हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के चीफ राम रहीम के साम्राज्य को एक गुमनाम चिट्ठी ने तबाह किया था। यह चिट्ठी डेरे में साध्वियों के यौन शोषणा से जुड़ी हुई थी। यह चिट्ठी 13 मई 2002 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को संबोधित कर लिखी गई थी। जिस समय यह गुमनाम चिट्ठी सामने आई थी, उस वक्त डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम इंसां की पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों में तगड़ी पैठ थी। यह वो समय था जब वोट बैंक के लिए उस समय के बड़े-बड़े राजनेता डेरा सच्चा सौदा में सिर झुकाने पहुंचते थे। इस चिट्ठी के सामने आने के बाद पहले डेरे के मैनेजर रणजीत सिंह का मर्डर हुआ। फिर पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या हुई। इसके बाद इसी मामले में राम रहीम को जेल जाना पड़ा। मंगलवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने डेरा मैनेजर रणजीत हत्याकांड में राम रहीम को बरी कर दिया। हालांकि पत्रकार छत्रपति और साध्वियों के यौन शोषण केस में वह अभी रोहतक की सुनारिया जेल में ही रहेगा। हालांकि इस फैसले के बाद गुमनाम चिट्ठी फिर सुर्खियों में आ गई है। दोनों ही कत्ल गुमनाम चिट्ठी के बाद हुए रणजीत सिंह: जिस वक्त यह गुमनाम चिट्ठी बाहर आई, उस समय रणजीत सिंह डेरे में मैनेजर था। रणजीत की बहन डेरे में साध्वी थी। CBI ने जांच में दावा किया था कि डेरे को शक था कि रणजीत ने ही अपनी बहन से यह चिट्ठी लिखवाई। जिसके बाद रणजीत की 10 जुलाई 2002 को हत्या कर दी गई। रामचंद्र छत्रपति : सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के हाथ यह चिट्ठी लगी तो उन्होंने इसे अपने अखबार में छाप दिया। इसके बाद वह लगातार इसे छापते रहे। फिर 24 अक्टूबर 2002 को पत्रकार छत्रपति को गोलियां मार दी गई। 21 नवंबर को उनकी दिल्ली के प्राइवेट अस्पताल में मौत हो गई। अब पढ़ें वो चिट्ठी, जिसने डेरा प्रमुख के काले कारनामे उजागर किए… सेवा में, माननीय प्रधानमंत्री जी श्री अटल बिहारी वाजपेयी, भारत सरकार विषय : डेरे के महाराज द्वारा सैकड़ों लड़कियों से बलात्कार की जांच करें श्रीमान जी, निवेदन यह है कि मैं पंजाब की रहने वाली हूं और 5 साल से डेरा सच्चा सौदा सिरसा, हरियाणा (धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा) में साधु लड़की के रूप में कार्य कर रही हूं। मेरे साथ यहां सैकड़ों लड़कियां भी डेरे में 16 से 18 घंटे सेवा करती हैं। हमारा यहां शारीरिक शोषण किया जा रहा है। साथ में डेरे के महाराज गुरमीत सिंह द्वारा यौन शोषण (रेप) किया जा रहा है। मैं बीए पास लड़की हूं। मेरे परिवार के सदस्य महाराज के अंध श्रद्धालु हैं, उनकी प्रेरणा से मैं डेरे में साधु बनी थी। साधु बनने के 2 साल बाद एक दिन महाराज गुरमीत की परम शिष्या साधु गुरुजोत ने रात के 10 बजे मुझे बताया कि आपको पिताजी ने गुफा (महाराज के रहने का स्थान) में बुलाया है। मैं क्योंकि पहली बार वहां जा रही थी, मैं बहुत खुश थी। यह जानकर कि आज खुद परमात्मा ने मुझे बुलाया है। गुफा में ऊपर जाकर जब मैंने देखा महाराज बेड पर बैठे हैं। हाथ में रिमोट है, सामने टीवी पर ब्लू फिल्म चल रही है। बेड पर सिराहने की ओर रिवॉल्वर रखा हुआ है। मैं यह सब देखकर हैरान रह गई। मुझे चक्कर आने लगे। मेरे पांव के नीचे की जमीन खिसक गई। यह क्या हो रहा है। महाराज ऐसे होंगे? ऐसा मैंने सपने में भी नहीं सोचा था। महाराज ने टीवी बंद किया व मुझे साथ बैठाकर पानी पिलाया और कहा कि मैंने तुम्हें अपनी खास प्यारी समझकर बुलाया है। मेरा यह पहला दिन था। महाराज ने मेरे को बांहों में लेते हुए कहा कि हम तुझे दिल से चाहते हैं। तुम्हारे साथ प्यार करना चाहते हैं, क्योंकि तुमने हमारे साथ साधु बनते वक्त तन-मन-धन सब सतगुरु के अर्पण करने को कहा था। तो अब ये तन-मन हमारा है। मेरे विरोध करने पर उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं हम ही खुदा हैं। जब मैंने पूछा कि क्या यह खुदा का काम है तो उन्होंने कहा- इस तरह मेरे साथ मुंह काला किया और पिछले तीन महीने में 20-30 दिन बाद किया जा रहा है। आज मुझको पता चला कि मेरे से पहले जो लड़कियां रहती थीं, उन सबके साथ मुंह काला किया गया है। डेरे में मौजूद 35-40 साधु लड़की 35-40 वर्ष की उम्र से अधिक हैं जो शादी की उम्र से निकल चुकी हैं। जिन्होंने परिस्थितियों से समझौता कर लिया है, इनमें ज़्यादातर लड़कियां बीए, एमए, बीएड, एमफिल पास हैं मगर घरवालों के अंधविश्वासी होने के कारण नरक का जीवन जी रही हैं। हमें सफेद कपड़े पहनना, सिर पर चुन्नी रखना, किसी आदमी की तरफ आंख न उठाकर देखना, आदमी से 5-10 फुट की दूरी पर रहना महाराज का आदेश है। दिखने में देवी हैं, मगर हमारी हालत वेश्याओं जैसी है। मैंने एक बार अपने परिवार वालों को बताया कि डेरे में सब कुछ ठीक नहीं है तो मेरे घर वाले गुस्से में होते हुए कहने लगे कि अगर भगवान के पास रहते हुए ठीक नहीं है तो ठीक कहां है। तेरे मन में बुरे विचार आने लग गए हैं। सतगुरु का सिमरन किया कर। मैं मजबूर हूं। यहां सतगुरु का आदेश मानना पड़ता है। यहां कोई भी दो लड़कियां आपस में बात नहीं कर सकतीं। घरवालों को टेलीफोन मिलाकर बात नहीं कर सकतीं। घरवालों का हमारे नाम फोन आए तो हमें बात करने का महाराज के आदेशानुसार हुक्म नहीं है। यदि कोई लड़की डेरे की इस सच्चाई के बारे में बात करती है तो महाराज का हुक्म है कि उसका मुंह बंद कर दो। पिछले दिनों बठिंडा की लड़की साधु ने जब महाराज की काली करतूतों का सभी लड़कियों के सामने पर्दाफाश किया तो कई साधु लड़कियों ने मिलकर उसे पीटा। जो आज भी घर पर इस मार के कारण बिस्तर पर पड़ी है। जिसका पिता ने सेवादारों से नाम कटवाकर चुपचाप घर बैठा दिया है। जो चाहते हुए भी बदनामी और महाराज के डर से किसी को कुछ नहीं बता रही। कुरुक्षेत्र जिले की एक साधु लड़की जो घर आ गई है, उसने अपने घर वालों को सब कुछ सच बता दिया है। उसका भाई बड़ा सेवादार था, जो कि सेवा छोड़कर डेरे से नाता तोड़ चुका है। संगरूर जिले की एक लड़की जिसने घर आकर पड़ोसियों को डेरे की काली करतूतों के बारे में बताया तो डेरे के सेवादार/गुंडे बंदूकों से लैस लड़की के घर आ गए। घर के अंदर से कुंडी लगाकर जान से मारने की धमकी दी व भविष्य में किसी से कुछ भी नहीं बताने को कहा। इसी प्रकार कई लड़कियां, जैसे कि जिला मानसा (पंजाब), फिरोजपुर, पटियाला, लुधियाना की हैं, जो घर जाकर भी चुप हैं क्योंकि उन्हें जान का खतरा है। इसी प्रकार जिला सिरसा, हिसार, फतेहबाद, हनुमानगढ़, मेरठ की कई लड़कियां जो कि डेरे की गुंडागर्दी के आगे कुछ नहीं बोल रहीं। इन सब लड़कियों के साथ-साथ मुझे भी मेरे परिवार के साथ जान से मार दिया जाएगा अगर मैं इसमें अपना नाम-पता लिखूंगी, क्योंकि मैं चुप नहीं रह सकती और न ही मरना चाहती हूं। जनता के सामने सच्चाई लाना चाहती हूं। अगर आप प्रेस के माध्यम से किसी भी एजेंसी से जांच करवाएं तो डेरे में मौजूद 40-45 लड़कियां, जो कि भय और डर में हैं, पूरा विश्वास दिलाने के बाद सच्चाई बताने को तैयार हैं। हमारा डॉक्टरी मुआयना किया जाए ताकि हमारे अभिभावकों व आपको पता चल जाएगा कि हम कुंवारी देवी साधु हैं या नहीं। हमारी मेडिकल रिपोर्ट ये साफ बता देगी कि हमारी ज़िंदगी डेरा सच्चा सौदा के महाराज गुरमीत राम रहीम सिंह जी संत के द्वारा तबाह की गई है। प्रार्थी एक निर्दोष जलालत का जीवन जीने को मजबूर (डेरा सच्चा सौदा सिरसा) ये खबर भी पढ़ें… राम रहीम डेरा मैनेजर की हत्या के केस में बरी:हाईकोर्ट ने CBI कोर्ट का फैसला रद्द किया; पत्रकार हत्याकांड और साध्वी रेप केस में जेल में रहेगा पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा चीफ राम रहीम समेत 5 लोगों को डेरा मैनेजर रणजीत सिंह हत्याकांड में बरी कर दिया है। राम रहीम समेत 5 आरोपियों को CBI कोर्ट ने उम्रकैद की सजा दी थी।राम रहीम इस वक्त रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। उसे 3 मामलों में सजा हुई थी। इनमें रणजीत हत्याकांड के अलावा पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या और साध्वियों के यौन शोषण का केस भी शामिल है। पत्रकार की हत्या में उसे उम्रकैद और यौन शोषण के 2 केसों में 10-10 साल की कैद हुई थी। इस केस में बरी होने के बावजूद राम रहीम को अभी जेल में ही रहना होगा (पूरी खबर पढ़ें) हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के चीफ राम रहीम के साम्राज्य को एक गुमनाम चिट्ठी ने तबाह किया था। यह चिट्ठी डेरे में साध्वियों के यौन शोषणा से जुड़ी हुई थी। यह चिट्ठी 13 मई 2002 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को संबोधित कर लिखी गई थी। जिस समय यह गुमनाम चिट्ठी सामने आई थी, उस वक्त डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम इंसां की पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों में तगड़ी पैठ थी। यह वो समय था जब वोट बैंक के लिए उस समय के बड़े-बड़े राजनेता डेरा सच्चा सौदा में सिर झुकाने पहुंचते थे। इस चिट्ठी के सामने आने के बाद पहले डेरे के मैनेजर रणजीत सिंह का मर्डर हुआ। फिर पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या हुई। इसके बाद इसी मामले में राम रहीम को जेल जाना पड़ा। मंगलवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने डेरा मैनेजर रणजीत हत्याकांड में राम रहीम को बरी कर दिया। हालांकि पत्रकार छत्रपति और साध्वियों के यौन शोषण केस में वह अभी रोहतक की सुनारिया जेल में ही रहेगा। हालांकि इस फैसले के बाद गुमनाम चिट्ठी फिर सुर्खियों में आ गई है। दोनों ही कत्ल गुमनाम चिट्ठी के बाद हुए रणजीत सिंह: जिस वक्त यह गुमनाम चिट्ठी बाहर आई, उस समय रणजीत सिंह डेरे में मैनेजर था। रणजीत की बहन डेरे में साध्वी थी। CBI ने जांच में दावा किया था कि डेरे को शक था कि रणजीत ने ही अपनी बहन से यह चिट्ठी लिखवाई। जिसके बाद रणजीत की 10 जुलाई 2002 को हत्या कर दी गई। रामचंद्र छत्रपति : सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के हाथ यह चिट्ठी लगी तो उन्होंने इसे अपने अखबार में छाप दिया। इसके बाद वह लगातार इसे छापते रहे। फिर 24 अक्टूबर 2002 को पत्रकार छत्रपति को गोलियां मार दी गई। 21 नवंबर को उनकी दिल्ली के प्राइवेट अस्पताल में मौत हो गई। अब पढ़ें वो चिट्ठी, जिसने डेरा प्रमुख के काले कारनामे उजागर किए… सेवा में, माननीय प्रधानमंत्री जी श्री अटल बिहारी वाजपेयी, भारत सरकार विषय : डेरे के महाराज द्वारा सैकड़ों लड़कियों से बलात्कार की जांच करें श्रीमान जी, निवेदन यह है कि मैं पंजाब की रहने वाली हूं और 5 साल से डेरा सच्चा सौदा सिरसा, हरियाणा (धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा) में साधु लड़की के रूप में कार्य कर रही हूं। मेरे साथ यहां सैकड़ों लड़कियां भी डेरे में 16 से 18 घंटे सेवा करती हैं। हमारा यहां शारीरिक शोषण किया जा रहा है। साथ में डेरे के महाराज गुरमीत सिंह द्वारा यौन शोषण (रेप) किया जा रहा है। मैं बीए पास लड़की हूं। मेरे परिवार के सदस्य महाराज के अंध श्रद्धालु हैं, उनकी प्रेरणा से मैं डेरे में साधु बनी थी। साधु बनने के 2 साल बाद एक दिन महाराज गुरमीत की परम शिष्या साधु गुरुजोत ने रात के 10 बजे मुझे बताया कि आपको पिताजी ने गुफा (महाराज के रहने का स्थान) में बुलाया है। मैं क्योंकि पहली बार वहां जा रही थी, मैं बहुत खुश थी। यह जानकर कि आज खुद परमात्मा ने मुझे बुलाया है। गुफा में ऊपर जाकर जब मैंने देखा महाराज बेड पर बैठे हैं। हाथ में रिमोट है, सामने टीवी पर ब्लू फिल्म चल रही है। बेड पर सिराहने की ओर रिवॉल्वर रखा हुआ है। मैं यह सब देखकर हैरान रह गई। मुझे चक्कर आने लगे। मेरे पांव के नीचे की जमीन खिसक गई। यह क्या हो रहा है। महाराज ऐसे होंगे? ऐसा मैंने सपने में भी नहीं सोचा था। महाराज ने टीवी बंद किया व मुझे साथ बैठाकर पानी पिलाया और कहा कि मैंने तुम्हें अपनी खास प्यारी समझकर बुलाया है। मेरा यह पहला दिन था। महाराज ने मेरे को बांहों में लेते हुए कहा कि हम तुझे दिल से चाहते हैं। तुम्हारे साथ प्यार करना चाहते हैं, क्योंकि तुमने हमारे साथ साधु बनते वक्त तन-मन-धन सब सतगुरु के अर्पण करने को कहा था। तो अब ये तन-मन हमारा है। मेरे विरोध करने पर उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं हम ही खुदा हैं। जब मैंने पूछा कि क्या यह खुदा का काम है तो उन्होंने कहा- इस तरह मेरे साथ मुंह काला किया और पिछले तीन महीने में 20-30 दिन बाद किया जा रहा है। आज मुझको पता चला कि मेरे से पहले जो लड़कियां रहती थीं, उन सबके साथ मुंह काला किया गया है। डेरे में मौजूद 35-40 साधु लड़की 35-40 वर्ष की उम्र से अधिक हैं जो शादी की उम्र से निकल चुकी हैं। जिन्होंने परिस्थितियों से समझौता कर लिया है, इनमें ज़्यादातर लड़कियां बीए, एमए, बीएड, एमफिल पास हैं मगर घरवालों के अंधविश्वासी होने के कारण नरक का जीवन जी रही हैं। हमें सफेद कपड़े पहनना, सिर पर चुन्नी रखना, किसी आदमी की तरफ आंख न उठाकर देखना, आदमी से 5-10 फुट की दूरी पर रहना महाराज का आदेश है। दिखने में देवी हैं, मगर हमारी हालत वेश्याओं जैसी है। मैंने एक बार अपने परिवार वालों को बताया कि डेरे में सब कुछ ठीक नहीं है तो मेरे घर वाले गुस्से में होते हुए कहने लगे कि अगर भगवान के पास रहते हुए ठीक नहीं है तो ठीक कहां है। तेरे मन में बुरे विचार आने लग गए हैं। सतगुरु का सिमरन किया कर। मैं मजबूर हूं। यहां सतगुरु का आदेश मानना पड़ता है। यहां कोई भी दो लड़कियां आपस में बात नहीं कर सकतीं। घरवालों को टेलीफोन मिलाकर बात नहीं कर सकतीं। घरवालों का हमारे नाम फोन आए तो हमें बात करने का महाराज के आदेशानुसार हुक्म नहीं है। यदि कोई लड़की डेरे की इस सच्चाई के बारे में बात करती है तो महाराज का हुक्म है कि उसका मुंह बंद कर दो। पिछले दिनों बठिंडा की लड़की साधु ने जब महाराज की काली करतूतों का सभी लड़कियों के सामने पर्दाफाश किया तो कई साधु लड़कियों ने मिलकर उसे पीटा। जो आज भी घर पर इस मार के कारण बिस्तर पर पड़ी है। जिसका पिता ने सेवादारों से नाम कटवाकर चुपचाप घर बैठा दिया है। जो चाहते हुए भी बदनामी और महाराज के डर से किसी को कुछ नहीं बता रही। कुरुक्षेत्र जिले की एक साधु लड़की जो घर आ गई है, उसने अपने घर वालों को सब कुछ सच बता दिया है। उसका भाई बड़ा सेवादार था, जो कि सेवा छोड़कर डेरे से नाता तोड़ चुका है। संगरूर जिले की एक लड़की जिसने घर आकर पड़ोसियों को डेरे की काली करतूतों के बारे में बताया तो डेरे के सेवादार/गुंडे बंदूकों से लैस लड़की के घर आ गए। घर के अंदर से कुंडी लगाकर जान से मारने की धमकी दी व भविष्य में किसी से कुछ भी नहीं बताने को कहा। इसी प्रकार कई लड़कियां, जैसे कि जिला मानसा (पंजाब), फिरोजपुर, पटियाला, लुधियाना की हैं, जो घर जाकर भी चुप हैं क्योंकि उन्हें जान का खतरा है। इसी प्रकार जिला सिरसा, हिसार, फतेहबाद, हनुमानगढ़, मेरठ की कई लड़कियां जो कि डेरे की गुंडागर्दी के आगे कुछ नहीं बोल रहीं। इन सब लड़कियों के साथ-साथ मुझे भी मेरे परिवार के साथ जान से मार दिया जाएगा अगर मैं इसमें अपना नाम-पता लिखूंगी, क्योंकि मैं चुप नहीं रह सकती और न ही मरना चाहती हूं। जनता के सामने सच्चाई लाना चाहती हूं। अगर आप प्रेस के माध्यम से किसी भी एजेंसी से जांच करवाएं तो डेरे में मौजूद 40-45 लड़कियां, जो कि भय और डर में हैं, पूरा विश्वास दिलाने के बाद सच्चाई बताने को तैयार हैं। हमारा डॉक्टरी मुआयना किया जाए ताकि हमारे अभिभावकों व आपको पता चल जाएगा कि हम कुंवारी देवी साधु हैं या नहीं। हमारी मेडिकल रिपोर्ट ये साफ बता देगी कि हमारी ज़िंदगी डेरा सच्चा सौदा के महाराज गुरमीत राम रहीम सिंह जी संत के द्वारा तबाह की गई है। प्रार्थी एक निर्दोष जलालत का जीवन जीने को मजबूर (डेरा सच्चा सौदा सिरसा) ये खबर भी पढ़ें… राम रहीम डेरा मैनेजर की हत्या के केस में बरी:हाईकोर्ट ने CBI कोर्ट का फैसला रद्द किया; पत्रकार हत्याकांड और साध्वी रेप केस में जेल में रहेगा पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा चीफ राम रहीम समेत 5 लोगों को डेरा मैनेजर रणजीत सिंह हत्याकांड में बरी कर दिया है। राम रहीम समेत 5 आरोपियों को CBI कोर्ट ने उम्रकैद की सजा दी थी।राम रहीम इस वक्त रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। उसे 3 मामलों में सजा हुई थी। इनमें रणजीत हत्याकांड के अलावा पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या और साध्वियों के यौन शोषण का केस भी शामिल है। पत्रकार की हत्या में उसे उम्रकैद और यौन शोषण के 2 केसों में 10-10 साल की कैद हुई थी। इस केस में बरी होने के बावजूद राम रहीम को अभी जेल में ही रहना होगा (पूरी खबर पढ़ें) पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब में चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तैयारी:कांग्रेस प्रधान की जिला प्रधानों से मीटिंग, SAD संसदीय बोर्ड के दौरे शुरू पंजाब में 4 सीटों पर होने वाले विधानसभा उप चुनाव के लिए शिरोमणि अकाली (SAD) और आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ ही कांग्रेस पार्टी भी रणनीति बनाने में जुट गई है। कांग्रेस प्रधान एवं लुधियाना के सांसद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने चंडीगढ़ में पार्टी के जिला प्रधानों से मीटिंग की है। इसमें कई पूर्व विधायक भी मौजूद रहे। इस दौरान जहां उन्होंने सारे हलकों का फीडबैक लिया। वहीं, चुनाव के लिए रणनीति बनाई है। कांग्रेस के लिए भी यह चुनाव काफी अहम है। क्योंकि पहले इन 4 सीटों में से 3 सीटों पर कांग्रेस के विधायक थे। दूसरी तरफ SAD के संसदीय बोर्ड ने चब्बेवाल (होशियारपुर) का दौरा किया है। इन 4 सीटों पर होने हैं उपचुनाव डेरा बाबा नानक (गुरदासपुर), चब्बेवाल (होशियापुर), गिद्दड़बाहा (श्री मुक्तसर साहिब) बरनाला (संगरूर) सीटों पर उप चुनाव होने हैं। क्योंकि इन चारों सीटों के विधायक अब लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बन गए हैं। साथ ही सभी ने अपने विधायक पद से इस्तीफा दिया है, विधानसभा स्पीकर उसे मंजूर भी कर चुके हैं। इन चारों सीटों पर कभी भी चुनाव हो सकते हैं। ऐसे में कोई भी पार्टी कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। इस दौरान AAP नेता राज कुमार चब्बेवाल होशियारपुर, कांग्रेस नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा गुरदासपुर, अमरिंदर सिंह राजा वरिंग लुधियाना और गुरमीत सिंह मीत हेयर संगरूर से सांसद बने हैं। आप की तरफ से CM मान संभाल रहे कमान APP भी उपचुनाव की तैयारी में है। सीएम भगवंत मान चारों हलकों का खुद दौरा कर चुके हैं। उन्होंने गिद्दड़बाहा में मालवा नहर प्रोजेक्ट को लेकर जायजा लिया है। गुरदासपुर जिले रेलवे फ्लाई ओवर का शुभांरभ उन्होंने 29 जुलाई को किया है। जबकि संगरूर जिलों में रक्षा बंधन से लेकर दो प्रोग्राम हुए हैं। इससे पहले पार्टी ने डेरा बाबा नानक से कुलदीप सिंह धालीवाल को इंचार्ज और अमनशेर सिंह शैरी कलसी को को-इंचार्ज नियुक्त किया था। इसी तरह गिद्दड़बाहा से अमन अरोड़ा को इंचार्ज और दविंदर सिंह लाड़ी को को-इंचार्ज, चब्बेवाल से हरजोत बैंस को इंचार्ज और कर्मबीर सिंह घुम्मन को को-इंचार्ज और बरनाला से गुरमीत सिंह मीत हेयर को इंचार्ज और चेतन सिंह जोड़ामाजरा को को-इंचार्ज लगाया है। SAD का संसदीय बोर्ड ले रहा है फीडबैक SAD भी इन चुनावों को लेकर गंभीर है। यह सीटें उनके लिए भी अहम है। क्योंकि गिदड़बाहा सीट बादलों की पुरानी सीट है। इसमें केवल कांग्रेस 5 बार जीती है। इसके अलावा यहां से अकाली दल जीता है। इस सीट पर पार्टी प्रधान सुखबीर सिंह बादल के चुनाव लड़ने की चर्चा है। वह लगातार कई दिनों से हलके में एक्टिव है। वहीं, हलके के लोगों से अपने पुराने रिश्तों की दोहाई देकर संपर्क कर रहे हैं। चुनाव के लिए उम्मीदवार व फीडबैक लेने के लिए संसदीय बोर्ड अब चारों हलकों का दौरा कर रहा है। शनिवार को बोर्ड अध्यक्ष सरदार बलविंदर सिंह भूंदड़ की अगुवाई में टीम चब्बेवाल पहुंची थी। जहां पर उन्होंने कार्यकर्ताओं व नेताओं से मीटिंग की है। बोर्ड 27 अगस्त को डेरा बाबा नानक (गुरदासपुर) और 28 अगस्त को बरनाला का दौरा करेगा। जबकि गिदड़बाहा का दौरा बाद में किया जाएगा। बोर्ड के अन्य सदस्य महेश इंदर सिंह ग्रेवाल, जनमेजा सिंह सेखों, गुलजार सिंह रणीके, हीरा सिंह गाबड़िया और डॉ. दलजीत सिंह चीमा भी मौजूद रहेंगे। गिद्दड़बाहा की तिथि जल्द ही फाइनल कर दी जाएगी। भाजपा मेंबरशिप मुहिम के बहाने हुई एक्टिव भाजपा भी इन सीटों पर चुनावों की तैयारी कर रही है। पार्टी मेंबरशिप मुहिम के बहाने शहर से लेकर गांवों तक अपने आधार को मजबूत करने में जुटी हुई है। सभी बडे़ नेता जिलों में जाकर मीटिंग कर रहे है। पार्टी प्रधान सुनील जाखड़ भी एक्टिव है। जहां तक जिन हलकों में चुनाव होने है। वहां बीजेपी मजबूत आधार रखती है। इसके अलावा कई बड़े नेता भी पार्टी में शामिल हुए है। 2022 में यह थी पार्टियों की स्थिति राज्य में कुल 117 विधानसभा सीटें है। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में AAP 92, कांग्रेस 18, शिरोमणि अकाली दल 3, भाजपा 2 और एक आजाद उम्मीदवार जीते थे। हालांकि अब अकाली दल के 2 ही विधायक रह गए हैं। क्योंकि बंगा के विधायक डॉ. सुखिवंदर सिंह सुक्खी आप में शामिल हो गए हैं। हालांकि उन्होंने अभी तक विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है।
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लुधियाना में थानेदार के बेटे को दौड़ा-दौड़कर पीटा, Video:पैर पकड़वा मंगवाई माफी, पिता बोले- मेरी ही नहीं हो रही सुनवाई पंजाब में क़ानून व्यवस्था बिल्कुल दांव पे लग चुकी है। क़ानून के रखवाले ही आज सुरक्षित नहीं है। मामला लुधियाना जिले के कस्बा सुधार का है। जहां कुछ लोग थानेदार के बेटे को दौड़ा-दौड़ा कर पीट रहे हैं और साथ ही साथ वीडियो भी बना रहे हैं। वीडियो वायरल होते ही पुलिस ने भी केस दर्ज कर लिया है और तीन लोगों को क़ाबू कर लिया है। 22 जून का है मामला घटना 22 जून की है। एएसआई चमकोर सिंह जिनकी ड्यूटी गांव बाडोवल के पास हाईटेक नाके पर होती है। उनका बेटा चनप्रीत सिंह जिसे सुधार के पास से गुजरती एक नहर के समीप कुछ लोगों ने पहले गाली गलोज की और फिर उसे दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। निजी रंजिश का मामला थानेदार के बेटे चनप्रीत सिंह ने बताया की 22 जून को वह जिम जा रहा था। रास्ते में वह अपने दोस्तों के साथ फ्रूट की रेहड़ी पर केले खा रहा था। तभी उसके पास प्रबजोत सिंह और गुरप्रीत सिंह अपने 10-12 अज्ञात लोगों के साथ आए और उसे मारना शुरू कर दिया। थानेदार के बेटे ने बताया कि आरोपी उससे निजी रंजिश रखते हैं जिस कारण उसे मारा गया। वे लोग ग़लत संगति में है। जिसका वह विरोध करता है और वह उससे निजी रंजिश रखते हैं। जान बचाने भागा तो पीटा चनप्रीत ने बताया कि जैसे ही वह भागने लगा तो उन लोगो ने उसके पीछे आके नहर के पास दौड़ा-दौड़ा कर पीटा और वह घायल भी हो गया। उसे खड़े और दस्ती से पीटा। तीन आरोपी किए गिरफ्तार थाना सुधार के एसएचओ जसविंदर सिंह ने बताया कि शिकायत और वीडियो आने के बाद पुलिस ने 8 लोगों पर केस दर्ज किया है। जिनमें से 3 आरोपियों को क़ाबू कर किया है और बाक़ी भी जल्दी अरेस्ट कर लिये जाएगें। मेरी ही सुनवाई नहीं- पिता मामले में पीड़ित के पिता थानेदार चमकोर सिंह से बात की तो उसने बताया कि मेरे बेटे को इतना बेहरमी से मारा की देखा नहीं जा रहा। मेरी ही सुनवाई डिपार्टमेंट में नहीं की। वीडियो आने के बाद मामूली धारा 304 के तहत ही मामला दर्ज कर ख़ानापूर्ति कर दी। मेरा परिवार ही सेफ नहीं तो मन करता है कि नौकरी छोड़ दूं।
गिद्दड़बाहा से चुनाव लड़ सकते हैं सुखबीर बादल:उपचुनाव लड़ने की अटकलें, 1 दिन में कीं 14 बैठकें
गिद्दड़बाहा से चुनाव लड़ सकते हैं सुखबीर बादल:उपचुनाव लड़ने की अटकलें, 1 दिन में कीं 14 बैठकें पंजाब में उपचुनाव को लेकर चुनाव आयोग की ओर से थोड़ी देरी की गई है। लेकिन पंजाब में राजनीतिक दल उपचुनाव के लिए तैयार चारों सीटों पर सक्रिय हो रहे हैं। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बाद अब अकाली दल ने भी विधानसभा क्षेत्र गिद्दड़बाहा की ओर रुख कर लिया है। सुखबीर बादल शनिवार से गिद्दड़बाहा में हैं और कयास लगाए जा रहे हैं कि वह अपनी पार्टी की ओर से उम्मीदवार हो सकते हैं। पंजाब की गिद्दड़बाहा सीट सांसद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के इस्तीफे के बाद से खाली है। जबकि इस सीट के इतिहास पर नजर डालें तो यह अकाली दल का गढ़ रहा है। अब अकाली दल इसे वापस चाहता है और उनकी कोशिशें भी शुरू हो गई हैं। अकाली दल अब तक यहां से हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों को अपना उम्मीदवार मानता रहा है, लेकिन इसकी औपचारिक घोषणा नहीं की गई है। लेकिन अब जिस तरह से पिछले दो दिनों में सुखबीर बादल यहां सक्रिय हुए हैं, उससे कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें भी इस सीट से उम्मीदवार घोषित किया जा सकता है। 1 दिन में कार्यकर्ताओं के साथ 14 बैठकें सुखबीर ने खिरकियावाला और काओनी गांवों का दौरा किया। काओनी कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार नरिंदर सिंह काओनी का पैतृक गांव है, जो मुक्तसर जिला परिषद के अध्यक्ष और राजा वड़िंग के करीबी सहयोगी हैं। सुखबीर ने कहा, “1995 में गिद्दड़बाहा उपचुनाव जीतने के बाद, 1997 में शिअद ने सरकार बनाई और इस बार भी यहीं से शुरुआत होगी।” बैठकों में उन्होंने सभी उपस्थित लोगों की बात सुनी, जिन्होंने अपने पुराने अनुभव और समस्याएं साझा कीं। उन्होंने खन्ना और कपूरथला में हाल ही में हुई बेअदबी की घटनाओं की भी निंदा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने में विफल रही है। वड़िंग भी कर रहे हैं गिद्दड़बाहा का दौरा इस बीच, पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने भी शनिवार को लगातार दूसरे दिन निर्वाचन क्षेत्र का दौरा किया और अपने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कीं। कांग्रेस ने भी मुक्तसर शहर में अपने पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक की। उपचुनाव के लिए पूर्व सांसद जसबीर सिंह डिम्पा को प्रभारी बनाया गया है। एक कांग्रेस नेता ने बताया कि कैप्टन संदीप संधू भी चुनाव प्रचार के लिए यहीं रहेंगे।