<p style=”text-align: justify;”><strong>Chirag Paswan Party Attacks Jitan Ram Manjhi:</strong> केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के एक बयान से एनडीए में बवाल मच गया है. जीतन राम मांझी ने पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) को लेकर दिल्ली में बीते मंगलवार (08 अक्टूबर) को ऐसी बात कह दी कि यह सीधे चिराग पासवान की पार्टी को जा चुभी. अब बुधवार (09 अक्टूबर) को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एलजेपी (रामविलास) के सांसद और चिराग पासवान के जीजा अरुण भारती (Arun Bharti) ने हमला बोला है. कहा कि पशुपति पारस में कोई गुण नहीं है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अरुण भारती ने मांझी के बयान का किया खंडन</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सांसद अरुण भारती ने कहा कि रामविलास के उद्देश्य, राजनीतिक विरासत को चिराग ही आगे ले जा सकते हैं. देश में रामविलास के जाने से एक दलित नेता की जो कमी है उसको चिराग पासवान ही पूरा कर सकते हैं. जीतन राम मांझी का बयान अस्वीकार्य है. मांझी के बयान का हम लोग खंडन करते हैं. जीतन राम मांझी बताएं कि ऐसी बयानबाजी क्यों कर रहे हैं?</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जीतन राम मांझी ने दिल्ली में क्या बयान दिया है?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बीते मंगलवार (08 अक्टूबर) को रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर आरएलजेपी के दिल्ली स्थित केंद्रीय कार्यालय में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इसमें जीतन राम मांझी रामविलास पासवान को श्रद्धासुमन अर्पित करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने यह कहा, “पशुपति पारस बाबू तो थोड़ा अस्वस्थ हैं, लेकिन उनके परिवार वाले और सबके साथ मिलकर सुखद एहसास हुआ. ऐसा लगा कि रामविलास बाबू तो चले गए हैं लेकिन उनके स्वरूप पारस बाबू हैं. हम लोगों को आशा है पारस बाबू शायद उनकी जो रिक्तियां है उसको वह पूरा कर सकेंगे.” इसी बयान के बाद चिराग की पार्टी भड़की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि पशुपति कुमार पारस और चिराग पासवान के बीच बातचीत तक बंद है. परिवार बिखर चुका है. पारस की पार्टी आरएलजेपी है जबकि चिराग की पार्टी एलजेपी रामविलास है. रामविलास पासवान के निधन के बाद ही पार्टी टूट गई थी. 2024 के <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> में एनडीए में पारस को एक भी सीट नहीं दी गई थी. चिराग को पांच सीटें मिलीं और सब पर जीत हुई. इसके बाद चिराग को केंद्रीय मंत्री बनाया गया है. वैसे अब सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या चिराग को एनडीए में कंट्रोल में रखने के लिए मांझी ने इस तरह का बयान दिया है? केंद्र सरकार में मंत्री रहते हुए चिराग ने जातीय गणना, वक्फ बोर्ड, आरक्षण, लैटरल एंट्री पर अलग स्टैंड दिखाया था. विरोधियों के सुर में सुर मिला रहे थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें- <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/jitan-ram-manjhi-support-pashupati-kumar-paras-not-chirag-paswan-clash-in-nda-ann-2800015″>जीतन राम मांझी ने चिराग पासवान को दिया झटका! ‘PKP’ का ‘सपोर्ट’ कर NDA में बढ़ाई हलचल</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Chirag Paswan Party Attacks Jitan Ram Manjhi:</strong> केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के एक बयान से एनडीए में बवाल मच गया है. जीतन राम मांझी ने पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) को लेकर दिल्ली में बीते मंगलवार (08 अक्टूबर) को ऐसी बात कह दी कि यह सीधे चिराग पासवान की पार्टी को जा चुभी. अब बुधवार (09 अक्टूबर) को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एलजेपी (रामविलास) के सांसद और चिराग पासवान के जीजा अरुण भारती (Arun Bharti) ने हमला बोला है. कहा कि पशुपति पारस में कोई गुण नहीं है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अरुण भारती ने मांझी के बयान का किया खंडन</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सांसद अरुण भारती ने कहा कि रामविलास के उद्देश्य, राजनीतिक विरासत को चिराग ही आगे ले जा सकते हैं. देश में रामविलास के जाने से एक दलित नेता की जो कमी है उसको चिराग पासवान ही पूरा कर सकते हैं. जीतन राम मांझी का बयान अस्वीकार्य है. मांझी के बयान का हम लोग खंडन करते हैं. जीतन राम मांझी बताएं कि ऐसी बयानबाजी क्यों कर रहे हैं?</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जीतन राम मांझी ने दिल्ली में क्या बयान दिया है?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बीते मंगलवार (08 अक्टूबर) को रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर आरएलजेपी के दिल्ली स्थित केंद्रीय कार्यालय में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इसमें जीतन राम मांझी रामविलास पासवान को श्रद्धासुमन अर्पित करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने यह कहा, “पशुपति पारस बाबू तो थोड़ा अस्वस्थ हैं, लेकिन उनके परिवार वाले और सबके साथ मिलकर सुखद एहसास हुआ. ऐसा लगा कि रामविलास बाबू तो चले गए हैं लेकिन उनके स्वरूप पारस बाबू हैं. हम लोगों को आशा है पारस बाबू शायद उनकी जो रिक्तियां है उसको वह पूरा कर सकेंगे.” इसी बयान के बाद चिराग की पार्टी भड़की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि पशुपति कुमार पारस और चिराग पासवान के बीच बातचीत तक बंद है. परिवार बिखर चुका है. पारस की पार्टी आरएलजेपी है जबकि चिराग की पार्टी एलजेपी रामविलास है. रामविलास पासवान के निधन के बाद ही पार्टी टूट गई थी. 2024 के <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> में एनडीए में पारस को एक भी सीट नहीं दी गई थी. चिराग को पांच सीटें मिलीं और सब पर जीत हुई. इसके बाद चिराग को केंद्रीय मंत्री बनाया गया है. वैसे अब सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या चिराग को एनडीए में कंट्रोल में रखने के लिए मांझी ने इस तरह का बयान दिया है? केंद्र सरकार में मंत्री रहते हुए चिराग ने जातीय गणना, वक्फ बोर्ड, आरक्षण, लैटरल एंट्री पर अलग स्टैंड दिखाया था. विरोधियों के सुर में सुर मिला रहे थे.</p>
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