झांसी अग्निकांड में नवजात बेटा खोया…अब पति की मौत:बाइक डिवाइडर से टकराई; पत्नी बोली- 11 दिन में पूरी दुनिया उजड़ गई

झांसी अग्निकांड में नवजात बेटा खोया…अब पति की मौत:बाइक डिवाइडर से टकराई; पत्नी बोली- 11 दिन में पूरी दुनिया उजड़ गई

झांसी अग्निकांड में नवजात बेटे को खोने वाले एक पिता की भी आज मौत हो गई। वह अपने दोस्त के साथ नौकरी पर जा रहे थे। हाईवे पर उनकी ओवर स्पीड बाइक डिवाइडर से जा भिड़ी। हादसे में बॉबी की मौत हो गई, जबकि उनका दोस्त घायल है। उसे मेडिकल कॉलेज में एडमिट करवाया गया है। हादसे की खबर जैसे ही परिवार तक पहुंची, लोग चीख-पुकार मच गई। 11 दिन के भीतर पहले बच्चे और अब पति को खोने वाली पत्नी दीवार में सिर मारने लगी। चूड़ियां तोड़ते हुए कहने लगी कि ऊपर वाले दुनिया उजाड़ दी। महिलाओं ने संभालने का प्रयास किया, मगर वह बेसुध हो गई। अब विस्तार से पढ़िए… पुलिस बोली- दोस्त बाइक चला रहा था
बॉबी (25) आदिवासी थे। वह रक्सा थाना क्षेत्र के बाजना गांव का रहने वाले थे। उनके पिता कल्लू आदिवासी ने कहा- मेरा बेटा बॉबी मैरी गांव में काम करता था। सोमवार सुबह वह अपने दोस्त भीमा वंशकार के साथ बाइक से मैरी गांव जा रहा था। बाइक भीमा चला रहा था। जब दोनों शिवानी होटल से आगे बूढ़ा गांव की तरह पहुंचे तो उनकी बाइक डिवाइडर से टकरा गई। लोगों के मुताबिक, बाइक ओवर स्पीड थी, डिवाइडर आने पर कंट्रोल नहीं रख सके। बॉबी सिर के बल सड़क पर गिरा और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। जबकि भीमा वंशकार घायल है। उसका मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। बॉबी वही पिता है, जो दूसरे के बच्चे को बचा लाए थे
बॉबी की पत्नी काजल ने 13 नवंबर को जिला अस्पताल में अपने पहले बच्चे को जन्म दिया था। बच्चे की हालत गंभीर थी, डॉक्टरों ने वहां से मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। 15 नवंबर को ही उसे SNCU वार्ड में भर्ती कराया गया। उसी रात वार्ड में आग लग गई। हादसे के समय बॉबी मोबाइल पर बात कर रहा था। आग लगने पर वह वार्ड की ओर दौड़ा और दूसरे के बच्चे को बाहर निकाल लाया। वह बच्चे को जिला अस्पताल ले गया। जिला अस्पताल में बच्चे के हाथ में लगे टैग के जरिए उसे पता चला कि वह उसका नहीं है। मेडिकल कॉलेज वापस लौटने पर उसे अपना बच्चा वार्ड में मिला। लेकिन, 21 नवंबर को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मेडिकल प्रबंधन ने तब बताया था कि बॉबी के बच्चे की मौत बीमारी से हुई थी, उसे बर्न इंजरी नहीं थी। पिता बोले- मेरा कलेजा फटा जा रहा है
पोस्टमॉर्टम के बाद नवजात बच्चे का शव बॉबी के पिता कल्लू आदिवासी को सौंपा गया था। जब उन्होंने बच्चे का शव गोद में उठाया तो उनके हाथ कांपने लगे थे। अब बेटे बॉबी की लाश देखकर उनको गहरा सदमा लगा है। पिता ने कहा कि दो सप्ताह के अंदर दो मौत से मेरा कलेजा फटा जा रहा है। पहले नवजात पोते का अंतिम संस्कार किया। तब लोगों ने सांत्वना दी कि कुदरत को जो मंजूर था, वो हुआ। आगे और बच्चे हो जाएंगे। अब तो बेटा ही नहीं रहा। उनका रो रोकर बुरा हाल है। मामले में सीपरी बाजार थाना प्रभारी अखिलेश द्विवेदी का कहना है कि बाइक डिवाइडर से टकरा जाने से बॉबी की मौत हो गई, जबकि भीमा घायल है। पंचनामा भरकर शव का पोस्टमॉर्टम करवाया जा रहा है। …………………….. यह खबर भी पढ़ें:- गूगल मैप पर पूरा भरोसा नहीं कर सकते:सैटेलाइट फोटोज और यूजर डाटा अपडेट का जरिया; पहले भी बरेली पुल जैसे हादसे हुए हैं उत्तर प्रदेश के बरेली में गूगल मैप की वजह से कार आधे-अधूरे पुल से नीचे गिर गई। कार में सवार 2 भाइयों समेत 3 लोगों नितिन, अमित और अजीत की मौत हो गई थी। हादसे के 6 दिन बाद बदायूं पुलिस ने गूगल को नोटिस जारी किया है। गुरुग्राम ऑफिस को भेजे नोटिस में पुलिस ने पूछा है कि जहां हादसा हुआ यानी टूटे पुल को पूरा दिखाया, उस इलाके का मैनेजर कौन है? ताकि FIR में उसका नाम शामिल किया जा सके। पढ़ें पूरी खबर… झांसी अग्निकांड में नवजात बेटे को खोने वाले एक पिता की भी आज मौत हो गई। वह अपने दोस्त के साथ नौकरी पर जा रहे थे। हाईवे पर उनकी ओवर स्पीड बाइक डिवाइडर से जा भिड़ी। हादसे में बॉबी की मौत हो गई, जबकि उनका दोस्त घायल है। उसे मेडिकल कॉलेज में एडमिट करवाया गया है। हादसे की खबर जैसे ही परिवार तक पहुंची, लोग चीख-पुकार मच गई। 11 दिन के भीतर पहले बच्चे और अब पति को खोने वाली पत्नी दीवार में सिर मारने लगी। चूड़ियां तोड़ते हुए कहने लगी कि ऊपर वाले दुनिया उजाड़ दी। महिलाओं ने संभालने का प्रयास किया, मगर वह बेसुध हो गई। अब विस्तार से पढ़िए… पुलिस बोली- दोस्त बाइक चला रहा था
बॉबी (25) आदिवासी थे। वह रक्सा थाना क्षेत्र के बाजना गांव का रहने वाले थे। उनके पिता कल्लू आदिवासी ने कहा- मेरा बेटा बॉबी मैरी गांव में काम करता था। सोमवार सुबह वह अपने दोस्त भीमा वंशकार के साथ बाइक से मैरी गांव जा रहा था। बाइक भीमा चला रहा था। जब दोनों शिवानी होटल से आगे बूढ़ा गांव की तरह पहुंचे तो उनकी बाइक डिवाइडर से टकरा गई। लोगों के मुताबिक, बाइक ओवर स्पीड थी, डिवाइडर आने पर कंट्रोल नहीं रख सके। बॉबी सिर के बल सड़क पर गिरा और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। जबकि भीमा वंशकार घायल है। उसका मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। बॉबी वही पिता है, जो दूसरे के बच्चे को बचा लाए थे
बॉबी की पत्नी काजल ने 13 नवंबर को जिला अस्पताल में अपने पहले बच्चे को जन्म दिया था। बच्चे की हालत गंभीर थी, डॉक्टरों ने वहां से मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। 15 नवंबर को ही उसे SNCU वार्ड में भर्ती कराया गया। उसी रात वार्ड में आग लग गई। हादसे के समय बॉबी मोबाइल पर बात कर रहा था। आग लगने पर वह वार्ड की ओर दौड़ा और दूसरे के बच्चे को बाहर निकाल लाया। वह बच्चे को जिला अस्पताल ले गया। जिला अस्पताल में बच्चे के हाथ में लगे टैग के जरिए उसे पता चला कि वह उसका नहीं है। मेडिकल कॉलेज वापस लौटने पर उसे अपना बच्चा वार्ड में मिला। लेकिन, 21 नवंबर को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मेडिकल प्रबंधन ने तब बताया था कि बॉबी के बच्चे की मौत बीमारी से हुई थी, उसे बर्न इंजरी नहीं थी। पिता बोले- मेरा कलेजा फटा जा रहा है
पोस्टमॉर्टम के बाद नवजात बच्चे का शव बॉबी के पिता कल्लू आदिवासी को सौंपा गया था। जब उन्होंने बच्चे का शव गोद में उठाया तो उनके हाथ कांपने लगे थे। अब बेटे बॉबी की लाश देखकर उनको गहरा सदमा लगा है। पिता ने कहा कि दो सप्ताह के अंदर दो मौत से मेरा कलेजा फटा जा रहा है। पहले नवजात पोते का अंतिम संस्कार किया। तब लोगों ने सांत्वना दी कि कुदरत को जो मंजूर था, वो हुआ। आगे और बच्चे हो जाएंगे। अब तो बेटा ही नहीं रहा। उनका रो रोकर बुरा हाल है। मामले में सीपरी बाजार थाना प्रभारी अखिलेश द्विवेदी का कहना है कि बाइक डिवाइडर से टकरा जाने से बॉबी की मौत हो गई, जबकि भीमा घायल है। पंचनामा भरकर शव का पोस्टमॉर्टम करवाया जा रहा है। …………………….. यह खबर भी पढ़ें:- गूगल मैप पर पूरा भरोसा नहीं कर सकते:सैटेलाइट फोटोज और यूजर डाटा अपडेट का जरिया; पहले भी बरेली पुल जैसे हादसे हुए हैं उत्तर प्रदेश के बरेली में गूगल मैप की वजह से कार आधे-अधूरे पुल से नीचे गिर गई। कार में सवार 2 भाइयों समेत 3 लोगों नितिन, अमित और अजीत की मौत हो गई थी। हादसे के 6 दिन बाद बदायूं पुलिस ने गूगल को नोटिस जारी किया है। गुरुग्राम ऑफिस को भेजे नोटिस में पुलिस ने पूछा है कि जहां हादसा हुआ यानी टूटे पुल को पूरा दिखाया, उस इलाके का मैनेजर कौन है? ताकि FIR में उसका नाम शामिल किया जा सके। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर