हरियाणा में जींद के सफीदों में रेलवे स्टेशन के पास बुधवार देर रात ट्रेन की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। मृतक की पहचान कैथल जिले के गांव बालू निवासी 30 वर्षीय पवन के रूप में हुई है। परिजनों के अनुसार पवन मानसिक रूप से परेशान था और पिछले 9 महीने से घर से लापता था। बताया जा रहा है कि हादसा उस समय हुआ जब वह रेलवे लाइन पर बैठकर खाना खा रहा था। जानकारी के मुताबिक बुधवार देर रात सफीदों रेलवे स्टेशन के नजदीक ट्रैक पर एक युवक अचानक रेलगाड़ी के नीचे आ गया। युवक रेलवे ट्रैक के बीच में बैठकर खाना खा रहा था और अचानक ट्रेन आ गई और उसके नीचे आने से मौत हो गई। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो रेलवे लाइन पर रोटी व सब्जी बिखरी हुई थी। रात में शव को नागरिक अस्पताल में रखवाया गया। सुबह शव की शिनाख्त गांव बालू निवासी पवन के रूप में हुई। पवन के पिता दलबीर ने बताया कि वह पिछले नौ माह से घर से गायब था और बचपन से ही मानसिक रूप से परेशान रहता था। उन्होंने पवन को काफी ढूंढने का प्रयास किया, लेकिन वह कहीं पर भी नहीं मिला। किसी ने सुबह इस घटना की सूचना उन्हें दी। हरियाणा में जींद के सफीदों में रेलवे स्टेशन के पास बुधवार देर रात ट्रेन की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। मृतक की पहचान कैथल जिले के गांव बालू निवासी 30 वर्षीय पवन के रूप में हुई है। परिजनों के अनुसार पवन मानसिक रूप से परेशान था और पिछले 9 महीने से घर से लापता था। बताया जा रहा है कि हादसा उस समय हुआ जब वह रेलवे लाइन पर बैठकर खाना खा रहा था। जानकारी के मुताबिक बुधवार देर रात सफीदों रेलवे स्टेशन के नजदीक ट्रैक पर एक युवक अचानक रेलगाड़ी के नीचे आ गया। युवक रेलवे ट्रैक के बीच में बैठकर खाना खा रहा था और अचानक ट्रेन आ गई और उसके नीचे आने से मौत हो गई। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो रेलवे लाइन पर रोटी व सब्जी बिखरी हुई थी। रात में शव को नागरिक अस्पताल में रखवाया गया। सुबह शव की शिनाख्त गांव बालू निवासी पवन के रूप में हुई। पवन के पिता दलबीर ने बताया कि वह पिछले नौ माह से घर से गायब था और बचपन से ही मानसिक रूप से परेशान रहता था। उन्होंने पवन को काफी ढूंढने का प्रयास किया, लेकिन वह कहीं पर भी नहीं मिला। किसी ने सुबह इस घटना की सूचना उन्हें दी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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RSS कार्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर थे सैनी:खट्टर की कार चलाई; पहली बार CM बनाए जाने के पहले ही पुलिस-CID घर पहुंच गई थी
RSS कार्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर थे सैनी:खट्टर की कार चलाई; पहली बार CM बनाए जाने के पहले ही पुलिस-CID घर पहुंच गई थी 1990 के दशक की बात है। हरियाणा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी RSS अपने विस्तार की कोशिश में था। संघ प्रचारक ज्यादा से ज्यादा युवाओं को जोड़ने की कोशिश कर रहे थे। इसी दौरान अंबाला के मिजापुर-माजरा गांव से आने वाले एक युवक को RSS के बारे में पता चला। वह पंचकूला के संघ कार्यालय पहुंचा। यहां उसकी मुलाकात मनोहर लाल खट्टर से हुई। खट्टर तब संघ के प्रचारक थे। युवक संघ में आने लगा। संघ की शाखाओं में शामिल होने लगा। खट्टर ने उसे पत्र लिखने का काम दिया। साथ ही कम्प्यूटर सीखने की सलाह भी दी। एक दिन युवक ने खट्टर से अपने परिवार की तंगहाली के बारे में बताया। इसके बाद खट्टर ने उसको रहने के लिए संघ कार्यालय में जगह दे दी। वह खट्टर के साथ एक कमरे में रहने लगा। नरेंद्र मोदी भी जब हरियाणा आते, तो उसी युवक के कमरे में रुकते थे। खट्टर किसी जिले के दौरे पर जाते तो वह युवक उनकी गाड़ी भी चलाता था। आगे चलकर खट्टर BJP में चले गए। बाद में वो युवक भी उनके साथ BJP से जुड़ गया। 2009 में वह पहली बार विधानसभा चुनाव में उतरा, लेकिन हार गया। करीब दस साल बाद उस युवक की किस्मत ऐसी चमकी कि बड़े-बड़े दिग्गजों को पछाड़कर अब वह दूसरी बार हरियाणा का मुख्यमंत्री बनने वाला है- नायब सिंह सैनी। नायब सिंह सैनी को बुधवार (16 अक्टूबर) को विधायक दल का नेता चुना गया। इसके बाद उन्होंने राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया। कल गुरुवार को वह पंचकूला में दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। नायब सिंह सैनी के मुख्यमंत्री बनने की कहानी और उनसे जुड़े किस्से… 25 जनवरी 1970, अंबाला के मिजापुर माजरा गांव के एक OBC परिवार में नायब सिंह सैनी का जन्म हुआ। उन्होंने बिहार के बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया। इसके बाद मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री ली। 1996 में वे भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय सदस्य के तौर पर मनोहर लाल खट्टर के साथ जुड़े। 2002 में सैनी को अंबाला BJP युवा मोर्चा का महासचिव बनाया गया। तीन साल बाद 2005 में वे युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने। सैनी संगठन के भीतर अच्छा काम कर रहे थे, लेकिन जनता के बीच उन्हें कम ही लोग जानते थे। उनके राजनीतिक करियर में बड़ा मोड़ अंबाला शुगर मिल के गन्ना आंदोलन के दौरान आया। गन्ना भुगतान के लिए हुए आंदोलन में सैनी ने अहम भूमिका निभाई। पहले चुनाव में पांचवें नंबर पर रहे थे सैनी
किसानों के बीच उनकी अच्छी पैठ देखते हुए भाजपा ने उन्हें किसान मोर्चा का प्रदेश महासचिव नियुक्त किया। बाद में वे मोर्चा के अध्यक्ष भी बने। आंदोलन के दौरान उन्हें प्रदेश के बड़े गुज्जर नेता चौधरी लाल सिंह से काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। 2009 के विधानसभा चुनाव में सैनी को नारायणगढ़ विधानसभा सीट से टिकट मिला। टिकट दिलाने में सैनी के राजनीतिक गुरु मनोहर लाल खट्टर ने अहम भूमिका निभाई थी। उनका सीधा मुकाबला गुज्जर नेता चौधरी लाल सिंह के बेटे राम किशन से था। सैनी बुरी तरह चुनाव हार गए। वे 5वें स्थान पर रहे। नारायणगढ़ में करारी हार के बाद भी पार्टी ने सैनी पर भरोसा जताया। 2012 में भाजपा ने उन्हें अंबाला का जिला अध्यक्ष बना दिया। सैनी ने युवा मोर्चा के समय में राजनीतिक तिकड़ी बनाई थी। इसमें उनके साथ अंबाला के पूर्व सांसद रतनलाल कटारिया और असीम गोयल शामिल थे। यह तिकड़ी आज भी काम कर रही है। कटारिया के निधन के बाद उनकी पत्नी इसमें शामिल हो गईं। इसी तिकड़ी की मदद से सैनी ने जिले की 3 विधानसभा सीटों नारायणगढ़, अंबाला सिटी और मुलाना में काम करना शुरू कर दिया। अबंला जिले की चौथी विधानसभा सीट, अंबाला कैंट में अनिल विज का बोलबाला था। अनिल विज खट्टर सरकार में मंत्री थे। तब सैनी ने नारायणगढ़ में जनता दरबार लगाना शुरू किया। चूंकि अंबाला कैंट के कुछ गांव भी नारायणगढ़ में आते थे, लिहाजा उन गांवों के लोग भी सैनी के दरबार में आने लगे. इससे विज को दिक्कत होने लगी। यहीं से विज की सैनी से राजनीतिक लड़ाई शुरू हो गई। 2014 में पहली बार विधायक बने, दो साल बाद खट्टर ने राज्यमंत्री बनाया
अनिल विज से संगठनात्मक लड़ाई के बाद भी सैनी को मनोहर लाल खट्टर का समर्थन मिलता रहा। यही वजह रही कि 2014 में उन्हें फिर से नारायणगढ़ विधानसभा सीट से टिकट मिला। इस बार भी उनका मुकाबला चौधरी लाल सिंह के बेटे राम किशन से था। इस बार सैनी ने राम किशन को करीब 24 हजार वोटों से हरा दिया। हरियाणा के इतिहास में पहली बार BJP की सरकार बनी और मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बनाया गया। दो साल बाद खट्टर ने सैनी को राज्यमंत्री के तौर पर सरकार में शामिल कर लिया। 2019 के लोकसभा चुनाव में सैनी को कुरुक्षेत्र से उम्मीदवार बनाया गया। सैनी पार्टी की उम्मीदें पर खरे उतरे। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी निर्मल सिंह को हराकर जीत हासिल की। हालांकि सांसद रहने के दौरान सैनी कुरुक्षेत्र की बजाय नारायणगढ़ में ज्यादा सक्रिय रहे। इसके चलते उन्हें अपनी ही पार्टी के नेताओं और कुरूक्षेत्र के लोगों की आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। उनके कुछ करीबियों ने बताया कि वह दिल्ली की बजाय हरियाणा की राजनीति में ज्यादा सक्रिय होना चाहते थे। उनकी यह इच्छा मनोहर लाल खट्टर ने पूरी भी की। अक्टूबर 2023 में ओम प्रकाश धनखड़ की जगह सैनी को हरियाणा BJP का अध्यक्ष बनाया गया। BJP-JJP का गठबंधन टूटा, खट्टर का कैबिनेट समेत इस्तीफा
11 मार्च 2024, देश में लोकसभा चुनावों की सुगबुगाहट तेज हो चुकी थी। इसी दिन PM मोदी शाम को हरियाणा के गुरुग्राम पहुंचे। उन्होंने दिल्ली को गुरुग्राम से जोड़ने वाले हरियाणा एक्सप्रेस वे का उद्घाटन किया। PM ने इस दौरान मनोहर लाल खट्टर की तारीफ करते हुए कहा कि एक्सप्रेस वे के निर्माण में हरियाणा सरकार और CM खट्टर की तत्परता नजर आती है। कार्यक्रम के बाद खट्टर चंडीगढ़ लौटे और कैबिनेट की बैठक बुलाई। मीटिंग देर रात तक चली। सुबह होते ही खबरें चलने लगीं कि हरियाणा में JJP-BJP का गठबंधन टूट सकता है। खट्टर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं। दरअसल 11 मार्च को ही रात में JJP के नेता और खट्टर सरकार में उप मुख्यमंत्री रहे दुष्यंत चौटाला ने BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। कहा गया कि दुष्यंत JJP के लिए लोकसभा चुनाव में दो सीट की मांग कर रहे थे, जबकि BJP महज एक सीट देना चाहती थी। इस पर दुष्यंत राजी नहीं थे। 12 मार्च को खट्टर ने चंडीगढ़ में BJP विधायकों की बैठक बुलाई। इस बैठक में निर्दलीय विधायकों को भी आमंत्रित किया गया था, लेकिन गठबंधन का हिस्सा रही JJP विधायक बैठक का हिस्सा नहीं थे। बैठक के बाद खट्टर कैबिनेट के साथ राज्यपाल से मिलने पहुंचे और सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर अपना इस्तीफा सौंप दिया। BJP-JJP के गठबंधन की सरकार गिर गई। अब राजनीतिक गलियारों में सबसे बड़ा सवाल यही था कि BJP किसे हरियाणा का नया मुखिया बनाएगी। रेस में गृहमंत्री अनिल विज, राव इंद्रजीत सिंह, कृष्ण पाल गुर्जर जैसे नाम चल रहे थे। झारखंड के पूर्व CM अर्जुन मुंडा और राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा गया। पर्यवेक्षकों ने विधायकों की मीटिंग बुलाई। इधर सैनी के गांव में राजनीतिक चहल-पहल बढ़ने लगी थी। पुलिस ने उनके घर की सुरक्षा बढ़ा दी। CID और पुलिस की एजेंसियां भी पहुंच गईं। इसी बीच करीब 12 बजे विधायक दल की बैठक में नए मुख्यमंत्री के रूप में हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष नायब सिंह सैनी का नाम प्रस्तावित किया गया। मीडिया में खबर फैल गई कि हरियाणा की कमान नायब सिंह सैनी संभालेंगे। शाम करीब पांच बजे नायब सिंह सैनी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। शपथ लेने के ठीक बाद सैनी ने मंच पर बैठे मनोहर लाल खट्टर के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया। हरियाणा के वरिष्ठ पत्रकार धर्मेंद्र कंवारी बताते हैं- मनोहर लाल खट्टर ने पार्टी आलाकमान को अपनी जगह सैनी को मुख्यमंत्री बनाने की बात कही थी। पार्टी ने सैनी के चेहरे पर लड़ा विधानसभा चुनाव इसी साल 2024 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने नायब सिंह सैनी के चेहरे पर विधानसभा चुनाव लड़ा। 8 अक्टूबर को रिजल्ट आया तो भाजपा के खाते में 48 सीट आई। तब भी चर्चा हुई कि कहीं भाजपा मुख्यमंत्री बदल तो नहीं देगी। 12 और 15 अक्टूबर को शपथ ग्रहण की बात सामने आई। आखिरी में 17 अक्टूबर को शपथग्रहण की डेट फाइनल हुई। 16 अक्टूबर को पंचकूला में विधायक दल की मीटिंग हुई। केंद्र की तरफ से ऑब्जर्वर के तौर पर गृह मंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव शामिल हुए। विधायकों से मिले प्रस्ताव के बाद अमित शाह ने नायब सैनी को विधायक दल का नेता बनाने का ऐलान किया। इसके बाद नायब सैनी ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के पास जाकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। वह कल मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री, 16 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अलावा 37 बड़े नेता शामिल होंगे। BJP खट्टर की जगह सैनी को क्यों लाई, तीन बड़ी वजह 1. OBC कार्ड : पिछले कुछ महीनों से विपक्ष OBC कार्ड पर जोर दे रहा है। राहुल गांधी लगातार जातिगत जनगणना की मांग कर रहे हैं। पिछले साल मध्य प्रदेश में भी BJP ने मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया था। वे भी OBC समुदाय से आते हैं। वरिष्ठ पत्रकार धर्मेंद्र कंवारी के मुताबिक हरियाणा की 44 फीसदी आबादी OBC समुदाय से है। ऐसे में BJP ने सैनी के सहारे इस वोट बैंक को साधने की कोशिश की है। हालांकि, लोकसभा चुनावों में BJP का ये OBC कार्ड बहुमत काम नहीं आया। BJP को 2019 में 10 सीटें मिली थीं। 2024 लोकसभा में BJP 5 सीटों पर सिमट गई। 2. चुनाव से पहले मुख्यमंत्री बदलना : विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री बदलना भारतीय जनता पार्टी की पुरानी प्लानिंग का हिस्सा रहा है। धर्मेंद्र कंवारी बताते हैं इसकी शुरुआत 2021 में हुई जब गुजरात चुनाव से ठीक पहले विजय रूपाणी को हटाकर भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बनाया गया। गुजरात में 2022 में विधानसभा चुनाव हुए थे। इसके बाद BJP ने कर्नाटक, उत्तराखंड और त्रिपुरा में भी विधानसभा चुनावों में भी यहीं प्लानिंग देखने को मिली थी। 3. एंटी इनकम्बेंसी : धर्मेंद्र कंवारी के मुताबिक BJP ने पार्टी सर्वे में पाया कि किसान आंदोलन और महिला पहलवानों के प्रदर्शन के कारण खट्टर के खिलाफ गुस्सा नजर आ रहा था। वहीं दूसरी तरफ पार्टी कार्यकर्ताओं में खट्टर के प्रति नाराजगी देखने को मिल रही थी। ऐसे में खट्टर को हटाकर सैनी के सहारे जनता की सहानुभूति बटोरने की कोशिश की।
हवा के रुख ने बढ़ाया प्रदूषण:हरियाणा के 19 शहरों में हवा खराब; चंडीगढ़-पंजाब की हालत चिंताजनक, पराली जलाने के 262 नए मामले दर्ज
हवा के रुख ने बढ़ाया प्रदूषण:हरियाणा के 19 शहरों में हवा खराब; चंडीगढ़-पंजाब की हालत चिंताजनक, पराली जलाने के 262 नए मामले दर्ज हवा का रुख ईस्ट की तरफ होने के बाद से ही लगातार उत्तर भारत में प्रदूषण में बदलाव देखने को मिल रहा है। हालात ऐसे हैं कि कुछ घंटों के बाद ही हवा खतरनाक स्तर पर पहुंच रही है। हरियाणा के 19 शहर ऐसे हैं। जहां हवा बहुत की खराब स्तर पर है। यही स्थिति पंजाब और चंडीगढ़ की बनी हुई है। चंडीगढ़ का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) लगातार 200 से ऊपर है। वहीं, पंजाब के 6 शहर सामान्य से 6 गुणा अधिक प्रदूषित हैं। पहले पराली के धुएं और अब पटाखों से निकली गैस ने सांसों काे फुला दिया है। डॉक्टर्स के पास सांस की तकलीफ व एलर्जी के मरीजों की गिनती 10 गुणा तक बढ़ चुकी है। अमृतसर के ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ. बृज सहगल ने बताया कि अक्टूबर से पहले 4-5 मरीज रोज उनके पास आते थे। अक्टूबर में ये गिनती 20-25 के करीब थी। लेकिन अब रोजाना 50 से अधिक मरीज खांसी, जुकाम, अस्थमा, एलर्जी आदि के आ रहे हैं। गुरुग्राम का एक्यूआई 500 पहुंचा हरियाणा के 19 शहरों की हवा सांस लेने योग्य नहीं है। सभी शहर ओरेंज कैटेगरी में आ चुके हैं। गुरुग्राम में तो सर्वाधिक एक्यूआई 500 तक पहुंच गया। ऐसी हवा में अगर कोई अस्थमा या बीमार व्यक्ति अधिक समय तक सांस ले तो उसका बीमार होना लाजमी है। वहीं भिवानी का सर्वाधिक एक्यूआई 405, अंबाला का 300, बहादुरगढ़ 456, बल्लभगढ़ 318, भिवानी 405, धारूहेड़ा 382, फरीदाबाद 389, फतेहाबाद 322, हिसार 384, जींद- 320, कैथल 397, करनाल 316, कुरुक्षेत्र 300, नारनौल 342, पलवल 301, पंचकूला 312, पानीपत 225, रोहतक 311, सिरसा 305 और यमुनानगर का एक्यूआई 314 दर्ज किया गया है। पंजाब का प्रदूषण स्तर 400 के करीब पहुंचा पंजाब के शहरों की स्थिति एक दिन बाद फिर से बिगड़ने लगी है। अमृतसर में एक दिन की राहत के बाद प्रदूषण फिर बढ़ गया है। अधिकतम प्रदूषण स्तर 397 तक पहुंच गया। वहीं, चंडीगढ़ का अधिकतम एक्यूआई 335 दर्ज किया गया है। पंजाब और हरियाणा में हवा का रुख काफी अधिक असर डाल रहा है। पहाड़ों से आने वाली हवाओं के चलने के बाद प्रदूषण में गिरावट आती है, जबकि अगर हवा का रुख पाकिस्तान या दिल्ली की तरफ से हो तो हवा सांस लेने योग्य नहीं रहती। हरियाणा में 5 किसानों पर 2 एफआईआर दर्ज हरियाणा में पराली जलाने के दो मामलों में 5 किसानों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। ये एफआईआर फतेहाबाद में दर्ज की गईं। हरियाणा के एग्रीकल्चर मिनिस्टर श्याम सिंह राणा ने बताया कि राज्य में 273 मामले पराली जलाने के दर्ज किए गए हैं। सेटेलाईट से 857 मामले पराली जलाने के सामने आए थे। जिनमें से 458 ही खेतों में पराली जलाने के थे। पंजाब में 262 नए मामले दर्ज पंजाब में सोमवार को पराली जलाने के 262 नए मामले दर्ज किए गए, जिससे इस साल राज्य में कुल मामलों की संख्या 4,394 हो गई है। संगरूर जिले में सबसे अधिक 77 मामले सामने आए है। उसके बाद बठिंडा और फिरोजपुर में 19-19 मामले दर्ज किए गए। अधिकारियों ने नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखी और दिन भर में 3.1 लाख रुपए का पर्यावरण जुर्माना लगाया। अब तक, राज्य में 2,095 मामलों में कुल 54.65 लाख रुपए का पर्यावरण मुआवजा लगाया है। जिसमें से 49.57 लाख रुपए की वसूली हो चुकी है। सोमवार को 146 किसानों की जमीन के रिकॉर्ड में ‘रेड एंट्री’ दर्ज की गई। देशभर में 10 हजार से अधिक मामले आए सामने कंसोर्टियम फॉर रिसर्च ऑन एग्रोइकोसिस्टम मॉनिटरिंग एंड मॉडलिंग फ्रॉम स्पेस (CREAMS) के अनुसार 5 नवंबर तक मध्य प्रदेश में 2,875, उत्तर प्रदेश में 1,372, राजस्थान में 1,170, हरियाणा में 871 और दिल्ली में 12 मामले दर्ज किए गए। कुल मिलाकर, मंगलवार को 963 पराली जलाने के मामले दर्ज हुए, जिससे छह राज्यों में इस सीजन की कुल संख्या 10,694 तक पहुंच गई।
रिटायर्ड कर्मचारी कांग्रेस सेल की 31 सदस्यीय कमेटी का किया गठन
रिटायर्ड कर्मचारी कांग्रेस सेल की 31 सदस्यीय कमेटी का किया गठन भास्कर न्यूज | रोहतक जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय में रोहतक रिटायर्ड कर्मचारी कांग्रेस सेल की 31 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया। विधायक भारत भूषण बतरा, हरियाणा रिटायर्ड कर्मचारी कांग्रेस सेल के अध्यक्ष महावीर मलिक, प्रदेश महासचिव मेहर सिंह नैन, निर्मल बल्हारा, मेहर सिंह टाइगर,ओम सिंह और दयापाल की उपस्थिति में नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए।आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सभी सदस्यों की ड्यूटी लगाई गयी। उन्होंने कहा कि सभी मिलकर कांग्रेस पार्टी की नीतियों का प्रचार करें। इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनेगी और पेंशनर्स की सभी मांगों को पूरा किया जाएगा। कांग्रेस सेल के अध्यक्ष ने कहा कि जिला स्तर पर कमेटियों का गठन करके ब्लाक स्तर और बूथ वाइज पर भी अपनी कमेटियों का गठन करके पार्टी को मजबूत करने का काम करेंगे। कार्यक्रम में नियुक्ति पत्र पाने वालों में जिला प्रधान राजेंद्र फोगाट ,देवी सिंह देशवाल, उप प्रधान सतबीर मकडौली, प्रदीप कुमार, शमशेर सिवाच ,रामफल, मीडिया कोऑर्डिनेटर वीरेंद्र शर्मा, जिला महासचिव जगबीर पावरिया, दिलबाग सिंह रूहिल,जिला सचिव राज ऋषि,कृष्ण पहलवान, नरेश ढाका, सहदेव सिंह कर्मवीर बड़क, धर्मवीर राठी, वेद प्रकाश, वेदपाल, आनंद स्वरूप, सतवीर सिंह पहल, राजवीर बड़क, राजपाल, रामनयन, रामफल सिंह ,ओम सिंह, रामफल दलाल, सविता, मुन्नी, मिनी जगत सिंह हुड्डा, धर्मपाल हुड्डा, हरि देव राणा, कंवल सिंह राजन, हल्का प्रधान रामकिशन हुड्डा, बलबीर सिंह और मीडिया कोऑर्डिनेटर डॉ. रमेश शामिल रहे।