झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में एक नवजात शिशु की तड़प-तड़पकर मौत हो गई। आज सुबह उसका जन्म हुआ था। सांस लेने में दिक्कत थी, मगर एसएनसीयू वार्ड में वेंटिलेटर खाली नहीं था। ऐसे में उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया। पिता प्राइवेट एम्बुलेंस से उसे ले गए तो वहां भी नवजात शिशु को एडमिट नहीं किया। परिजन उसे वापिस एसएनसीयू वार्ड के बाहर लेकर पहुंच गए और भर्ती के लिए गुहार लगाते रहे। पुलिस भी बुलाई, मगर कोई मदद नहीं मिली। करीब 5 घंटे तक एम्बुलेंस में ही नवजात शिशु तड़पता रहा और उसकी मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने हंगामा कर दिया। ऑपरेशन से हुई थी डिलीवरी ललितपुर के मड़ावरा थाना क्षेत्र के तलऊ गांव निवासी सोनू परिहार ने बताया-मेरी पत्नी राजाबेटी गर्भवती थी। गुरुवार शाम को उसे अचानक प्रसव पीड़ा होने लगी। पहले मंडवरा ले गए। वहां से ललितपुर जिला अस्पताल रेफर कर दिया। उसका ब्लड प्रेशर बहुत बढ़ रहा था और हालत बिगड़ती जा रही थी। डॉक्टरों ने पत्नी को झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। रात करीब 2 बजे यहां आए। सुबह करीब 7 बजे ऑपरेशन हुआ। पत्नी ने एक बेटी को जन्म दिया। जन्म के बाद बेटी को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। डॉक्टरों ने जांच की और बताया कि इसे ऑक्सीजन की जरूरत है। यहां एसएनसीयू वार्ड में वेंटिलेटर खाली नहीं है। इसे झांसी के जिला अस्पताल ले जाओ। प्राइवेट एम्बुलेंस से जिला अस्पताल ले गए
सोनू परिहार ने बताया-तुरंत प्राइवेट एम्बुलेंस बुलाई और नवजात बेटी को जिला अस्पताल ले गए। वहां भी डॉक्टर बोले कि पलंग खाली नहीं है। तब फिर बेटी को लेकर मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू वार्ड के बाहर पहुंच गए। वहां डॉक्टरों से बच्चे को भर्ती करने के लिए कहा, मगर वे बोले कि वेंटिलेटर खाली नहीं है। नवजात बेटी एम्बुलेंस में तड़प रही थी। ऐसे में परिजनों ने डायर 112 पर कॉल करके पुलिस बुला ली। मगर, बच्ची एडमिट नहीं हो गई। करीब 12 बजे नवजात बच्ची ने एम्बुलेंस में ही दम तोड़ दिया। मौत के बाद पिता का रो रोकर बुरा हाल
सोनू ने बताया-शादी को करीब 6 साल हो चुके हैं। पहली बार पत्नी राजाबेटी गर्भवती हुई थी। नन्हे मेहमान के आने की खुशी में परिवार में खुशी का माहौल था। लेकिन, वो 5 घंटे ही जी पाया। मैं खेती किसानी करता हूं। इतने पैसे नहीं थे कि बच्चे को प्राइवेट अस्पताल में इलाज करा पाता। अगर उसे इलाज मिल जाता तो शायद मेरी बेटी बच जाती। मगर लापरवाही के कारण उसकी मौत हो गई। जो भी दोषी है, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। बच्ची की मौत के बारे में अभी उसकी मां को खबर नहीं दी गई है। लौटने पर डॉक्टर को नहीं बताया
मेडिकल कॉलेज के सीएमएस डॉ. सचिन माहुर का कहना है कि जब पेसेंट राजाबेटी आई तो उनकी हालत ठीक नहीं थी। आज सुबह उनका ऑपरेशन किया गया। जो शिशु पैदा हुआ, उसमें तमाम विकृतियां पहले से ही थी। उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। हमारे यहां एसएनसीयू में काम चल रहा है। इसलिए बच्चे को जिला अस्पताल रेफर किया गया था। दोबारा लौटकर आए तो किसी डॉक्टर से संपर्क नहीं किया। जब डॉक्टरों से मिले, तब तक बच्चे की मौत हो चुकी थी। …. ये भी पढ़ें : जूना अखाड़ा बोला- आईआईटियन बाबा पढ़ा-लिखा पागल है:उसने अपने गुरु को गाली दी; महाकुंभ छावनी से किया बाहर सोशल मीडिया पर आईआईटियन बाबा के नाम से मशहूर अभय सिंह बड़ा एक्शन हुआ है। उन्हें प्रयागराज महाकुंभ में जूना अखाड़े के शिविर से प्रतिबंधित कर दिया गया। अखाड़े के प्रवक्ता ने उन्हें ‘पढ़ा-लिखा पागल’ बताया है। अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि ने कहा- अभय सिंह का कृत्य गुरु-शिष्य परंपरा और संन्यास के खिलाफ है। उसने अपने गुरु को अपशब्द कहे हैं। पढ़िए पूरी खबर… झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में एक नवजात शिशु की तड़प-तड़पकर मौत हो गई। आज सुबह उसका जन्म हुआ था। सांस लेने में दिक्कत थी, मगर एसएनसीयू वार्ड में वेंटिलेटर खाली नहीं था। ऐसे में उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया। पिता प्राइवेट एम्बुलेंस से उसे ले गए तो वहां भी नवजात शिशु को एडमिट नहीं किया। परिजन उसे वापिस एसएनसीयू वार्ड के बाहर लेकर पहुंच गए और भर्ती के लिए गुहार लगाते रहे। पुलिस भी बुलाई, मगर कोई मदद नहीं मिली। करीब 5 घंटे तक एम्बुलेंस में ही नवजात शिशु तड़पता रहा और उसकी मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने हंगामा कर दिया। ऑपरेशन से हुई थी डिलीवरी ललितपुर के मड़ावरा थाना क्षेत्र के तलऊ गांव निवासी सोनू परिहार ने बताया-मेरी पत्नी राजाबेटी गर्भवती थी। गुरुवार शाम को उसे अचानक प्रसव पीड़ा होने लगी। पहले मंडवरा ले गए। वहां से ललितपुर जिला अस्पताल रेफर कर दिया। उसका ब्लड प्रेशर बहुत बढ़ रहा था और हालत बिगड़ती जा रही थी। डॉक्टरों ने पत्नी को झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। रात करीब 2 बजे यहां आए। सुबह करीब 7 बजे ऑपरेशन हुआ। पत्नी ने एक बेटी को जन्म दिया। जन्म के बाद बेटी को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। डॉक्टरों ने जांच की और बताया कि इसे ऑक्सीजन की जरूरत है। यहां एसएनसीयू वार्ड में वेंटिलेटर खाली नहीं है। इसे झांसी के जिला अस्पताल ले जाओ। प्राइवेट एम्बुलेंस से जिला अस्पताल ले गए
सोनू परिहार ने बताया-तुरंत प्राइवेट एम्बुलेंस बुलाई और नवजात बेटी को जिला अस्पताल ले गए। वहां भी डॉक्टर बोले कि पलंग खाली नहीं है। तब फिर बेटी को लेकर मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू वार्ड के बाहर पहुंच गए। वहां डॉक्टरों से बच्चे को भर्ती करने के लिए कहा, मगर वे बोले कि वेंटिलेटर खाली नहीं है। नवजात बेटी एम्बुलेंस में तड़प रही थी। ऐसे में परिजनों ने डायर 112 पर कॉल करके पुलिस बुला ली। मगर, बच्ची एडमिट नहीं हो गई। करीब 12 बजे नवजात बच्ची ने एम्बुलेंस में ही दम तोड़ दिया। मौत के बाद पिता का रो रोकर बुरा हाल
सोनू ने बताया-शादी को करीब 6 साल हो चुके हैं। पहली बार पत्नी राजाबेटी गर्भवती हुई थी। नन्हे मेहमान के आने की खुशी में परिवार में खुशी का माहौल था। लेकिन, वो 5 घंटे ही जी पाया। मैं खेती किसानी करता हूं। इतने पैसे नहीं थे कि बच्चे को प्राइवेट अस्पताल में इलाज करा पाता। अगर उसे इलाज मिल जाता तो शायद मेरी बेटी बच जाती। मगर लापरवाही के कारण उसकी मौत हो गई। जो भी दोषी है, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। बच्ची की मौत के बारे में अभी उसकी मां को खबर नहीं दी गई है। लौटने पर डॉक्टर को नहीं बताया
मेडिकल कॉलेज के सीएमएस डॉ. सचिन माहुर का कहना है कि जब पेसेंट राजाबेटी आई तो उनकी हालत ठीक नहीं थी। आज सुबह उनका ऑपरेशन किया गया। जो शिशु पैदा हुआ, उसमें तमाम विकृतियां पहले से ही थी। उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। हमारे यहां एसएनसीयू में काम चल रहा है। इसलिए बच्चे को जिला अस्पताल रेफर किया गया था। दोबारा लौटकर आए तो किसी डॉक्टर से संपर्क नहीं किया। जब डॉक्टरों से मिले, तब तक बच्चे की मौत हो चुकी थी। …. ये भी पढ़ें : जूना अखाड़ा बोला- आईआईटियन बाबा पढ़ा-लिखा पागल है:उसने अपने गुरु को गाली दी; महाकुंभ छावनी से किया बाहर सोशल मीडिया पर आईआईटियन बाबा के नाम से मशहूर अभय सिंह बड़ा एक्शन हुआ है। उन्हें प्रयागराज महाकुंभ में जूना अखाड़े के शिविर से प्रतिबंधित कर दिया गया। अखाड़े के प्रवक्ता ने उन्हें ‘पढ़ा-लिखा पागल’ बताया है। अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि ने कहा- अभय सिंह का कृत्य गुरु-शिष्य परंपरा और संन्यास के खिलाफ है। उसने अपने गुरु को अपशब्द कहे हैं। पढ़िए पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर