हरियाणा के रेवाड़ी स्टेशन पर पार्षद दलीप माटा की जेब कट गई। पार्षद दिल्ली जाने के लिए स्टेशन पहुंचे थे। उन्होंने ट्रेन में चढ़ने से पहले टिकट काउंटर से टिकट खरीदा था। तभी भीड़ में से किसी ने उनकी जेब काटकर पैसे और आईडी कार्ड निकाल लिया। GRP ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार रेवाड़ी शहर के तेजपुरा मोहल्ला निवासी वार्ड नंबर 11 के पार्षद दलीप माटा ने बताया कि वह ट्रेन से दिल्ली जाने के लिए स्टेशन गए थे। ट्रेन में चढ़ने से पहले उन्होंने स्टेशन परिसर में ही टिकट काउंटर से दिल्ली का टिकट खरीदा। उस समय टिकट काउंटर पर कतार लगी हुई थी। 9500 रुपए नकद और आईडी कार्ड चोरी टिकट खरीदने के बाद जब वह ट्रेन पकड़ने के लिए प्लेटफॉर्म पर पहुंचा तो उसकी जेब से 9500 रुपए नकद और आईडी कार्ड गायब था। जब उसने जेब देखी तो पता चला कि किसी ने उसे ब्लेड से काट दिया है। वह दोबारा टिकट काउंटर पर भी गया, लेकिन उसे काटने वाला आरोपी नहीं मिला। इसके बाद पार्षद ने तुरंत GRP को सूचना दी। CCTV के जरिए तलाश जारी GRP की एक टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने स्टेशन परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले। कुछ संदिग्धों की फोटो जुटाकर पुलिस ने पार्षद दलीप माटा की शिकायत पर मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। फिलहाल दलीप माटा की जेब काटने वाले आरोपियों का कोई सुराग नहीं मिल पाया है। हरियाणा के रेवाड़ी स्टेशन पर पार्षद दलीप माटा की जेब कट गई। पार्षद दिल्ली जाने के लिए स्टेशन पहुंचे थे। उन्होंने ट्रेन में चढ़ने से पहले टिकट काउंटर से टिकट खरीदा था। तभी भीड़ में से किसी ने उनकी जेब काटकर पैसे और आईडी कार्ड निकाल लिया। GRP ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार रेवाड़ी शहर के तेजपुरा मोहल्ला निवासी वार्ड नंबर 11 के पार्षद दलीप माटा ने बताया कि वह ट्रेन से दिल्ली जाने के लिए स्टेशन गए थे। ट्रेन में चढ़ने से पहले उन्होंने स्टेशन परिसर में ही टिकट काउंटर से दिल्ली का टिकट खरीदा। उस समय टिकट काउंटर पर कतार लगी हुई थी। 9500 रुपए नकद और आईडी कार्ड चोरी टिकट खरीदने के बाद जब वह ट्रेन पकड़ने के लिए प्लेटफॉर्म पर पहुंचा तो उसकी जेब से 9500 रुपए नकद और आईडी कार्ड गायब था। जब उसने जेब देखी तो पता चला कि किसी ने उसे ब्लेड से काट दिया है। वह दोबारा टिकट काउंटर पर भी गया, लेकिन उसे काटने वाला आरोपी नहीं मिला। इसके बाद पार्षद ने तुरंत GRP को सूचना दी। CCTV के जरिए तलाश जारी GRP की एक टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने स्टेशन परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले। कुछ संदिग्धों की फोटो जुटाकर पुलिस ने पार्षद दलीप माटा की शिकायत पर मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। फिलहाल दलीप माटा की जेब काटने वाले आरोपियों का कोई सुराग नहीं मिल पाया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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महाकुंभ का IITian बाबा हरियाणा का रहने वाला:एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की, कनाडा में 3 लाख की नौकरी छोड़ी, 6 महीने पहले घरवालों से संपर्क तोड़ा
महाकुंभ का IITian बाबा हरियाणा का रहने वाला:एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की, कनाडा में 3 लाख की नौकरी छोड़ी, 6 महीने पहले घरवालों से संपर्क तोड़ा उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में IITian बाबा अभय सिंह खूब सुर्खियों में हैं। अभय ने IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की। इसके बाद कनाडा जाकर एरोप्लेन बनाने वाली कंपनी में काम किया। हालांकि अचानक वह देश लौटे और कुछ समय बाद घर से गायब हो गए। अभय हरियाणा के झज्जर जिले के रहने वाले हैं। उनके पिता कर्ण सिंह वकील हैं और झज्जर बार एसोसिएशन के प्रधान भी रह चुके हैं। महाकुंभ से जब उनकी वीडियो वायरल हुई तो परिवार को पता चला। हालांकि अब वे इस बारे में ज्यादा बात नहीं करना चाहते। अभय सिंह के इंजीनियर से संन्यासी बनने की कहानी… कोचिंग के लिए कोटा की जगह दिल्ली गया
अभय सिंह का जन्म झज्जर के गांव सासरौली में हुआ। वह ग्रेवाल गोत्र के जाट परिवार में जन्मे। अभय ने शुरुआती पढ़ाई झज्जर जिले से की। पढ़ाई में वह बहुत होनहार थे। इसके बाद परिवार उन्हें IIT की कोचिंग के लिए कोटा भेजना चाहता था। मगर अभय ने दिल्ली में कोचिंग लेने की बात कही। IIT बॉम्बे में पढ़ाई, कनाडा में काम किया
कोचिंग के बाद अभय ने IIT का एग्जाम क्रैक कर लिया। जिसके बाद उन्हें IIT बॉम्बे में एडमिशन मिल गया। अभय ने वहां से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री ली। इसके बाद डिजाइनिंग में मास्टर डिग्री की। अभय की छोटी बहन कनाडा में रहती है। पढ़ाई पूरी करने के बाद परिवार ने उन्हें अच्छे फ्यूचर के लिए कनाडा भेज दिया। कनाडा में अभय ने कुछ समय एरोप्लेन बनाने वाली कंपनी में काम भी किया। जहां उन्हें 3 लाख सेलरी मिलती थी। लॉकडाउन की वजह से कनाडा में फंसे
इसके बाद कनाडा में लॉकडाउन लग गया। जिस वजह से अभय भी कनाडा में ही फंस गए। परिवार का कहना है कि अभय का अध्यात्म में पहले से ही इंटरेस्ट था। लॉकडाउन के दौरान अभय जब अकेला पड़ा तो उसने अपनी जिंदगी के बारे में ज्यादा गंभीरता से सोचना शुरू कर दिया। घर लौटे तो ध्यान लगाने लगे
हालांकि जब लॉकडाउन हटा तो अभय भारत लौट आए। यहां आने के बाद वह अचानक फोटोग्राफी करने लगे। अभय सिंह को घूमने का भी शौक रहा, इसलिए वह केरल गए। उज्जैन कुंभ में भी गए थे। हरिद्वार भी गए। कनाडा से लौटने के बाद अभय घर में ध्यान भी लगाने लगे। परिवार जब उनकी शादी की बात करता तो उसे अच्छा नहीं लगता था। हालांकि उनके मन में क्या चल रहा था, इसका आभास परिवार में किसी को नहीं था। 11 महीने पहले अचानक घरवालों से संपर्क कटा
परिवार के मुताबिक 11 महीने पहले अचानक अभय सबके संपर्क से बाहर हो गया। परिवार ने बहुत कोशिश की, लेकिन बात नहीं हो पाई। वह इतना कहते थे कि कोई जरूरी काम हो तो मैसेज कर दिया करो। हालांकि करीब 6 महीने पहले परिवार को चिंता हुई और अभय से बात करनी चाही तो उन्होंने माता–पिता और बहन का नंबर भी ब्लॉक कर दिया। पिता बोले- वापसी पर तकलीफ होगी, मां संन्यासी बनने से दुखी
मीडिया से बातचीत में अभय के पिता ने कहा कि वह बचपन से ही बातें बहुत कम करता था। मगर हमें कभी यह आभास नहीं था कि वह अध्यात्म के रास्ते पर चल पड़ेगा। क्या वह अपने बेटे को घर लौटने के लिए कहेंगे तो इस पर उन्होंने कहा कि मैं कह तो दूंगा लेकिन उसे तकलीफ होगी। उसने अपने लिए जो निर्णय लिया, वही उसके लिए सही है। मैं कोई दबाव नहीं डालना चाहता। वह अपनी धुन का पक्का है। हालांकि इकलौते बेटे के अचानक संन्यास लेने से मां खुश नहीं है। अभय ने कहा था– मेरा काम परिवार को पसंद नहीं
इस मामले में मीडिया ने जब अभय सिंह से बात की थी तो उन्होंने कहा था कि मैं जो करना चाहता था, वह परिवार को पसंद नहीं था। घरवालों की शादी की बात में मेरी कोई रुचि नहीं थी। मैं हमेशा से ही घर छोड़ना चाहता था। इसीलिए मैंने IIT मुंबई से पढ़ाई की।
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सोनीपत में बाइक की टक्कर से व्यक्ति की मौत:एक घायल, पैदल ही जा रहा था, नहीं हो सकी मृतक की पहचान हरियाणा में सोनीपत के बड़ी गांव के पास स्थित हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रीयल एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपारेशन (HSIDC) गेट नंबर 1 के पास देर शाम एक सड़क हादसे में एक पैदल यात्री की मौत हो गई, जबकि बाइक सवार घायल हो गया। घायल को उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया। देर शाम करीब 6:30 बजे समालखा निवासी नितिन अपनी मोटरसाइकिल पर सवार होकर जा रहा था। प्रत्यक्षदर्शी और बड़ी गांव के सरपंच अरुण कुमार ने बताया कि टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि पैदल यात्री की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में बाइक सवार नितिन को भी मामूली चोटें आईं। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल सोनीपत भेज दिया गया। पुलिस ने इस मामले में धारा 106 और 281 BNS के तहत मामला दर्ज कर लिया है। मृतक की पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
हरियाणा में JJP को हर विधानसभा सीट पर झटका:चुनाव में जमानत नहीं बचा पाए कैंडिडेट, इनेलो-बसपा से कम वोट शेयर
हरियाणा में JJP को हर विधानसभा सीट पर झटका:चुनाव में जमानत नहीं बचा पाए कैंडिडेट, इनेलो-बसपा से कम वोट शेयर हरियाणा में इनेलो पार्टी से अलग होकर बनी जननायक जनता पार्टी (JJP) को लोकसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा। एक भी सीट जीतना तो दूर, पार्टी के कैंडिडेट अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए। इतना ही नहीं पार्टी 90 विधानसभा में एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाई। जजपा का वोट शेयर 0.87% रहा, जो बसपा और इनेलो से भी कम है। इस साल के लास्ट में हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में पार्टी की टेंशन बढ़ गई है। जजपा के बागी विधायक JJP के विधायक ही उसके खिलाफ
2019 के विधानसभा चुनाव में पार्टी के 10 विधायक बने थे, लेकिन इसमें से 6 विधायक पार्टी से बगावत कर अलग-अलग पार्टियों को हरियाणा में समर्थन कर रहे हैं। कुछ विधायक तो 2019 में भाजपा के साथ गठबंधन के बाद हुए मंत्रिमंडल विस्तार के बाद नाराज हो गए थे। इसमें दुष्यंत चौटाला डिप्टी सीएम बने थे। दुष्यंत के खिलाफ मोर्चा खोलने वालों में सबसे पहले विधायक नारनौंद के रामकुमार गौतम थे। इसके बाद धीरे-धीरे आधे से ज्यादा विधायक दुष्यंत चौटाला के खिलाफ हो गए। बागी विधायकों में टोहाना से देवेंद्र बबली, बरवाला से जोगीराम सिहाग, गुहला से ईश्वर सिंह, नरवाना से रामनिवास सुरजाखेड़ा, शाहबाद से रामकरण काला है। अब सिर्फ 4 विधायक ही जेजेपी के साथ है। इसमें खुद दुष्यंत चौटाला, उनकी मां नैना चौटाला, उकलाना से अनूप धानक और जुलाना से अमरजीत ढांडा शामिल हैं। 3 महीने पहले सीट शेयरिंग पर टूटा था गठबंधन
लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा में सीट शेयरिंग को लेकर हरियाणा में तकरीबन साढ़े 4 साल से मिलकर सरकार चला रहीं BJP और JJP का गठबंधन टूट गया था। जजपा भाजपा के साथ गठबंधन में रहते हुए लोकसभा की 2 सीटें मांग रही थी, मगर भाजपा खुद के दम पर चुनाव लड़ने के पक्ष में थी। दुष्यंत के सरकार विरोधी तेवर से बढ़ी बगावत
लोकसभा में सीट शेयरिंग पर समझौता न होने के बाद दुष्यंत चौटाला ने गठबंधन टूटने की बात कही। इसके बाद हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर को हटाकर नायब सैनी की अगुआई में नई सरकार बनी। हालांकि असली बात तब बिगड़ी, जब 3 निर्दलीय विधायकों ने भाजपा सरकार से समर्थन वापस ले लिया। इसके बाद दुष्यंत चौटाला ने सरकार को अल्पमत में बता कांग्रेस को सरकार गिराने के बदले समर्थन का ऑफर दे दिया। दुष्यंत ने यह भी कहा कि उनके सभी विधायकों को पार्टी व्हिप का पालन करना होगा। जिसके बाद बागी विधायकों के तेवर सख्त हो गए। चुनाव में जजपा को 0.87 प्रतिशत वोट मिले
लोकसभा चुनाव में पार्टी ने 10 सीटों पर कैंडिडेट उतारे, लेकिन सभी हार गए। जेजेपी को 0.87% ही वोट मिल पाए हैं। सबसे खराब स्थित सोनीपत, अंबाला, रोहतक और कुरुक्षेत्र में रही। यहां JJP कैंडिडेट्स 10 हजार से ऊपर वोट नहीं ले पाए। सबसे कम फरीदाबाद में नलिन हुड्डा को 5361 वोट मिले। वहीं सबसे अधिक वोट हिसार में दुष्यंत चौटाला की मां नैना चौटाला को मिले। नैना चौटाला को 22,032 वोट मिले। इसके अलावा पार्टी तीसरे से लेकर पांचवें स्थान पर रही। वहीं बसपा और इनेलो का प्रदर्शन जजपा से बेहतर रहा। हालांकि बसपा और इनेलो के कैंडिडेट्स की भी जमानत जब्त हुई। एडवोकेट योगेश सिहाग बोले- जजपा को अभी कोई खतरा नहीं
हिसार के वकील व राजनीतिक जानकार एडवोकेट योगेश सिहाग के अनुसार किसी भी पार्टी को स्टेट पार्टी का दर्जा बचाने के लिए 6 प्रतिशत से वोट हासिल करना जरूरी है। नियमों के हिसाब से अभी JJP को किसी तरह का खतरा नहीं है। मगर आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी को प्रदर्शन सुधारना होगा। आगामी लोकसभा चुनाव में मत प्रतिशत 6 प्रतिशत से ऊपर रखना होगा।