान नेता सरवन पंधेर ने पलटवार में कही 5 अहम बातें 1. मोदी-शाह जोर लगाकर थक गए, बिट्टू को जांच से किसने रोका?
किसान नेता सरवन पंधेर ने कहा कि केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू ने कहा कि किसान नेताओं की जांच होनी चाहिए। वह किसान नेताओं को तालिबान बता रहे हैं। मैं कहूंगा कि बिट्टू की पार्टी 11 साल से सत्ता में है। मोदी और अमित शाह तो जोर लगाकर थक गए। कोई किसान नेता गलत लगता है तो जांच करने से किसने रोका है?। मैं चैलेंज करता हूं कि इसकी जांच करा लो। इसके लिए उपचुनाव खत्म होने का इंतजार क्यों कर रहे हो। 2. पूरे देश में DAP की कमी, ये घिर गए
पंधेर ने कहा कि पूरे देश में DAP खाद का क्राइसिस है। पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और हरियाणा में खाद नहीं मिल रही। इस मामले पर ये बुरी तरह से घिरे हुए हैं। लोगों को पता चल गया कि इस बार 83, 238 हजार करोड़ की सब्सिडी इन्होंने घटा दी। गोदामों का 15 लाख MT का कोटा खत्म हो गया है। बाहर से खाद मंगाई नहीं है। 3. पंजाब से चावलों की लिफ्टिंग नहीं, किसानों से साजिश
इस साल केंद्र ने पंजाब के शैलरों से चावलों की लिफ्टिंग नहीं की। इस बार जो चावल बाहर गए हैं, शेलर एसोसिएशन का कहना है कि बाहर भेजने से पहले 4 बार सैंपलिंग होती है और फिर विदेश में जाकर फेल हो जाते हैं। यह पंजाब के किसानों के साथ साजिश है। 4. पराली के लिए सिर्फ किसान दोषी क्यों, इंडस्ट्री-गाड़ियों पर कार्रवाई क्यों नहीं?
केंद्र सरकार पराली पर सिर्फ किसानों को दोषी क्यों मानती है। किसानों पर जुर्माने डबल क्यों करवा दिए। पंजाब के अफसरशाही पर दबाव डाल रहे कि किसानों को घेरो। केंद्र सरकार 51% इंडस्ट्री पर कार्रवाई क्यों नहीं करती। 25% ट्रैफिक के संसाधनों पर कार्रवाई क्यों नहीं करते?। प्रदूषण के लिए और भी जिम्मेदार हैं। 5. कांग्रेस में रहते बिट्टू हमारा बचाव करते थे
बिट्टू साहब बुरी तरह से घिरे हुए हैं। बिट्टू वह हैं जो आज से 6 महीने पहले कांग्रेस में रहते वक्त हमारा बचाव करते थे। कैप्टन अमरिंदर भी हमारे साथ खड़े होते थे। आज BJP में जाकर अपनी बोली बदल ली। नागपुर की ट्रेनिंग जबरदस्त है। बिट्टू को अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए। अगर पंजाब के किसानों को खाद नहीं मिल रही। साधारण किसान विरोध कर रहे हैं। अगर किसी चुनाव वाले क्षेत्र में खाद जा रही है और किसानों ने विरोध किया कि खाद वहां नहीं जानी चाहिए तो उसे तालिबान बता रहे हो। मणिपुर में क्या किया, तालिबान तो भाजपा वाले हैं।
किसान नेता डल्लेवाल को मल्टी ऑर्गन फेलियर का खतरा:मेडिकल एक्सपर्ट्स बोले- कैंसर मरीज भूखे नहीं रह सकते; सेल्फ डिस्ट्रक्शन की स्टेज में पहुंच चुके
किसान नेता डल्लेवाल को मल्टी ऑर्गन फेलियर का खतरा:मेडिकल एक्सपर्ट्स बोले- कैंसर मरीज भूखे नहीं रह सकते; सेल्फ डिस्ट्रक्शन की स्टेज में पहुंच चुके हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर 23 दिन से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत डल्लेवाल (70) को मल्टीपल ऑर्गन फेलियर का खतरा है। डल्लेवाल पहले से ही कैंसर के मरीज हैं। अनशन से उनका ब्लड प्रेशर भी लो हो रहा है। जिससे हार्ट अटैक भी आ सकता है। उनकी देखरेख करने वाली सरकारी डॉक्टरों की टीम लगातार उन्हें हॉस्पिटलाइज्ड यानी अस्पताल में भर्ती करने की सिफारिश कर रही है। हालांकि डल्लेवाल फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के कानून समेत 13 मांगें पूरी न होने तक अनशन खत्म करने से इनकार कर चुके हैं। किसान नेता डल्लेवाल की हालत को लेकर दैनिक भास्कर ने अलग-अलग मेडिकल एक्सपर्ट्स से बात की। सबका यही कहना था कि अगर जल्द उनका आमरण अनशन तुड़वाकर अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया तो फिर उनकी स्थिति बिगड़ सकती है। सबसे पहले इन 2 ग्राफिक्स में डल्लेवाल की हालत और उससे जुड़े 4 बड़े खतरे जानिए… मोहाली के लिवासा अस्पताल के कैंसर स्पेशलिस्ट डॉ. प्रियांशु ने कहा- डल्लेवाल का भूखे रहना चिंताजनक है, इसकी 4 वजहें भी बताईं… 1. उम्र ज्यादा, कैंसर रोगी भी, लंबी फास्टिंग ठीक नहीं
डॉ. प्रियांशु कहते हैं कि जगजीत डल्लेवाल की उम्र 70 साल है। इस उम्र में शरीर के कई अंग बढ़ती आयु के साथ वैसे ही कमजोर पड़ जाते हैं। इस उम्र में भूखे रहना शरीर के लिए ठीक नहीं है। डल्लेवाल कैंसर के मरीज भी हैं। डॉक्टरों की ट्रीटमेंट एडवाइज वाले मेडिकल जनरल के अनुसार भी कैंसर पीड़ित या कैंसर ट्रीटमेंट ले रहे मरीज को लंबी फास्टिंग नहीं करने दी जाती। इसके उलट डल्लेवाल 23 दिन से सिर्फ पानी का सेवन कर रहे हैं। 2. इम्यूनिटी कम होगी, किडनी-लीवर पर बुरा असर
ज्यादा समय तक भूखे रहने से उन्हें मैल्यून्यूट्रिशन का खतरा है। इससे बीमारियों से लड़ने की क्षमता यानी इम्यूनिटी कम हो जाती है। इससे किडनी और लीवर पर नेगेटिव इफेक्ट यानी बुरा असर पड़ता है। इसके अलावा डल्लेवाल बुजुर्ग हैं और कैंसर होने के बावजूद वह लंबे टाइम से भूखे रह रहे हैं। ऐसे में उनकी शुगर लो हो सकती है। यह उनके मल्टीपल ऑर्गन फेलियर का कारण बन सकता है। 3. किडनी फेल हो सकती है
डल्लेवाल की देखरेख करने वाले डॉक्टरों की जांच रिपोर्ट के अनुसार उनके शरीर में क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ रहा है। क्रिएटिनिन वेस्ट प्रोडक्ट है, जो मांसपेशियों के टूटने से बनता है। सामान्य स्थिति में किडनी इसे रक्त से छानती है और यूरीन के रास्ते शरीर से बाहर निकाल देती है। लेकिन डल्लेवाल के मामले में यह क्रिएटिनिन खून में जमा हो रहा है। इससे उनका ग्लोमेरुलर फिल्ट्रेशन रेट (GFR) गिरता जा रहा है। इसका मतलब उनकी किडनी की खून को फिल्टर करने की क्षमता घट रही है। उनके शरीर में कीटोन्स का लेवल भी बढ़ा हुआ है। इससे उनका खून विषाक्त हो सकता है। ऐसे में किडनी फेल हो सकती है। 4. यूरीन मे कीटोन्स से शरीर पर असर
डल्लेवाल के यूरीन में कीटोन्स की मौजूदगी मिली है। इससे पता चलता है कि उनका शरीर अब जीवित रहने के लिए फैट का प्रयोग कर रहा है, ग्लूकोज का नहीं। अगर यह लंबे टाइम तक चला तो फिर शरीर की पाचन क्रिया से लेकर याददाश्त तक पर असर पड़ सकता है। आमरण अनशन तोड़ने के बाद भी उन्हें कई बीमारियां घेर सकती हैं। अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल के सीनियर प्रोफेसर ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. राकेश शर्मा ने 4 बड़ी चिंताएं जताईं… 1. कैटाबोलिज्म स्टेज में पहुंचे, सेल्फ डिस्ट्रक्शन शुरू
इंसान के शरीर में 7-8 दिन का रिजर्व ग्लूकोज होता है। लीवर के लिए रिजर्व ग्लूकोज जैसे ही खत्म होता है तो हमारा शरीर मसल्स का ग्लूकोज खाना शुरू कर देता है। अगर वे सिर्फ पानी पी रहे हैं तो शरीर के लिए पर्याप्त मिनरल नहीं मिल पा रहे। फिर बॉडी की कैटाबोलिज्म स्टेज शुरू हो जाती है, जिसमें सेल्फ डिस्ट्रक्शन शुरू हो जाती है यानी शरीर खुद को खाना शुरू कर देता है। 2. कैंसर के बावजूद भूखे रहने से बॉडी कमजोर
डल्लेवाल प्रोस्टेट कैंसर के मरीज हैं। अगर वे पहले इसका ट्रीटमेंट ले चुके हैं तो उनके शरीर पर अधिक फर्क नहीं पड़ेगा। मगर, भूखे रहने से बॉडी कमजोर होती है। आयु और कैंसर की वजह से उनका शरीर इसे झेल नहीं सकता। 3. बीपी घटा तो तुरंत फ्लूड ग्लूकोज देना होगा
सामान्य तौर पर 60 साल से अधिक पुरुषों का ब्लड प्रेशर 133/69 मिमी एचजी होता है। डल्लेवाल की जो मेडिकल बुलेटिन में रिपोर्ट आई, उसमें ब्लड प्रेशर 80/50 हो चुका है। डिहाइड्रेशन की वजह से डल्लेवाल का ब्लड प्रेशर लगातार लो हो रहा है। ऐसी सूरत में उनके हार्ट पर इसका असर पड़ सकता है। ऐसी सूरत में उन्हें तुरंत फ्लूड ग्लूकोज लगाने की जरूरत है ताकि जिंदगी को कोई खतरा न हो। 4. मिनरल की कमी से पहले किडनी, फिर लिवर पर असर
एक सामान्य आदमी को दिन भर में एवरेज 2500 कैलोरी की जरूरत होती है, जिसकी एनर्जी से वह फिजिकल एक्टिविटी कर पाते हैं। चूंकि डल्लेवाल इस वक्त कोई शारीरिक काम नहीं कर रहे तो उनके शरीर की जरूरत 1000 कैलोरी की होगी। हालांकि अन्न का एक भी दाना न खाने से उनके शरीर में मिनरल की कमी हो जाएगी। जिससे पहले उनकी किडनी और लीवर पर फर्क पड़ेगा। आखिर में मल्टीपल ऑर्गन फेलियर हो सकता है। खनौरी बॉर्डर पर डल्लेवाल की सेहत के लिए क्या इंतजाम…
खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन कर रहे डल्लेवाल की सेहत की निगरानी के लिए डॉक्टरों की 2 टीमें तैनात हैं। एक टीम पटियाला के सरकारी डॉक्टरों की है। दूसरी टीम किसानों की तरफ से लगाई गई है। सरकारी डॉक्टरों को तभी देखरेख की इजाजत मिली, जब उनकी रिपोर्ट किसानों के बुलाए डॉक्टरों की रिपोर्ट से मैच हुई थी। सुप्रीम कोर्ट भी चिंता जता चुका
किसान नेता जगजीत डल्लेवाल के स्वास्थ्य को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी चिंता जता चुका है। 13 दिसंबर को सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आंदोलन से ज्यादा जान जरूरी है। जिसके बाद पंजाब सरकार और केंद्र सरकार को आदेश दिए गए कि वह तत्काल डल्लेवाल को डॉक्टरी मदद उपलब्ध कराएं।
पंजाब सीएम को ओलंपिक में जाने से रोका:खन्ना में आप MLA और पूर्व हॉकी खिलाड़ी बोले- पेरिस जाने से रोकना निंदनीय
पंजाब सीएम को ओलंपिक में जाने से रोका:खन्ना में आप MLA और पूर्व हॉकी खिलाड़ी बोले- पेरिस जाने से रोकना निंदनीय पंजाब के सीएम भगवंत सिंह मान को पेरिस ओलंपिक में जाने की इजाजत केंद्र सरकार की तरफ से नहीं दी गई। जिसके बाद प्रदेश की सियासत गरमा गई है। आम आदमी पार्टी की तरफ से इसका विरोध शुरू किया गया। पायल विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के विधायक एवं स्टेट स्तरीय हॉकी खिलाड़ी रहे मनविंदर सिंह ग्यासपुरा ने इसकी निंदा की। साथ ही भाजपा सरकार को सीधे तौर पर एक प्रकार की चुनौती भी दी। कदे दादे दीयां ते कदे पोते दीयां विधायक ग्यासपुरा ने कहा कि वे इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। क्योंकि, पेरिस ओलंपिक में पंजाब के 10 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। हाकी टीम का बहुत अच्छा प्रदर्शन है। वे खुद पंजाब टीम के हाकी खिलाड़ी रहे हैं। केंद्र सरकार ने गलत राजनीति करते हुए सीएम भगवंत मान को वहां जाने से रोका है। उन्होंने पंजाबी मुहावरा- “कदे दादे दीयां ते कदे पोते दीयां” का जिक्र करते हुए कहा कि हालात हमेशा एक जैसे नहीं रहते। आज नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं तो कल कोई और हो सकता है। इसलिए भाजपा को उतने ही जुल्म करने चाहिए जितने बाद में वे खुद भी झेल सकें। स्पीकर संधवां को अमेरिका से रोकना भी गैर संवैधानिक विधायक ग्यासपुरा ने कहा कि सीएम मान के अलावा पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां को भी अमेरिका जाने से रोका गया है। अमेरिका में लेजिस्टट्रेटिव इकट्ठे हो रहे हैं। वहां विभिन्न प्रकार के आइडिया पर विचार किया जाना है। इस कार्यक्रम में स्पीकर संधवां को जाने की इजाजत न देना गैर संवैधानिक फैसला है। यह राजनीति से प्रेरित है और सियासी बदलाखोरी है।