जींद में रोडवेज बसों की कमी से यात्री रहे परेशान:शाह की रैली में महेंद्रगढ़ भेजी 80 बस; कई रूटों पर पड़ा असर

जींद में रोडवेज बसों की कमी से यात्री रहे परेशान:शाह की रैली में महेंद्रगढ़ भेजी 80 बस; कई रूटों पर पड़ा असर

हरियाणा के महेंद्रगढ़ में आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रैली में जींद डिपो से रोडवेज की 80 बसों को विभिन्न गांवों से लोगों को लेकर महेंद्रगढ़ भेजा गया। इसके बाद जींद बस अड्डे पर व्यवस्था चरमरा गई। बसों के लिए यात्री भटकते नजर आए। सबसे ज्यादा लोकल रूट प्रभावित हुए। कई रुटों पर एक-एक घंटे बाद भी बसें नहीं मिली। इससे यात्रियों को निजी वाहनों का सहारा लेकर अपने गंतव्य तक पहुंचना पड़ा। जींद डिपो में रोडवेज की 200 बसें हैं। मंगलवार को कम ही बसें रूटों पर नजर आई, क्योंकि 80 बसें महेंद्रगढ़ चली जाने के बाद नरवाना, रोहतक, भिवानी, हांसी, हिसार, कैथल समेत लोकल रूटों पर एक-एक घंटे तक कोई बस नहीं मिल पाई। यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। असंध, बरवाला, गोहाना और नरवाना रूटों पर प्राइवेट बसें चलती हैं, लेकिन रोहतक, कैथल, भिवानी रूट पर केवल सरकारी बसें ही चलती हैं। इसलिए इन रूटों पर दिक्कत ज्यादा हुई। वहीं जींद से छात्तर, मांडी, अलेवा, नरवाना, कोथ कलां, डाहौला, खरैंटी समेत कई ग्रामीण रूटों पर बसें जाती हैं, जो नहीं जा पाई। इस कारण ग्रामीणों और विद्यार्थियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। शिक्षण संस्थानों में पढ़ने के लिए आने वाले विद्यार्थियों को निजी वाहनों का सहारा लेकर जींद शहर में आना पड़ा। इसी तरह वापस घर जाते समय भी उन्हें परेशानी हुई। दरअसल रोडवेज द्वारा ग्रामीण रूटों पर सुबह आठ बजे गांव से शहर की तरफ और दोपहर को वापस गांव की तरफ बसों के रूट बनाए हैं, ताकि विद्यार्थियों को किसी तरह की दिक्कत नहीं आए। रोडवेज कर्मचारी नेता संदीप रंगा ने कहा कि सरकारी तंत्र का दुरुपयोग सरकार द्वारा किया जा रहा है। बसों को रूटों से हटाकर रैली में ले जाने के कारण यात्रियों को परेशानी हुई। सरकार को यात्रियों और आम जनता का ध्यान रखते हुए कोई वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिये। हरियाणा के महेंद्रगढ़ में आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रैली में जींद डिपो से रोडवेज की 80 बसों को विभिन्न गांवों से लोगों को लेकर महेंद्रगढ़ भेजा गया। इसके बाद जींद बस अड्डे पर व्यवस्था चरमरा गई। बसों के लिए यात्री भटकते नजर आए। सबसे ज्यादा लोकल रूट प्रभावित हुए। कई रुटों पर एक-एक घंटे बाद भी बसें नहीं मिली। इससे यात्रियों को निजी वाहनों का सहारा लेकर अपने गंतव्य तक पहुंचना पड़ा। जींद डिपो में रोडवेज की 200 बसें हैं। मंगलवार को कम ही बसें रूटों पर नजर आई, क्योंकि 80 बसें महेंद्रगढ़ चली जाने के बाद नरवाना, रोहतक, भिवानी, हांसी, हिसार, कैथल समेत लोकल रूटों पर एक-एक घंटे तक कोई बस नहीं मिल पाई। यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। असंध, बरवाला, गोहाना और नरवाना रूटों पर प्राइवेट बसें चलती हैं, लेकिन रोहतक, कैथल, भिवानी रूट पर केवल सरकारी बसें ही चलती हैं। इसलिए इन रूटों पर दिक्कत ज्यादा हुई। वहीं जींद से छात्तर, मांडी, अलेवा, नरवाना, कोथ कलां, डाहौला, खरैंटी समेत कई ग्रामीण रूटों पर बसें जाती हैं, जो नहीं जा पाई। इस कारण ग्रामीणों और विद्यार्थियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। शिक्षण संस्थानों में पढ़ने के लिए आने वाले विद्यार्थियों को निजी वाहनों का सहारा लेकर जींद शहर में आना पड़ा। इसी तरह वापस घर जाते समय भी उन्हें परेशानी हुई। दरअसल रोडवेज द्वारा ग्रामीण रूटों पर सुबह आठ बजे गांव से शहर की तरफ और दोपहर को वापस गांव की तरफ बसों के रूट बनाए हैं, ताकि विद्यार्थियों को किसी तरह की दिक्कत नहीं आए। रोडवेज कर्मचारी नेता संदीप रंगा ने कहा कि सरकारी तंत्र का दुरुपयोग सरकार द्वारा किया जा रहा है। बसों को रूटों से हटाकर रैली में ले जाने के कारण यात्रियों को परेशानी हुई। सरकार को यात्रियों और आम जनता का ध्यान रखते हुए कोई वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिये।   हरियाणा | दैनिक भास्कर