सिटी ब्यूटीफुल यानी चंडीगढ़ के लोगों को पिछले दिनों से पड़ रही गर्मी और उमस से राहत मिलने के आसार है। मौसम विभाग की तरफ से आज बारिश के लिए लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान कुछ स्थानों पर भारी बारिश, तूफान और बिजली चमकने के आसार है। अधिकतम तापमान 34.3 डिग्री दर्ज किया गया है। जो कि गत 24 घंटों में 1.9 डिग्री कम हुआ है। हालांकि नॉर्मल से 0.5 अधिक है। जबकि बारिश 0.0 डिग्री दर्ज की गई है। वहीं, एक जून से अब तक 196.4 मिली बारिश दर्ज की गई है। जो कि सामान्य से 47.7 फीसदी कम है। ट्राइसिटी में आज बारिश संभावना अगर ट्राइसिटी यानी चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली के मौसम की बात करे तो तीनों जगह आज बारिश का अलर्ट है। इस दौरान मोहाली, खरड़ और डेराबस्सी में मीडियम बारिश के आसार है। इसी तरह पंचकूला और कालका में मध्यम बारिश की संभावना है। सुबह से मौसम भी अच्छा बना हुआ है। ठंडी हवाएं चल रही है। हालांकि मोहाली में गत कुछ दिनों में मौसम विभाग की तरफ से अलर्ट जरूर जारी किए गए। लेकिन उस हिसाब से बारिश नहीं हो रही थी। इस वजह से भी लाेगों को गर्मी से परेशानी उठानी पड़ रही थी। इन चीजों पर ध्यान रखने की जरूरत मौसम विभाग की तरफ से लोगों को आगाह किया है कि बारिश के दौरान अंडरपास सहित कई निचले इलाकों में जलभराव हो सकता है। ऐसे में इन एरिया में जान से बचे। वहीं, पानी और बिजली की सप्लाई में कुछ समय के लिए व्यवधान आ सकता है। इसके अलावा जलभराव और दृश्यता कम होने से यात्रा में 15 से 30 मिनट का अधिक समय लग सकता है। इस वजह से रेल, सड़क और हवाई परिवहन में देरी संभवना है। वहीं, लोगों को कमजोर ढांचों के पास खड़े न होने की नसीहत दी गई है। पेड़ों के नीचे शरण न लेने और जल निकायों के पास न जाए और जल निकासी का ध्यान रखे । मुश्किल समय में हेल्पलाइन नंबर 112 पर कॉल करें। सिटी ब्यूटीफुल यानी चंडीगढ़ के लोगों को पिछले दिनों से पड़ रही गर्मी और उमस से राहत मिलने के आसार है। मौसम विभाग की तरफ से आज बारिश के लिए लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान कुछ स्थानों पर भारी बारिश, तूफान और बिजली चमकने के आसार है। अधिकतम तापमान 34.3 डिग्री दर्ज किया गया है। जो कि गत 24 घंटों में 1.9 डिग्री कम हुआ है। हालांकि नॉर्मल से 0.5 अधिक है। जबकि बारिश 0.0 डिग्री दर्ज की गई है। वहीं, एक जून से अब तक 196.4 मिली बारिश दर्ज की गई है। जो कि सामान्य से 47.7 फीसदी कम है। ट्राइसिटी में आज बारिश संभावना अगर ट्राइसिटी यानी चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली के मौसम की बात करे तो तीनों जगह आज बारिश का अलर्ट है। इस दौरान मोहाली, खरड़ और डेराबस्सी में मीडियम बारिश के आसार है। इसी तरह पंचकूला और कालका में मध्यम बारिश की संभावना है। सुबह से मौसम भी अच्छा बना हुआ है। ठंडी हवाएं चल रही है। हालांकि मोहाली में गत कुछ दिनों में मौसम विभाग की तरफ से अलर्ट जरूर जारी किए गए। लेकिन उस हिसाब से बारिश नहीं हो रही थी। इस वजह से भी लाेगों को गर्मी से परेशानी उठानी पड़ रही थी। इन चीजों पर ध्यान रखने की जरूरत मौसम विभाग की तरफ से लोगों को आगाह किया है कि बारिश के दौरान अंडरपास सहित कई निचले इलाकों में जलभराव हो सकता है। ऐसे में इन एरिया में जान से बचे। वहीं, पानी और बिजली की सप्लाई में कुछ समय के लिए व्यवधान आ सकता है। इसके अलावा जलभराव और दृश्यता कम होने से यात्रा में 15 से 30 मिनट का अधिक समय लग सकता है। इस वजह से रेल, सड़क और हवाई परिवहन में देरी संभवना है। वहीं, लोगों को कमजोर ढांचों के पास खड़े न होने की नसीहत दी गई है। पेड़ों के नीचे शरण न लेने और जल निकायों के पास न जाए और जल निकासी का ध्यान रखे । मुश्किल समय में हेल्पलाइन नंबर 112 पर कॉल करें। पंजाब | दैनिक भास्कर
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लेबनान में फंसा शख्स 24 साल बाद लुधियाना लौटा:खो गया था पासपोर्ट, बच्चों को छोड़कर गया विदेश, संत सीचेवाल का जताया आभार लेबनान में 24 साल से फंसे व्यक्ति ने वतन वापसी के बाद सबसे पहले राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल से मुलाकात कर उनका आभार जताया और भावुक हो कर कहा कि उसने तो वापसी की उम्मीद ही छोड़ दी थी। लेकिन संत सीचेवाल के प्रयास से वह अपने परिवार से मिला है। यह उसका दूसरा जन्म है। लेबनान में 24 साल से फंसे गुरतेज सिंह ने कहा कि ट्रेवल एजेंट ने उसे लेबनान भेजने के लिए एक लाख रुपए लिए थे। उस ज़माने में उसने यह एक लाख कैसे इकट्ठा किया, यह वह या उसका भगवान ही जनता। लुधियाना जिले के मत्तेवाड़ा गांव के रहने वाले गुरतेज सिंह 33 साल के थे जब वह 2001 में अपने दो छोटे बच्चों को छोड़कर विदेश चले गए। लेबनान में रहने के दौरान 2006 में उनका पासपोर्ट खो गया, जिससे उनके लिए घर लौटना और भी मुश्किल हो गया। कई कोशिशों के बाद भी उनके लिए पासपोर्ट बनवाना मुश्किल हो रहा था क्योंकि पासपोर्ट बहुत पहले बना हुआ था। उन्होंने कहा कि जब इतनी कोशिशों के बाद भी उन्हें पासपोर्ट नहीं मिला तो उन्होंने वापसी की उम्मीद ही छोड़ दी थी। बेहतर भविष्य के लिए गया था लेबनान संत बलबीर सिंह सीचेवाल से परिवार के सदस्यों ने संपर्क किया। जिन्होंने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए विदेश मंत्रालय से संपर्क किया और गुरतेज़ सिंह की वापसी को संभव बनाया। विदेशी धरती पर आजीविका कमाने और अपने परिवार के लिए बेहतर भविष्य बनाने के लिए लेबनान गए गुरतेज़ सिंह ने कहा कि संत सीचेवाल के प्रयासों से वह 24 साल बाद अपने गांव की मिट्टी को चूमने में सक्षम हुए हैं। संत सीचेवाल का शुक्रिया अदा करने के लिए अपने परिवार सहित सुल्तानपुर लोधी आए गुरतेज सिंह ने आप बीती बताते हुए कहा कि विदेश जाने से पहले वह कोटियां-स्वेटर बनाने वाली फैक्ट्री में काम करते थे। जब घर में गुजारा करना मुश्किल हो गया तो उन्होंने विदेश जाने का मन बना लिया था। गुरतेज सिंह ने कहा कि लेबनान पहुंचना भी उनके लिए बड़ी चुनौती थी। सारा दिन करता था खेतों में काम एजेंट उसे पहले जॉर्डन ले गया और फिर पड़ोसी देश सीरिया में भर्ती दाखिल करवाया। वहां से डोंकी लगाकर लेबनान पहुंचे। उन्होंने कहा कि युद्ध जैसे माहौल में वहां रहकर काम करना उनके लिए बहुत मुश्किल था। सारा दिन खेतों में काम करना पड़ता था। छिपकर रहने के कारण हमेशा डर बना रहता था कि कहीं पकड़ा न जाए। किसी तरह जिंदगी अपने ढर्रे पर चलती रही और अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए उन्होंने खेतों में मेहनत-मजदूरी की। गुरतेज़ ने बताया कि उन्हें पता ही नहीं चला कि उनका बेटे, जिसे उन्होंने 24 साल पहले जवान छोड़े थे, वे कब जवान हो गया। उन्होंने यह भी बताया कि इस दौरान उसके जवान हुए लड़कों में एक लड़के की शादी हो गई थी और उनके घर एक बेटे का भी जन्म हुआ था। गुरतेज सिंह की आंखों में उस वक्त खुशी के आंसू आ गए जब उन्होंने बताया कि जब वह 24 साल बाद घर आए तो उनका पोता उनके पैरों से लिपट गया। मां और भाईयों को खो दिया गुरतेज़ ने कहा कि उनको सबसे बड़ा दुःख इस बात का है कि लेबनान में रहते हुए उसकी प्रतीक्षा में पहले उसने अपनी मां और फिर उसके भाई को खो दिया जिसको वो अंतिम बार देख भी नहीं पाया। उन्होंने कहा कि उनके परिवार के सदस्यों ने इसके पहले कई नेताओं और अधिकारियों से संपर्क किया था लेकिन उनकी कोई नहीं सुन रहा था। गुरतेज ने कहा कि यह संत सीचेवाल का ही प्रयास था कि वह 24 साल बाद अपने परिवार से मिल पाए। इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि यह पंजाबी युवक लंबे समय के बाद परिवार में लौटा है। उन्होंने कहा कि परिवार से दूर अजनबी देश में अजनबियों के साथ रहना एक बड़ी चुनौती थी। उन्होंने कहा कि पासपोर्ट काफी पुराना होने के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इसके लिए उन्होंने विदेश मंत्रालय और खासकर भारतीय दूतावास के अधिकारियों को धन्यवाद दिया।