जींद के नरवाना में कोचिंग सेंटर से नहर पर नहाने के लिए गए युवक का शव तीन दिन बाद 12 किलोमीटर दूर सुरबरा हेड पर बरामद हुआ है। मृतक के परिजनों का आरोप है कि साजिश के तहत हत्या की गई। जांच अधिकारी इकबाल सिंह ने कहा कि पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए खानपुर पीजीआई भेज दिया है। जिसकी रिपोर्ट के बाद मौत के कारणों का खुलासा होगा। गौरतलब है कि सोमवार को दोपहर में ढाकल गांव निवासी राहुल (22) घर से कोचिंग सेंटर पर आया था। यहां से कोचिंग के बाद राहुल भाखड़ा ब्रांच नहर पर ढाकल हेड पर पहुंच गया। दोपहर बाद परिजनों को सूचना मिली कि पैर फिसलने के कारण राहुल नहर में डूब गया है। नहर में सर्च अभियान चलाया गया लेकिन उसका कहीं कुछ पता नहीं चला। पुलिस ने गोताखोर की मदद ली, तो ग्रामीणों ने भी अपने स्तर पर दो दिन तक लगातार प्रयास किए। राहुल का कुछ पता नहीं चल पाया। बुधवार को सुबह करीब 12 किलोमीटर दूर सुरबरा हेड पर राहुल का शव ऊपर आया तो इसकी सूचना पुलिस को मिली। साजिश के तहत हुई राहुल की हत्या परिजनों का कहना है कि राहुल के पैर में जूते, जुराब व पर्स मिला है। उसकी साजिश के तहत हत्या की गई है। सोमवार दोपहर को राहुल और उसके साथियों ने एक होटल पर पार्टी की थी। राहुल का फोन भी रिसेट किया गया है। परिजनों ने कहा कि जब तक राहुल के मामले में कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक वह अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। सदर थाना पुलिस ने मृतक के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए खानपुर मेडिकल भेजा है। जींद के नरवाना में कोचिंग सेंटर से नहर पर नहाने के लिए गए युवक का शव तीन दिन बाद 12 किलोमीटर दूर सुरबरा हेड पर बरामद हुआ है। मृतक के परिजनों का आरोप है कि साजिश के तहत हत्या की गई। जांच अधिकारी इकबाल सिंह ने कहा कि पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए खानपुर पीजीआई भेज दिया है। जिसकी रिपोर्ट के बाद मौत के कारणों का खुलासा होगा। गौरतलब है कि सोमवार को दोपहर में ढाकल गांव निवासी राहुल (22) घर से कोचिंग सेंटर पर आया था। यहां से कोचिंग के बाद राहुल भाखड़ा ब्रांच नहर पर ढाकल हेड पर पहुंच गया। दोपहर बाद परिजनों को सूचना मिली कि पैर फिसलने के कारण राहुल नहर में डूब गया है। नहर में सर्च अभियान चलाया गया लेकिन उसका कहीं कुछ पता नहीं चला। पुलिस ने गोताखोर की मदद ली, तो ग्रामीणों ने भी अपने स्तर पर दो दिन तक लगातार प्रयास किए। राहुल का कुछ पता नहीं चल पाया। बुधवार को सुबह करीब 12 किलोमीटर दूर सुरबरा हेड पर राहुल का शव ऊपर आया तो इसकी सूचना पुलिस को मिली। साजिश के तहत हुई राहुल की हत्या परिजनों का कहना है कि राहुल के पैर में जूते, जुराब व पर्स मिला है। उसकी साजिश के तहत हत्या की गई है। सोमवार दोपहर को राहुल और उसके साथियों ने एक होटल पर पार्टी की थी। राहुल का फोन भी रिसेट किया गया है। परिजनों ने कहा कि जब तक राहुल के मामले में कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक वह अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। सदर थाना पुलिस ने मृतक के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए खानपुर मेडिकल भेजा है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर की मां ने भी तोड़ा दम:11 दिन में 5वीं मौत, कार में आग लगने से झुलसी थी, आज ही संस्कार हरियाणा के सोनीपत स्थित अपने घर से दिवाली सेलिब्रेट कर 3 नवंबर को वापस सेक्टर-7 चंडीगढ़ लौट रहे चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. संदीप की कार में अचानक आग लग गई थी। हादसे में प्रोफेसर व उनकी बेटियों की मौके पर मौत हो गई थी। जबकि पत्नी लक्ष्मी ने इलाज के दौरान रविवार को दम तोड़ दिया था। वहीं हादसे के करीब 11 दिन के बाद उनकी मां ने भी दम तोड़ दिया है। उनका चंडीगढ़ स्थित पीजीआई में इलाज चल रह था। आज चंडीगढ़ में उनका अंतिम संस्कार किया जा रहा है। ऐसे हुआ था यह हादसा 3 नवंबर को सोनीपत से एक अर्टिगा कार में संदीप (37) व उसके साथ 7 अन्य परिजन चंडीगढ़ जा रहे थे। इसी दौरान जब वे कुरुक्षेत्र में नेशनल हाइवे पर गांव मोहड़ी के पास पहुंचे तो कार में अचानक आग लग गई। इससे कार में सवार सभी व्यक्ति अंदर ही फंस गए। इसी बीच कार में ब्लास्ट हो गया और आग ज्यादा फैल गई। इस पूरे हादसे में संदीप कुमार के साथ उनकी दो बेटियों 6 साल की परी और 10 साल की खुशी की मौके पर हो गई थी । कार को जलता हुआ देख वहां से गुजर रहे लोगों ने अंदर फंसे हुए लोगों को बाहर निकालने का प्रयास किया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। कार में संदीप का भाई और उसकी पत्नी और मां भी सवार थे। जिन्हें गंभीर हालत में चंडीगढ़ में भर्ती करवाया गया था। रविवार को प्रोफेसर की पत्नी लक्ष्मी जिंदगी की जंग हार गई थी, जबकि आज उनकी मां ने भी दम तोड़ दिया। 11 दिन में पूरा परिवार खत्म प्रोफेसर के परिवारिक दोस्त मनू भसीन ने बताया कि परिवार के लिए बड़ा दुख का पल है। प्रोफेसर का पूरा परिवार और मां भी की मौत हो गई है। उन्होंने बताया कि उनके लिए यह पल काफी भावुक करने वाला है। उन्होंने बताया कि जब प्रोफेसर व उनकी बेटी की अंतिम अरदास रखी गई थी। उसी दिन उनकी पत्नी की मौत हो गई थी।
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सावित्री जिंदल को सांसद बेटे का समर्थन:बोले- मैं साथ हूं, पार्टी का फैसला भी सही; पूर्व विधायक ने लिया निर्दलीय लड़ने का फैसला देश की सबसे अमीर महिलाओं में शुमार उद्योगपति सावित्री जिंदल की बीजेपी से बगावत को उनके बेटे नवीन जिंदल ने सही बताया है। बता दें कि नवीन कुरूक्षेत्र लोकसभा सीट से भाजपा सांसद हैं। एक इंटरव्यू में नवीन जिंदल ने कहा है कि “मैं पार्टी के टिकट वितरण के फैसले को सही मानता हूं, लेकिन मैं अपनी मां के फैसले का भी सम्मान करता हूं”। जिंदल ने कहा कि “मेरी मां के 4 बेटे और 5 बहनें हैं, हम कुल मिलाकर 9 भाई-बहन मां के साथ हैं। इसके अलावा पूरा हिसार मेरा परिवार है। मेरे पिता और मेरी मां का हिसार लंबे समय से कार्यक्षेत्र है, यहां के लोग भी उनका परिवार है। इस कारण से मां ने अपने परिवार की सेवा के लिए जो भी फैसला लिया है, मैं उसका सम्मान करता हूं और साथ भी दूंगा”। सिलसिलेवार ढंग से पढ़िए सावित्री जिंदल की बगावत 1. लिस्ट जारी होते ही शुरू हुई बगावत
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने बुधवार देर शाम को 67 कैंडिडेट की लिस्ट जारी की थी। हालांकि बुधवार की सुबह ही सावित्री जिंदल दिल्ली पहुंच चुकी थी। लेकिन जब उन्हें पता लगा की सूची में उनका नाम नहीं है तो वह हिसार वापस लौट आईं। लिस्ट आते ही पार्टी में बगावत शुरू हो गई है। कई पदाधिकारियों ने सोशल मीडिया पर ही इस्तीफा दे दिया। वहीं, सावित्री जिंदल की टिकट कटने के बाद हिसार के जिंदल हाउस में भी हलचल बढ़ गई। परिवार के कई करीबियों ने फोन कर इस मामले पर चर्चा की। 2. सुबह होते ही जिंदल हाउस पहुंचे समर्थक
वहीं गुरुवार सुबह होते ही जिंदल परिवार के समर्थक जिंदल हाउस पहुंचने लगे। उन्होंने सावित्री जिंदल के निर्दलीय चुनाव लड़ने के नारे लगाए। समर्थक उनके पति स्व. ओपी जिंदल की फोटो भी लेकर आए थे। जहां सभी के साथ चर्चा के बाद देश की चौथी सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल ने भी बगावत का ऐलान कर दिया। भाजपा से टिकट न मिलने के बाद उन्होंने हिसार से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। 3. क्या बोलीं सावित्री जिंदल
चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद सावित्री जिंदल ने समर्थकों से कहा- मैं भाजपा की प्राथमिक सदस्य नहीं हूं। मैं चुनाव न लड़ने के बारे में बोलने के लिए दिल्ली से वापस आई थी, लेकिन आपका प्यार और विश्वास देखकर मैं चुनाव लड़ूंगी। सावित्री मशहूर उद्योगपति और कुरूक्षेत्र से भाजपा सांसद नवीन जिंदल की मां हैं। हिसार सीट पर उनका मुकाबला भाजपा के मंत्री डॉ. कमल गुप्ता से होगा। इन चार कारणों से सावित्री जिंदल को नहीं मिली टिकट
1. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता सावित्री जिंदल को चुनाव में हरा चुके हैं। दो ही महीने पहले पार्टी से जुड़े जिंदल परिवार के कारण अगर संघ और पार्टी से जुड़े मंत्री का टिकट काटता तो पार्टी में गलत मैसेज जाने का डर था। 2. डॉ. कमल गुप्ता ने टिकट कटने की खबरों के बीच पूर्व सीएम मनोहर लाल से 2 बार मुलाकात की। बताया जा रहा है कि 2 सितंबर को जब फाइनल सूची तैयार की गई उसमें सावित्री जिंदल का नाम था। मगर खट्टर ने जब अपने आवास पर रात को बैठक बुलाई तब सावित्री जिंदल का नाम काटकर सूची में कमल गुप्ता का नाम जोड़ दिया गया। 3. डॉ. कमल गुप्ता RSS से जुड़े हुए हैं और इसका भी उन्हें फायदा मिला है। सूत्रों की मानें तो जिन लोगों ने कमल गुप्ता को टिकट दिलवाने के लिए लॉबिंग की है वो संघ के पुराने प्रचारक हैं जो आज अखिल भारतीय स्तर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। 4. कमल गुप्ता का ससुराल इंदौर है। इस नाते कैलाश विजयवर्गीय के साथ उनके अच्छे संबंध हैं, साथ ही विजयवर्गीय भी डॉ. कमल गुप्ता को दामाद मानते हैं। इस नाते भी कैलाश विजयवर्गीय ने टिकट दिलाने में कमल गुप्ता की पूरी मदद की। अब 4 पार्टियों से होगा मुकाबला
सावित्री जिंदल अगर चुनाव लड़ती हैं तो उनका मुकाबला 4 पार्टियों से होगा। जिसमें भाजपा, कांग्रेस, इनेलो और जजपा शामिल हैं। हालांकि मुख्य मुकाबला भाजपा के साथ ही होगा। बता दें कि डॉ. कमल गुप्ता और सावित्री जिंदल 2014 में भी आमने-सामने हो चुके हैं, हालांकि तब सावित्री जिंदल ने कांग्रेस से और कमल गुप्ता ने भाजपा से चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में बिजनेसमैन डॉ. सुभाष चंद्रा ने कमल गुप्ता की मदद की थी। जानिए सावित्री जिंदल का हिसार कनेक्शन
ओपी जिंदल ने हिसार आकर सबसे पहले बाल्टी बनाने की फैक्ट्री लगाई। इससे आमदनी शुरू हुई तो 1962 में हिसार में भी फैक्ट्री खोल दी। इसके बाद 1969 में जिंदल स्ट्रिप्स लिमिटेड के नाम से फैक्ट्री खोली। आज इसका नाम स्टेनलेस है। अब जिंदल ग्रुप का देश विदेश में इस्पात, बिजली, सीमेंट और बुनियादी ढांचे में निवेश है। साल 2005 में हेलिकॉप्टर क्रैश में ओपी जिंदल की मौत के बाद जिंदल समूह की कंपनियों का 4 बेटों में बंटवारा हो गया। उनमें से एक बिजनेस टाइकून सज्जन जिंदल हैं, जो JSW स्टील चलाते हैं। सावित्री जिंदल 2.77 लाख करोड़ की मालकिन
जिंदल परिवार की मुखिया एवं जिंदल समूह की चेयरपर्सन सावित्री जिंदल देश में चौथे नंबर पर सबसे अमीर हैं। इसके अलावा वह देश की सबसे अमीर महिला भी हैं। सावित्री जिंदल हरियाणा के हिसार की रहने वाली हैं और स्टील किंग स्व. ओपी जिंदल की पत्नी हैं। इनके बेटे नवीन जिंदल कुरूक्षेत्र से भाजपा सांसद हैं। फॉर्च्यून इंडिया द्वारा जारी की गई सूची के मुताबिक 74 वर्षीय सावित्री जिंदल लगभग 2.77 लाख करोड़ रुपए की मालकिन हैं। टॉप 10 में वह चौथे स्थान पर हैं और इकलौती महिला हैं। परिवार के लिए क्यों महत्वपूर्ण हैं सावित्री जिंदल
1. सावित्री जिंदल ने एशियावन मैगजीन को दिए इंटरव्यू में कहा था कि “मैं आम भारतीय नारी की तरह ही घर में रहकर परिवार की देखभाल कर रही थी। अचानक पति (ओपी जिंदल) की मौत के बाद मुझे बिजनेस संभालना पड़ा। अगर किसी के पिता का साया अचानक सिर से उठ जाए तो मां को पिता की भूमिका निभानी पड़ती है। जिंदल साहब अपने पीछे समाज और परिवार को प्रेम के सूत्र में बांधे रखने की विरासत छोड़ गए थे”। 2. ओपी जिंदल के बारे में आगे और बताते हुए उन्होंने कहा- “उनमें सबको साथ लेकर चलने की अद्भुत क्षमता थी, इसलिए उनसे प्रेरणा लेकर मैंने एक कड़ी के रूप में अपनी भूमिका निभाई। बच्चों के साथ भी और हिसार-हरियाणा परिवार के साथ भी। मुझे अपने बच्चों पर बहुत गर्व है, जिन्होंने जिंदल साहब के दिखाए रास्ते पर चलते हुए न सिर्फ बिजनेस को सफलतापूर्वक संभाला है, बल्कि प्यार से साथ रहकर अपना बिजनेस और परिवार भी एक साथ चला रहे हैं”। 3. अपने बच्चों के बारे में बोलते हुए उन्होंने आगे कहा “आज के माहौल में दो भाइयों का एक साथ रहना मुश्किल है, लेकिन हमारे लिए यह बड़ी बात है कि मेरे सभी बच्चे एक साथ प्यार से रह रहे हैं। जिंदल साहब की भी यही सोच थी कि सबको मिलजुल कर रहना चाहिए और हमारे बच्चे उनकी इच्छा का सम्मान करते थे। हम सब एक साथ हैं। मेरी नजर में प्यार और आपसी विश्वास ही सफलता की कुंजी है”।
जींद में रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर ने खुद को मारी गोली:पहले अधिकारियों को फोन करके गुड बाय बोला, दो फायर किए
जींद में रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर ने खुद को मारी गोली:पहले अधिकारियों को फोन करके गुड बाय बोला, दो फायर किए जींद में हरियाणा पुलिस से रिटायर्ड एक सब इंस्पेक्टर ने शुक्रवार को खुद को गोली मार ली। सब इंस्पेक्टर धर्म सिंह ने गोली मारने से पहले पुलिस के किसी उच्च अधिकारी से फोन करके गुड बाय कहा, इसके बाद जैसे ही सफीदों सिटी थाना की पुलिस पार्षद नवीन भाटिया से जानकारी लेकर सीता श्याम कॉलोनी में उसके मकान पर पहुंची। पुलिस गेट खुला ही रही थी, तभी मकान से दो फायरिंग होने की आवाज आई। जैसे ही सिटी थाना के पीएसआई कुलदीप अपनी टीम के साथ मकान में गए तो धर्म सिंह (77 ) खून से लथपथ फर्श पर पड़ा था। जिसको तुरंत गाड़ी मंगवा कर सफीदों के नागरिक अस्पताल पहुंचाया गया। जहां डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार के बाद उसकी गंभीर अवस्था को देखते हुए उसे पीजीआई रोहतक रेफर किया है। गर्दन में लगी गोली
धर्म सिंह के गर्दन में गोली लगी है। लेकिन धर्म सिंह ने गोली क्यों मारी, इसके कारणों का अभी तक कुछ पता नहीं चल सका है। जांच अधिकारी पीएसआई कुलदीप ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। आखिर धर्म सिंह ने खुद को गोली क्यों मारी। घटनास्थल का निरीक्षण कर लिया गया है। फिलहाल जींद से क्राइम ऑफ सीन टीम मौके पर बनाई गई है।