जालंधर के संतोखपुरा इलाके में जंगली जानवर (सांभर) के आने से अफरा-तफरी मच गई। यह रविवार को रिहायशी इलाके में घुस आया था। वन विभाग की टीम ने इसे पकड़कर वापस होशियारपुर के जंगल में भेज दिया। जब लोगों ने अचानक सांभर को सड़क पर भागते देखा तो वे जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। भयभीत सांभर ने कई वाहनों को भी टक्कर मारी। लोगों की भीड़ जुटती देख वह घबरा गया। जिसके बाद सांभर इधर-उधर भागने लगा। सांभर ने प्लाट में खड़ी गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया। लोगों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी तो वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और कड़ी मशक्कत के बाद सांभर को पकड़ लिया। पहाड़ों में बर्फ की वजह से शहर में आ रहे जानवर वन विभाग के मुताबिक, दक्षिण एशिया के ज़्यादातर हिस्सों में पाया जाता है। भारत में, हिमालय की दक्षिण-मुखी ढलानों से लेकर बर्मा, थाईलैंड, इंडोचीन, और मलय प्रायद्वीप में सांभर पाया जाता है। साल 2008 से, सांभर को IUCN रेड लिस्ट में संकटग्रस्त प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। आजकल वहां ठंड के साथ बर्फबारी हो रही है, जिस वजह से जंगली जानवर दूसरा ठिकाना तलाशने के लिए निकलते हैं, लेकिन रास्ता भटककर रिहायशी इलाकों में घुस जाते हैं। वन विभाग के मुताबिक, सांभर एक नाजुक दिल वाला जानवर है। ज्यादा लोग उसके आसपास इकट्ठा हो जाएं तो वह घबरा जाते हैं। कई बार तो वह इतना घबरा जाते हैं कि उनकी मौत तक हो जाती है। हड़बड़ाहट में जानवर खुद के साथ लोगों का भी नुकसान कर जाते हैं, इसलिए लोगों को उसका पीछा नहीं करना चाहिए। इससे उसे पकड़ने में भी मुश्किल होती है। जालंधर के संतोखपुरा इलाके में जंगली जानवर (सांभर) के आने से अफरा-तफरी मच गई। यह रविवार को रिहायशी इलाके में घुस आया था। वन विभाग की टीम ने इसे पकड़कर वापस होशियारपुर के जंगल में भेज दिया। जब लोगों ने अचानक सांभर को सड़क पर भागते देखा तो वे जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। भयभीत सांभर ने कई वाहनों को भी टक्कर मारी। लोगों की भीड़ जुटती देख वह घबरा गया। जिसके बाद सांभर इधर-उधर भागने लगा। सांभर ने प्लाट में खड़ी गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया। लोगों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी तो वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और कड़ी मशक्कत के बाद सांभर को पकड़ लिया। पहाड़ों में बर्फ की वजह से शहर में आ रहे जानवर वन विभाग के मुताबिक, दक्षिण एशिया के ज़्यादातर हिस्सों में पाया जाता है। भारत में, हिमालय की दक्षिण-मुखी ढलानों से लेकर बर्मा, थाईलैंड, इंडोचीन, और मलय प्रायद्वीप में सांभर पाया जाता है। साल 2008 से, सांभर को IUCN रेड लिस्ट में संकटग्रस्त प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। आजकल वहां ठंड के साथ बर्फबारी हो रही है, जिस वजह से जंगली जानवर दूसरा ठिकाना तलाशने के लिए निकलते हैं, लेकिन रास्ता भटककर रिहायशी इलाकों में घुस जाते हैं। वन विभाग के मुताबिक, सांभर एक नाजुक दिल वाला जानवर है। ज्यादा लोग उसके आसपास इकट्ठा हो जाएं तो वह घबरा जाते हैं। कई बार तो वह इतना घबरा जाते हैं कि उनकी मौत तक हो जाती है। हड़बड़ाहट में जानवर खुद के साथ लोगों का भी नुकसान कर जाते हैं, इसलिए लोगों को उसका पीछा नहीं करना चाहिए। इससे उसे पकड़ने में भी मुश्किल होती है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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इंडियन हॉकी टीम ने स्पेन को हराकर जीता ब्रॉन्ज:पंजाब सरकार देगी 1 करोड़, सीएम मान ने की घोषणा; कैप्टन हरमन के घर खुशी का माहौल पेरिस ओलिंपिक में गुरुवार को भारतीय हॉकी टीम ने देश को चौथा मेडल दिलाया। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने स्पेन को 2-1 से हराकर ब्रॉन्ज मेडल जीता। जीत के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्लेयर को 1 करोड़ रुपए देने की घोषणा कर दी है। वहीं, अमृतसर के जंडियाला गुरु के अंतर्गत आते टिम्मोवाल में कैप्टन हरमनप्रीत सिंह के घर खुशी का माहौल है। सीएम भगवंत मान ने जीत पर भारतीय हॉकी टीम को बधाई दी। सीएम मान ने कहा- हमारी स्पोर्ट्स पॉलिसी के अनुसार हम ब्रॉन्ज मैडल जीतने वाले को 1 करोड़ रुपए देंगे… चक दे इंडिया। गौरतलब है कि भारतीय हॉकी टीम में पंजाब के 10 प्लेयर होने के चलते सीएम भगवंत मान का खिलाड़ियों के साथ काफी लगाव देखने को मिला। कुछ दिन पहले ही सीएम भगवंत मान ने फोन पर कैप्टन हरमनप्रीत सिंह के साथ बातचीत भी दी थी और शुभकामनाएं भी दी थी। सीएम भगवंत मान ने वादा किया था कि अगर गोल्ड लेकर आए तो एयरपोर्ट पर रिसीव करने पहुंचेंगे। गोल्ड तो ना सही, लेकिन टीम कांस्य पदक जीतने में सफल रही है। हरमनप्रीत सिंह के घर खुशी का माहौल वहीं, हरमनप्रीत सिंह के घर खुशी का माहौल है। मैच को फंसता देख हरमनप्रीत सिंह के पिता सरबजीत सिंह ने जीत पर खुशी जाहिर की। उनका कहना था कि मालिक ने बहुत कृपा की है। 44 सेकेंड रह गए थे, तो टीम को पीसी मिल गई। इंग्लैंड के मैच में जो गलती हुई थी, टीम ने उसे सुधारा है और देश को ब्रॉन्ज मैडल दिलाया है। हरमन के स्वागत की तैयारी मां का कहना है कि वे पूरा समय पाठ करती रही। उन्हें पूरी आस थी कि आज टीम इंडिया मैडल जीतेगी। रिश्तेदारों के फोन आने शुरू हो गए हैं। लेकिन अटैंड करने का समय तक नहीं लग रहा। अब तो हरमन की वापसी की तैयारी है। वापस आने पर हरमन व उसकी पूरी टीम का स्वागत किया जाएगा।
लुधियाना में कुत्तों द्वारा 2 बच्चों को मारने का मामला:मंत्री बिट्टू की DC और कमिश्नर को चेतावनी;लिखा-डयूटी से भागने वालों पर करुंगा कार्रवाई
लुधियाना में कुत्तों द्वारा 2 बच्चों को मारने का मामला:मंत्री बिट्टू की DC और कमिश्नर को चेतावनी;लिखा-डयूटी से भागने वालों पर करुंगा कार्रवाई केन्द्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर लुधियाना और निगम कमिश्नर लुधियाना पर खूब भड़के। 11 जनवरी को दैनिक भास्कर ने मुल्लांपुर दाखा के गांव हसनपुर में कुत्तों द्वारा एक सप्ताह में 2 नवजात बच्चों को नोच खाने की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की गई थी। इस खबर का संज्ञान लेते हुए बिट्टू ने खबर की कटिंग अपने X और फेसबुक पेज पर शेयर करके स्पष्ट तौर पर दोनों प्रशासनिक अधिकारियों को चेतावनी दी है। पढ़े बिट्टू ने अधिकारियों को क्या चेतावनी दी बिट्टू ने फेसबुक पर लिखा-आज एक और मासूम की जान चली गई। लुधियाना में एक 11 साल के बच्चे को आवारा कुत्तों ने शिकार बना लिया। मैं डिप्टी कमिश्नर लुधियाना और निगम कमिश्नर लुधियाना से पूछना चाहता हूं कि आपकी लापरवाही के कारण और कितनों की जान जाएगी? यदि आप इन हादसों पर काबू पाने का तुरंत हल नहीं करते तो मैं डयूटी से भागने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मजबूर हो जाऊंगा। ग्रामीणों की प्रशासन को चेतावनी-हल न निकाला तो मिनी सचिवालय में छोड़ेगे कुत्तें बता दें अधिकारियों की अनदेखी के कारण, मुल्लांपुर दाखा के हसनपुर गांव के निवासियों ने एक सप्ताह के भीतर अलग-अलग हमलों में आवारा कुत्तों के झुंड द्वारा दो लड़कों की हत्या के बाद बढ़ते खतरे के खिलाफ अपनी लड़ाई की भी घोषणा की है। ग्रामीणों ने आक्रामक कुत्तों को पकड़ने के लिए समूह बनाए और अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी, जिसमें कहा गया कि यदि समस्या को हल करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई तो वे पकड़े गए कुत्तों को मिनी सचिवालय में छोड़ देंगे। प्रतिबंध के कारण लोग हिंसक पिट बुल गांवों के बाहरी इलाकों में छोड़ रहे ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार द्वारा पालतू जानवर के रूप में हिंसक पिट बुल को रखने पर प्रतिबंध लगाने के बाद समस्या बढ़ गई। इसके कारण कई कुत्ते मालिकों ने अपने पालतू जानवरों को गांवों के बाहरी इलाकों में छोड़ दिया, जिससे इन आक्रामक कुत्तों को खुद ही अपना ख्याल रखना पड़ा। छोड़े गए कुत्तों ने तब से झुंड बना लिए हैं और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन गए हैं, हाल ही में कई हमलों की सूचना मिली है। लोगों में कुत्तों का डर भारतीय किसान यूनियन (डकौंदा) के सदस्य जगरूप सिंह ने कहा किअधिकारियों ने हमारी दलीलों को नजरअंदाज कर दिया है, और अब हम लगातार डर में जी रहे हैं। यदि कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, तो हम अपनी दुर्दशा को उजागर करने के लिए इन कुत्तों को मिनी सचिवालय में छोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि शनिवार को एक छोटे किसान के 11 वर्षीय बेटे पर कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया था, जिसके बाद हमने लुधियाना-फ़िरोज़पुर रोड पर हसनपुर गांव के पास यातायात जाम कर दिया था। पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को शांत किया और कार्रवाई का वादा किया, लेकिन कोई फ़ायदा नहीं हुआ। बद्दोवाल के पास एक और बच्चे पर कुत्तों के झुंड ने हमला किया, लेकिन सतर्क ग्रामीणों ने उसे बचा लिया। उन्होंने कहा कि गांव के लोग कुत्तों को पकड़ने के लिए पर्याप्त प्रशिक्षित नहीं हैं और अधिकारियों ने कोई मदद नहीं की। वे घर पर बैठकर ऐसी दूसरी घटना होने का इंतज़ार नहीं कर सकते। पंचायत सदस्य हरजीत सिंह ने कहा कि ग्रामीण विशेष रूप से पिट बुल को बेकाबू रूप से छोड़े जाने से चिंतित हैं, जो अपने आक्रामक स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। इन कुत्तों को पालतू जानवरों के रूप में पाला और प्रशिक्षित किया गया था, लेकिन प्रतिबंध के बाद, मालिकों ने उन्हें यहां छोड़ दिया। वे अब लोगों पर हमला कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुत्तों को भगाना समस्या का समाधान नहीं है क्योंकि कुत्ते दूसरे गांवों में चले जाएंगे और वहां लोगों पर हमला करेंगे। अगर अधिकारियों ने हमें कोई राहत नहीं दी तो हम कुत्तों को पकड़कर मारने के लिए मजबूर हो जाएंगे। ये था पूरा मामला
लुधियाना के मुल्लांपुर दाखा के हसनपुर गांव में 11 जनवरी शनिवार सुबह आवारा कुत्तों के झुंड ने 11 वर्षीय लड़के हरसुखप्रीत सिंह को नोच-नोच कर मार डाला। इस सप्ताह गांव में यह दूसरी ऐसी घटना है, इससे पहले 5 जनवरी को कुत्तों ने 10 वर्षीय अर्जुन कुमार को नोच-नोच कर मार डाला था। पंजाब राज्य मानवाधिकार आयोग (पीएसएचआरसी) ने पहले ही इस घटना का स्वत: संज्ञान ले लिया है और चेयरपर्सन जस्टिस संत प्रकाश ने लुधियाना नगर निगम कमिश्नर और डिप्टी कमिश्नर से रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट 4 मार्च को होने वाली अगली सुनवाई से एक सप्ताह पहले पेश की जानी है।
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मोगा में गाड़ी ने बाइक को मारी टक्कर:बाइक सवार सहित 6 महीने के बच्चे की मौत, एक घायल, ड्राइवर फरार मोगा के कस्बा कोट इसे खा के पास गाड़ी ने बाइक को टक्कर मारी दी, जिससे बाइक सवार दो लोगों की मौत हो गई। जबकि बाइक सवार महिला घायल हो गई। मृतक में 6 महीने का बच्चा भी शामिल था। मृतक के भाई ने कहा कि मेरा भाई मानक सिंह 27 साल और भाभी उसके 6 महीने के बेटे के साथ मोज गढ़ जा रहे थे। कोट इसे खा के पास गाड़ी ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी, जिसमें मेरे भाई मानक और उसके 6 महीने के बच्चे की मौत हो गई। समाज सेवा सोसायटी की गाड़ी से उनको मोगा के सरकारी अस्पताल में लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृतक घोषित कर दिया। जांच अधिकारी ने कहा के हमे सूचना मिली थी कि कोट इसे खा धर्मकोट में बाइक का एक्सीडेंट हुआ है। हम मौके पर पहुंचे और घायलों को मोगा के अस्पताल भेज दिया। जहां उनको मृत घोषित कर दिया। शव को शव गृह में रखवा दिया गया है। आगे परिवार के बयानों पर गाड़ी चालक पर मामला दर्ज कर आगे कार्रवाई शुरू की।