झज्जर के गांव रूढ़ियावास के पास ट्रक और मोटरसाइकिल की टक्कर हो गई। जिससे सड़क हादसे में मोटरसाइकिल सवार एक युवक की मौत हो गई। सड़क हादसे की सूचना स्थानीय पुलिस को दी गई और सूचना मिलते ही पुलिस टीम भी मौके पर पहुंची और मृतक युवक के शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए झज्जर के नागरिक अस्पताल में भेजा गया l मृतक की पहचान 25 वर्षीय अमित पुत्र राजेश निवासी गांव रूढ़ियावास जिला झज्जर के रूप में हुई है l निजी कंपनी में काम करता था युवक जानकारी अनुसार मृतक अविवाहित था और झज्जर जिले के गांव रायपुर के पास स्थित एक निजी कंपनी में काम करता था l मृतक अमित कंपनी में जाने के लिए मोटरसाइकिल पर सवार होकर घर से निकला था और जब वह गांव से कुछ ही दूरी पर पहुंचा तो तेज रफ्तार ट्रक की मोटरसाइकिल से टक्कर होने पर सड़क हादसे का शिकार हो गया l मृतक परिवार का इकलौता कमाने वाला था। घर से कंपनी के लिए निकला था उसके पिता की करीब 6 साल पहले ही मौत हो चुकी है l मातनहेल चौकी प्रभारी एसआई कुलदीप ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि रूढ़ियावास गांव के पास ट्रक और मोटरसाइकिल की टक्कर से सड़क हादसा हुआ है। जिसमें मोटरसाइकिल सवार एक युवक की मौत हुई है। सूचना पाकर पुलिस टीम मौके पर पहुंची और मृतक के ताऊ के लड़के संदीप के बयान पर अज्ञात ट्रक चालक के खिलाफ लापरवाही से ट्रक चलाने का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने मृतक के शव को अपने कब्जे में लेकर झज्जर के नागरिक अस्पताल में पोस्टमॉर्टम कराए जाने के बाद शव परिजनों के हवाले कर दिया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और जल्द ही आरोपी ट्रक चालक को गिरफ्तार किया जाएगा l झज्जर के गांव रूढ़ियावास के पास ट्रक और मोटरसाइकिल की टक्कर हो गई। जिससे सड़क हादसे में मोटरसाइकिल सवार एक युवक की मौत हो गई। सड़क हादसे की सूचना स्थानीय पुलिस को दी गई और सूचना मिलते ही पुलिस टीम भी मौके पर पहुंची और मृतक युवक के शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए झज्जर के नागरिक अस्पताल में भेजा गया l मृतक की पहचान 25 वर्षीय अमित पुत्र राजेश निवासी गांव रूढ़ियावास जिला झज्जर के रूप में हुई है l निजी कंपनी में काम करता था युवक जानकारी अनुसार मृतक अविवाहित था और झज्जर जिले के गांव रायपुर के पास स्थित एक निजी कंपनी में काम करता था l मृतक अमित कंपनी में जाने के लिए मोटरसाइकिल पर सवार होकर घर से निकला था और जब वह गांव से कुछ ही दूरी पर पहुंचा तो तेज रफ्तार ट्रक की मोटरसाइकिल से टक्कर होने पर सड़क हादसे का शिकार हो गया l मृतक परिवार का इकलौता कमाने वाला था। घर से कंपनी के लिए निकला था उसके पिता की करीब 6 साल पहले ही मौत हो चुकी है l मातनहेल चौकी प्रभारी एसआई कुलदीप ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि रूढ़ियावास गांव के पास ट्रक और मोटरसाइकिल की टक्कर से सड़क हादसा हुआ है। जिसमें मोटरसाइकिल सवार एक युवक की मौत हुई है। सूचना पाकर पुलिस टीम मौके पर पहुंची और मृतक के ताऊ के लड़के संदीप के बयान पर अज्ञात ट्रक चालक के खिलाफ लापरवाही से ट्रक चलाने का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने मृतक के शव को अपने कब्जे में लेकर झज्जर के नागरिक अस्पताल में पोस्टमॉर्टम कराए जाने के बाद शव परिजनों के हवाले कर दिया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और जल्द ही आरोपी ट्रक चालक को गिरफ्तार किया जाएगा l हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा के सांसद ने राज्यसभा छोड़ी:उपराष्ट्रपति को इस्तीफा सौंपा; अब राज्य सरकार में मंत्रीपद की कोशिश में जुटे
हरियाणा के सांसद ने राज्यसभा छोड़ी:उपराष्ट्रपति को इस्तीफा सौंपा; अब राज्य सरकार में मंत्रीपद की कोशिश में जुटे हरियाणा में विधायक बनने के बाद राज्य सभा सांसद कृष्ण लाल पंवार ने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राज्यसभा सदस्य रहते हुए भाजपा की टिकट पर इसराना हलके से चुनाव लड़ा था। विधायक चुने जाने के बाद उन्होंने राज्यसभा से त्यागपत्र दिया है। वे 2014 में भाजपा सरकार में परिवहन मंत्री रह चुके हैं। अब एक बार फिर से मंत्रीपद की दौड़ में हैं। जानकारी अनुसार कृष्णलाल पंवार ने उप राष्ट्रपति और राज्यसभा के अध्यक्ष जगदीप धनखड़ को अपना इस्तीफा सौंपा है। स्पीकर ने तुरंत प्रभाव से उनका इस्तीफा मंजूर भी कर लिया है। कृष्ण लाल पंवार इसराना विधानसभा सीट से विधायक बने हैं। इसके बाद ही उन्होंने राज्यसभा छोड़नी पड़ी है। बॉयलर ऑपरेटर थे कृष्ण लाल पंवार
कृष्ण लाल पंवार का जन्म पानीपत जिले के मतलौडा में 1 जनवरी 1958 को हुआ। उनके पास 10वीं और 5 वर्षीय बॉयलर कैप्टेन्सी का डिप्लोमा है। वो थर्मल बॉयलर ऑपरेटर से सेवानिवृत्त होकर राजनीतिक में आए थे। उन्होंने इंडियन नेशनल लोकदल में राजनीतिक करियर की शुरुआत की और उसके बाद भारतीय जनता पार्टी को जॉइन किया। पंवार ने थर्मल पावर प्लांट में 12 साल की नौकरी कर साल 1991 में इस्तीफा दिया था। ओम प्रकाश चौटाला के नेतृत्व में उन्होंने असंध विधानसभा सीट से 1991 का चुनाव और पहली बार में ही जीत कर विधायक बनें। इसके बाद वो इनेलो की ही टिकट पर 1996 और 2000 में असंध से विधायक बने। 2000 में उनको हाउसिंग बोर्ड का चेयरमैन बनाया। 2005 में वो चुनाव हार गए। 2009 में इसराना विधानसभा से उन्होंने एक बार फिर इनेलो के टिकट पर जीत दर्ज की। बलवीर सिंह वाल्मिकी को हराया
इसराना विधानसभा सीट पर कृष्ण लाल पंवार ने कांग्रेस के बलवीर सिंह वाल्मिकी को हराया। कृष्ण लाल पंवार को 67538 वोट मिले। बलवीर सिंह वाल्मिकी को 53643 वोट मिले. निर्दलीय राकेश सरोहा 4283 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे। कुलदीप बिश्नोई दावेदारी जता रहे
हरियाणा में खाली हो रही राज्यसभा सीट के लिए उन्होंने लॉबिंग शुरू कर दी है। बिश्नोई परिवार फिर से अपनी राजनीतिक जमीन बनाने में जुट गया है। 11 अक्टूबर को दिल्ली में कुलदीप बिश्नोई ने उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात की। उनके साथ कुलदीप बिश्नोई का पूरा परिवार भी मौजूद था। इस दौरान हरियाणा विधानसभा चुनाव और आगामी राजनीति को लेकर चर्चा हुई। किरण चौधरी हाल ही में चुनी गई हैं राज्यसभा सांसद
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कुलदीप बिश्नोई राज्यसभा की खाली हुई सीट पर चुनाव लड़कर राज्यसभा जाना चाहते हैं। राज्यसभा सीट के लिए भाजपा के पास पूर्ण बहुमत भी है। इससे पहले दीपेंद्र हुड्डा के लोकसभा सांसद बनने पर खाली हुई राज्यसभा सीट पर किरण चौधरी ने चुनाव लड़ा और वह राज्यसभा सांसद चुनी गईं। किरण चौधरी के सामने विपक्ष चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। भूपेंद्र हुड्डा अकसर यह कहते नजर आए कि हमारे पास बहुमत नहीं है।
करनाल में डबल डेकर बस में जबरन बैठाए 300 यात्री:अंबाला से बिहार जा रही थी बस, कई लोग बेहोश, पुलिस ने पकड़ा
करनाल में डबल डेकर बस में जबरन बैठाए 300 यात्री:अंबाला से बिहार जा रही थी बस, कई लोग बेहोश, पुलिस ने पकड़ा हरियाणा के करनाल के तरावड़ी में एक निजी डबल डेकर बस का चालक प्रवासी मजदूरों को जानवरों की तरह भरकर ले जा रहा था। हंगामा होने पर पुलिस पहुंची और जब यात्रियों को बस से बाहर निकाला गया तो करीब 300 यात्री बस के अंदर से बाहर निकले। कुछ महिलाएं तो बेहोश भी हो गई थीं। प्रवासियों का आरोप है कि बस संचालकों ने हमारे साथ मारपीट भी की और स्लीपर का किराया 2000 रुपये वसूला। रविवार रात लक्ष्य टूर एंड ट्रैवल की डबल डेकर बस को अंबाला से बिहार जाना था। बस अंबाला से यात्रियों से भरी हुई निकली थी। जिस बस में आमतौर पर 70 से 80 यात्री होते हैं, उसमें करीब 300 यात्री ठूंस-ठूंस कर भरे हुए थे। बस के अंदर की स्थिति का अंदाजा आप खुद ही लगा सकते हैं। करीब एक घंटे बाद बस के अंदर ठूंस दिए गए यात्रियों की तबियत खराब होने लगी। कुछ को उल्टी होने लगी तो कुछ बेहोश होने लगे। जिसके बाद यात्रियों ने हंगामा शुरू कर दिया और बस को तरावड़ी के पास रुकवाया गया। पास में मौजूद एक चौकीदार ने तरावड़ी पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। हमें जानवरों की तरह ठूंस दिया गया प्रवासी प्यारे मोहन ने बताया कि हम अंबाला से लखनऊ जा रहे थे। हमसे 2 हजार रुपए लिए गए और कहा गया कि स्लीपर सीट मिलेगी, सोते हुए चले जाओ। जब हम बस के पास पहुंचे तो वहां सैकड़ों लोग थे, हमें वहां लाइन में खड़ा कर दिया गया और गाली-गलौज कर जबरन बस के अंदर ठूंस दिया गया। जिस बस में 70-80 यात्री बैठ सकते हैं, उसमें 300 यात्री भरे हुए थे। कुछ लोग रो रहे थे तो कुछ बेहोश हो गए थे। वजन इतना ज्यादा था कि पहिए का शॉक एब्जॉर्बर भी टूट गया। 4 की जगह 13 लोग बैठे प्रवासी रामदुलारे ने बताया कि मुझे बिहार जाना था। हमें बताया गया था कि एक स्लीपर में चार लोग बैठेंगे, लेकिन वहां 13 लोग बैठे थे। हमें जबरन बैठाया गया और गाली-गलौज और मारपीट भी की गई। हम लाचार होकर चुपचाप बैठे रहे, ताकि हमें और नुकसान न हो। निजी ट्रांसपोर्टर वसूलते हैं भारी किराया तरवाड़ी थाना एसएचओ मुकेश कुमार ने बताया कि हमें रात 2 बजे एक कॉल आई थी। जिसमें कुछ प्रवासी मजदूरों ने बताया कि बस चालक उन्हें काफी परेशान कर रहे हैं और बस में सवार लोग बीमार भी पड़ गए हैं। हमने मौके पर पहुंचकर चालक को काबू किया और यात्रियों को बस से उतारा। बस के अंदर 250 से 300 यात्री सवार थे। बस को भी कब्जे में लेकर थाने भेज दिया गया है और प्रवासियों के लिए दूसरी बसें मंगवाई गई हैं। इन प्रवासियों को यहां से ले जाने में करीब 3 बसें लगी। उन्होंने बताया कि जब हमने यात्रियों को बस से बाहर निकाला तो उसके अंदर यात्री बेहोशी की हालत में मिले। उन्हें पीने के लिए पानी दिया गया। गनीमत रही कि कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। बस में छोटे बच्चे और महिलाएं भी थे।
विनेश-बजरंग की सियासत ने हरियाणा को चौंकाया:चुनाव से पहले हुड्डा ग्रुप संग थे; अब कुमारी सैलजा के साथ नजर आए
विनेश-बजरंग की सियासत ने हरियाणा को चौंकाया:चुनाव से पहले हुड्डा ग्रुप संग थे; अब कुमारी सैलजा के साथ नजर आए रेसलिंग से राजनीति में आए बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट की सियासत ने सबको चौंका दिया है। हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले विनेश-बजरंग हुड्डा ग्रुप के साथ रहे। चुनाव के दौरान भी विनेश फोगाट के लिए दीपेंद्र हुड्डा प्रचार करते दिखे। हालांकि, मंगलवार (22 अक्टूबर) को बजरंग पूनिया ने दिल्ली में ऑल इंडिया किसान कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष का पदभार संभाला। इस दौरान उनके साथ सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा मौजूद रहीं। यह चौंकाने वाला इस वजह से है, क्योंकि हरियाणा कांग्रेस में हुड्डा और सैलजा गुट आपस में विरोधी है। चुनाव में भी इनकी गुटबाजी नजर आती रही। चुनाव में हार के लिए भी सैलजा गुट भूपेंद्र हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा को जिम्मेदार ठहरा रहा है। इसके बावजूद विनेश फोगाट के जुलाना से MLA बनने के बाद बजरंग को पदभार संभालते वक्त दीपेंद्र हुड्डा की गैरमौजूदगी से कई तरह की चर्चाएं खड़ी हो गई हैं। वहीं, इसे लेकर बजरंग पूनिया ने कहा कि भूपेंद्र हुड्डा हमारे सीनियर नेता हैं। आगे भी हम उनके नेतृत्व में काम करते रहेंगे। शुरू से हुड्डा गुट के करीबी रहे विनेश-बजरंग
विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया शुरू से ही हुड्डा गुट के ही करीबी रहे हैं। जब विनेश, बजरंग और साक्षी मलिक ने अन्य पहलवानों के साथ भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला था, तब कांग्रेस पार्टी के कई नेता उनकी सपोर्ट में दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहुंचे थे। ज्यादातर पहलवान हरियाणा के थे, इसलिए कांग्रेस पार्टी से हरियाणा के CM रहे भूपेंद्र हुड्डा भी उस समय पहलवानों के समर्थन में पहुंचे थे। शुरुआत में तो पहलवानों ने अपने मुद्दे पर राजनीति न करने के लिए कहा था, लेकिन बाद में उन्होंने कांग्रेस का समर्थन पा लिया। तब से ही विनेश और बजरंग हुड्डा गुट के करीबी हो गए थे। पहलवान आंदोलन में हुड्डा दिखे
पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा पहलवानों के समर्थन में खुद जंतर-मंतर पर पहुंचे थे। उनके साथ हरियाणा कांग्रेस का विधायक दल भी वहां पहुंचा था। तब हुड्डा ने खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाते हुए कहा था कि न्याय मिलने में देर हो सकती है, मगर अंधेर नहीं होगी। खिलाड़ी संयम और हिम्मत बनाए रखें। देश का मान बढ़ाने वाले खिलाड़ियों के साथ कांग्रेस खड़ी है। विनेश के स्वागत में पहुंचे दीपेंद्र हुड्डा
जब विनेश फोगाट पेरिस ओलिंपिक के फाइनल से डिस्क्वालिफाई होकर देश लौटीं तो उनका स्वागत करने के लिए खुद सांसद दीपेंद्र हुड्डा दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे थे। एयरपोर्ट से लेकर विनेश के बलाली गांव पहुंचने तक तमाम कांग्रेस नेताओं, 2 विधायकों और पार्टी टिकट के कई दावेदारों ने विनेश का स्वागत किया। दीपेंद्र ने ही एयरपोर्ट के अंदर विनेश को रिसीव किया था। वह खुद सुरक्षाकर्मियों के घेरे में विनेश को लेकर दिल्ली एयरपोर्ट से बाहर आए। जब रोड शो निकला तो विनेश की गाडी के बोनट पर विनेश के साथ बजरंग पूनिया व साक्षी मलिक के अलावा दीपेंद्र हुड्डा भी बैठे। पेरिस से लौटकर हुड्डा परिवार से मिलीं
विनेश फोगाट जब पेरिस से लौटीं तो वह नई दिल्ली में भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके परिवार से मिलीं। तब विनेश ने कांग्रेस की सदस्यता नहीं ली थी, लेकिन चर्चा थी कि विनेश विधानसभा चुनाव लड़ सकती हैं। तब भूपेंद्र हुड्डा ने कहा था, “एथलीट सिर्फ एक पार्टी के नहीं होते। वे पूरे देश के होते हैं।” हुड्डा ने कहा कि विनेश के साथ अन्याय हुआ है। उन्हें उनका उचित सम्मान मिलना चाहिए। उन्हें राज्यसभा में मनोनीत किया जाना चाहिए। उन्हें वही सम्मान मिलना चाहिए जो स्वर्ण पदक विजेता को मिलता है। हुड्डा ने कांग्रेस जॉइन कराने की बात कही
जब विनेश और बजरंग की कांग्रेस से नजदीकियां बढ़ने लगी थीं तो भूपेंद्र हुड्डा ने कहा था कि अगर कोई पार्टी में शामिल होता है, तो हम उसका स्वागत करते हैं। उन्होंने विनेश के मामले में कहा था कि यह विनेश पर ही निर्भर करेगा। टिकट दिलाने और जिताने में भूमिका निभाई
वहीं, कांग्रेस सूत्र बताते हैं कि चुनाव से पहले जब केंद्रीय चुनाव समिति की मीटिंग हुई तब भूपेंद्र हुड्डा ने विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को टिकट देने की पैरवी की थी। हुड्डा ने कहा था कि पहलवानों के साथ खड़े होने से हरियाणा में लोगों का समर्थन कांग्रेस के पक्ष में आएगा। केंद्रीय चुनाव समिति ने इसके लिए चर्चा के बाद हामी भी भर दी थी। हालांकि, चुनाव लड़ने या न लड़ने और सीट चुनने का फैसला तब विनेश और बजरंग पर ही छोड़ा गया था। बाद में विनेश ने जुलाना से चुनाव लड़ा और बजरंग को ऑल इंडिया किसान कांग्रेस का वर्किंग चेयरमैन बनाया गया। हरियाणा में हुड्डा Vs सैलजा क्यों?
हरियाणा चुनाव के दौरान हुड्डा गुट की सैलजा गुट से ठनी रही। टिकटों के बंटवारे से लेकर चुनाव प्रचार तक दोनों ग्रुपों में खींचतान चलती रही। टिकट बंटवारे में भूपेंद्र हुड्डा ने अपना वर्चस्व दिखाते हुए ज्यादातर सीटों पर अपने समर्थकों को टिकट दिलाया। वहीं, कांग्रेस हाईकमान ने सैलजा समर्थक करीब 5 दावेदारों को टिकट दिए। जब सैलजा की बंटवारे में नहीं चली तो उन्होंने हुड्डा समर्थकों के चुनाव प्रचार से दूरी बना ली। वहीं, हुड्डा भी सैलजा समर्थक उम्मीदवारों की रैलियों में नहीं पहुंचे। इस दौरान दोनों गुटों ने एक-दूसरे पर जुबानी हमले भी किए। भूपेंद्र हुड्डा और कुमारी सैलजा दोनों ही हरियाणा CM की कुर्सी पर अपनी दावेदारी ठोक रहे थे। हालांकि, हाईकमान ने किसी का नाम प्रस्तावित नहीं किया था।