जासूस तुफैल अयोध्या में बाबरी से जुड़े लोगों से मिला:ATS से कहा- पहलगाम हमला हो गया, वरना बकरीद पाकिस्तान में मनाता, वाराणसी से अरेस्ट हुआ

जासूस तुफैल अयोध्या में बाबरी से जुड़े लोगों से मिला:ATS से कहा- पहलगाम हमला हो गया, वरना बकरीद पाकिस्तान में मनाता, वाराणसी से अरेस्ट हुआ

वाराणसी के हनुमान फाटक से मोहम्मद तुफैल को ATS ने अरेस्ट किया। वह पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहा था। ISI को दिल्ली के राजघाट, रेलवे स्टेशन, जामा मस्जिद, लाल किला, निजामुद्दीन औलिया के वीडियो भेजे। इनके अलावा काशी के नमोघाट और ज्ञानवापी से जुड़े कंटेंट भी पाकिस्तानी नंबरों पर शेयर किए थे। ATS की पूछताछ में सामने आया कि तुफैल धार्मिक यात्राओं के बहाने देशभर में पाकिस्तानी उलेमाओं की मजलिस में शामिल होता और उनकी तकरीर सुन रहा था। वह मुस्लिम कम्युनिटी के लोगों को वॉट्सऐप पर मैसेज भेजकर खुद को गजवा-ए-हिंद और हदीस के लिए लड़ने वाला सिपाही बताता था। हैदराबाद में एक मजलिस में उसका कनेक्शन पाकिस्तानी उलेमाओं और मौलानाओं से हुआ था, तब से उसके तार पाकिस्तान से जुड़ गए। ATS के अफसरों से तुफैल ने कहा- ये तो पहलगाम हमला हो गया, वरना बकरीद पाकिस्तान में मनाने वाला था। यह भी सामने आया कि वह अयोध्या में बाबरी मस्जिद से जुड़े लोगों से मिला था। ATS ने हनुमान फाटक के उसके घर से डायरियां, किताबें और भारतीय-विदेशी अखबारों की कटिंग को जब्त कर लिया है। लखनऊ के ATS थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। ATS, NIA की पूछताछ में चौंकाने वाले फैक्ट सामने आए ATS, NIA की तुफैल पर 3 महीने से नजर
पाकिस्तान एजेंट बनकर बनारस में रहने वाले तुफैल ATS ही नहीं, ANI के रडार पर भी था। पिछले 3 महीने से लगातार उस पर निगरानी रखी जा रही थी। उसके करीबियों के नंबर भी सर्विलांस पर थे। ATS पूछताछ में तुफैल घंटों गुमराह करता रहा और हर सवाल के जवाब को धार्मिक रूप से देता रहा। देशभर में अपनी यात्राओं को धार्मिक बताते हुए उसने पाकिस्तानियों से भी रिश्ते स्वीकार किए लेकिन उनकी जानकारी देने में आनाकानी कर रहा है। फिर उसके मोबाइल में मिली तकरीर और वॉट्सऐप चैट दिखाकर उससे सवाल किए गए। तुफैल ने कहा- पहलगाम हमला हो गया, वरना पाकिस्तान चला जाता
इसके बाद तुफैल ने बताया कि वह पाकिस्तानी-उलेमाओं की तकरीर सुनने जगह-जगह जाता था। उसने बताया कि मैं पाकिस्तान जाने वाला था, इसके लिए दस्तावेज तैयार करवा रहा था। पहलगाम और सीमा पर विवाद के चलते वीजा के लिए आवेदन रोक दिया, वरना बकरीद पाकिस्तान में मानने की बात तय हुई थी। तकरीरों में लोगों को भड़काता- बाबरी की जमीन छोड़ दोगे क्या पाकिस्तान के प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक के नेता मौलाना शाद रिजवी की तकरीर सुनने के बाद उसने खुद को उनका बंदा मान लिया। अब देश में उनके अनुयायियों की होने वाली तकरीर में पहुंचकर लोगों से बाबरी के बदले पर सवाल करता था। लोगों को भड़काता था कि आखिर हम कैसे भूल सकते हैं? कैसे जमीन छोड़ सकते हैं? यह भी सामने आया कि तकरीरों में जाना उसने 5 साल से शुरू किया था। उसे लगता था कि बाबरी के विवादित ढांचे को गिराए जाने का वह बदला ले सकता है और कौम उसकी मददगार बनेगी। लोगों से मिलने में 15-18 घंटे देता था। वह रात में घर आता और भोर में ही निकल जाता था, इसे अलावा कई दिनों तक घर नहीं आता। मजलिस के ग्रुप में मिली पाकिस्तानी सैनिक की पत्नी नफीसा मजलिस में जाने पर तुफैल कई वॉट्सऐप ग्रुपों में जुड़ गया था, ऐसे ही एक मजलिस से जुड़े ग्रुप में मैसेजिंग के दौरान पाकिस्तानी सेना के अधिकारी की पत्नी नफीसा उसके संपर्क में आ गई। उसकी नफीसा से पर्सनल नंबर पर बातचीत शुरू हो गई। जल्दी उसने नफीसा से नजदीकियां भी बढ़ा ली। दोनों मोबाइल और वॉट्सऐप पर घंटों बाते करते थे। तुफैल जहां जाता था, वहां की तस्वीरें नफीसा को भेजता था। उसने दिल्ली के राजघाट, रेलवे स्टेशन, जामा मस्जिद, लाल किला, निजामुद्दीन औलिया के वीडियो भेजे। इनके अलावा काशी के नमोघाट और ज्ञानवापी से जुड़े कंटेंट भी शेयर किए थे। इसके अलावा भारत और यूपी की गतिविधियों को भी बताता था। नफीसा के जरिए उसके अधिकारी पति से भी दुआ-सलाम होने लगी थी। अब तक की जांच में सामने आया कि पिछले 1 साल में उसने लगभग 600 पाकिस्तानियों से संपर्क बना लिए थे, इसके अलावा कई मुस्लिम देशों के लोगों से जुड़ा था। तुफैल हर किसी से पाक आकर मिलने की बात कहता था। अब तुफैल के घर की बात पिता ने मां को दिया तलाक, ननिहाल में रहता था परिवार
हनुमान फाटक में रहने वाले अबुल हसन ने अपनी बेटी नाजिया का निकाह 2008 में दोसीपुरा के मकसूद आलम के साथ किया था। बिजली मिस्त्री मकसूद ने 2014 में पत्नी को तलाक दे दिया और उसे उसके मायके भेज दिया। उसके बेटों में तुफैल और शिपतैन के अलावा बेटी को लेकर पत्नी मायके आ गई। तब से अपने पिता के घर में रहकर बेटों को पढ़ाने लगी। तुफैल ने बचपन में ही सीलिंग की कारीगरी सीख ली। नाना के साथ तकरीरों और मजलिसों में जाने लगा। तुफैल को मजलिस में रुचि बढ़ी तो उसने अलग से जाना शुरू कर दिया। दिन में नाना की साड़ी की दुकान पर रहता और शाम को मस्जिदों और तकरीरों में जाता। उर्स का पता चलते ही पूरा दिन और रात वहीं गुजार देता। एक साल पहले अयोध्या गया, बाबरी से जुड़े लोगों से मिला
मामा की साड़ी की दुकान में उसका दिल कम लगता और मौलानाओं के साथ ज्यादा मिलने लगा। नाना की मौत के बाद उसने उनके सभी करीबियों से मिलना शुरू कर दिया और बाबरी का बदला ही उसका मोटिव बन गया। इसी बहाने वह एक साल पहले अयोध्या भी गया और बाबरी से जुड़े लोगों से भी मिला था। घर पर पुलिस और LIU जुटा रही जानकारियां
यूपी एटीएस ने जब पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले तुफैल को गिरफ्तार किया तो पुलिस ने उसकी कुंडली खंगालनी शुरू कर दी है। एलआईयू भी उसके बारे में कई जानकारियां जुटा रहा है। तहरीक-ए-लब्बैक के नेता मौलाना शाद रिजवी के यूट्यूब चैनल को भी फॉलो करता था। उसके वीडियो वॉट्सऐप ग्रुपों में शेयर करता था। अभी यह क्लियर नहीं हो पाया है कि पहलगाम हमले के बाद उसने क्या-क्या खुफिया सूचनाएं पाकिस्तान को भेजी हैं, क्योंकि इन तारीखों की कई चैट मोबाइल में डिलीट मिली है। एटीएस उन्हें रिकवर करने में लगी है, वहीं लखनऊ में उससे पूछताछ जारी है। ……………………… यह भी पढ़ें विदेश मंत्रालय बोला- बातचीत और आतंकवाद साथ नहीं:तुर्किये से कहा- पाकिस्तान को समझाए कि आतंक का साथ न दे; PAK से केवल द्विपक्षीय बातचीत अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के एक बार फिर भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने के दावे पर भारत के विदेश मंत्रालय का बयान आया। वीकली प्रेस ब्रीफिंग में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच कोई भी संबंध द्विपक्षीय होना चाहिए, बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते।पढ़िए पूरी खबर… वाराणसी के हनुमान फाटक से मोहम्मद तुफैल को ATS ने अरेस्ट किया। वह पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहा था। ISI को दिल्ली के राजघाट, रेलवे स्टेशन, जामा मस्जिद, लाल किला, निजामुद्दीन औलिया के वीडियो भेजे। इनके अलावा काशी के नमोघाट और ज्ञानवापी से जुड़े कंटेंट भी पाकिस्तानी नंबरों पर शेयर किए थे। ATS की पूछताछ में सामने आया कि तुफैल धार्मिक यात्राओं के बहाने देशभर में पाकिस्तानी उलेमाओं की मजलिस में शामिल होता और उनकी तकरीर सुन रहा था। वह मुस्लिम कम्युनिटी के लोगों को वॉट्सऐप पर मैसेज भेजकर खुद को गजवा-ए-हिंद और हदीस के लिए लड़ने वाला सिपाही बताता था। हैदराबाद में एक मजलिस में उसका कनेक्शन पाकिस्तानी उलेमाओं और मौलानाओं से हुआ था, तब से उसके तार पाकिस्तान से जुड़ गए। ATS के अफसरों से तुफैल ने कहा- ये तो पहलगाम हमला हो गया, वरना बकरीद पाकिस्तान में मनाने वाला था। यह भी सामने आया कि वह अयोध्या में बाबरी मस्जिद से जुड़े लोगों से मिला था। ATS ने हनुमान फाटक के उसके घर से डायरियां, किताबें और भारतीय-विदेशी अखबारों की कटिंग को जब्त कर लिया है। लखनऊ के ATS थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। ATS, NIA की पूछताछ में चौंकाने वाले फैक्ट सामने आए ATS, NIA की तुफैल पर 3 महीने से नजर
पाकिस्तान एजेंट बनकर बनारस में रहने वाले तुफैल ATS ही नहीं, ANI के रडार पर भी था। पिछले 3 महीने से लगातार उस पर निगरानी रखी जा रही थी। उसके करीबियों के नंबर भी सर्विलांस पर थे। ATS पूछताछ में तुफैल घंटों गुमराह करता रहा और हर सवाल के जवाब को धार्मिक रूप से देता रहा। देशभर में अपनी यात्राओं को धार्मिक बताते हुए उसने पाकिस्तानियों से भी रिश्ते स्वीकार किए लेकिन उनकी जानकारी देने में आनाकानी कर रहा है। फिर उसके मोबाइल में मिली तकरीर और वॉट्सऐप चैट दिखाकर उससे सवाल किए गए। तुफैल ने कहा- पहलगाम हमला हो गया, वरना पाकिस्तान चला जाता
इसके बाद तुफैल ने बताया कि वह पाकिस्तानी-उलेमाओं की तकरीर सुनने जगह-जगह जाता था। उसने बताया कि मैं पाकिस्तान जाने वाला था, इसके लिए दस्तावेज तैयार करवा रहा था। पहलगाम और सीमा पर विवाद के चलते वीजा के लिए आवेदन रोक दिया, वरना बकरीद पाकिस्तान में मानने की बात तय हुई थी। तकरीरों में लोगों को भड़काता- बाबरी की जमीन छोड़ दोगे क्या पाकिस्तान के प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक के नेता मौलाना शाद रिजवी की तकरीर सुनने के बाद उसने खुद को उनका बंदा मान लिया। अब देश में उनके अनुयायियों की होने वाली तकरीर में पहुंचकर लोगों से बाबरी के बदले पर सवाल करता था। लोगों को भड़काता था कि आखिर हम कैसे भूल सकते हैं? कैसे जमीन छोड़ सकते हैं? यह भी सामने आया कि तकरीरों में जाना उसने 5 साल से शुरू किया था। उसे लगता था कि बाबरी के विवादित ढांचे को गिराए जाने का वह बदला ले सकता है और कौम उसकी मददगार बनेगी। लोगों से मिलने में 15-18 घंटे देता था। वह रात में घर आता और भोर में ही निकल जाता था, इसे अलावा कई दिनों तक घर नहीं आता। मजलिस के ग्रुप में मिली पाकिस्तानी सैनिक की पत्नी नफीसा मजलिस में जाने पर तुफैल कई वॉट्सऐप ग्रुपों में जुड़ गया था, ऐसे ही एक मजलिस से जुड़े ग्रुप में मैसेजिंग के दौरान पाकिस्तानी सेना के अधिकारी की पत्नी नफीसा उसके संपर्क में आ गई। उसकी नफीसा से पर्सनल नंबर पर बातचीत शुरू हो गई। जल्दी उसने नफीसा से नजदीकियां भी बढ़ा ली। दोनों मोबाइल और वॉट्सऐप पर घंटों बाते करते थे। तुफैल जहां जाता था, वहां की तस्वीरें नफीसा को भेजता था। उसने दिल्ली के राजघाट, रेलवे स्टेशन, जामा मस्जिद, लाल किला, निजामुद्दीन औलिया के वीडियो भेजे। इनके अलावा काशी के नमोघाट और ज्ञानवापी से जुड़े कंटेंट भी शेयर किए थे। इसके अलावा भारत और यूपी की गतिविधियों को भी बताता था। नफीसा के जरिए उसके अधिकारी पति से भी दुआ-सलाम होने लगी थी। अब तक की जांच में सामने आया कि पिछले 1 साल में उसने लगभग 600 पाकिस्तानियों से संपर्क बना लिए थे, इसके अलावा कई मुस्लिम देशों के लोगों से जुड़ा था। तुफैल हर किसी से पाक आकर मिलने की बात कहता था। अब तुफैल के घर की बात पिता ने मां को दिया तलाक, ननिहाल में रहता था परिवार
हनुमान फाटक में रहने वाले अबुल हसन ने अपनी बेटी नाजिया का निकाह 2008 में दोसीपुरा के मकसूद आलम के साथ किया था। बिजली मिस्त्री मकसूद ने 2014 में पत्नी को तलाक दे दिया और उसे उसके मायके भेज दिया। उसके बेटों में तुफैल और शिपतैन के अलावा बेटी को लेकर पत्नी मायके आ गई। तब से अपने पिता के घर में रहकर बेटों को पढ़ाने लगी। तुफैल ने बचपन में ही सीलिंग की कारीगरी सीख ली। नाना के साथ तकरीरों और मजलिसों में जाने लगा। तुफैल को मजलिस में रुचि बढ़ी तो उसने अलग से जाना शुरू कर दिया। दिन में नाना की साड़ी की दुकान पर रहता और शाम को मस्जिदों और तकरीरों में जाता। उर्स का पता चलते ही पूरा दिन और रात वहीं गुजार देता। एक साल पहले अयोध्या गया, बाबरी से जुड़े लोगों से मिला
मामा की साड़ी की दुकान में उसका दिल कम लगता और मौलानाओं के साथ ज्यादा मिलने लगा। नाना की मौत के बाद उसने उनके सभी करीबियों से मिलना शुरू कर दिया और बाबरी का बदला ही उसका मोटिव बन गया। इसी बहाने वह एक साल पहले अयोध्या भी गया और बाबरी से जुड़े लोगों से भी मिला था। घर पर पुलिस और LIU जुटा रही जानकारियां
यूपी एटीएस ने जब पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले तुफैल को गिरफ्तार किया तो पुलिस ने उसकी कुंडली खंगालनी शुरू कर दी है। एलआईयू भी उसके बारे में कई जानकारियां जुटा रहा है। तहरीक-ए-लब्बैक के नेता मौलाना शाद रिजवी के यूट्यूब चैनल को भी फॉलो करता था। उसके वीडियो वॉट्सऐप ग्रुपों में शेयर करता था। अभी यह क्लियर नहीं हो पाया है कि पहलगाम हमले के बाद उसने क्या-क्या खुफिया सूचनाएं पाकिस्तान को भेजी हैं, क्योंकि इन तारीखों की कई चैट मोबाइल में डिलीट मिली है। एटीएस उन्हें रिकवर करने में लगी है, वहीं लखनऊ में उससे पूछताछ जारी है। ……………………… यह भी पढ़ें विदेश मंत्रालय बोला- बातचीत और आतंकवाद साथ नहीं:तुर्किये से कहा- पाकिस्तान को समझाए कि आतंक का साथ न दे; PAK से केवल द्विपक्षीय बातचीत अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के एक बार फिर भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने के दावे पर भारत के विदेश मंत्रालय का बयान आया। वीकली प्रेस ब्रीफिंग में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच कोई भी संबंध द्विपक्षीय होना चाहिए, बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते।पढ़िए पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर