भास्कर न्यूज | लुधियाना दैनिक भास्कर में खबर प्रकाशित होने के बाद अफसरों व इंजीनियरों की नींद टूटी है। इंजीनियर्स की टीम ने सिंधवा कैनाल पुल का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार की है। प्रारंभिक रिपोर्ट में इंजीनियरों ने पुल के पिलरों के क्षतिग्रस्त होने का कारण पानी को माना है। टीम ने वाटर रिसोर्स डिपार्टमेंट चंडीगढ़ से पुल की मरम्मत को लेकर राय मांगी है। सिधवां नहर पर इशर नगर के पास बना पुल खोखला हो चुका है। इसके निर्माण में घटिया सामग्री इस्तेमाल होने के आरोप लगे हैं। पुल से रोज करीब 30 हजार वाहन गुजरते हैं। पिलर कमजोर होने से बड़ा हादसा होने की आशंका बनी हुई है। इसे लेकर दैनिक भास्कर ने 15 जनवरी के अंक में सिधवां नहर का पुल तीन साल भी नहीं टिक पाएगा, बड़े वाहनों पर रोक लगनी चाहिए शीर्षक के साथ खबर प्रकाशित की थी। इस खबर के प्रकाशित होने के बाद अफसर हरकत में आए। वीरवार को लुधियाना कैनाल एंड ग्राउंड वाटर डिविजन वाटर रिसोर्स डिपार्टमेंट के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने निरीक्षण किया। बताया कि यह पुल 17-18 साल पहले बना था। पिलर से कंक्रीट निकला है जिस कारण पानी का फ्लो माना गया है। बताया कि फाइल तैयार कर वाटर रिसोर्स डिपार्टमेंट चंडीगढ़ के सेंट्रल डिजाइन कार्यालय को भेजी है। इसमें उच्च अधिकारियों से पुल की मरम्मत और अन्य बिंदुओं पर राय मांग गई है। डीसी जितेंद्र जोरवाल ने बताया कि जल्द ही पुल की मरम्मत का काम शुरू होगा। पब्लिक एक्शन कमेटी ने वीरवार को पुल का निरीक्षण कर यह मुद्दा उठाया। कपिल अरोड़ा, कुलदीप खैरा ने कहा कि नगर निगम ने कैनाल डिपार्टमेंट को फंड जारी किया था औरकम समय में ही यह टूटने लगा है। कहा कि इससे हादसा हो सकता है लेकिन इसकी मॉनीटरिंग नहीं की गई। कहा कि अफसरों ने जानकारी होने के बाद भी इसका निरीक्षण नहीं है जो घोर लापरवाही है। कहा कि एसडीओ, जेई, ठेकेदार आदि की मिलीभगत के कारण ही पुल के यह हालात हुए हैं। पुल के पिलर के तीन फीट तक अंदर खोखला हो चुका है। आरोप लगाया कि कमीशन के खेल में ऐसा किया गया है। सरिया अंदर से क्रेक हो चुका है। भास्कर न्यूज | लुधियाना दैनिक भास्कर में खबर प्रकाशित होने के बाद अफसरों व इंजीनियरों की नींद टूटी है। इंजीनियर्स की टीम ने सिंधवा कैनाल पुल का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार की है। प्रारंभिक रिपोर्ट में इंजीनियरों ने पुल के पिलरों के क्षतिग्रस्त होने का कारण पानी को माना है। टीम ने वाटर रिसोर्स डिपार्टमेंट चंडीगढ़ से पुल की मरम्मत को लेकर राय मांगी है। सिधवां नहर पर इशर नगर के पास बना पुल खोखला हो चुका है। इसके निर्माण में घटिया सामग्री इस्तेमाल होने के आरोप लगे हैं। पुल से रोज करीब 30 हजार वाहन गुजरते हैं। पिलर कमजोर होने से बड़ा हादसा होने की आशंका बनी हुई है। इसे लेकर दैनिक भास्कर ने 15 जनवरी के अंक में सिधवां नहर का पुल तीन साल भी नहीं टिक पाएगा, बड़े वाहनों पर रोक लगनी चाहिए शीर्षक के साथ खबर प्रकाशित की थी। इस खबर के प्रकाशित होने के बाद अफसर हरकत में आए। वीरवार को लुधियाना कैनाल एंड ग्राउंड वाटर डिविजन वाटर रिसोर्स डिपार्टमेंट के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने निरीक्षण किया। बताया कि यह पुल 17-18 साल पहले बना था। पिलर से कंक्रीट निकला है जिस कारण पानी का फ्लो माना गया है। बताया कि फाइल तैयार कर वाटर रिसोर्स डिपार्टमेंट चंडीगढ़ के सेंट्रल डिजाइन कार्यालय को भेजी है। इसमें उच्च अधिकारियों से पुल की मरम्मत और अन्य बिंदुओं पर राय मांग गई है। डीसी जितेंद्र जोरवाल ने बताया कि जल्द ही पुल की मरम्मत का काम शुरू होगा। पब्लिक एक्शन कमेटी ने वीरवार को पुल का निरीक्षण कर यह मुद्दा उठाया। कपिल अरोड़ा, कुलदीप खैरा ने कहा कि नगर निगम ने कैनाल डिपार्टमेंट को फंड जारी किया था औरकम समय में ही यह टूटने लगा है। कहा कि इससे हादसा हो सकता है लेकिन इसकी मॉनीटरिंग नहीं की गई। कहा कि अफसरों ने जानकारी होने के बाद भी इसका निरीक्षण नहीं है जो घोर लापरवाही है। कहा कि एसडीओ, जेई, ठेकेदार आदि की मिलीभगत के कारण ही पुल के यह हालात हुए हैं। पुल के पिलर के तीन फीट तक अंदर खोखला हो चुका है। आरोप लगाया कि कमीशन के खेल में ऐसा किया गया है। सरिया अंदर से क्रेक हो चुका है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब में AAP के दिग्गज धराशायी:4 मंत्री व 3 विधायक चुनाव हारे, CM और केजरीवाल की कैंपेन भी नहीं बचा पाई हार पंजाब के लोकसभा चुनाव में राज्य की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी (AAP) को लोगों ने ढाई साल में ही आइना दिखा दिया है। चुनाव लड़ रहे पांच मंत्रियों से 4 चुनाव हार गए हैं, जबकि तीन विधायकों को भी हार का मुंह देखना पड़ा है। कई जगह तो पार्टी के उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहे हैं। जबकि चुनावी मुहिम को कामयाब बनाने में पार्टी के प्रधान व सीएम भगवंत मान करीब मार्च महीने से डटे हुए थे। पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने खुद रोड शो और जनसभाएं की। हालांकि जनवरी माह से ही सरकार चुनावी मोड में चल रही थी। कई बड़े फैसले भी लिए गए, लेकिन पार्टी चुनाव में इन्हें कैश नहीं कर पाई। साथ ही मन मुताबिक नतीजे नहीं मिले हैं। इन मंत्रियों और विधायकों को मिली हार चुनाव हारने वालों में पटियाला लोकसभा हलके से सेहत मंत्री बलबीर सिंह, खडूर साहिब से लालजीत सिंह भुल्लर, अमृतसर से कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल और बठिंडा लोकसभा में पूर्व मुख्यमंत्री स्व. प्रकाश सिंह बादल को चुनाव जीतने वाले गुरमीत सिंह खुडि्डयां शामिल थे। इसके अलावा तीन विधायक अमनदीप सिंह शेयरी कलसी, अशोक पराशर व जगदीप सिंह काका बराड़ भी चुनाव हारे हैं। मंत्रियों और विधायकों की फौज के हारने की वजह जानते है। आप के विधायकों से लोग नाराज पटियाला लोकसभा सीट से सेहत मंत्री बलबीर सिंह चुनाव हारने की कई वजह हैं। इस एरिया के अधीन आने वाली विधानसभाओं के आप विधायकों के मंत्रियों से लोग खुश नहीं थे। इस वजह से पार्टी को नुकसान झेलना पड़ा है। महिलाओं को हजार रुपये न देने वाली गारंटी का असर भी दिखा है। इसके अलावा इलाके में उस हिसाब से विकास नहीं हुआ। वहीं, कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल व प्रियंका गांधी और प्रधानमंत्री मोदी की रैलियों से भी आप का कुछ वोट खिसका है। मुआवजे में देरी पड़ी भारी बठिंडा लोकसभा सीट से उम्मीदवार गुरमीत सिंह खुडियां राज्य सरकार में कृषि मंत्री हैं। लेकिन चुनाव में उन्हें किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा था। क्योंकि किसानों की फसलों काे हुए नुकसान का उचित मुआवजा नहीं मिला था। इस वजह से किसान नाराज चल रहे थे। इस इलाके में भी उचित तरीके से विकास नहीं हुआ। वहीं, सरकार की गारंटियां पूरी न होने का असर भी दिखा। हालांकि ढाई साल में ही सत्ता विरोधी लहर दिखी। विधायकों से नाराज, नशा व बेरोजगारी अमृतसर लोकसभा हलके से पार्टी ने तेज तर्रार नेता व मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल को चुनावी मैदान में थे। उनकी चुनावी कैंपेन के लिए खुद पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल अमृतसर आए थे। साथ ही रोड शो से लेकर जनसभा तक की थी। लेकिन लोगों ने उन्हें नकार दिया। उसकी वजह यह है एक तो उनका वर्चस्व अपने हलके तक सीमित रहा। दूसरा इस लोकसभा हलके के आप के विधायकों की कारगुजारी भी बढ़िया नहीं थी। कई विधायक तो विधानसभा चुनाव के बाद हलकों में सक्रिय नहीं थे। आखिरी समय में पार्टी ने दूसरी पार्टियों के कई दिग्गज नेता जॉइन भी करवाए। लेकिन उसका कोई फायदा पार्टी को नहीं मिला है। नशा और बेरोजगारी से लोग काफी आहत थे। पंथक मुद्दे रहे भारी खडूर साहिब में लोकसभा हलके में आप के परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर चुनावी मैदान में थे। यहां पर पर पार्टी तीसरे नंबर पर रही। हलके में पार्टी की हार की वजह है कि पार्टी के उम्मीदवारों को विधायकों का साथ नहीं मिला। वहीं, पंथक मुद्दे भी भारी रहे हैं। ढाई साल में पार्टी इन मुद्दों पर कुछ नहीं कर पाई। जबकि लोगों ने बड़े विश्वास से इस पार्टी को मौका दिया था। इस वजह से भी पार्टी को नुकसान हुआ है। कांग्रेस और भाजपा ने बिगाड़ा गणित गुरदासपुर लोकसभा सीट से AAP ने बटाला के विधायक अमन शेर सिंह कलसी को आखिरी में जाकर उम्मीदवार बनाया था। यहां पर पार्टी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर थी। दूसरा कांग्रेस ने दिग्गज व पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और भाजपा ने दिनेश बब्बू को चुनावी मैदान में उतारा था। ऐसे में वह शुरू से ही गिर गए। इस लोकसभा हलके में कांग्रेस काफी मजबूत है। पांच विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। वहीं, आप के इस हलके से मंत्री भी विवादों में रहे हैं। पार्टी से नाराजगी का असर फिरोजपुर लोकसभा हलके से आप ने मुक्तसर के विधायक को जगदीप सिंह काका बराड़ को चुनाव मैदान में उतारा था। यहां पर राय सिख बिरादरी का फायदा कांग्रेस को मिला। पार्टी के खिलाफ नाराजगी का भी काका बराड़ को नुकसान हुआ है। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में हुई चूक व राम मंदिर का अंडर करंट भी लोगों में देखने को मिला। विधायकों का नहीं मिला साथ लुधियाना से आप ने विधायक अशोक पराशर पप्पी को चुनावी मैदान में उतारा था। उन्हें आखिरी समय में टिकट दी गई थी। लेकिन यहां पर पार्टी में बिखराव था। सभी विधायकों का समर्थन उस हिसाब से नहीं मिला है। विरोधियों ने पार्टी की नीतियों व कमजोरियों पर जबरदस्त हमला बोला। इसके अलावा कांग्रेस के राहुल गांधी और भाजपा नेता अमित शाह की रैली से काफी समीकरण बदले। यहां कुछ स्थानीय मुद्दे भी हावी रहे हैं।

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करनाल में हाईवे पर चलते ट्रक में लगी आग:बिस्किट से भरा वाहन पंजाब जा रहा था, लाखों का माल जलकर राख करनाल जिले के तरावड़ी के पास नेशनल हाईवे-44 पर बुधवार-वीरवार की दरमियानी रात एक चलते हुए ट्रक में अचानक आग लग गई। ट्रक में आग इतनी तेजी से फैली कि कुछ ही मिनटों में उसने ट्रक को पूरी तरह चपेट में ले लिया। घटना की सूचना के बाद पुलिस व फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंच गई और आग पर काबू पाया। पुलिस मामले की जांच कर रही है। जानकारी के अनुसार ट्रक उत्तराखंड के रूद्रपुर से पंजाब के टेपला जा रहा था और उसमें बिस्किट की पेटियां लदी हुई थी। हादसा रात करीब एक बजे हुआ। ट्रक चालक मोहम्मद उवेश ने बताया कि वह बिस्किट की पेटियों से लदा ट्रक लेकर रूद्रपुर से चला था। जैसे ही ट्रक तरावड़ी क्षेत्र में पहुंचा, अचानक कंडक्टर साइड से धुंआ उठने लगा और देखते ही देखते आग भड़क गई। गाड़ी साइड में लगाने में तक फैली आग ट्रक में उस समय चल रही गति के कारण चालक को गाड़ी साइड में लगाने में थोड़ी देर लगी और जब तक गाड़ी को किनारे किया गया, आग काफी फैल चुकी थी। टायरों ने भी आग पकड़ ली थी। घटना की जानकारी तुरंत फायर ब्रिगेड और पुलिस को दी गई। कुछ ही देर में फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंच गई और काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। ट्रक में रखा सारा माल जला ट्रक में रखा सारा माल जल चुका था। ट्रक को भी भारी नुकसान पहुंचा है। अनुमान के अनुसार लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। ट्रक में लगी आग इतनी भयंकर थी कि उसकी लपटें रोड किनारे की सूखी घास तक पहुंच गईं और वहां भी आग लग गई। इससे वहां से गुजर रहे वाहनों में हड़कंप मच गया। हालांकि, समय पर कार्रवाई होने से कोई जनहानि नहीं हुई। शॉर्ट सर्किट की आशंका आग लगने के पीछे शॉर्ट सर्किट को संभावित कारण माना जा रहा है, लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। तरावड़ी थाना प्रभारी एसएचओ नसीब सिंह ने बताया कि ट्रक में अचानक आग लग गई थी, जिसकी सूचना मिलने पर पुलिस टीम तुरंत मौके पर पहुंची। आग से ट्रक और माल दोनों को नुकसान हुआ है। शिकायत के आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।

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