वाराणसी में युवक को पीटने वाले दरोगा-कॉन्स्टेबल लाइन हाजिर:छात्रा से थप्पड़ मरवाए, गंगा में कूदकर दी जान, शव के साथ घर वालों ने किया हंगामा वाराणसी में सिपाही और छात्रा की पिटाई से क्षुब्ध युवक के आत्महत्या मामले पर दरोगा और कॉन्सटेबल लाइन हाजिर कर दिए गए। युवक की मौत के बाद परिजनों ने सड़क पर शव रख कार्रवाई की मांग की। आधी रात तक परिजनों ने जमकर हंगामा किया। युवक के घर वालों की मांग थी कि सभी पुलिस वालों के खिलाफ FIR लिखी जाए। दोनों को गिरफ्तार किया जाए। आधी रात डीसीपी सूर्यकांत त्रिपाठी ने दरोगा और हेड कॉन्स्टेबल को लाइन हाजिर कर इंस्पेक्टर की भूमिका पर विभागीय जांच का आश्वासन दिया। इसके बाद परिजनों ने शव का पंचनामा भरवाया। देर रात पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। हालांकि, मृतक के परिजनों की तहरीर पर सुबह तक केस दर्ज नहीं किया गया। भीड़ को काबू करने के लिए चितईपुर, भेलूपुर, सिगरा, लंका, मंडवाडीह थाने की फोर्स बुलाई गई। सबसे पहले बताते हैं पूरा घटनाक्रम… वाराणसी में बुधवार को लंका एसएचओ की अमानवीय कार्रवाई के बाद नगवां निवासी विशाल सोनकर ने गंगा में छलांग लगाकर अपनी जान दे दी। बचाव में पुलिस ने मृतक पर छात्रा से छेड़छाड़ का आरोप लगाया। मगर युवक की मौत से परिजनों और करीबियों में आक्रोश फैल गया। नगवा चौराहे पर शव रखकर प्रदर्शन किया, भारी संख्या में पहुंची पुलिस देर रात तक उन्हें समझाने में जुटी रही लेकिन वे नहीं माने। बताया गया कि लंका थाने में शारदा प्रसाद सोनकर होमगार्ड हैं, उनका बेटा विशाल सोनकर फल-सब्जी की ठेला लगाता है। सुबह विशाल ठेले के पास था, तभी नगवां क्षेत्र की एक छात्रा साइकिल से वहां से निकली। ठेले के सामने आने पर विशाल ने छात्रा पर कुछ टिप्पणी कर दी। इसके बाद छात्रा ने साइकिल रोककर उसकी बात का विरोध किया। फिर सड़क पर ही दोनों में कहासुनी और झगड़ा होने लगा। इसी दौरान लंका इंस्पेक्टर शिवाकांत मिश्रा अपने साथी दरोगा लक्ष्मीकांत और सिपाही रंगपाल के साथ मौके पर आ गए। सिपाही रंगपाल ने विशाल को थप्पड़ थड़ दिया, इसके बाद छात्रा ने तीन थप्पड़ पड़वाए। सरेराह पिटाई से आहत होकर विशाल सीधे रविदास घाट पर गया और गंगा में छलांग लगा दी। एनडीआरएफ और जल पुलिस के गोताखोरों ने शव को बरामद कर लिया। युवक की मौत के बाद इंस्पेक्टर पर आक्रोश लंका पुलिस की कार्रवाई के बाद युवक के आत्मघाती कदम ने लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया। परिजनों के सथ रिश्तेदारों ने पहले घर के बाहर शव रखकर हंगामा किया फिर थाने की ओर बढ़ गए। पुलिस ने पंचकोशी मार्ग चौराहे पर भीड़ को रोक लिया और थाने जाने से मना किया। परिजन तहरीर लेकर इंस्पेक्टर, दरोगा और सिपाही पर केस दर्ज कराने की जिद को लेकर अड़े थे। वे थाने जाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई चाहते थे, हालांकि, जानकारी पाकर पहुंचे एसीपी धनन्जय मिश्रा ने तहरीर लेकर मामला शांत कराने का प्रयास किया लेकिन सभी कार्रवाई पर अड़े थे। परिवार वालों का कहना था कि पुलिस का व्यवहार अमानवीय था, सरेराह पिटाई करना और फिर लड़की सेपिटवाना ठीक नहीं था। इंस्पेक्टर ने भी सिपाही को रोका नहीं बल्कि सहमति दी, अगर सिपाही ने सिर्फ समझा दिया होता, तो आज मेरा बेटा जिंदा होता। पुलिस के रोकने पर नोकझोंक, नारेबाजी युवक की मौत में लंका इंस्पेक्टर को जिम्मेदार ठहराते हुए देर रात 100 से अधिक लोग लंका थाने को घेरने जा रहे थे, तभी पुलिस ने उन्हें रोक दिया। थाने जाने से पहले पुलिस के रोकने पर मृतक के समर्थन में आए कुछ राजनेताओं ने विरोध जताया और पुलिस से तीखी नोकझोंक हो गई। परिजन चौराहे की जगह थाने ले जाने पर अड़े थे। परिजनों की जिद को देखकर पुलिस के हाथपांव फूले थे, जब सारे प्रयास विफल हो गए तो डीसीपी सूर्यकांत त्रिपाठी और एडीसीपी काशी नीतू मौके पर पहुंचे। परिजनों से बातचीत के बाद उन्होंने दरोगा लक्ष्मीकांत और हेड कांस्टेबल रंगपाल को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया। कुछ देर में इसका आदेश भी जारी हो गया, वहीं इंस्पेक्टर शिवाकांत मिश्रा के खिलाफ जांच का आश्वासन दिया। पुलिस अधिकारियों से वार्ता और कार्रवाई के बाद परिजन शांत हुए और पंचनामा भरने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए शिवपुर लेकर गए। प्रशासन के निर्देश पर रात में पोस्टमार्टम कराया गया, सुबह शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा। कार्यवाहक डीसीपी सूर्यकांत त्रिपाठी ने बताया कि एक उप निरीक्षक और एक कॉन्स्टेबल को लाइन हाजिर किया है। एक जांच कमेटी भी गठित की है। कमेटी की रिपोर्ट के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।