पंजाब के जालंधर में भार्गव नगर में एक बच्चे की मौत को पूर्व विधायक शीतल अंगुराल ने नशे की ओवरडोज बताया और थाना भार्गव कैंप के एसएचओ पर गंभीर आरोप लगाए। पूर्व विधायक और बीजेपी नेता शीतल अंगुराल ने आरोप लगाए हैं कि परिवार पर जबरदस्ती दबाव बनाकर साइन करवाए गए हैं, क्योंकि बच्चे की मौत नशे से हुई थी। मगर उन्हें मजबूर किया गया और परिवार से कहलवाया गया कि बच्चे की मौत बीमारी से हुई है। वहीं, इस मामले में थाना भार्गव कैंप के एसएचओ सुखवंत सिंह ने सभी आरोपों को गलत बताया है। एसएचओ सुखवंत सिंह ने कहा- कोई किस को क्या कहता है, उस उन पर निर्भर करता है। अगर ऐसा कुछ होता तो पोस्टमार्टम करवाया जाता, मगर परिवार ने कुछ ऐसा नहीं कहा। बता दें कि सारे घटनाक्रम को लेकर सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट भी सामने आए थे। जिसमें 14 साल के बच्चे की मौत नशे की ओवरडोज से होने का दावा किया गया था। अंगुराल बोले- आवाज उठाने वालों पर कार्रवाई का डरावा दिखाया गया पूर्व विधायक और बीजेपी नेता शीतल अंगुराल ने कहा- नशे के कारण मेरे इलाके बस्ती दानिशमंदा का एक 14 साल का बच्चा दुनिया छोड़ गया। इस पर आज में इलाके के मंत्री मोहिंदर भगत से सवाल करना चाहता हूं कि नशा खत्म करने का वादा कर सत्ता में आए थे, आज उन वादों का क्या बना। कई नेताओं ने बच्चे की मौत पर आवाज बुलंद की तो उन पर पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज करने और गिरफ्तार करने की धमकी दी गई। साथ ही उनके वीडियो भी डिलीट करवाई गई। पंजाब की उम्मीदों पर आज आप खरी नहीं उतर सकी। शीतल ने कहा- मैं अपना वीडियो किसी से डरकर डिलीट हीं करूंगा। अंगुराल बोले- घर जाकर जबरदस्ती साइन करवाए गए शीतल अंगुरला ने आगे कहा- बच्चे की मौत से अभी परिवार का दुख तक खत्म नहीं हुआ था कि थाना भार्गव कैंप के एसएचओ सुखवंत सिंह अपने चार मुलाजिमों के साथ उनके घर पहुंच गए। उक्त युवक के घर को ताला लगवा दिया गया और परिवार से जबरदस्ती लिखवाया गया कि उनके बेटे की मौत बीमारी से हुई है, ना कि नशे की ओवरडोज से। मेरी पुलिस कमिश्नर से विनती है कि इस मामले में कार्रवाई की जाएगा। शीतल अंगुराल ने आगे कहा- जितना जोर पुलिस ने परिवार पर डाला, इतना जोर लगाकर कहीं नशा तस्करों को पकड़ा होता तो ये दिन न देखना पड़ता। हमारी मांग है कि उक्त एरिया के एसएचओ को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड किया जाए और कार्रवाई की जाए। पंजाब के जालंधर में भार्गव नगर में एक बच्चे की मौत को पूर्व विधायक शीतल अंगुराल ने नशे की ओवरडोज बताया और थाना भार्गव कैंप के एसएचओ पर गंभीर आरोप लगाए। पूर्व विधायक और बीजेपी नेता शीतल अंगुराल ने आरोप लगाए हैं कि परिवार पर जबरदस्ती दबाव बनाकर साइन करवाए गए हैं, क्योंकि बच्चे की मौत नशे से हुई थी। मगर उन्हें मजबूर किया गया और परिवार से कहलवाया गया कि बच्चे की मौत बीमारी से हुई है। वहीं, इस मामले में थाना भार्गव कैंप के एसएचओ सुखवंत सिंह ने सभी आरोपों को गलत बताया है। एसएचओ सुखवंत सिंह ने कहा- कोई किस को क्या कहता है, उस उन पर निर्भर करता है। अगर ऐसा कुछ होता तो पोस्टमार्टम करवाया जाता, मगर परिवार ने कुछ ऐसा नहीं कहा। बता दें कि सारे घटनाक्रम को लेकर सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट भी सामने आए थे। जिसमें 14 साल के बच्चे की मौत नशे की ओवरडोज से होने का दावा किया गया था। अंगुराल बोले- आवाज उठाने वालों पर कार्रवाई का डरावा दिखाया गया पूर्व विधायक और बीजेपी नेता शीतल अंगुराल ने कहा- नशे के कारण मेरे इलाके बस्ती दानिशमंदा का एक 14 साल का बच्चा दुनिया छोड़ गया। इस पर आज में इलाके के मंत्री मोहिंदर भगत से सवाल करना चाहता हूं कि नशा खत्म करने का वादा कर सत्ता में आए थे, आज उन वादों का क्या बना। कई नेताओं ने बच्चे की मौत पर आवाज बुलंद की तो उन पर पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज करने और गिरफ्तार करने की धमकी दी गई। साथ ही उनके वीडियो भी डिलीट करवाई गई। पंजाब की उम्मीदों पर आज आप खरी नहीं उतर सकी। शीतल ने कहा- मैं अपना वीडियो किसी से डरकर डिलीट हीं करूंगा। अंगुराल बोले- घर जाकर जबरदस्ती साइन करवाए गए शीतल अंगुरला ने आगे कहा- बच्चे की मौत से अभी परिवार का दुख तक खत्म नहीं हुआ था कि थाना भार्गव कैंप के एसएचओ सुखवंत सिंह अपने चार मुलाजिमों के साथ उनके घर पहुंच गए। उक्त युवक के घर को ताला लगवा दिया गया और परिवार से जबरदस्ती लिखवाया गया कि उनके बेटे की मौत बीमारी से हुई है, ना कि नशे की ओवरडोज से। मेरी पुलिस कमिश्नर से विनती है कि इस मामले में कार्रवाई की जाएगा। शीतल अंगुराल ने आगे कहा- जितना जोर पुलिस ने परिवार पर डाला, इतना जोर लगाकर कहीं नशा तस्करों को पकड़ा होता तो ये दिन न देखना पड़ता। हमारी मांग है कि उक्त एरिया के एसएचओ को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड किया जाए और कार्रवाई की जाए। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
अकाली दल ने की दरबारा सिंह गुरु नियुक्ति रद्द:वर्किंग प्रधान बलिवंदर सिंह का बनाया था सलाहकार, नकोदर गोलीकांड पर उठे सवाल
अकाली दल ने की दरबारा सिंह गुरु नियुक्ति रद्द:वर्किंग प्रधान बलिवंदर सिंह का बनाया था सलाहकार, नकोदर गोलीकांड पर उठे सवाल शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने पूर्व आईएएस अधिकारी दरबारा सिंह गुरु की नियुक्ति रद्द कर दी है। उन्हें पार्टी के वर्किंग प्रधान बलिवंदर सिंह भूंदड़ का सलाहाकर नियुक्त किया गया थ। उन पर नकोदर पुलिस फायरिंग केस पर सवाल उठे थे। हालांकि इस पर उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ किया था कि सालों पुरानी घटना से उनका कोई संबंध नहीं है। पार्टी के सीनियर नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा की तरफ से सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट डालकर उनकी नियुक्ति कैंसिल करने की जानकारी दी है। इस वजह से नियुक्ति वापस ली दरबारा सिंह गुरु को पहले अकाली दल ने वर्किंग प्रधान भूंदड़ का सलाहकार लगाया गया था। लेकिन इस पर विरोधी दल व आलोचकों ने सवाल उठाया। उनका कहना था कि अकाली दल अपने तौर तरीकों में सुधार के लिए तैयार नहीं है। साथ ही उन्होंने पार्टी को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। इसलिए अकाली दल ने उनकी नियुक्ति वापस ली है। मेरे खिलाफ रची गई साजिश, करेंगे पर्दाफाश दरबारा सिंह गुरु ने 1986 के नकोदर पुलिस मामले के साथ किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया। उन्होंने कहा कि कुछ ताकतें अकाली दल को बदनाम करने पर तुली हुई हैं। 1986 में पुलिस फायरिंग मामले के दौरान वह जालंधर में ADC थे और मामले में फायरिंग का आदेश देने में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। घटना के बाद मृतक का पोस्टमार्टम किया गया था। अकाली नेता ने कहा कि यह मुद्दा अब 38 साल के बाद उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर वह कोई भी चुनाव लड़ते हैं या किसी प्रमुख पद पर नियुक्त होते हैं तो उन्हें बदनाम करने के मकसद से यह मामला सामने लाया जाता है। इस मामले में गहरी साजिश रची गई है, जिसका खुलासा समय आने पर हो जाएगा। प्रदेश के प्रिंसिपल सचिव रहे हैं दरबारा सिंह गुरू दरबारा सिंह गुरू पूर्व आईएएस अधिकारी हैं। वह 2007 से 2011 तक प्रकाश सिंह बादल की अगुवाई वाली अकाली भाजपा गठजोड़ सरकार के दौरान प्रिंसिपल सचिव रहे हैं। आईएएस पद से रिटायर्ड होने के बाद वह सक्रिय राजनीति में आए थे और फतेहगढ़ साहिब से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। इसके अलावा वह भदौड़ और बस्सी पठाना से भी विधानसभा चुनाव लड़े थे, लेकिन हार गए।
मोहाली में स्कूल के बाहर टीचर से स्नैचिंग:बाइक सवार कैमरे में हुए कैद, चौकीदार ने किया मुकाबला, हाथ में रह गई शर्ट
मोहाली में स्कूल के बाहर टीचर से स्नैचिंग:बाइक सवार कैमरे में हुए कैद, चौकीदार ने किया मुकाबला, हाथ में रह गई शर्ट मोहाली के जीरकपुर स्थित ढकौली में बाइक सवार स्नैचर स्कूल के बाहर से दिनदहाड़े एक महिला टीचर से सोने की चेन छीनकर भाग गए। स्कूल के चौकीदार ने स्नैचर को दबोचने की कोशिश की। लेकिन वह उसमें कामयाब नहीं हो पाया। चौकीदार के हाथ में आरोपी द्वारा पहनी शर्ट ही रह गई। घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। एक आरोपी की पहचान साफ आ रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि पुलिस जल्दी ही आरोपी तक पहुंच जाएगाी। ऐसे दिया आरोपियों ने घटना को वारदात यह घटना आज सुबह की बताई जा रही है। जब जीरकपुर के ढकौली स्थित सोसाइटी बसंत बिहार में स्कूल के बाहर महिला टीचर एक्टिवा पर पहुंची थी। दो स्नैचर बाइक पर उसका पीछा करते हुए वहां पहुंचे। जब उन्होंने देखा कि आगे रास्ता बंद है और महिला टीचर ने अपनी स्कूटी खड़ी कर दी है तो उन्होंने तेजी से बाइक मोड़ी और स्कूल के बाहर खड़े हो गए। आरोपियों में से बाइक चलाने वाले युवक ने हेलमेट पहना हुआ था। जबकि दूसरा बाइक के नीचे खड़ा था। जैसे ही महिला एक्टिवा खड़ी कर स्कूल के अंदर की तरफ जाने लगी, तभी पैदल चल रहा युवक तेजी से उसकी और गया और उसके सोने चेन छीनकर तेजी से फरार होने लगा। इस दौरान वहां पर खड़े चौकीदार ने उसे पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वह आरोपी को नहीं रोक पाया। इस दौरान वह गिर गया, लेकिन आरोपी की टीशर्ट रह गई। जीरकपुर में क्राइम का ग्राफ बढ़ा
पिछले कुछ समय से डेराबस्सी सब डिवीजन में आपराधिक वारदातें बढ़ गई हैं। कुछ दिन पहले जीरकपुर में दो युवक शॉपिंग करने आए थे। साथ ही महिला के गले से लॉकेट छीनकर फरार हो गए थे। इसके अलावा डेराबस्सी में फायरिंग का मामला भी सामने आया है।
पंजाब में नामांकन वापसी का आखिरी दिन:4 विधानसभा सीटों पर होने हैं उपचुनाव, शाम को जारी होंगे चुनाव चिन्ह
पंजाब में नामांकन वापसी का आखिरी दिन:4 विधानसभा सीटों पर होने हैं उपचुनाव, शाम को जारी होंगे चुनाव चिन्ह पंजाब की चार विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए नामांकन वापस लेने का आज (बुधवार) आखिरी दिन है। उम्मीदवार दोपहर 3 बजे तक चुनाव कार्यालय पहुंचकर अपना नामांकन वापस ले सकेंगे। अभी तक 48 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। इसके बाद जो उम्मीदवार बचेंगे उन्हें चुनाव आयोग की ओर से चुनाव चिन्ह आवंटित किए जाएंगे। राज्य की बरनाला, डेरा बाबा नानक, चब्बेवाल और गिद्दड़बाहा विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। क्योंकि इन सीटों के विधायक अब सांसद बन चुके हैं। ऐसे में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद चुनाव आयोग की ओर से इन सीटों पर उपचुनाव की घोषणा की गई है। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि जो लोग सांसद बन चुके हैं। उनके करीबी या परिवार के सदस्य इस बार चुनावी मैदान में हैं। गिद्दड़बाहा सीट से सांसद बने अमरिंदर सिंह राजा वडिंग की पत्नी कांग्रेस की टिकट पर चुनावी मैदान में हैं। इसी तरह डेरा बाबा नानक से सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा की पत्नी जतिंदर कौर और चब्बेवाल से सांसद डॉ. राज कुमार चब्बेवाल के बेटे इंशाक चब्बेवाल भी मैदान में हैं। जहां तक इन चारों सीटों का सवाल है तो बरनाला सीट को छोड़कर बाकी सभी सीटें पहले कांग्रेस के कब्जे में थीं। चार सीटों पर उम्मीदवारों की सूची बरनाला हरिंदर सिंह धालीवाल -आप कुलदीप सिंह काका ढिल्लों – कांग्रेस केवल सिंह ढिल्लो – बीजेपी गोबिंद सिंह संधू – शिरोमणि अकाली दल अमृतसर जय राम – RSP यादविंदर सिंह -AKP सरदूल सिंह -निर्दलीय सुखचैन सिंह -निर्दलीय गुरदीप सिंह बाठ -निर्दलीय गुरप्रीत सिंह -निर्दलीय जगमोहन सिंह – निर्दलीय तरसेम सिंह – निर्दलीय पप्पू कुमार – निर्दलीय बग्गा सिंह – निर्दलीय राजू – निर्दलीय डेरा बाबा नानक गुरदीप सिंह – AAP जतिंदर कौर – कांग्रेस रविकरण सिंह काहलों – बीजेपी अयुब मसीह – RSP लखविंदर सिंह – शिरोमणि अकाली दल अमृतसर बावा सिंह – निर्दलीय प्रेम चंद – निर्दलीय रंजीत सिंह – निर्दलीय रेशम सिंह – निर्दलीय सुखमीत सिंह – निर्दलीय कुलवीर सिंह -निर्दलीय लखवीर सिंह -निर्दलीय चब्बेवाल इशांक चब्बेवाल – AAP सोहन सिंह – भाजपा रनजीत कुमार – कांग्रेस दविंदर कुमार – SBM रोहित कुमार – निर्दलीय दविंदर सिंह – निर्दलीय गिद्दड़बाहा अमृता वड़िंग – कांग्रेस हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों – AAP मनप्रीत सिंह बादल – बीजेपी सुख राजन सिंह – शिरोमणि अकाली दल अमृतसर टेक चंद सूबेदार – RLP प्रताप चंद – निर्दलीय सुरजीत सिंह – निर्दलीय जस्सा सिंह – निर्दलीय सुखदेव सिंह – निर्दलीय लक्षमन सिंह – निर्दलीय गुरदीप सिंह – निर्दलीय रघबीर सिंह – निर्दलीय नरेंद्र सिंह – निर्दलीय अमर नाथ – निर्दलीय