हरियाणा के जींद जिले में सोमवार अल सुबह अगस्त माह की दूसरी बारिश हुई। इसके बाद तापमान गिरा और गर्मी से राहत मिली है। जींद में 14 एमएम और पिल्लूखेड़ा में 16 एमएम बारिश दर्ज की गई, तो बाकी जगह बूंदाबांदी हुई। इस मानसून सीजन में जींद में बहुत कम बारिश देखने काे मिली है। हालांकि छह और सात अगस्त को भी बारिश के आसार हैं। सोमवार सुबह छह बजे अचानक से मौसम बदला और बारिश शुरू हो गई। बारिश के बाद गर्मी से राहत मिली। न्यूनतम तापमान 27 डिग्री तक पहुंच गया, वहीं अधिकतम तामपन 33 डिग्री के आसपास बना हुआ है। मानसून सत्र में जुलाई माह में सामान्य से 42 प्रतिशत कम बारिश हुई। जिसके कारण धान की फसल में काफी नुकसान हुआ है। हजारों एकड़ धान की फसल वर्षा नहीं होने से सूख गई। जिसके कारण किसानों को दोबारा रोपाई करनी पड़ी। मानसून सीजन में औसतन 115.7 एमएम बारिश मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार जींद जिले में जुलाई में सामान्य वर्षा 206 एमएम होती है, लेकिन इस मानसून सीजन में जुलाई में जिले में औसतन 115.7 एमएम बारिश ही हुई। हालांकि अगस्त माह की शुरुआत वर्षा के साथ हुई। पिल्लूखेड़ा, अलेवा और सफीदों में अच्छी वर्षा हुई। वहीं जींद, जुलाना, उचाना में हल्की वर्षा हुई। मौसम विभाग के अनुसार आज रात को दोबारा से मानसून की सक्रियता बढ़ सकती है। जींद जिले में धान का रकबा 1.50 लाख हेक्टेयर है। जिसमें से अब तक 1.30 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई हो चुकी है। मौसम वैज्ञानिक डा. राजेश कुमार ने बताया कि सात और आठ अगस्त को लगभग पूरे जिले में ही हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। हरियाणा के जींद जिले में सोमवार अल सुबह अगस्त माह की दूसरी बारिश हुई। इसके बाद तापमान गिरा और गर्मी से राहत मिली है। जींद में 14 एमएम और पिल्लूखेड़ा में 16 एमएम बारिश दर्ज की गई, तो बाकी जगह बूंदाबांदी हुई। इस मानसून सीजन में जींद में बहुत कम बारिश देखने काे मिली है। हालांकि छह और सात अगस्त को भी बारिश के आसार हैं। सोमवार सुबह छह बजे अचानक से मौसम बदला और बारिश शुरू हो गई। बारिश के बाद गर्मी से राहत मिली। न्यूनतम तापमान 27 डिग्री तक पहुंच गया, वहीं अधिकतम तामपन 33 डिग्री के आसपास बना हुआ है। मानसून सत्र में जुलाई माह में सामान्य से 42 प्रतिशत कम बारिश हुई। जिसके कारण धान की फसल में काफी नुकसान हुआ है। हजारों एकड़ धान की फसल वर्षा नहीं होने से सूख गई। जिसके कारण किसानों को दोबारा रोपाई करनी पड़ी। मानसून सीजन में औसतन 115.7 एमएम बारिश मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार जींद जिले में जुलाई में सामान्य वर्षा 206 एमएम होती है, लेकिन इस मानसून सीजन में जुलाई में जिले में औसतन 115.7 एमएम बारिश ही हुई। हालांकि अगस्त माह की शुरुआत वर्षा के साथ हुई। पिल्लूखेड़ा, अलेवा और सफीदों में अच्छी वर्षा हुई। वहीं जींद, जुलाना, उचाना में हल्की वर्षा हुई। मौसम विभाग के अनुसार आज रात को दोबारा से मानसून की सक्रियता बढ़ सकती है। जींद जिले में धान का रकबा 1.50 लाख हेक्टेयर है। जिसमें से अब तक 1.30 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई हो चुकी है। मौसम वैज्ञानिक डा. राजेश कुमार ने बताया कि सात और आठ अगस्त को लगभग पूरे जिले में ही हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हांसी में देर रात व्यापारियों पर हमला:दुकान में घुसे नकाबपोश युवक, डंडों और बिंडो से किया वॉर, 2 घायल हरियाणा के हिसार के हांसी में देर रात चाय की दुकान में घुसकर नकाबपोश युवकों ने व्यापारियों पर डंडों और बिंडो से हमला किया। दो व्यापारियों को चोट लगी। घायल व्यापारियों को नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पीड़ित चला रहे थे चाय की दुकान जानकारी देते हुए दुकानदार दयानंद ने बताया कि बस स्टैंड के सामने उनकी चाय की दुकान हैं। जहां पर वह चाय, बिस्कुट इत्यादि सामान बेचते हैं। दयानंद ने बताया कि बीती देर रात 11 बजे के क़रीब वह अपनी दुकान पर काम कर रहे थे कि तभी 5 से 7 नकाबपोश युवक हाथों में डंडे लिए हुए थे, वह उनकी दुकान में घुसे और उन पर हमला कर दिया। जिसमें दयानंद और उसका भाई घायल हो गए। दुकानदारों की किसी ने नहीं रंजिश घटना की सूचना घायलों के परिजनों को दी। दयानंद का बेटा मौके पर पहुंचा और घायलों को नागरिक अस्पताल में लाया गया। जहां पर डॉक्टरों ने इलाज के उन्हें भर्ती कर लिया। दयानंद ने बताया कि उनका किसी से कोई भी झगड़ा नहीं था और ना ही दिन में किसी से कहासुनी हुई। दुकानदार दयानंद ने बताया कि उनकी अशोका टी-स्टाल के नाम से दुकान हैं। उनकी किसी प्रकाश से कोई रंजिश नहीं थी। मौके पर पहुंची डायल 112 टीम ये अज्ञात नकाबपोश युवक उनकी दुकान में घुसे और उन पर हमला कर दिया। मौके पर डायल 112 की टीम को इसकी सूचना दी गई। टीम मौके पर पहुंची और उनकी शिकायत सिटी थाने में देने के लिए भेजा। दयानंद के हाथ-पैरों पर और दूसरे व्यक्ति के दोनों हाथों में चोट आई है।
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आईएमटी रोजकामेव के लिए 9 गांव खेड़ली कंकर, मेहरोला, बडेलाकी, कंवरसीका, रोजकामेव, धीरदोका, रूपाहेड़ी, खोड (बहादरी) और रेवासन के किसानों की साल 2010 में 1600 एकड़ जमीन अधिग्रहण की गई थी। उस दौरान जमीन को सरकार द्वारा 25 लाख रुपए का मुआवजा देकर प्रति एकड़ अधिग्रहण किया गया था, लेकिन इसके बाद सरकार ने फरीदाबाद के चंदावली, मच्छगर गांवों की जमीन को भी अधिग्रहण किया। यहां के किसानों ने कोर्ट में याचिका दायर कर जमीन को सस्ते दामों में सरकार पर लेने का आरोप लगाकर मुआवजा बढ़ाने की मांग की थी। जिस पर कोर्ट ने किसानों को प्रति एकड़ 2 करोड़ की राशि देने के आदेश दिए थे। इस दौरान जब 9 गांवों के किसानों को पता चला कि इन गांवों के किसानों को 2 करोड़ प्रति एकड़ मिले हैं तो उन्होंने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। 46 लाख मुआवजा देने की बात कही, दिया 21 लाख ही
इस पर सरकार ने किसानों से बातचीत करते हुए उनकी जमीन को 46 लाख रुपए प्रति एकड़ देने की बात कही और उनसे एफिडेविट पर साइन करा लिए, ताकि किसान कोर्ट में ना जा सके। सभी किसानों को 21- 21 लाख रुपए देकर कहा कि आगे आपको 25-25 लाख रुपए ओर दे दिए जाएंगे, लेकिन आज तक भी किसानों को 25-25 लाख रुपए नहीं दिए गए हैं।