झांसी में बुधवार को एक मंदिर के पुजारी की हत्या कर दी गई। उसके सिर और नाक में कीलें (सांग) ठोंक दी गईं। पुजारी 25 साल से पूजा कर रहा था, जबकि एक दुकानदार 2 साल पहले धार्मिक स्थल का सर्वेसर्वा बन गया। तब से दान के पैसों के बंटवारे को लेकर विवाद होने लगा। दुकानदार दान के पैसों में 50 प्रतिशत हिस्सा मांग रहा था, लेकिन पुजारी देने काे तैयार नहीं था। पुजारी के चचेरे भाई के मुताबिक, दुकानदार के भाई ने हत्या कर दी। फिर मंदिर से लाश बाहर फेंककर फर्श धो दी। घटना चिरगांव थाना क्षेत्र के बरल गांव की है। पुलिस ने कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया है। मंदिर का सर्वेसर्वा बनना चाहता था मेहरबान मृतक का नाम मंगल बाबा (55) पुत्र लालाराम अहिरवार था। वह बरल गांव का रहने वाला था। मृतक के चचेरे भाई भागचंद्र अहिरवार ने बताया कि गांव के पास कुचबंदिया बाबा का मंदिर है। जहां पर मंगल बाबा करीब 25 सालों से पुजारी थे। मंदिर परिसर में ही गांव का मेहरबान अहिरवार प्रसाद की दुकान लगाता था। धीरे-धीरे उसने अपना रुतबा बना लिया। करीब दो साल पहले मेहरबान मंदिर का ढोंगी महंत बन गया। वो मंदिर के दान का 50 प्रतिशत हिस्सा मांगने लगा। लेकिन, मंगल देने का तैयार नहीं था। इसको लेकर मेहरबान का परिवार रंजिश रखने लगा। मौका मिलते ही वे पैसा भी ले जाते थे। हत्या कर फर्श धोई, फिर दी सूचना चचेरे भाई ने बताया कि मंगल बाबा शराब भी पीता था। मंगलवार रात को वह धार्मिक स्थल पर सोया था। वहां पर मेहरबान का भाई भुमानी अहिरवार आया। दोनों के बीच विवाद हो गया। तब आरोपी ने मारपीट कर दी। बेसुध होने पर आरोपी ने मंगल बाबा के सिर में तीन बार मंदिर की लोहे की सांग (कील) ठोंक दी। उसके दाढ़ी के बाल भी उखाड़ दिए। हत्या के बाद लाश मंदिर में पड़ी रही। सुबह लोगों के मंदिर पहुंचने से पहले ही लाश को बाहर फेंक दिया। खून से सने फर्श को धो दिया गया। इसके बाद मेहरबान के परिवार ने गांव में सूचना दी कि मंगल बाबा मर गया। परिजन मौके पर पहुंचे। इसके बाद वे शव को घर ले गए। पुलिस ने संदिग्धों को उठाया परिजनों ने सुबह करीब 10 बजे पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने कुछ संदिग्धों को उठाया है। उनसे पूछताछ कर रही है। हत्या का आरोपी घर से फरार है। मंगल बाबा की मौत के बाद घर वालों और पत्नी राजकुमारी का रो-रोकर बुरा हाल है। उसके तीन बेटे नेपाल, नंदकिशोर और उमेश हैं, जबकि बेटी का नाम शीला है। । चिरगांव थाना प्रभारी तुलसी राम पांडेय ने कहा- मंदिर में दान के पैसों के विवाद को लेकर हत्या की बात सामने आई है। वारदात को भुमानी अहिरवार ने अंजाम दिया है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। झांसी में बुधवार को एक मंदिर के पुजारी की हत्या कर दी गई। उसके सिर और नाक में कीलें (सांग) ठोंक दी गईं। पुजारी 25 साल से पूजा कर रहा था, जबकि एक दुकानदार 2 साल पहले धार्मिक स्थल का सर्वेसर्वा बन गया। तब से दान के पैसों के बंटवारे को लेकर विवाद होने लगा। दुकानदार दान के पैसों में 50 प्रतिशत हिस्सा मांग रहा था, लेकिन पुजारी देने काे तैयार नहीं था। पुजारी के चचेरे भाई के मुताबिक, दुकानदार के भाई ने हत्या कर दी। फिर मंदिर से लाश बाहर फेंककर फर्श धो दी। घटना चिरगांव थाना क्षेत्र के बरल गांव की है। पुलिस ने कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया है। मंदिर का सर्वेसर्वा बनना चाहता था मेहरबान मृतक का नाम मंगल बाबा (55) पुत्र लालाराम अहिरवार था। वह बरल गांव का रहने वाला था। मृतक के चचेरे भाई भागचंद्र अहिरवार ने बताया कि गांव के पास कुचबंदिया बाबा का मंदिर है। जहां पर मंगल बाबा करीब 25 सालों से पुजारी थे। मंदिर परिसर में ही गांव का मेहरबान अहिरवार प्रसाद की दुकान लगाता था। धीरे-धीरे उसने अपना रुतबा बना लिया। करीब दो साल पहले मेहरबान मंदिर का ढोंगी महंत बन गया। वो मंदिर के दान का 50 प्रतिशत हिस्सा मांगने लगा। लेकिन, मंगल देने का तैयार नहीं था। इसको लेकर मेहरबान का परिवार रंजिश रखने लगा। मौका मिलते ही वे पैसा भी ले जाते थे। हत्या कर फर्श धोई, फिर दी सूचना चचेरे भाई ने बताया कि मंगल बाबा शराब भी पीता था। मंगलवार रात को वह धार्मिक स्थल पर सोया था। वहां पर मेहरबान का भाई भुमानी अहिरवार आया। दोनों के बीच विवाद हो गया। तब आरोपी ने मारपीट कर दी। बेसुध होने पर आरोपी ने मंगल बाबा के सिर में तीन बार मंदिर की लोहे की सांग (कील) ठोंक दी। उसके दाढ़ी के बाल भी उखाड़ दिए। हत्या के बाद लाश मंदिर में पड़ी रही। सुबह लोगों के मंदिर पहुंचने से पहले ही लाश को बाहर फेंक दिया। खून से सने फर्श को धो दिया गया। इसके बाद मेहरबान के परिवार ने गांव में सूचना दी कि मंगल बाबा मर गया। परिजन मौके पर पहुंचे। इसके बाद वे शव को घर ले गए। पुलिस ने संदिग्धों को उठाया परिजनों ने सुबह करीब 10 बजे पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने कुछ संदिग्धों को उठाया है। उनसे पूछताछ कर रही है। हत्या का आरोपी घर से फरार है। मंगल बाबा की मौत के बाद घर वालों और पत्नी राजकुमारी का रो-रोकर बुरा हाल है। उसके तीन बेटे नेपाल, नंदकिशोर और उमेश हैं, जबकि बेटी का नाम शीला है। । चिरगांव थाना प्रभारी तुलसी राम पांडेय ने कहा- मंदिर में दान के पैसों के विवाद को लेकर हत्या की बात सामने आई है। वारदात को भुमानी अहिरवार ने अंजाम दिया है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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Bihar Bandh: बिहार बंद के दौरान सड़कों पर उतरे पप्पू यादव समर्थक, आगजनी कर सरकार के खिलाफ की नारेबाजी
Bihar Bandh: बिहार बंद के दौरान सड़कों पर उतरे पप्पू यादव समर्थक, आगजनी कर सरकार के खिलाफ की नारेबाजी <p style=”text-align: justify;”><strong>Pappu Yadav Bihar Bandh:</strong> बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं पीटी परीक्षा को रद्द कराने की मांग को लेकर पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव की तरफ से आज (12 जनवरी) को बिहार बंद का आह्वान किया गया है. बंद के दौरान पटना के अशोक राजपथ पर पप्पू यादव के समर्थकों ने जाम लगा दिया है. साइंस कॉलेज के पास सड़क पर आगजनी कर रास्ते को बंद किया गया है. सड़क पर जमकर नारेबाजी की जा रही है. काम पर जा रहे लोगों को रोककर वापस भेजा जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बंद को लेकर पप्पू यादव के समर्थकों का कहना है कि ये लड़ाई बिहार के युवा भविष्य की है, ये लड़ाई देश स्तर तक जाएगी. आज बिहार बंद है आगे देश बंद करेंगे. BPSC के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि ये सिर्फ BPSC का मामला नही है, ये उन सभी परीक्षाओं के लिए है जिसमे धांधली होती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं बिहार बंद के आह्वान को लेकर अशोक राजपथ की कई दुकानें बंद दिखाई दे रही हैं. पप्पू यादव की तरफ से आज दूसरी बार बिहार बंद किया गया है. इससे पहले भी BPSC अभ्यर्थियों के समर्थन में 3 जनवरी को चक्का जाम किया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बिहार बंद पर बीजेपी ने कसा तंज</strong><br />बिहार बंद पर बीजेपी प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा ने तंज कसा है. उन्होंने कहा कि किसका बंद, कैसा बंद. जब बीपीएससी अभ्यर्थियों का मामला सुलट गया. परीक्षा हो गई, परीक्षा में अभ्यर्थी शामिल भी हुए. इसके नाम पर राजनीति करने वालों की हवा निकल गई, फिर बिहार बंद का नया नाटक क्या कहता है पब्लिक समझदार है. वो विपक्ष की नौटंकी की जानती है बंद को जनता का समर्थन ही नहीं है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि इसके नाम पर तोड़फोड़ और राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले और अशांति पैदा करने वाले तत्वों से सरकार सख्ती से निपटेगी. उन्होंने कहा कि चुनावी राजनीति में पिछड़ने वाले नेता विधानसभा चुनाव को देखते हुए अपनी राजनीति और अपना चेहरा चमकाने की कोशिश में लगे हैं. इसमें उनको सफलता नहीं मिलेगी. वो सावधान हो जाएं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”BPSC परीक्षा रद्द कराने को लेकर जन सुराज के प्रतिनिधिमंडल की राज्यपाल से मुलाकात, क्या हुई बात?” href=”https://www.abplive.com/states/bihar/jan-suraaj-delegation-meets-governor-arif-mohammed-khan-regarding-bpsc-exam-cancellation-demand-2861143″ target=”_blank” rel=”noopener”>BPSC परीक्षा रद्द कराने को लेकर जन सुराज के प्रतिनिधिमंडल की राज्यपाल से मुलाकात, क्या हुई बात?</a></strong></p>
हिमाचल में पोस्ट-मानसून सीजन में रिकॉर्डतोड़ सूखा:58 दिन से नहीं बरसे बादल; 63% जमीन पर गेंहू की बुवाई नहीं, पर्यटन पर पड़ने लगी मार
हिमाचल में पोस्ट-मानसून सीजन में रिकॉर्डतोड़ सूखा:58 दिन से नहीं बरसे बादल; 63% जमीन पर गेंहू की बुवाई नहीं, पर्यटन पर पड़ने लगी मार हिमाचल प्रदेश में पोस्ट-मानसून सीजन में इस बार रिकॉर्ड तोड़ सूखा है। पोस्ट मानसून सीजन में एक अक्टूबर से 28 नवंबर के बीच 42.2 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश होती है। मगर इस बार 58 दिन में मात्र 0.9 मिलीमीटर बादल बरसे है। चिंता इस बात की है कि अगले दो सप्ताह तक भी अच्छी बारिश के आसार नहीं है। बीते 58 दिन से 6 जिले सोलन, सिरमौर, कुल्लू, चंबा, हमीरपुर और बिलासपुर में पानी की एक भी बूंद तक नहीं बरसी। अन्य जिलों में भी नाम मात्र की बारिश हुई है। वहीं नवंबर में चार दिन पहले लाहौल स्पीति की ऊंची चोटियों पर हल्का हिमपात जरूर हुआ है। मगर 11 जिलों में नवंबर में एक बूंद भी गिरी। मौसम विभाग के अनुसार, इससे पहले भी दो बार ऐसा हुआ है जब अक्टूबर या फिर नवंबर में पानी की एक बूंद भी न गिरी हो। मगर अक्टूबर और नवंबर लगातार 58 दिन तक ऐसा सूखा नहीं पड़ा। इससे पहले अक्टूबर 2000 और नवंबर 2016 में पूरा महीने पानी की बूंद नहीं बरसी थी। इस साल अक्टूबर में 0.7 मिलीमीटर और नवंबर में लाहौल स्पीति में 0.2 मिलीमीटर बादल बरसे है। प्रदेश में इससे सूखे जैसे हालात पनप गए है। इसकी सबसे ज्यादा मार किसानों-बागवानों के बाद अब पर्यटन कारोबार और पेयजल स्त्रोतो पर भी पड़ने लगी है। परसो बारिश-बर्फबारी के आसार मौसम विज्ञानी शोभित कटियार ने बताया कि मानसून के बाद वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) सक्रिय होने से ही हिमाचल में बारिश होती है। दो महीने में जो WD एक्टिव हुए है, वह कमजोर पड़े है और हिमाचल में बिन बरसे लेह-लद्दाख की ओर गए है। उन्होंने बताया कि 30 नवंबर और एक व 2 दिसंबर को भी अधिक ऊंचे पहाड़ों पर ही बारिश-बर्फबारी का पूर्वानुमान है। अन्य क्षेत्रों में मौसम साफ रहेगा। 37% जमीन पर गेंहू की बुवाई कर पाए किसान कृषि विभाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, इस बार मुश्किल से 37 प्रतिशत जमीन पर गेंहू की बुवाई हो गई है। वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में गेंहू की बुवाई का उचित समय 1 नवंबर और मैदानी इलाकों में 15 नवंबर को बीत गया है। जाहिर है कि इससे गेंहू के उत्पादन में कमी आएगी। पर्यटन कारोबार पर मौसम की मार बर्फबारी नहीं होने से पर्यटन कारोबार पर भी मार पड़ने लगी है। अमूमन 15 अक्टूबर के बाद ऊंचे पहाड़ों पर बर्फबारी शुरू हो जाती थी। इससे देशभर से पर्यटक बर्फ को देखने की चाहत में पहाड़ों पर पहुंचता था। मगर इस बार अब तक पहाड़ सूखे पड़े है। इससे पर्यटन कारोबारी चिंता में है और बर्फबारी के इंतजार में टकटकी लगाए बैठे हैं। पेयजल योजनाओं पर पड़ रहा असर: अंजू जल शक्ति विभाग की प्रमुख अभियंता अंजू शर्मा ने बताया कि पेयजल योजनाओं पर असर पड़ने लगा है। उन्होंने फील्ड से इसकी रिपोर्ट मांग ली है।