जालसाज बोला- मेरी मार्कशीट पर 300 लोग सरकारी नौकरी में:आगरा में फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड अरेस्ट; कई यूनिवर्सिटी से कनेक्शन

जालसाज बोला- मेरी मार्कशीट पर 300 लोग सरकारी नौकरी में:आगरा में फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड अरेस्ट; कई यूनिवर्सिटी से कनेक्शन

आगरा में फर्जी मार्कशीट तैयार करने का एक बड़ा रैकेट चल रहा था। STF ने धनेश शर्मा नाम के जालसाज को अरेस्ट करके 1046 मार्कशीट बरामद की हैं, इसमें 942 फर्जी हैं, बाकी अलग-अलग यूनिवर्सिटी के ब्लैंक डॉक्यूमेंट हैं। STF ने धनेश से पूछताछ की। उसने कहा- मेरी 4 यूनिवर्सिटी से साठ-गांठ है। स्टूडेंट के फॉर्म भरवाता और ऑन डिमांड हाईस्कूल, इंटर, ग्रेजुएशन की फर्जी मार्कशीट बनाता था। अब तक 8 हजार से ज्यादा मार्कशीट तैयार करके बेच चुका हूं। मेरी बनाई मार्कशीट पर 300 लोग सरकारी नौकरी में हैं। STF धनेश से पूछताछ के आधार पर ऐसे लोगों की लिस्ट बनाने की तैयार कर रही है। माना जा रहा है कि जल्द ये लिस्ट शासन को भेजी जाएगी। दुकान के अंदर मार्कशीट की स्टोरेज मिली
STF इंस्पेक्टर हुकुम सिंह ने कहा- हमारे पास जानकारी थी कि अर्जुननगर गेट के पास एक व्यक्ति नकली मार्कशीट बनाने का काम करता है। हमने छापा मारा। मार्केट में एक दुकान के अंदर धनेश मिश्रा नाम का व्यक्ति मिला। जब दुकान में चेकिंग की गई तो बड़ी मात्रा में फर्जी मार्कशीट मिली। इसके अलावा बड़ी संख्या में अलग-अलग यूनिवर्सिटी की ब्लैंक मार्कशीट भी स्टोर की हुई थीं। 12वीं पास करने के बाद धोखाधड़ी करने लगा
अर्जुन नगर वेस्ट का रहने वाला धनेश मिश्रा 12वीं परीक्षा पास करने के बाद से से धोखाधड़ी और जालसाजी के धंधे में उतर आया था। वह डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के साथ संपर्क में रहता था। धनेश मिश्रा के पिता एयरफोर्स से रिटायर्ड हैं। वह विश्वविद्यालय में चक्कर काटने वाले फरियादी स्टूडेंट से संपर्क करता था। 4 साल से फर्जी मार्कशीट बना रहा
धनेश ने पूछताछ में बताया- मैं 4 साल से फर्जी मार्कशीट बना रहा हूं। ज्यादातर प्राइवेट यूनिवर्सिटी की मार्कशीट बनाता था। अभी तक मैं करीब 8 हजार फर्जी मार्कशीट बना चुका हूं। धनेश ने बताया- मैं कोर्स के हिसाब से रुपए लेता था। बी फार्मा, डी फार्मा, एमबीए की मार्कशीट दो से ढाई लाख रुपए में तैयार कर देता था। इसके अलावा बीए, बीकॉम की मार्कशीट 20 से 50 हजार रुपए में बना देता था। STF ने आरोपी के पास से ऐसे रिकॉर्ड बरामद किए है कि उसने एक स्टूडेंट का फॉर्म अप्रैल में भरवाया और उसे जुलाई में मार्कशीट थमा दी। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसकी मार्कशीट पर 300 से ज्यादा लोग देश के अलग-अलग हिस्सों में सरकारी नौकरी कर रहे हैं। खुद की यूनिवर्सिटी खोलना चाहता था
धनेश मिश्रा खुद की अपनी एक यूनिवर्सिटी खोलना चाहता था। इसके लिए उसने उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में कई बीघों में जमीन ले रखी है। धनेश को जानने वाले लोगों का कहना है कि वह महंगी शराब का शौकीन था। रोजाना 10 से 15 हजार की शराब पीता था। इसके अलावा वह कई देशों की यात्रा भी कर चुका है। धनेश ज्यादातर बाहर हो रहता था। उसके संपर्क देशभर की तमाम यूनिवर्सिटीज में था। —————– यह खबर पढ़िए… इलाहाबाद हाईकोर्ट बोला- प्राइवेट पार्ट पकड़ना, नाड़ा तोड़ना रेप नहीं:भाजपा सांसद ने कहा- अगर जज ही संवेदनशील नहीं, तो महिलाएं और बच्चियां क्या करेंगी? यूपी के कासगंज की 11 साल की बच्ची के केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर सवाल उठ रहे हैं। भाजपा की राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा, अगर जज ही संवेदनशील नहीं होंगे, तो महिलाएं और बच्चियां क्या करेंगी? पढ़ें पूरी खबर… आगरा में फर्जी मार्कशीट तैयार करने का एक बड़ा रैकेट चल रहा था। STF ने धनेश शर्मा नाम के जालसाज को अरेस्ट करके 1046 मार्कशीट बरामद की हैं, इसमें 942 फर्जी हैं, बाकी अलग-अलग यूनिवर्सिटी के ब्लैंक डॉक्यूमेंट हैं। STF ने धनेश से पूछताछ की। उसने कहा- मेरी 4 यूनिवर्सिटी से साठ-गांठ है। स्टूडेंट के फॉर्म भरवाता और ऑन डिमांड हाईस्कूल, इंटर, ग्रेजुएशन की फर्जी मार्कशीट बनाता था। अब तक 8 हजार से ज्यादा मार्कशीट तैयार करके बेच चुका हूं। मेरी बनाई मार्कशीट पर 300 लोग सरकारी नौकरी में हैं। STF धनेश से पूछताछ के आधार पर ऐसे लोगों की लिस्ट बनाने की तैयार कर रही है। माना जा रहा है कि जल्द ये लिस्ट शासन को भेजी जाएगी। दुकान के अंदर मार्कशीट की स्टोरेज मिली
STF इंस्पेक्टर हुकुम सिंह ने कहा- हमारे पास जानकारी थी कि अर्जुननगर गेट के पास एक व्यक्ति नकली मार्कशीट बनाने का काम करता है। हमने छापा मारा। मार्केट में एक दुकान के अंदर धनेश मिश्रा नाम का व्यक्ति मिला। जब दुकान में चेकिंग की गई तो बड़ी मात्रा में फर्जी मार्कशीट मिली। इसके अलावा बड़ी संख्या में अलग-अलग यूनिवर्सिटी की ब्लैंक मार्कशीट भी स्टोर की हुई थीं। 12वीं पास करने के बाद धोखाधड़ी करने लगा
अर्जुन नगर वेस्ट का रहने वाला धनेश मिश्रा 12वीं परीक्षा पास करने के बाद से से धोखाधड़ी और जालसाजी के धंधे में उतर आया था। वह डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के साथ संपर्क में रहता था। धनेश मिश्रा के पिता एयरफोर्स से रिटायर्ड हैं। वह विश्वविद्यालय में चक्कर काटने वाले फरियादी स्टूडेंट से संपर्क करता था। 4 साल से फर्जी मार्कशीट बना रहा
धनेश ने पूछताछ में बताया- मैं 4 साल से फर्जी मार्कशीट बना रहा हूं। ज्यादातर प्राइवेट यूनिवर्सिटी की मार्कशीट बनाता था। अभी तक मैं करीब 8 हजार फर्जी मार्कशीट बना चुका हूं। धनेश ने बताया- मैं कोर्स के हिसाब से रुपए लेता था। बी फार्मा, डी फार्मा, एमबीए की मार्कशीट दो से ढाई लाख रुपए में तैयार कर देता था। इसके अलावा बीए, बीकॉम की मार्कशीट 20 से 50 हजार रुपए में बना देता था। STF ने आरोपी के पास से ऐसे रिकॉर्ड बरामद किए है कि उसने एक स्टूडेंट का फॉर्म अप्रैल में भरवाया और उसे जुलाई में मार्कशीट थमा दी। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसकी मार्कशीट पर 300 से ज्यादा लोग देश के अलग-अलग हिस्सों में सरकारी नौकरी कर रहे हैं। खुद की यूनिवर्सिटी खोलना चाहता था
धनेश मिश्रा खुद की अपनी एक यूनिवर्सिटी खोलना चाहता था। इसके लिए उसने उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में कई बीघों में जमीन ले रखी है। धनेश को जानने वाले लोगों का कहना है कि वह महंगी शराब का शौकीन था। रोजाना 10 से 15 हजार की शराब पीता था। इसके अलावा वह कई देशों की यात्रा भी कर चुका है। धनेश ज्यादातर बाहर हो रहता था। उसके संपर्क देशभर की तमाम यूनिवर्सिटीज में था। —————– यह खबर पढ़िए… इलाहाबाद हाईकोर्ट बोला- प्राइवेट पार्ट पकड़ना, नाड़ा तोड़ना रेप नहीं:भाजपा सांसद ने कहा- अगर जज ही संवेदनशील नहीं, तो महिलाएं और बच्चियां क्या करेंगी? यूपी के कासगंज की 11 साल की बच्ची के केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर सवाल उठ रहे हैं। भाजपा की राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा, अगर जज ही संवेदनशील नहीं होंगे, तो महिलाएं और बच्चियां क्या करेंगी? पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर