हरियाणा के जींद के सफीदों में असंध रोड पर स्थित गांव खेड़ा खेमावती के पास छात्राओं से भरी ई-रिक्शा को एक ट्रैक्टर ने पीछे से टक्कर मार दी। इससे रिक्शा पलट गई और इसमें बैठी 8 स्कूली छात्राएं व रिक्शा चालक नीचे दब गए। पास ही खेतों में धान रोपाई कर रही महिलाएं मौके पर पहुंची और रिक्शा को सीधा कर छात्राओं को बाहर निकाला। बताया जा रहा है कि छात्राएं गांव मलिकपुर से सफीदों राजकीय कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ने के लिए आ रही थी। घायल छात्राओं में से 3 की पहचान रितु, रेनू व जन्नत निवासी मलिकपुर और ई-रिक्शा चालक की पहचान रघुवीर निवासी सिंगलपुरा कालोनी सफीदों के रूप में हुई है। मामले की सूचना सफीदों पुलिस को दी गई है। जानकारी के मुताबिक मलिकपुर से 11वीं कक्षा की छात्राएं हर रोज की तरह ई रिक्शा में बैठकर सफीदों के राजकीय सीनियर सैकेंडरी स्कूल में पढ़ने के लिए जा रही थी। जैसे ही उनकी ई-रिक्शा गांव खेड़ा खेमावती के नजदीक पहुंची तो पीछे से एक ट्रैक्टर आया और रिक्शा को टक्कर दे मारी। ट्रैक्टर के पीछे एक बड़ी हैरो बंधी हुई थी और उसमें तेज ध्वनि में गाने बज रहे थे। ट्रैक्टर ओवरटेक करते हुए ई-रिक्शा के बराबर से निकला तो हैरो ई-रिक्शा में उलझ गई और ई-रिक्शा पलट गई। घायलों को सफीदों के नागरिक अस्पताल में दाखिल करवाया गया। यहां पर छात्राओं को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई। गंभीर रूप से घायल ई-रिक्शा चालक को पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया गया। चालक रघुबीर के शरीर के एक हिस्से में अधिक चोटें बताई जा रही है। देखें हादसे से जुड़े कुछ PHOTOS… हरियाणा के जींद के सफीदों में असंध रोड पर स्थित गांव खेड़ा खेमावती के पास छात्राओं से भरी ई-रिक्शा को एक ट्रैक्टर ने पीछे से टक्कर मार दी। इससे रिक्शा पलट गई और इसमें बैठी 8 स्कूली छात्राएं व रिक्शा चालक नीचे दब गए। पास ही खेतों में धान रोपाई कर रही महिलाएं मौके पर पहुंची और रिक्शा को सीधा कर छात्राओं को बाहर निकाला। बताया जा रहा है कि छात्राएं गांव मलिकपुर से सफीदों राजकीय कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ने के लिए आ रही थी। घायल छात्राओं में से 3 की पहचान रितु, रेनू व जन्नत निवासी मलिकपुर और ई-रिक्शा चालक की पहचान रघुवीर निवासी सिंगलपुरा कालोनी सफीदों के रूप में हुई है। मामले की सूचना सफीदों पुलिस को दी गई है। जानकारी के मुताबिक मलिकपुर से 11वीं कक्षा की छात्राएं हर रोज की तरह ई रिक्शा में बैठकर सफीदों के राजकीय सीनियर सैकेंडरी स्कूल में पढ़ने के लिए जा रही थी। जैसे ही उनकी ई-रिक्शा गांव खेड़ा खेमावती के नजदीक पहुंची तो पीछे से एक ट्रैक्टर आया और रिक्शा को टक्कर दे मारी। ट्रैक्टर के पीछे एक बड़ी हैरो बंधी हुई थी और उसमें तेज ध्वनि में गाने बज रहे थे। ट्रैक्टर ओवरटेक करते हुए ई-रिक्शा के बराबर से निकला तो हैरो ई-रिक्शा में उलझ गई और ई-रिक्शा पलट गई। घायलों को सफीदों के नागरिक अस्पताल में दाखिल करवाया गया। यहां पर छात्राओं को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई। गंभीर रूप से घायल ई-रिक्शा चालक को पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया गया। चालक रघुबीर के शरीर के एक हिस्से में अधिक चोटें बताई जा रही है। देखें हादसे से जुड़े कुछ PHOTOS… हरियाणा | दैनिक भास्कर
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फरीदाबाद पुलिस ने युवक को निर्वस्त्र कर दी थर्ड डिग्री:सोशल मीडिया पर डाला था हथियार के साथ फोटो, घर से उठाया
फरीदाबाद पुलिस ने युवक को निर्वस्त्र कर दी थर्ड डिग्री:सोशल मीडिया पर डाला था हथियार के साथ फोटो, घर से उठाया हरियाणा के जिले फरीदाबाद में क्राइम ब्रांच सेक्टर 30 के कुछ पुलिसकर्मियों पर एक युवक के साथ निर्वस्त्र करके मारपीट करने के गंभीर आरोप लगे हैं। नाबालिग बच्ची से छेड़छाड़ जानकारी देते हुए पीड़ित विकास ने बताया कि वह फरीदाबाद के सेक्टर 62 आशियाना फ्लैट में रहता है, अभी वह 18 साल का हुआ है और तभी से वह नौकरी करता है। विकास के मुताबिक बीते कुछ दिन पहले एक 10 वर्ष की नाबालिग हिंदू बच्ची के साथ विशेष समुदाय के कुछ युवकों ने छेड़छाड़ की थी। इसके बाद जब हिंदू परिवार ने विरोध किया, तो विशेष समुदाय के लोगों ने उनके साथ मारपीट की थी। वह 10 साल की मासूम बच्ची के परिवार के साथ घटना के बाद से खड़े थे। विकास के मुताबिक जिस विशेष समुदाय पर छेड़छाड़ और मारपीट करने के गंभीर आरोप थे, उनमें से एक फकरू नाम केए स्क्रैप कारोबारी ने पुलिस से मिली भगत कर उसे उठा लिया। क्राइम ब्रांच टीम ने घर से उठाया उसकी गलती बस इतनी थी कि वह कुछ समय पहले अपने गांव माधोपुर जिला सिवान बिहार गया था। जहां पर उसने अपने एक साथी के साथ अवैध हथियार के साथ फोटो खिंचवा कर इंस्टाग्राम पर अपलोड की थी, इसी को मोहरा बनाते हुए कल देर शाम क्राइम ब्रांच सेक्टर 30 की टीम उसके घर आ पहुंची और उसे उठाकर ले गई। अवैध हथियार की पूछताछ के लिए उन्होंने उसके साथ थर्ड डिग्री का इस्तेमाल किया। हालत बिगड़ने पर परिजनों को सौंपा उसे लगभग चार-पांच घंटे निर्वस्त्र कर पानी में सिर डूबा कर पीटते रहे, जब उसकी हालत बिगड़ी तब उन्होंने उसके माता-पिता को बुलाकर उनके हवाले कर दिया। विकास के मुताबिक उसे ले जाकर मारपीट करने वाले लगभग तीन चार पुलिसकर्मी थे, जिन्होंने उसे डंडों से बुरी तरह पीटा, उनके हाथ में हंटर भी था और हंटर से भी उसकी पिटाई की। डॉक्टरों ने मेडिकल करने से किया मना उसका फरीदाबाद के बादशाह खान सिविल अस्पताल में इलाज चल रहा है और अपना मेडिकल करना चाहता है, लेकिन डॉक्टर ने उसे पुलिस द्वारा डीडी नंबर लाने की बात कह कर मेडिकल करने से मना कर दिया ह । विकास के मुताबिक उसने पूछताछ के दौरान बताया था और कहा था कि वह फोटो बिहार की है, लेकिन पुलिसकर्मी उस फोटो को फरीदाबाद की ही बात कर उसके साथ मारपीट करते रहे। बिना शिकायत दर्ज करे उठाना गलत उसके साथ मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाए। वही मामले में मीडिया से बात करते हुए हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ता अनुज ने कहा कि इस तरह से बिना कोई FIR दर्ज किए बिना कोर्ट की परमिशन के क्राइम ब्रांच द्वारा विकास को उठाकर ले जाना और इस तरह से थर्ड डिग्री इस्तेमाल करना गैरकानूनी है। पुलिस की गुंडागर्दी नहीं होगी बर्दाश्त क्राइम ब्रांच की टीम ने विकास के साथ थर्ड डिग्री करके कानून हाथ में लिया है, इसलिए चाहते हैं कि ऐसे दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाए। ऐसे लोगों की पुलिस में जगह नहीं है, उनकी जगह उनके घर पर है, वह अपने घर पर रहकर गुंडागर्दी करें। पुलिस विभाग में इस तरह की गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
कुलदीप बिश्नोई की राज्यसभा सीट के लिए लॉबिंग:दिल्ली दौरे बढ़ाए, मोदी से पुराने रिश्ते याद किए; पंवार के जीतने से खाली हुई सीट
कुलदीप बिश्नोई की राज्यसभा सीट के लिए लॉबिंग:दिल्ली दौरे बढ़ाए, मोदी से पुराने रिश्ते याद किए; पंवार के जीतने से खाली हुई सीट हरियाणा भाजपा के वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्नोई एक बार फिर दिल्ली में सक्रिय हो गए हैं। विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद वह हरियाणा में खाली हुई राज्यसभा सीट के लिए लॉबिंग करने में जुट गए हैं। ये सीट कृष्ण लाल पंवार के इसराना से विधायक बनने पर खाली हुई है। बिश्नोई परिवार अपनी राजनीतिक जमीन फिर से बनाने में जुटा है। कुलदीप बिश्नोई ने 11 अक्टूबर को दिल्ली में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात की। कुलदीप बिश्नोई के साथ उनका पूरा परिवार भी मौजूद रहा। इस दौरा हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर और आगामी राजनीति को लेकर चर्चा हुई। इसका बाद उन्होंने सोशल मीडिया (X) पर पहले पिता चौधरी भजनलाल के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पुरानी तस्वीर सांझा की। इसके बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात की फोटो जारी की। आदमपुर में 57 साल बाद मिली हार
हरियाणा विधानसभा चुनाव में आदमपुर सीट पर भजनलाल परिवार का 57 साल पुराना गढ़ टूट गया है। इस चुनाव में भव्य बिश्नोई 1268 वोटों से हार गए। इस हार के बाद कुलदीप बिश्नोई काफी दुखी हैं। वह आदमपुर में लोगों के बीच भावुक हो गए थे। किरण चौधरी हाल ही में चुनी गई हैं राज्यसभा सांसद
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कुलदीप बिश्नोई राज्यसभा की खाली हुई सीट पर चुनाव लड़कर राज्यसभा जाना चाहते हैं। राज्यसभा सीट के लिए भाजपा के पास पूर्ण बहुमत भी है। इससे पहले दीपेंद्र हुड्डा के लोकसभा सांसद बनने पर खाली हुई राज्यसभा सीट पर किरण चौधरी ने चुनाव लड़ा और वह राज्यसभा सांसद चुनी गईं। किरण चौधरी के सामने विपक्ष चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। भूपेंद्र हुड्डा अकसर यह कहते नजर आए कि हमारे पास बहुमत नहीं है। बिश्नोई परिवार को राजनीतिक ऑक्सीजन की जरूरत
हरियाणा विधानसभा चुनाव में बिश्नोई परिवार के हिस्से 3 सीटें आईं। 3 में से 2 सीटों पर नजदीकी हार हुई और 1 सीट नलवा पर कुलदीप के दोस्त रणधीर पनिहार जीत गए। बेटे की हार से उन्हें झटका लगा। उनकी इच्छा थी कि उनका बेटा आदमपुर से चुनाव जीतकर सरकार में मंत्री बने। मगर ऐसा नहीं हो पाया। इसलिए वह अब राज्यसभा के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। गैर जाट चेहरे के रूप में पेश कर रहे दावेदारी
कुलदीप बिश्नोई भाजपा में गैर जाट चेहरे के रूप में अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। उनके पिता भजनलाल की प्रदेश में गैर जाट सीएम के रूप में पहचान थी। गैर जाट वोटर ही भाजपा की प्रदेश में ताकत माने जाते हैं। ऐसे में कुलदीप इस वोट बैंक को जोड़े रखने में सहायक बनना चाहते हैं और अपनी मजबूत दावेदारी पेश कर रहे हैं। हरियाणा के 3 बार मुख्यमंत्री रहे भजनलाल के समय प्रदेश का संपूर्ण नॉन जाट वोट बैंक उनके साथ था, जो बाद में कुलदीप बिश्नोई की पार्टी हजकां के साथ लामबंद रहा। 2011 से 2014 तक हजकां और भाजपा के गठबंधन के बाद यह वोट बैंक 2014 विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ गया। एक प्रतिशत बिश्नोई वोटर वाले नेता रहे 3 बार सीएम
भजनलाल हरियाणा में मात्र 1 प्रतिशत बिश्नोई होते हुए भी 3 बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। हरियाणा के सभी 79 प्रतिशत नॉन जाट जातियों को साथ लेकर साथ चले। बिश्नोई परिवार का दावा है कि उनका हरियाणा के हर गांव में कार्यकर्ता है और सभी गैर जाट जातियों पर उनकी मजबूत पकड़ है। हरियाणा में 2 बार लोकसभा सांसद और 4 बार विधायक रह चुके कुलदीप बिश्नोई आज तक किसी बड़े संवैधानिक पद पर नहीं रहे हैं। सरकार में 16 साल से पद से दूर बिश्नोई परिवार
विधानसभा चुनाव में आदमपुर में मिली हार से बिश्नोई परिवार एक बार फिर सत्ता सुख से दूर हो गया है। अगर भव्य और दुड़ाराम चुनाव जीतते तो भव्य को मंत्री पद मिल सकता था। मगर आदमपुर से हार ने मंत्री पद से दूर कर दिया। हरियाणा में बिश्नोई परिवार 16 साल से सरकार में पद से बाहर है। 2005 से 2008 तक भजनलाल के बड़े बेटे चंद्रमोहन बिश्नोई हरियाणा के डिप्टी सीएम पद पर रहे। इसके बाद निजी कारणों से उन्होंने त्यागपत्र दे दिया। इसके बाद से आज तक बिश्नोई परिवार को सरकार में कोई पद नहीं मिला है।
अंबाला में विज बोले- घायल शेर होता है खूंखार:कांग्रेस के अंदर आपातकाल लगाने वाले कीटाणु अभी मरे नहीं
अंबाला में विज बोले- घायल शेर होता है खूंखार:कांग्रेस के अंदर आपातकाल लगाने वाले कीटाणु अभी मरे नहीं हरियाणा के पूर्व गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज के चाणक्य हैं और आने वाले विधानसभा चुनाव में उनका मार्गदर्शन मिलेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी एक प्रजातांत्रिक पार्टी है और नियमित तौर पर हम बैठक करते हैं और इन बैठकों में हम सब की राय से निर्णय लिए जाते हैं। आने वाली 29 जून की बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जी आ रहे हैं जिसके तहत आने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा को बहुत ही लाभ मिलेगा और हरियाणा में तीसरी बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाने का रास्ता प्रशस्त होगा। विज आज मीडिया कर्मियों द्वारा आने वाली 29 जून को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आगमन और होने वाली बैठक के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। श्री विज ने कहा कि हरियाणा के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान आ रहे है और उनका चुनाव कराने का लंबा अनुभव है जिसका भी हमें लाभ मिलेगा और उनका भी मार्गदर्शन मिलेगा। धर्मेंद्र प्रधान ने रोहतक में 20-20 मैच और 100 दिन के समय को लेकर की गई टिप्पणी के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में विज ने कहा कि कार्यकर्ताओं को मोटिवेट करने के लिए तरीके होते हैं और उन्होंने बताया कि इस प्रकार से हमने आगे चलना है और आगे जाने के लिए और भी कई बातें उनके द्वारा बताई जाएगी और उनके मार्गदर्शन में ही आगे की सारी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। विज बोले- घायल शेर होता है खूंखार विज ने कहा कि ‘‘लोकसभा चुनाव में भाजपा की पांच सीटें आई है और घायल शेर बहुत खूंखार होता है, हमारा एक-एक कार्यकर्ता इस हार का बदला लेने के लिए पूरी ताकत लगाकर तैयार खड़ा है, केवल चुनाव आयोग द्वारा तिथियां घोषित करने का इंतजार किया जा रहा है, हम पूरी तरह से तैयार है क्योंकि हमारा संगठन है और हमारा पूरे देश में संगठन है और हम पूरी ताकत के साथ लड़ेंगे’’। उन्होंने कहा कि ‘‘मैं अनिल विज दावे के साथ कह सकता हूं कि हरियाणा में तीसरी बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी’’। किरण चौधरी और श्रुति भाजपा में अपने आप आए किरण चौधरी और श्रुति चौधरी का भाजपा में आने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में विज ने कहा कि ‘‘इन बातों का अध्ययन करना पड़ता है कि यह लेकर आए हैं या ये अपने आप आए हैं, क्योंकि दोनों बातों में अंतर है कि हमारे पास कोई कमी है या आए है। क्योंकि दूसरी पार्टियों के जो लोग हैं उनको लंबे समय तक काम करते-करते यह समझ आ जाता है यह निकम्मी पार्टियां है और वे लोग जिस मकसद के साथ देश की राजनीति में आए हैं वह इनके पास रहकर पूरा नहीं किया जा सकता और वह दूसरी किसी पार्टी में आकर पूरा हो सकते हैं। उन्होंने उपरोक्त के संबंध में उदाहरण देते हुए कहा कि ‘‘स्कूल में भी इसी प्रकार से किया जाता है और बच्चा जिस स्कूल में पढ़ रहा है और उसे लगता है कि स्कूल में भविष्य नहीं बन सकता, इसमें अच्छे नंबर नहीं आ सकते, इसमें अच्छा टीचिंग स्टाफ नहीं है तो वह स्कूल बदल लेता है इस प्रकार से इन बातों को अलग-अलग करना पड़ेगा, यही कि लेकर आए या ये अपने आप आए। भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के लिए अब और ज्यादा दिक्कत होगी किरण चौधरी और श्रुति चौधरी के भाजपा में आने से भूपेंद्र सिंह हुड्डा को लाभ होगा और एसआरके ग्रुप टूट गया, के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ‘‘भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के लिए अब और ज्यादा दिक्कत हो गई, क्योंकि पहले तो उनके (किरण चौधरी) पास पार्टी डिसिप्लिन की भी पाबंदियां होगी और बहुत कुछ जानती होगी परंतु वह बोल नहीं सकती होंगी। लेकिन अब खुला मैदान है वह हुड्डा के बारे में खुलकर बोल सकती हैं और मैं जानता हूं कि वह अच्छी प्रखर वक्ता है और वह हुड्डा की धज्जियां उड़ा देंगी’’। हुड्डा के हाथ में हरियाणा सेफ नहीं लोकसभा चुनाव में पांच सीटें कांग्रेस को मिलने के उपरांत भूपेंद्र सिंह हुड्डा काफी उत्साहित हैं और आने वाले विधानसभा में 60 से 65 सीटें लेने का दावा करने के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में विज ने कहा कि ‘‘यह इन्होंने इससे पिछली बार भी कहा था, एक बार हरियाणा में सत्ता इनके हाथ में देकर हरियाणा की जनता समझ चुकी है कि हरियाणा को हमने लुटवाना नहीं है, हरियाणा को बचाना है और इनके (भूपेन्द्र सिंह हुडडा) हाथ में हरियाणा किसी भी हालत में सेफ/सुरक्षित नहीं है। हरियाणा को बचाना है और हरियाणा की जनता जानती है, एक-एक गांव जानता है, एक-एक बिरादरी जानती है, हर व्यक्ति जानता है कि जब भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री थे तब इन्होंने पावर में आकर किस प्रकार से हरियाणा का शोषण किया। हरियाणा की जनता इनके हाथ में दोबारा कैसे पावर दे देगी क्योंकि इन्होंने (कांग्रेस) हर प्रकार से लूटने की कोशिश की’’। कांग्रेस और बापू-बेटे की राजनीति से ऊपर उन्होंने कि दूसरी ओर ‘‘हमने पारदर्शी सरकार चलाई और मनोहर लाल जी ने सब चीजें ट्रांसपेरेंट की, जिनके तहत कुछ दिक्कतें भी आई और उनको ठीक भी किया जा रहा है क्योंकि जब कोई सिस्टम तब्दील किया जाता है तो दिक्कतें आती भी है उनको ठीक किया जा रहा है। लोग जानते हैं और लोगों ने भाजपा के राज और कांग्रेस के राज का तुलनात्मक अध्ययन किया हुआ है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नंबर हर मापदण्ड में कांग्रेस से और भूपेंद्र सिंह हुड्डा और बापू बेटे की राजनीति से ऊपर है। जनता का कोई भी मुद्दा विधानसभा में उठा नहीं सकी विधानसभा में भाजपा के मंत्रियों द्वारा दिए जाने वाले जवाब के संबंध में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में विज ने कहा कि ‘‘हमने हर बात का जवाब दिया और हमारी सरकार के मुख्यमंत्री और हमारे मंत्री हमेशा ही बहुत अच्छी तरह से जवाब देने के लिए तैयार रहते थे। मैं जो समझता हूं कि इन 10 सालों में कांग्रेस जनता का कोई भी मुद्दा उठा नहीं सकी या इन्होंने उठाना नहीं चाहा या इनके ऊपर कोई ओर दबाव रहा। यह जब सत्ता में थे तो यह सत्ता का धर्म नहीं निभा सके और जब यह विपक्ष में थे यह विपक्ष का धर्म भी नहीं निभा सके और ये प्रजातांत्रिक तौर पर बिल्कुल ही रिजेक्टेड माल है’’।
मैं किसी व्यक्ति के साथ नहीं हूं विज से बैंक कर्मचारी होने और गृहमंत्री होने की तुलनात्मक के संबंध में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि ‘‘मैं विद्यार्थी परिषद के समय से ही 1969 और 1970 के दशक के दौरान इस संगठन के साथ जुड़ गया था और इसकी भिन्न-भिन्न शाखों में मैं काम करता रहा। सन 1972 में मैंने स्नातक की और 1974 में मेरी बैंक में नौकरी लग गई है। मैं बैंक में लगने के बाद भी काम करता रहा हमने आपातकाल भी देखा। उस समय जो दायित्व दिए जाते थे, मैं उनको निभाता था और छुट्टियां लेकर के भी मैं चुनाव लड़वाया करता था लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं लड़ना चाहता हूं। मैं आज भी एकांत में बैठकर सोचता हूं कि ‘निकले थे कहां जाने के लिए, पहुंचे हैं कहां, मालूम नहीं खुद अपने कदमों को भटकते हुए मंजिल का निशान मालूम है’। तो मैंने कभी सोचा नहीं था मैंने आज भी नहीं सोचा क्योंकि मैं पार्टी का वर्कर हूं मैं किसी व्यक्ति के साथ नहीं हूं मैं विचारधारा के साथ हूं’’। कांग्रेस ने संविधान को रौंदा संविधान और आपातकालीन को लेकर मांगी गई टिप्पणी के जवाब में उन्होंने कहा कि ‘‘मैं भी सुबह देखा कि विपक्ष के सांसद के लाल से रंग की एक संविधान की कॉपी लोकसभा के भवन में लेकर खड़े थे। उन्होंने कहा कि जो कांग्रेस के लोग हैं उनकी हिम्मत नहीं होनी चाहिए संविधान को हाथ लगाने की क्योंकि इन्होंने जितना संविधान को रौंदा है, इन्होंने संविधान की धज्जियां उड़ाई हैं उतना किसी और पार्टी ने नहीं उड़ाई है। इन्होंने लोगों को रातों-रात जेलों में डाल दिया, सारे अधिकार बंद कर दिए, सारा मीडिया बंद कर दिया, जैसे आज अखबार छप रही हैं ऐसे अखबार नहीं छप सकती थी। हमने आपातकाल के दौरान देखा है आधी-आधी अखबार खाली होती थी, व्हाइट पेज आता था’’। आपातकाल लगाने वाले कीटाणु कांग्रेस के अंदर उन्होंने कहा कि ‘‘मैं एक बात और बताना चाहता हूं कि आपातकाल लगाने वाले कीटाणु कांग्रेस के अंदर से अभी मरे नहीं है केवल मौके की तलाश में है, लोगों को इस बारे में सचेत रहना चाहिए और जागरूक रहना चाहिए। अगर दोबारा इनके हाथ में वैसी ताकत आ गई तो कीटाणु जिंदा है। इन्होंने कई बार धारा 356 लगाकर संवैधानिक तरीके से चुनी हुई सरकारों को तोड़ा है, रौंदा है, इनके मन में संविधान के प्रति कोई आदर और सम्मान नहीं है और ना ही इनकी पार्टी प्रजातांत्रिक तरीके से चल रही है’’। कुछ प्राप्त करने के लिए राजनीति में नहीं आया विज के मंत्री बनने से इनकार करने के बाद गोल गप्पे खाने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने ने हंसते हुए कहा कि ‘‘मैं कुछ प्राप्त करने के लिए राजनीति में नहीं आया हूं, अगर कुछ प्राप्त करने के लिए कोई आया हुआ हो तो कोई उसकी तो जान निकल जाए। मैं तो एक विचारधारा के लिए काम करने के लिए आया हूं, मैं उस विचारधारा के लिए काम कर रहा हूं। मैं विधायक रहा- मैं नहीं रहा, मैं सत्ता में रहा-नहीं रहा, मैं विपक्ष में रहा, परंतु मैंने अपना काम किया है। मैं भारतीय जनता पार्टी का अनन्य भक्त हूं और हम काम करेंगें और मैंने अपनी विधानसभा में डटकर काम किया। हालांकि बीते लोकसभा चुनावों में हमारे अंबाला जिला में चार विधानसभा हैं लेकिन हम तीन विधानसभा में हार गए और उन विधानसभाओं में मंत्री भी रहें लेकिन उस हार की धारा को हमने अंबाला छावनी में आने से रोका और हम अंबाला छावनी में जीते। कोई किताब लिखने के बारे में नहीं सोच रहा अनिल विज के जीवन पर किताब लिखने के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ‘‘मैं कोई किताब लिखने के बारे में नहीं सोच रहा हूं, कुछ लोगों ने मुझे भेंट की और उन्होंने मेरे बारे में किताबें लिखी हैं, अलग-अलग लोगों के विचार हैं और वह लोग लिखते रहते हैं।