<p style=”text-align: justify;”><strong>Priyanka Bishnoi RAS Death:</strong> राजस्थान के जोधपुर की एसडीएम प्रियंका बिश्नोई की अहमदाबाद में 15 दिनों तक चले इलाज के बाद 19 सितंबर को मौत हो गई. प्रियंका बिश्नोई की मौत के बाद शव गुरुवार को पोस्टमार्टम के लिए एम्स मोर्चरी लाया गया, जहां परिजन और विश्नोई समाज के लोग धरने पर बैठ गए. लोगों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए वसुंधरा अस्पताल के डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और कानूनी कार्रवाई की मांग की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>धरना प्रदर्शन की सूचना मिलते ही पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) राजर्षि राज वर्मा ने धरनास्थल पर पहुंचे. यहां उन्होंने लोगों से बातचीत की और जांच कमेटी की रिपोर्ट में दोषी पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई का भरोसा दिलाया. इसके बाद परिजनों की सहमति मिलने पर मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाकर प्रियंका बिश्नोई का शव परिजन को सौंपा गया. फिर प्रियंका बिश्नोई का शव उनके ससुराल फलोदी के सुरपुरा ले जाया गया, जहां शाम सात बजे उनका अंतिम संस्कार किया गया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रियंका विश्नोई के अंतिम संस्कार में जोधपुर की सम्भागीय आयुक्त प्रतिभा सिंह और जोधपुर कलेक्टर गौरव अग्रवाल भी शामिल हुए. वहीं लोगों में आक्रोश के बाद पुलिस ने जोधपुर वसुंधरा हॉस्पिटल की सुरक्षा बढ़ा दी है. जोधपुर के स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने कहा, “प्रियंका बिश्नोई के शव के सम्मान के लिए हम अंतिम संस्कार कर रहे हैं. तीन दिन तक यदि प्रशासन न्याय करता है, तो ठीक है वरना 36 कौम को साथ लेकर बहन के न्याय के लिए लंबी लड़ाई लड़ेंगे.” </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>वसुंधरा हॉस्पिटल के निदेशक ने क्या कहा?</strong><br />वहीं वसुंधरा हॉस्पिटल के निदेशक डॉक्टर संजय मकवाना ने बताया कि 5 सितंबर को सर्जरी के बाद प्रियंका शाम को पूरी रात ठीक थीं. सुबह उन्हें चिड़चिड़ापन महसूस हुआ, जिसके लिए ब्लड टेस्ट किए गए, जिसमें कुछ इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन दिखाया गया, जिसके लिए उन्हें आईसीयू में ट्रांसफर किया गया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इस बीच सोनोलॉजिस्ट ने उनके पेट का स्कैन किया. साथ ही हृदय रोग विशेषज्ञ ने किसी भी विकृति को दूर करने के लिए इकोकार्डियोग्राफी भी की. वहीं चिड़चिड़ापन और बेचैनी का कारण जानने के लिए न्यूरोलॉजिस्ट को बुलाया गया. इस बीच उनके परिजनों ने आगे के इलाज के लिए उनको अहमदाबाद रेफर करने का अनुरोध किया. वहां पहुंचने पर सीटी स्कैन ने दिमाग में ब्लीडिंग दिखाया, जो मुख्य रूप से एवी विकृति (जन्मजात विकृति) के कारण होता है.</p>
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</div> <p style=”text-align: justify;”><strong>Priyanka Bishnoi RAS Death:</strong> राजस्थान के जोधपुर की एसडीएम प्रियंका बिश्नोई की अहमदाबाद में 15 दिनों तक चले इलाज के बाद 19 सितंबर को मौत हो गई. प्रियंका बिश्नोई की मौत के बाद शव गुरुवार को पोस्टमार्टम के लिए एम्स मोर्चरी लाया गया, जहां परिजन और विश्नोई समाज के लोग धरने पर बैठ गए. लोगों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए वसुंधरा अस्पताल के डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और कानूनी कार्रवाई की मांग की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>धरना प्रदर्शन की सूचना मिलते ही पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) राजर्षि राज वर्मा ने धरनास्थल पर पहुंचे. यहां उन्होंने लोगों से बातचीत की और जांच कमेटी की रिपोर्ट में दोषी पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई का भरोसा दिलाया. इसके बाद परिजनों की सहमति मिलने पर मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाकर प्रियंका बिश्नोई का शव परिजन को सौंपा गया. फिर प्रियंका बिश्नोई का शव उनके ससुराल फलोदी के सुरपुरा ले जाया गया, जहां शाम सात बजे उनका अंतिम संस्कार किया गया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रियंका विश्नोई के अंतिम संस्कार में जोधपुर की सम्भागीय आयुक्त प्रतिभा सिंह और जोधपुर कलेक्टर गौरव अग्रवाल भी शामिल हुए. वहीं लोगों में आक्रोश के बाद पुलिस ने जोधपुर वसुंधरा हॉस्पिटल की सुरक्षा बढ़ा दी है. जोधपुर के स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने कहा, “प्रियंका बिश्नोई के शव के सम्मान के लिए हम अंतिम संस्कार कर रहे हैं. तीन दिन तक यदि प्रशासन न्याय करता है, तो ठीक है वरना 36 कौम को साथ लेकर बहन के न्याय के लिए लंबी लड़ाई लड़ेंगे.” </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>वसुंधरा हॉस्पिटल के निदेशक ने क्या कहा?</strong><br />वहीं वसुंधरा हॉस्पिटल के निदेशक डॉक्टर संजय मकवाना ने बताया कि 5 सितंबर को सर्जरी के बाद प्रियंका शाम को पूरी रात ठीक थीं. सुबह उन्हें चिड़चिड़ापन महसूस हुआ, जिसके लिए ब्लड टेस्ट किए गए, जिसमें कुछ इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन दिखाया गया, जिसके लिए उन्हें आईसीयू में ट्रांसफर किया गया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इस बीच सोनोलॉजिस्ट ने उनके पेट का स्कैन किया. साथ ही हृदय रोग विशेषज्ञ ने किसी भी विकृति को दूर करने के लिए इकोकार्डियोग्राफी भी की. वहीं चिड़चिड़ापन और बेचैनी का कारण जानने के लिए न्यूरोलॉजिस्ट को बुलाया गया. इस बीच उनके परिजनों ने आगे के इलाज के लिए उनको अहमदाबाद रेफर करने का अनुरोध किया. वहां पहुंचने पर सीटी स्कैन ने दिमाग में ब्लीडिंग दिखाया, जो मुख्य रूप से एवी विकृति (जन्मजात विकृति) के कारण होता है.</p>
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