हरियाणा में भाजपा की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ने वाले रणजीत चौटाला ने बगावती तेवर अपना लिए हैं। रणजीत चौटाला गोपाल कांडा की पार्टी हलोपा की ओर से
रानियां विधानसभा से उम्मीदवार उतारने से नाराज हैं। गोपाल कांडा ने अपने भतीजे गोबिंद कांडा के बेटे धवल कांडा को प्रत्याशी घोषित कर दिया है। इससे नाराज रणजीत चौटाला ने आज समर्थकों की मीटिंग रानियां के गाबा रिजॉर्ट में बुलाई है।
भाजपा नेता एवं ऊर्जा मंत्री के इस कार्यक्रम से भाजपा जिला अध्यक्ष, मंडल अध्यक्ष व भाजपा कार्यकर्ताओं ने दूरी बनाई हुई है। जिलाध्यक्ष शीशपाल कम्बोज का भी कहना है कि रणजीत चौटाला के कार्यक्रम की उनके पास कोई सूचना नहीं है। वहीं रणजीत चौटाला ने अपने समर्थकों को ही इस बैठक का निमंत्रण दिया है। रणजीत चौटाला इस बैठक में समर्थकों से राय मशवरा कर सकते हैं। कांडा की शिकायत कर चुके हैं रणजीत
हलोपा की ओर से रानियां विधानसभा से उम्मीदवार उतारने पर रणजीत चौटाला इसकी शिकायत पार्टी आलाकमान को भी की है मगर ज्यादा रिस्पांस रणजीत चौटाला को नहीं मिला। इसके अलावा कुछ समय पहले तक प्रधानमंत्री तक पहुंच होने का दावा रखने वाले रणजीत चौटाला के हिसार लोकसभा चुनाव से हारते ही परिस्थतियां पार्टी में बदल गई है। जहां हिसार और सिरसा विधानसभा में पार्टी को लीड करने की बात कहने वाले रणजीत चौटाला के लिए अपनी ही विधानसभा के लिए दावेदारी कमजोर पड़ती नजर आ रही है। बताया जा रहा है कि भाजपा भी हलोपा के साथ गठबंधन की घोषणा जल्द कर सकती है। ऐसे में रणजीत चौटाला ने भाजपा पर दवाब बनाने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। रानियां छोड़कर हिसार से लोकसभा चुनाव लड़े, जनता नाराज
बताया जा रहा है कि रणजीत चौटाला रानियां विधानसभा में लोग रणजीत चौटाला से नाराज है। भाजपा और संघ के ग्रांउड सर्वे में रणजीत चौटाला की स्थिति ठीक नहीं है। ऐसे में पार्टी रानियां में रिस्क नहीं लेना चाहेगी। वहीं आजाद उम्मीदवार के तौड़ पर लड़े रणजीत चौटाला भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा के खिलाफ रणजीत चौटाला को वोट देने वाले लोग इसलिए भी नाराज हैं। वहीं रणजीत के रानियां विधानसभा छोड़कर हिसार से लोकसभा चुनाव लड़ने पर भी लोगों में नाराजगी है। 63,381 वोटों से हारे थे रणजीत
बता दें कि हिसार लोकसभा में जयप्रकाश जेपी ने रणजीत चौटाला को 63,381 वोटों से हराया था। जयप्रकाश को 48.58 प्रतिशत वोट मिले थे जबकि रणजीत चौटाला को सिर्फ 43.19 प्रतिशत वोट मिले थे। पिछली बार के मुकाबले भाजपा का वोट प्रतिशत 7.81 प्रतिशत कम हुआ है। 2019 में भाजपा को 51.13 प्रतिशत वोट मिले थे।
वहीं कांग्रेस को 2019 में 15.63 प्रतिशत वोट मिले थे जो बढ़कर 48.58 प्रतिशत हो गए। हिसार लोकसभा की 9 में से 6 सीटों पर जयप्रकाश जेपी ने जीत दर्ज की थी जबकि रणजीत चौटाला सिर्फ 3 सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाए। हरियाणा में भाजपा की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ने वाले रणजीत चौटाला ने बगावती तेवर अपना लिए हैं। रणजीत चौटाला गोपाल कांडा की पार्टी हलोपा की ओर से
रानियां विधानसभा से उम्मीदवार उतारने से नाराज हैं। गोपाल कांडा ने अपने भतीजे गोबिंद कांडा के बेटे धवल कांडा को प्रत्याशी घोषित कर दिया है। इससे नाराज रणजीत चौटाला ने आज समर्थकों की मीटिंग रानियां के गाबा रिजॉर्ट में बुलाई है।
भाजपा नेता एवं ऊर्जा मंत्री के इस कार्यक्रम से भाजपा जिला अध्यक्ष, मंडल अध्यक्ष व भाजपा कार्यकर्ताओं ने दूरी बनाई हुई है। जिलाध्यक्ष शीशपाल कम्बोज का भी कहना है कि रणजीत चौटाला के कार्यक्रम की उनके पास कोई सूचना नहीं है। वहीं रणजीत चौटाला ने अपने समर्थकों को ही इस बैठक का निमंत्रण दिया है। रणजीत चौटाला इस बैठक में समर्थकों से राय मशवरा कर सकते हैं। कांडा की शिकायत कर चुके हैं रणजीत
हलोपा की ओर से रानियां विधानसभा से उम्मीदवार उतारने पर रणजीत चौटाला इसकी शिकायत पार्टी आलाकमान को भी की है मगर ज्यादा रिस्पांस रणजीत चौटाला को नहीं मिला। इसके अलावा कुछ समय पहले तक प्रधानमंत्री तक पहुंच होने का दावा रखने वाले रणजीत चौटाला के हिसार लोकसभा चुनाव से हारते ही परिस्थतियां पार्टी में बदल गई है। जहां हिसार और सिरसा विधानसभा में पार्टी को लीड करने की बात कहने वाले रणजीत चौटाला के लिए अपनी ही विधानसभा के लिए दावेदारी कमजोर पड़ती नजर आ रही है। बताया जा रहा है कि भाजपा भी हलोपा के साथ गठबंधन की घोषणा जल्द कर सकती है। ऐसे में रणजीत चौटाला ने भाजपा पर दवाब बनाने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। रानियां छोड़कर हिसार से लोकसभा चुनाव लड़े, जनता नाराज
बताया जा रहा है कि रणजीत चौटाला रानियां विधानसभा में लोग रणजीत चौटाला से नाराज है। भाजपा और संघ के ग्रांउड सर्वे में रणजीत चौटाला की स्थिति ठीक नहीं है। ऐसे में पार्टी रानियां में रिस्क नहीं लेना चाहेगी। वहीं आजाद उम्मीदवार के तौड़ पर लड़े रणजीत चौटाला भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा के खिलाफ रणजीत चौटाला को वोट देने वाले लोग इसलिए भी नाराज हैं। वहीं रणजीत के रानियां विधानसभा छोड़कर हिसार से लोकसभा चुनाव लड़ने पर भी लोगों में नाराजगी है। 63,381 वोटों से हारे थे रणजीत
बता दें कि हिसार लोकसभा में जयप्रकाश जेपी ने रणजीत चौटाला को 63,381 वोटों से हराया था। जयप्रकाश को 48.58 प्रतिशत वोट मिले थे जबकि रणजीत चौटाला को सिर्फ 43.19 प्रतिशत वोट मिले थे। पिछली बार के मुकाबले भाजपा का वोट प्रतिशत 7.81 प्रतिशत कम हुआ है। 2019 में भाजपा को 51.13 प्रतिशत वोट मिले थे।
वहीं कांग्रेस को 2019 में 15.63 प्रतिशत वोट मिले थे जो बढ़कर 48.58 प्रतिशत हो गए। हिसार लोकसभा की 9 में से 6 सीटों पर जयप्रकाश जेपी ने जीत दर्ज की थी जबकि रणजीत चौटाला सिर्फ 3 सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाए। हरियाणा | दैनिक भास्कर