जेल में बंद इंजीनियर राशिद नहीं ले सके लोकसभा में शपथ, अब आगे क्या?

जेल में बंद इंजीनियर राशिद नहीं ले सके लोकसभा में शपथ, अब आगे क्या?

<p style=”text-align: justify;”><strong>Lok Sabha Oath Ceremony:</strong> जम्मू-कश्मीर के बारामूला लोकसभा सीट से निर्दलीय जीते अब्दुल रशीद शेख आज लोकसभा में बतौर संसद सदस्य शपथ नहीं ले सके. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के अन्य चार सांसदों ने शपथ ली. दरअसल रशीद शेख आतंकी फंडिंग मामले में आरोपी हैं और 2019 से जेल में बंद हैं. जेल में रहते हुए ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हराया हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> में अब्दुल रशीद शेख को 4,72,481 वोट मिले थे, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को 2,68,339 वोट मिले, जेल में बंद शेख अब्दुल राशिद ने उमर अब्दुल्ला को 2 लाख चार हजार 142 मतों के बड़े अंतर से हराया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अंतरिम जमानत की की गई थी मांग</strong><br />दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को राशिद द्वारा दायर एक आवेदन पर 1 जुलाई तक जवाब देने को कहा, जिसमें सांसद के रूप में शपथ लेने के लिए अंतरिम जमानत की मांग की गई थी. अतिरिक्त सत्र जज किरण गुप्ता ने मामले की सुनवाई 1 जुलाई के लिए तय की और एनआईए को तब तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या कहता है नियम&nbsp;</strong><br />नियम के तहत अगर कोई सांसद 60 दिनों तक संसद में उपस्थित नहीं होता है, तो उसकी सीट रिक्त घोषित की जा सकती है. कोर्ट ने इस आधार पर पहले भी जेल में बंद सांसदों को संसद में शपथ लेने की अनुमति दी है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जून 2019 में पिछले लोकसभा के शपथ ग्रहण के दौरान उत्तर प्रदेश की घोसी से सांसद अतुल कुमार सिंह आपराधिक आरोपों के चलते जेल में थे. कोर्ट ने उन्हें जनवरी 2020 में संसद में शपथ लेने की अनुमति दी और उन्होंने संसद सदस्य के तौर पर शपथ ली.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या कहता है? संविधान&nbsp;</strong><br />अब संभावना इस बात पर टिकी है कि ये नवनिर्वाचित सांसद किस तरह शपथ लेंगे. संविधान विशेषज्ञ और पूर्व लोकसभा महासचिव पीडीटी अचारी के अनुसार, संसद सदस्य के रूप में शपथ लेना एक संवैधानिक अधिकार है. हालांकि, जेल में बंद होने के कारण उन्हें शपथ ग्रहण समारोह के लिए संसद तक ले जाने के लिए अधिकारियों से विशेष अनुमति लेनी होगी. समारोह के बाद उन्हें वापस जेल लौटना होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है लोकसभा अध्यक्ष की भूमिका</strong><br />इसके अतिरिक्त, संविधान के अनुच्छेद 101(4) के अनुसार, जो बिना पूर्व मंजूरी के सदस्यों की अनुपस्थिति को संबोधित करता है, शपथ लेने के बाद, उन्हें सदन की कार्यवाही में शामिल होने में अपनी असमर्थता के बारे में अध्यक्ष को लिखित रूप से सूचित करना चाहिए. इसके बाद अध्यक्ष उनके अनुरोधों को सदस्यों की अनुपस्थिति पर सदन की समिति को भेजेंगे, जो इस बारे में सिफारिशें करेगी कि सदस्य को कार्यवाही से अनुपस्थित रहने की अनुमति दी जानी चाहिए या नहीं. अंतिम निर्णय सदन में मतदान के लिए रखा जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हालांकि, एक महत्वपूर्ण चेतावनी है कि यदि इंजीनियर राशिद को दोषी ठहराया जाता है और कम से कम दो साल जेल की सजा सुनाई जाती है, तो वे तुरंत लोकसभा में अपनी सीट खो देंगे. यह 2013 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आधारित है जो ऐसी परिस्थितियों में सांसदों और विधायकों को अयोग्य ठहराता है. फैसले ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8(4) को पलट दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”J&amp;K Fire: जम्मू कश्मीर के त्रिकुटा नगर इलाके में लगी भीषण आग, दमकल की कई गाड़ियां मौके पर मौजूद” href=”https://www.abplive.com/states/jammu-and-kashmir/jammu-kashmir-fire-breaks-out-at-scrapyard-in-trikuta-nagar-area-fire-tenders-on-spot-2721792″ target=”_self”>J&amp;K Fire: जम्मू कश्मीर के त्रिकुटा नगर इलाके में लगी भीषण आग, दमकल की कई गाड़ियां मौके पर मौजूद</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Lok Sabha Oath Ceremony:</strong> जम्मू-कश्मीर के बारामूला लोकसभा सीट से निर्दलीय जीते अब्दुल रशीद शेख आज लोकसभा में बतौर संसद सदस्य शपथ नहीं ले सके. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के अन्य चार सांसदों ने शपथ ली. दरअसल रशीद शेख आतंकी फंडिंग मामले में आरोपी हैं और 2019 से जेल में बंद हैं. जेल में रहते हुए ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हराया हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> में अब्दुल रशीद शेख को 4,72,481 वोट मिले थे, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को 2,68,339 वोट मिले, जेल में बंद शेख अब्दुल राशिद ने उमर अब्दुल्ला को 2 लाख चार हजार 142 मतों के बड़े अंतर से हराया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अंतरिम जमानत की की गई थी मांग</strong><br />दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को राशिद द्वारा दायर एक आवेदन पर 1 जुलाई तक जवाब देने को कहा, जिसमें सांसद के रूप में शपथ लेने के लिए अंतरिम जमानत की मांग की गई थी. अतिरिक्त सत्र जज किरण गुप्ता ने मामले की सुनवाई 1 जुलाई के लिए तय की और एनआईए को तब तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या कहता है नियम&nbsp;</strong><br />नियम के तहत अगर कोई सांसद 60 दिनों तक संसद में उपस्थित नहीं होता है, तो उसकी सीट रिक्त घोषित की जा सकती है. कोर्ट ने इस आधार पर पहले भी जेल में बंद सांसदों को संसद में शपथ लेने की अनुमति दी है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जून 2019 में पिछले लोकसभा के शपथ ग्रहण के दौरान उत्तर प्रदेश की घोसी से सांसद अतुल कुमार सिंह आपराधिक आरोपों के चलते जेल में थे. कोर्ट ने उन्हें जनवरी 2020 में संसद में शपथ लेने की अनुमति दी और उन्होंने संसद सदस्य के तौर पर शपथ ली.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या कहता है? संविधान&nbsp;</strong><br />अब संभावना इस बात पर टिकी है कि ये नवनिर्वाचित सांसद किस तरह शपथ लेंगे. संविधान विशेषज्ञ और पूर्व लोकसभा महासचिव पीडीटी अचारी के अनुसार, संसद सदस्य के रूप में शपथ लेना एक संवैधानिक अधिकार है. हालांकि, जेल में बंद होने के कारण उन्हें शपथ ग्रहण समारोह के लिए संसद तक ले जाने के लिए अधिकारियों से विशेष अनुमति लेनी होगी. समारोह के बाद उन्हें वापस जेल लौटना होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है लोकसभा अध्यक्ष की भूमिका</strong><br />इसके अतिरिक्त, संविधान के अनुच्छेद 101(4) के अनुसार, जो बिना पूर्व मंजूरी के सदस्यों की अनुपस्थिति को संबोधित करता है, शपथ लेने के बाद, उन्हें सदन की कार्यवाही में शामिल होने में अपनी असमर्थता के बारे में अध्यक्ष को लिखित रूप से सूचित करना चाहिए. इसके बाद अध्यक्ष उनके अनुरोधों को सदस्यों की अनुपस्थिति पर सदन की समिति को भेजेंगे, जो इस बारे में सिफारिशें करेगी कि सदस्य को कार्यवाही से अनुपस्थित रहने की अनुमति दी जानी चाहिए या नहीं. अंतिम निर्णय सदन में मतदान के लिए रखा जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हालांकि, एक महत्वपूर्ण चेतावनी है कि यदि इंजीनियर राशिद को दोषी ठहराया जाता है और कम से कम दो साल जेल की सजा सुनाई जाती है, तो वे तुरंत लोकसभा में अपनी सीट खो देंगे. यह 2013 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आधारित है जो ऐसी परिस्थितियों में सांसदों और विधायकों को अयोग्य ठहराता है. फैसले ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8(4) को पलट दिया.</p>
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