पंजाब के जालंधर में एक पूर्व पार्षद के घर में घुसकर चोरों ने महिला की सोने की चेन लूट ली और फरार हो गए। ये घटना रामामंडी के न्यू अर्जुन सिंह नगर की है। जिसके बाद पूर्व पार्षद द्वारा मामले में थाना रामामंडी में शिकायत दर्ज करवाई है। सारे घटनाक्रम का सीसीटीवी भी सामने आया है, जिसमें आरोपी घर के अंदर घुसकर सोने की चेन झपटता हुए नजर आ रहे हैं। पूर्व पार्षद निर्मल सिंह उर्फ निम्मा के घर पर ये वारदात उनकी भाभी से हुई है। एक आरोपी बाहर बाइक पर खड़ा था और दूसरा अधेड़ उम्र का लुटेरा घर के अंदर से पीड़िता कमलजीत कौर की सोने की चेन लूट लाया। जिसके बाद आरोपी वहां से फरार हो गए थे। अब पुलिस ने मामले में सीसीटीवी के आधार पर जांच कर रही है। आरोपी वारदात के बाद संतोखपुरा से होते हुए लम्मा पिंड चौक की ओर फरार हुए थे। रास्ता पूछने के बहाने घर में घुसा आरोपी न्यू अर्जन सिंह नगर की रहने वाली कमलजीत कौर बीते दिन शाम को अपने घर के बाहर एक रेहड़ी से सब्जियां खरीद रही थी। तभी दो युवक बाइक पर सवार अचानक उसके घर के सामने मोबाइल शॉप के पास रुके। एक बूढ़ा आदमी अपनी बाइक से उतर कर रेहड़ी से कुछ दूरी पर खड़ा हो गया। कमलजीत सब्जी लेकर वापस घर चली गई। सड़क खाली देखकर स्नैचर ने घर का दरवाजा खटखटाया। कमलजीत कौर ने दरवाजा खोला तो बाहर एक बूढ़ा आदमी खड़ा था और किसी का पता पूछ रहा था। बूढ़े को देखकर उसने दरवाज़ा खोल दिया। उक्त व्यक्ति बात करते हुए घर में घुस आया। उसने इधर-उधर देखा और उसे धक्का देकर उसके गले से सोने की चेन छीन ली और घर से बाहर निकलकर बाहर खड़े युवक के पीछे बैठकर भाग गया। पंजाब के जालंधर में एक पूर्व पार्षद के घर में घुसकर चोरों ने महिला की सोने की चेन लूट ली और फरार हो गए। ये घटना रामामंडी के न्यू अर्जुन सिंह नगर की है। जिसके बाद पूर्व पार्षद द्वारा मामले में थाना रामामंडी में शिकायत दर्ज करवाई है। सारे घटनाक्रम का सीसीटीवी भी सामने आया है, जिसमें आरोपी घर के अंदर घुसकर सोने की चेन झपटता हुए नजर आ रहे हैं। पूर्व पार्षद निर्मल सिंह उर्फ निम्मा के घर पर ये वारदात उनकी भाभी से हुई है। एक आरोपी बाहर बाइक पर खड़ा था और दूसरा अधेड़ उम्र का लुटेरा घर के अंदर से पीड़िता कमलजीत कौर की सोने की चेन लूट लाया। जिसके बाद आरोपी वहां से फरार हो गए थे। अब पुलिस ने मामले में सीसीटीवी के आधार पर जांच कर रही है। आरोपी वारदात के बाद संतोखपुरा से होते हुए लम्मा पिंड चौक की ओर फरार हुए थे। रास्ता पूछने के बहाने घर में घुसा आरोपी न्यू अर्जन सिंह नगर की रहने वाली कमलजीत कौर बीते दिन शाम को अपने घर के बाहर एक रेहड़ी से सब्जियां खरीद रही थी। तभी दो युवक बाइक पर सवार अचानक उसके घर के सामने मोबाइल शॉप के पास रुके। एक बूढ़ा आदमी अपनी बाइक से उतर कर रेहड़ी से कुछ दूरी पर खड़ा हो गया। कमलजीत सब्जी लेकर वापस घर चली गई। सड़क खाली देखकर स्नैचर ने घर का दरवाजा खटखटाया। कमलजीत कौर ने दरवाजा खोला तो बाहर एक बूढ़ा आदमी खड़ा था और किसी का पता पूछ रहा था। बूढ़े को देखकर उसने दरवाज़ा खोल दिया। उक्त व्यक्ति बात करते हुए घर में घुस आया। उसने इधर-उधर देखा और उसे धक्का देकर उसके गले से सोने की चेन छीन ली और घर से बाहर निकलकर बाहर खड़े युवक के पीछे बैठकर भाग गया। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
हरियाणा में जबरन डिलीवरी से जच्चा-बच्चा की मौत:4 घंटे तक जिंदा होने की बात कहते रहे, खुलासा हुआ तो डॉक्टर स्टाफ समेत फरार
हरियाणा में जबरन डिलीवरी से जच्चा-बच्चा की मौत:4 घंटे तक जिंदा होने की बात कहते रहे, खुलासा हुआ तो डॉक्टर स्टाफ समेत फरार हरियाणा में कैथल में चीका के प्राइवेट अस्पताल में जबरन डिलीवरी की कोशिश की गई, जिसमें जच्चे (मां) और बच्चे की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर करीब 4 घंटे तक झूठ बोलते रहे की सब ठीक है। वहीं बाद में ज्यादा खून निकलने पर उसे पटियाला रेफर कर दिया, लेकिन अस्पताल में पहुंचने से पहले ही महिला ने दम तोड़ दिया। मृतका की पहचान चानचक गांव की सुनीता (35) के रूप में हुई है। उसकी एक तीन साल की बेटी भी है। परिजनों ने अस्पताल स्टाफ के खिलाफ चीका थाने में शिकायत दी है। वहीं, महिला की मौत के बाद परिजन उसके शव को वापस प्राइवेट अस्पताल लेकर पहुंचे, साथ ही उन्होंने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया। हंगामा ज्यादा बढ़ा तो डॉक्टर अपने स्टाफ सहित फरार हो गया। आरोप- डॉक्टरों ने जबरदस्ती की परिजनों ने बताया कि शनिवार को सुनीता को दर्द उठा था। सुबह करीब 11 बजे वे उसे चीका के सार्थक अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां करीब 3 से 4 घंटे तक डॉक्टर डिलीवरी के लिए जोर जबरदस्ती करते रहे, जिसके चलते जन्म से पहले ही बच्चे की मौत हो गई। लेकिन इसके बाद भी डॉक्टर महिला और बच्चे के ठीक होने की झूठी बातें करते रहे। इसके बाद जब महिला को बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होने लगी, तो डॉक्टर ने पटियाला में अपने किसी जानकार डॉक्टर के प्राइवेट अस्पताल में उसे रेफर कर दिया। महिला को इतनी ज्यादा ब्लीडिंग हो गई कि जब उसे पटियाला के प्राइवेट अस्पताल में लेकर पहुंचे, तो रास्ते में ही उसकी मौत हो चुकी थी। डॉक्टर स्टाफ के साथ भागा
परिजनों ने कहा कि हम महिला के शव को पटियाला से वापस चीका लेकर पहुंचे। यहां उन्होंने प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों पर लापरवाही के आरोप लगाए, लेकिन डॉक्टरों ने उनकी एक नहीं सुनी। हंगामा ज्यादा बढ़ा तो डॉक्टर अपने स्टाफ सहित फरार हो गया। इसके बाद महिला के शव को अस्पताल में रखकर डॉक्टरों को गिरफ्तार करने की मांग की गई। हालांकि इसी बीच चीका थाना प्रभारी सब इंस्पेक्टर सुरेश कुमार भी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए और उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन दिया। थाना प्रभारी बोले- मामला दर्ज किया
चीका थाना प्रभारी सब इंस्पेक्टर सुरेश कुमार ने कहा कि महिला की मौत की सूचना के बाद हम टीम के साथ मौके पर पहुंचे थे। डॉक्टरों के खिलाफ परिजनों की शिकायत मिली है। मामला दर्ज कर लिया गया है। जांच की जा रही है। *********************** महिला की मौत से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें :- हरियाणा में जबरन डिलीवरी की कोशिश, जच्चा-बच्चा की मौत हरियाणा के नूंह में 6 दिसंबर को निजी जच्चा-बच्चा केंद्र में गर्भवती महिला की जबरन डिलीवरी करने से महिला और बच्चे दोनों की मौत हो गई है। परिजनों का आरोप है कि डिलीवरी का समय भी नहीं हुआ था, फिर भी डॉक्टर ने नॉर्मल डिलीवरी करने का दबाव बनाया था। पढ़ें पूरी खबर
पूर्व PM मनमोहन सिंह का पंजाब से गहरा नाता:अमृतसर से पढ़ाई की; PU में प्रोफेसर रहे, न्यू चंडीगढ़ का नींव पत्थर रखा
पूर्व PM मनमोहन सिंह का पंजाब से गहरा नाता:अमृतसर से पढ़ाई की; PU में प्रोफेसर रहे, न्यू चंडीगढ़ का नींव पत्थर रखा देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने दिल्ली एम्स में अंतिम सांस ली। उनके चले जाने से पूरे पंजाब में भी शोक की लहर है, क्योंकि उनका पंजाब और चंडीगढ़ से गहरा नाता रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री का परिवार बंटवारे के समय पाकिस्तान से भारत आया था। उन्होंने अमृतसर से अपनी शुरुआती पढ़ाई की। वहीं, चंडीगढ़ स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी (PU) में उन्होंने प्रोफेसर के रूप में सेवाएं दीं। वह साल 1957 से लेकर 1965 तक PU में प्रोफेसर पद पर रहे। इसके अलावा पंजाब सरकार की ओर से बसाए जा रहे न्यू चंडीगढ़ के पहले सरकारी प्रोजेक्ट होमी भाभा कैंसर अस्पताल का उन्होंने ही नींव पत्थर रखा था। डॉ. मनमोहन सिंह के पंजाब से जुड़े 3 PHOTOS… पौने 16 करोड़ की प्रॉपर्टी
विनम्र स्वभाव और शालीनता के लिए मशहूर मनमोहन सिंह वर्ष 2019 में आखिरी बार राजस्थान से राज्यसभा सांसद चुने गए थे। उनकी प्रॉपर्टी की बात करें तो राज्यसभा में दिए गए एफिडेविट के मुताबिक मनमोहन सिंह के पास कुल 15 करोड़ 77 लाख रुपए की संपत्ति है। उनके पास दिल्ली और चंडीगढ़ में एक-एक मकान भी है। उन पर कोई कर्ज नहीं था। उनके परिवार में पत्नी गुरशरण कौर के अलावा तीन बेटियां हैं। दोस्त के कहने पर पंजाब को दिया था IISER
मोहाली में स्थापित भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (IISER) के पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है। 2004 में देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे। उस समय उनके दोस्त डॉ. केसर सिंह ने पत्र लिखकर पंजाब में IISER स्थापित करने के लिए कहा था। अपने मित्र के अनुरोध का सम्मान करते हुए डॉ. सिंह ने IISER को पंजाब को इस शर्त पर आवंटित किया कि इसे मोहाली में स्थापित किया जाए क्योंकि हवाई संपर्क है।
अमृतसर में पुलिस कमिश्नर ने बांटे हेलमेट:भुल्लर बोले- पीछे बैठे व्यक्ति के लिए भी जरुरी, पुलिस के डर से नहीं- सुरक्षा के लिए पहने
अमृतसर में पुलिस कमिश्नर ने बांटे हेलमेट:भुल्लर बोले- पीछे बैठे व्यक्ति के लिए भी जरुरी, पुलिस के डर से नहीं- सुरक्षा के लिए पहने अमृतसर पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने आज अमृतसर के सरकारी स्कूल में बच्चों और उनके पेरेंट्स को हेलमेट बांटे। उन्होंने इस दौरान कहा कि कोई भी हादसा होने के बाद पछताने से अच्छा है कि पहले सुरक्षा का ध्यान रखें और हेलमेट पहनें। इस दौरान 71 हेलमेट बांटे गए। अमृतसर के मॉल रोड स्थित स्कूल ऑफ एमिनेंस में आज पंजाब पुलिस की ओर से हेलमेट बांटने का समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने 71 बच्चों और उनके माता पिता के लिए हेलमेट बांटे। उन्होंने इस दौरान कहा कि यह सुरक्षा की ओर एक कदम है। उन्होंने कहा कि सिर्फ पुलिस के डर से हेलमेट न पहने बल्कि इसे अपनी सुरक्षा के लिए पहनें। हेलमेट अपनी जान की सुरक्षा के लिए है, इसीलिए अगर आप दुपहिया वाहन चलाते हैं तो हेलमेट को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाएं। बच्चों की बात जल्दी मानते हैं पेरेंट्स : पुलिस कमिश्नर उन्होंने कहा कि बच्चों को हेलमेट बांटने की शुरुआत इसीलिए की गई, क्योंकि बच्चों की बात को पेरेंट्स जल्दी मानते हैं। वहीं सिर्फ चालक के लिए ही नहीं बल्कि पीछे बैठने वालों के लिए भी हेलमेट जरूरी है। उन्होंने कहा कि जिस भी अवेयरनेस में महिलाएं और बच्चे शामिल होते हैं उसे ज्यादा अच्छे से समझाया जा सकता है। इसीलिए इसकी शुरुआत स्कूल से की गई है, ताकि बच्चे अपने परिवार को इसकी महत्ता समझा सकें। उन्होंने कहा कि बहुत से एनजीओ और संस्थाएं हेलमेट बांटने के लिए तैयार हैं इसीलिए उनकी मदद ली जाए और इसे जरूरी समझा जाए।