<p style=”text-align: justify;”><strong>Jharkhand News:</strong> देश में इन दिनों ‘कटेंगे तो बटेंगे’ जैसे नारे गूंज रहे हैं. पिछले दिनों दुर्गा पूजा में मूर्तियों के विसर्जन को लेकर एक दूसरे समुदाय से विवाद सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ता दिखाई दिया. लेकिन झारखंड के दुमका में एक ऐसा गांव है जहां मुस्लिम आबादी के बीच मात्र एक हिन्दू परिवार है और यहां मुस्लिम समुदाय के सहयोग से काली का पूजा बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>करीब साढ़े चार हजार से ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्र में पूरा गांव दिवाली की तरह रंग रोगन करवाता है. मेले का आयोजन भी होता है और फिर विसर्जन भी इन्ही मुस्लिमों के कांधे पर मां काली सवार होकर होती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/11/02/43db9ce732ecb0fddf14e7f595e1ae061730568369205694_original.jpeg” /></p>
<p style=”text-align: justify;”>क्षेत्र के सांसद भी इस अनोखे परम्परा में मौजूद होते है. कहा जाता है कि वर्षो पूर्व एक मुस्लिम परिवार इस पूजा में शरीक होता था. पूजा अर्चना करता था लेकिन बीच में पूजा छोड़ देने के बाद उनकी तबीयत खराब होने लगी. तब बाद मे माँ काली का सपना आया और पूजा करने की बात कही. फिर पूजा करने बाद वह परिवार का शख्स ठीक हो गया तब से यह परंपरा चली आ रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आपसी सदभाव व एकता का प्रतीक है</strong><br />हिन्दू समुदायों के देवी-देवताओं में काली को शक्ति का स्वरूप माना जाता है. मां काली की पूजा ठीक दिपावली के दिन अमावस्या में होता है. हिन्दू समुदाय इस पर्व को धूमधाम के साथ मनाते है. लेकिन झारखंड के दुमका जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड अंतर्गत ढेबाडीह में मुस्लिम समुदाय के लोगों के सहयोग से काली पूजा मनाया जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह पर्व ना केवल पर्व है बल्कि हिन्दू एवं मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच आपसी सदभाव व एकता का प्रतीक है. इस गांव में करीब 4500 से ज्यादा मुस्लिम समुदायों के आबादी के बीच मात्र एक घर हिन्दु का है जो दीपावली में इनके साथ मिलकर इस पर्व को मनाते है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”झारखंड के मंत्री इरफान अंसारी की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, सीता सोरेन की बेटियों ने SC-ST थाने में की शिकायत” href=”https://www.abplive.com/states/jharkhand/sita-soren-daughters-complaint-against-congress-minister-irfan-ansari-jamtara-police-station-ahead-jharkhand-assembly-election-2024-ann-2815470″ target=”_self”>झारखंड के मंत्री इरफान अंसारी की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, सीता सोरेन की बेटियों ने SC-ST थाने में की शिकायत</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Jharkhand News:</strong> देश में इन दिनों ‘कटेंगे तो बटेंगे’ जैसे नारे गूंज रहे हैं. पिछले दिनों दुर्गा पूजा में मूर्तियों के विसर्जन को लेकर एक दूसरे समुदाय से विवाद सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ता दिखाई दिया. लेकिन झारखंड के दुमका में एक ऐसा गांव है जहां मुस्लिम आबादी के बीच मात्र एक हिन्दू परिवार है और यहां मुस्लिम समुदाय के सहयोग से काली का पूजा बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>करीब साढ़े चार हजार से ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्र में पूरा गांव दिवाली की तरह रंग रोगन करवाता है. मेले का आयोजन भी होता है और फिर विसर्जन भी इन्ही मुस्लिमों के कांधे पर मां काली सवार होकर होती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/11/02/43db9ce732ecb0fddf14e7f595e1ae061730568369205694_original.jpeg” /></p>
<p style=”text-align: justify;”>क्षेत्र के सांसद भी इस अनोखे परम्परा में मौजूद होते है. कहा जाता है कि वर्षो पूर्व एक मुस्लिम परिवार इस पूजा में शरीक होता था. पूजा अर्चना करता था लेकिन बीच में पूजा छोड़ देने के बाद उनकी तबीयत खराब होने लगी. तब बाद मे माँ काली का सपना आया और पूजा करने की बात कही. फिर पूजा करने बाद वह परिवार का शख्स ठीक हो गया तब से यह परंपरा चली आ रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आपसी सदभाव व एकता का प्रतीक है</strong><br />हिन्दू समुदायों के देवी-देवताओं में काली को शक्ति का स्वरूप माना जाता है. मां काली की पूजा ठीक दिपावली के दिन अमावस्या में होता है. हिन्दू समुदाय इस पर्व को धूमधाम के साथ मनाते है. लेकिन झारखंड के दुमका जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड अंतर्गत ढेबाडीह में मुस्लिम समुदाय के लोगों के सहयोग से काली पूजा मनाया जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह पर्व ना केवल पर्व है बल्कि हिन्दू एवं मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच आपसी सदभाव व एकता का प्रतीक है. इस गांव में करीब 4500 से ज्यादा मुस्लिम समुदायों के आबादी के बीच मात्र एक घर हिन्दु का है जो दीपावली में इनके साथ मिलकर इस पर्व को मनाते है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”झारखंड के मंत्री इरफान अंसारी की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, सीता सोरेन की बेटियों ने SC-ST थाने में की शिकायत” href=”https://www.abplive.com/states/jharkhand/sita-soren-daughters-complaint-against-congress-minister-irfan-ansari-jamtara-police-station-ahead-jharkhand-assembly-election-2024-ann-2815470″ target=”_self”>झारखंड के मंत्री इरफान अंसारी की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, सीता सोरेन की बेटियों ने SC-ST थाने में की शिकायत</a></strong></p> झारखंड Chirag Paswan: चिराग पासवान की पार्टी को बड़ा झटका, इस नेता ने LJPR से दिया इस्तीफा, क्या है कारण?