हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और जेजेपी की तरफ से अपने विधायकों पर कार्रवाई करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखने पर जजपा विधायक रामनिवास सुरजा खेड़ा भड़क गए हैं। उन्होंने जजपा के लेटर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ये दबाव बनाने की राजनीति है, ये सोचते हैं इनके बंधे गुलाम हैं हम, हम बंधे गुलाम थोड़े हैं किसी के। दुष्यंत की तरफ से कार्रवाई करने की बात बिल्कुल गलत है, ये सभी के साथ गलत कर रहे हैं। सुरजाखेड़ा ने कहा है कि पहले जेजेपी भाजपा का गठबंधन था, तब साथ ही थे, हम सरकार ने जो काम किए, वे जनता को बता रहे हैं उसमें बुराई क्या है? सुरजाखेड़ा ने कहा कि ये तो अंतरात्मा की बात होती हैं, अगर राज्यसभा चुनाव की लिए वोटिंग हुई तो हम सरकार के साथ हैं, ये हमारा मौलिक अधिकार हैं, जिसे अंतरात्मा कहेगी उसे वोट देंगे। जजपा ने स्पीकर को भेजा रिमाइंडर जननायक जनता पार्टी ने अपने चुनाव निशान पर विधायक बने दो MLA जोगीराम सिहाग और रामनिवास सुरजाखेड़ा के खिलाफ जल्द कार्रवाई करने की अपनी विधानसभा अध्यक्ष से की है। पार्टी कार्यालय सचिव रणधीर सिंह ने रिमाइंडर याचिका के जरिए विधानसभा अध्यक्ष से दोनों विधायकों के खिलाफ जल्द कार्रवाई करते हुए उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की है। इससे पहले जजपा की ओर से 17 मई को लेटर लिखकर दोनों विधायकों के खिलाफ दल बदल कानून के तहत विधानसभा सदस्यता रद्द करने की मांग की थी। लोकसभा चुनाव में पार्टी विरोध किया काम जजपा के कार्यालय सचिव रणधीर सिंह ने बताया कि लोकसभा चुनाव के दौरान इन दोनों विधायकों ने जननायक जनता पार्टी के खिलाफ काम किया और अन्य राजनीतिक दल के उम्मीदवारों का प्रचार किया। साथ ही दोनों ने अन्य राजनीतिक दल के कार्यक्रम का मंच सांझा किया और भाषण दिया। जेजेपी ने दल बदल कानून के तहत मान्य विभिन्न सुबूत पहले ही विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दिए हैं।रणधीर सिंह ने कहा कि दोनों विधायकों के खिलाफ पर्याप्त सुबूत हैं और विधानसभा अध्यक्ष को चाहिए कि जल्द सुनवाई कर दोनों को दलबदल कानून के तहत दोषी करार देकर अयोग्य घोषित करें। राज्यसभा चुनाव से पहले कार्रवाई की मांग जजपा के कार्यालय सचिव रणधीर सिंह के कहा कि अगले माह संभावित राज्यसभा चुनाव के मद्देनज़र विधानसभा में ऐसे विधायकों के खिलाफ जल्द कार्रवाई होनी चाहिए जो सदस्य रहने की योग्यता और नैतिकता खो चुके हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही जेजेपी के वरिष्ठ नेताओं का प्रतिनिधिमंडल स्पीकर से मुलाकात कर फिर से तुरंत कार्रवाई की अपील करेगा। हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और जेजेपी की तरफ से अपने विधायकों पर कार्रवाई करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखने पर जजपा विधायक रामनिवास सुरजा खेड़ा भड़क गए हैं। उन्होंने जजपा के लेटर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ये दबाव बनाने की राजनीति है, ये सोचते हैं इनके बंधे गुलाम हैं हम, हम बंधे गुलाम थोड़े हैं किसी के। दुष्यंत की तरफ से कार्रवाई करने की बात बिल्कुल गलत है, ये सभी के साथ गलत कर रहे हैं। सुरजाखेड़ा ने कहा है कि पहले जेजेपी भाजपा का गठबंधन था, तब साथ ही थे, हम सरकार ने जो काम किए, वे जनता को बता रहे हैं उसमें बुराई क्या है? सुरजाखेड़ा ने कहा कि ये तो अंतरात्मा की बात होती हैं, अगर राज्यसभा चुनाव की लिए वोटिंग हुई तो हम सरकार के साथ हैं, ये हमारा मौलिक अधिकार हैं, जिसे अंतरात्मा कहेगी उसे वोट देंगे। जजपा ने स्पीकर को भेजा रिमाइंडर जननायक जनता पार्टी ने अपने चुनाव निशान पर विधायक बने दो MLA जोगीराम सिहाग और रामनिवास सुरजाखेड़ा के खिलाफ जल्द कार्रवाई करने की अपनी विधानसभा अध्यक्ष से की है। पार्टी कार्यालय सचिव रणधीर सिंह ने रिमाइंडर याचिका के जरिए विधानसभा अध्यक्ष से दोनों विधायकों के खिलाफ जल्द कार्रवाई करते हुए उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की है। इससे पहले जजपा की ओर से 17 मई को लेटर लिखकर दोनों विधायकों के खिलाफ दल बदल कानून के तहत विधानसभा सदस्यता रद्द करने की मांग की थी। लोकसभा चुनाव में पार्टी विरोध किया काम जजपा के कार्यालय सचिव रणधीर सिंह ने बताया कि लोकसभा चुनाव के दौरान इन दोनों विधायकों ने जननायक जनता पार्टी के खिलाफ काम किया और अन्य राजनीतिक दल के उम्मीदवारों का प्रचार किया। साथ ही दोनों ने अन्य राजनीतिक दल के कार्यक्रम का मंच सांझा किया और भाषण दिया। जेजेपी ने दल बदल कानून के तहत मान्य विभिन्न सुबूत पहले ही विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दिए हैं।रणधीर सिंह ने कहा कि दोनों विधायकों के खिलाफ पर्याप्त सुबूत हैं और विधानसभा अध्यक्ष को चाहिए कि जल्द सुनवाई कर दोनों को दलबदल कानून के तहत दोषी करार देकर अयोग्य घोषित करें। राज्यसभा चुनाव से पहले कार्रवाई की मांग जजपा के कार्यालय सचिव रणधीर सिंह के कहा कि अगले माह संभावित राज्यसभा चुनाव के मद्देनज़र विधानसभा में ऐसे विधायकों के खिलाफ जल्द कार्रवाई होनी चाहिए जो सदस्य रहने की योग्यता और नैतिकता खो चुके हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही जेजेपी के वरिष्ठ नेताओं का प्रतिनिधिमंडल स्पीकर से मुलाकात कर फिर से तुरंत कार्रवाई की अपील करेगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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भाजपा से मिला धोखा, कांग्रेस से है सावित्री को आस:टिकट नहीं मिली तो निर्दलीय लड़ेंगी चुनाव, बेटे ने दी कांग्रेस में ना जाने की सलाह
भाजपा से मिला धोखा, कांग्रेस से है सावित्री को आस:टिकट नहीं मिली तो निर्दलीय लड़ेंगी चुनाव, बेटे ने दी कांग्रेस में ना जाने की सलाह हरियाणा में हिसार से भाजपा की टिकट ना मिलने पर नाराज चल रही भारत की चौथी सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल अब कांग्रेस से टिकट की आस लगाकर बैठी हैं। अगर कांग्रेस भी उन्हें टिकट नहीं देती तो वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगी। जिंदल समर्थक रोजाना जिंदल हाउस फोन मिलाकर पूछ रहे हैं कि मैडम कब नामांकन भरेंगी? मगर जिंदल हाउस के अंदर अभी तक किसी के पास भी इस बात का जवाब नहीं है। सबकी निगाहें अब कांग्रेस पर आकर टिक गई हैं। चूंकी जिंदल परिवार पहले कांग्रेस में ही था इसलिए उन्हें उम्मीद है कि कांग्रेस उन्हें हिसार से टिकट जरूर देगी। सावित्री जिंदल 2 बार कांग्रेस की टिकट पर ही हिसार से विधायक बनी थी। इससे पहले इनके पति ओमप्रकाश जिंदल हिसार से ही विधायक रहे हैं। अपने पुराने रिकॉर्ड के हिसाब से जिंदल परिवार को कांग्रेस से टिकट मिलने की उम्मीद है। कांग्रेस की सूची जारी होने के बाद सावित्री जिंदल आगे का फैसला करेंगी। हालांकि सावित्री जिंदल के बेटे नवीन जिंदल लगातार अपनी मां को कांग्रेस में ना जाने की सलाह दे रहे हैं। जिंदल हाउस पर पसरा सन्नाटा
भाजपा से टिकट कटने के बाद ही सावित्री जिंदल हिसार से बाहर हैं और लगातार दिल्ली में सक्रिय हैं। वो चुनाव लड़ने का फैसला ले चुकी हैं और चुनावी रण में उतरने के लिए पूरी तरह से तैयार नजर आ रही हैं। हालांकि जिंदल हाउस पर सन्नाटा पसरा है, किसी को नहीं पता कि सावित्री जिंदल का अगला कदम क्या होगा। 6 दिन बाद भी किसी निर्णय पर नहीं पहुंचा जिंदल परिवार
बता दें कि भाजपा ने 4 सितंबर को 67 कैंडिडेट की लिस्ट जारी की थी। लिस्ट आते ही पार्टी में बगावत शुरू हो गई थी। कई पदाधिकारियों ने सोशल मीडिया पर ही इस्तीफा दे दिया था। वहीं, 5 सितंबर की सुबह सावित्री जिंदल ने भी बगावत कर दी है। भाजपा से टिकट न मिलने के बाद उन्होंने हिसार से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था। सावित्री जिंदल ने समर्थकों से कहा था कि- मैं भाजपा की प्राथमिक सदस्य नहीं हूं। मैं चुनाव न लड़ने के बारे में बोलने के लिए दिल्ली से वापस आई थी, लेकिन आपका प्यार और विश्वास देखकर मैं चुनाव लड़ूंगी। सावित्री मशहूर उद्योगपति और कुरूक्षेत्र से भाजपा सांसद नवीन जिंदल की मां हैं। हिसार सीट पर उनका मुकाबला भाजपा के प्रत्याशी मंत्री डॉ. कमल गुप्ता से होगा। चुनाव लड़ा तो कड़ी टक्कर दे सकती हैं सावित्री जिंदल
सावित्री जिंदल अगर हिसार विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ती हैं तो विरोधियों को कड़ी टक्कर दे सकती हैं। जिंदल परिवार 1991 से हिसार सीट से चुनाव लड़ता आ रहा है। सबसे पहले स्व. ओपी जिंदल ने चौधरी बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी की टिकट पर हिसार से चुनाव लड़ा और पहले ही चुनाव में जीत दर्ज की थी। जिंदल परिवार राजनीति के साथ ही समाजसेवा से भी जुड़ा हुआ है। हिसार में उन्होंने कई स्कूल और अस्पताल खोले हुए हैं। इसके अलावा हिसार में जिंदल इंडस्ट्रीज में कई स्थानीय लोगों को नौकरी भी दी है। जिंदल परिवार का कोर वोटर हिसार में हैं जो सिर्फ जिंदल हाउस के कहने पर ही चलता है। डॉ. कमल गुप्ता मंत्री पद जरूर रहे लेकिन हिसार में उनके प्रति नाराजगी लगातार सामने आती रही है और इसका फायदा भी सावित्री जिंदल को मिल सकता है। सावित्री जिंदल 2.77 लाख करोड़ की मालकिन
जिंदल परिवार की मुखिया और जिंदल समूह की चेयरपर्सन सावित्री जिंदल फॉर्च्यून इंडिया की लिस्ट के मुताबिक, देश में चौथे नंबर पर सबसे अमीर हैं। इसके अलावा वह देश की सबसे अमीर महिला भी हैं। सावित्री जिंदल हरियाणा के हिसार की रहने वाली हैं और स्टील किंग स्व. ओपी जिंदल की पत्नी हैं। फॉर्च्यून इंडिया की सूची के मुताबिक, 74 वर्षीय सावित्री देवी जिंदल लगभग 2.77 लाख करोड़ रुपए की मालकिन हैं।
दीपेंद्र हुड्डा की जनसभा में शहीद का अपमान:हिसार में प्रतिमा पर कांग्रेस के पोस्टर लगाए; भड़के परिजनों-ग्रामीणों ने उम्मीदवार को घेरा
दीपेंद्र हुड्डा की जनसभा में शहीद का अपमान:हिसार में प्रतिमा पर कांग्रेस के पोस्टर लगाए; भड़के परिजनों-ग्रामीणों ने उम्मीदवार को घेरा हरियाणा में हिसार जिले की बरवाला विधानसभा में आज सांसद दीपेंद्र हुड्डा के कार्यक्रम से पहले ग्रामीणों ने जमकर बवाल किया। उनका आरोप था कि इस जनसभा में शहीद का अपमान किया गया है। ग्रामीणों ने सभा करवाने वाले कांग्रेस प्रत्याशी राम निवास घोड़ेला को घेर लिया। उन्होंने नारेबाजी कर घोड़ेला खूब खरी-खरी सुनाई। घोड़ेला ने गांव सरसौद में दीपेंद्र की जनसभा रखवाई थी। स्टेडियम में रखी थी जनसभा
इस जनसभा का स्थान गांव के स्टेडियम को बनाया गया। जहां शहीद की प्रतिमा लगी थी, मगर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने स्टेडियम में लगी शहीद अजीत सिंह की प्रतिमा पर पोस्टर लगा दिए। जब इस बारे में शहीद के परिजनों को पता चला तो वह भड़क गए। इसी दौरान जब कांग्रेस प्रत्याशी रामनिवास घोड़ेला जनसभा स्थल पर पहुंचे तो शहीद के परिजनों और ग्रामीणों ने घोड़ेला को घेर लिया और नारेबाजी शुरू कर दी। शहीद की मां बोली- पोस्टर लगाकर अपमान कर रहे
शहीद की मां ने रामनिवास घोड़ेला से कहा कि मेरा बेटा देश के लिए शहीद हो गया। तुम उसका सम्मान करने के बजाय उसकी प्रतिमा पर पोस्टर लगाकर अपमान कर रहे हो। इसके बाद बाकी ग्रामीण भी शहीद की मां के साथ विरोध में उतर आए। बाद में दीपेंद्र हुड्डा के आने से पहले शहीद की प्रतिमा से पोस्टर हटा लिए गए ताकि कार्यक्रम में किसी तरह का बवाल ना हो जाए। शहीद की प्रतिमा पर पोस्टर लगाना गलत : पूर्व सरपंच
गांव के पूर्व सरपंच दिलबाग भयाणा ने बताया कि 12 बजे दीपेंद्र हुड्डा का गांव में कार्यक्रम था। मगर कांग्रेस प्रत्याशी रामनिवास घोड़ेला के समर्थकों और कांग्रेस वर्करों ने शहीद अजीत सिंह की प्रतिमा पर पोस्टर लगा दिए जिससे शहीद का अपमान हुआ है। शहीद की मां को जब इसका पता चला तो उसने घोड़ेला से सवाल-जवाब किए। ग्रामीणों ने घोड़ेला को घेर लिया कि ऐसा नहीं होना चाहिए। सबको शहीदों का मान सम्मान करना चाहिए। 2020 में शहीद हुए थे अजीत सिंह
सरसौद गांव के अजीत सिंह भारतीय सेना में थे और 2020 को वह शहीद हो गए थे। उनका जब पार्थिव शरीर गांव पहुंचा था तो पूरा गांव एकत्रित हुआ था। शहीद के परिवार में उनके पत्नी, एक बेटा और एक बेटी है। बेटा विदेश में है और बेटी पढ़ाई कर रही है। उनके परिवार में अजीत सिंह के पिता दलेल सिंह हैं। इनके अलावा 2 भाई हैं। जिनमें एक बीएसएफ में हैं और दूसरे भाई खेती करते हैं। सरंपच किताब सिंह बोले- जो हुआ गलत हुआ
वहीं इस मामले में सरपंच किताब सिंह का कहना है कि शहीद की प्रतिमा पर पोस्टर लगाना गलत है। शहीद की प्रतिमा उस जगह बनी है, जहां उनका अंतिम संस्कार हुआ था। ऐसे में परिवार की भावनाएं प्रतिमाएं और स्थान दोनों से जुड़ी हुई है। जब अजीत सिंह शहीद हुए तो पंचायत ने ही 6 महीने बाद प्रतिमा लगवाई थी।
हरियाणा में दिन का तापमान 7 डिग्री बढ़ा:अब सुबह-शाम ठंड, रात का पारा सामान्य, गर्मी बढ़ी तो गेहूं को नुकसान
हरियाणा में दिन का तापमान 7 डिग्री बढ़ा:अब सुबह-शाम ठंड, रात का पारा सामान्य, गर्मी बढ़ी तो गेहूं को नुकसान हरियाणा में 22 जनवरी को कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के बाद से मौसम पूरी तरह बदल गया है। दोपहर में तेज धूप निकलने से तापमान में 7 डिग्री की बढ़ोतरी हुई है। एक सप्ताह पहले तक जहां अधिकतम तापमान 15 से 16 डिग्री के बीच था, वहीं अब 22 से 23 डिग्री पर पहुंच गया है। हालांकि पिछले तीन सालों से जनवरी में तापमान 22 से 24 डिग्री तक पहुंच रहा है। उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कमजोर पड़ने से शीतलहर और कोहरा दोनों गायब हो गए हैं। इस कारण दिन में तापमान बढ़ा है, जबकि रात का तापमान सामान्य के आसपास बना हुआ है। गर्मी बढ़ी तो गेहूं को होगा नुकसान कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर जनवरी में तापमान इसी तरह बढ़ता रहा और आने वाले दिनों में राहत मिली तो इसका असर गेहूं की फसल पर पड़ सकता है। अधिक गर्मी पड़ने से गेहूं की बालियां जल्दी निकल आती हैं और इसका असर दाने पर पड़ता है, जिससे उत्पादन लागत कम हो सकती है। लेकिन वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि अभी ठंड बाकी है और तापमान में फिर से बदलाव आएगा। पहाड़ों से आने वाली हवाएं कमजोर पड़ीं: खीचड़ हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ का कहना है कि 28 जनवरी तक हरियाणा में मौसम आमतौर पर शुष्क रहने की संभावना है। इस दौरान हल्की गति से चलने वाली उत्तरी व उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाओं के कारण रात्रि तापमान में गिरावट आने की संभावना है। इस दौरान सुबह-शाम व देर रात को कुछ स्थानों पर कोहरा छाने की भी संभावना है। आईएमडी के मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि ठंड का एहसास सिर्फ सुबह व शाम को होगा, लेकिन कोहरे व शीतलहर से राहत जरूर मिलेगी। पूरे क्षेत्र में दिन का तापमान सामान्य के आसपास बना रहेगा, जबकि रात्रि का तापमान सामान्य से कम रहेगा। इस वर्ष 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर हरियाणा में मौसम साफ व शुष्क और सुहावना रहेगा। गेहूं पर अभी कोई असर नहीं, एचएयू लगातार कर रहा निगरानी एचएयू के गेहूं विशेषज्ञ डॉ. ओपी बिश्नोई का कहना है कि अभी मौसम सामान्य है। हालांकि दिन का तापमान बढ़ा है, लेकिन रात का तापमान अभी भी गेहूं के लिए अनुकूल है। अगर कुछ दिन और दिन का तापमान इसी तरह बढ़ता रहा तो इसका असर गेहूं पर पड़ सकता है। गर्मी के कारण गेहूं के पौधों में बालियां जल्दी आ जाती हैं। इसका असर अगेती गेहूं पर ज्यादा दिख सकता है। लेकिन किसानों को अभी चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय लगातार मौसम और उसके प्रभावों पर नजर रख रहा है। गेहूं में अभी किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है। आने वाले दिनों में तापमान में कमी आ सकती है।