उत्तर प्रदेश के स्नातक पास छात्रों को प्रदेश में घूमने फिरने और टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए 40 हज़ार रुपए महीना देने जा रही है। जिसके लिए मुख्यमंत्री टूरिज्म फेलोशिप कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसमे आवेदन की अंतिम तिथि 31 अगस्त है। इसके लिए 40 साल तक की उम्र वाले स्नातक आवेदन कर सकते हैं। शोधार्थियों को पारिश्रमिक और क्षेत्र भ्रमण के लिए प्रति माह 40 हजार रुपये दिए जाएंगे। इसने माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा देने में सहयोग मिलेगा, वहीं युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। 60 प्रतिशत अंक वाले स्नातक पास कर सकते है अप्लाई पर्यटन व संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि इच्छुक अभ्यर्थी विभाग की वेबसाइट uptourism.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए मान्यता प्राप्त संस्थानों या विश्वविद्यालयों से न्यूनतम 60 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक व उच्च शैक्षणिक योग्यता होनी चाहिए। बीबीए, एमए, एमफिल, पीएचडी, टूरिज्म एंड ट्रैवल मैनेजमेंट, एमबीए-हॉस्पिटैलिटी टूरिज्म एंड ट्रैवल, पीजी डिप्लोमा-ट्रैवल एंड टूरिज्म, हॉस्पिटैलिटी, पर्यटन व पुरातत्व में डिग्री या डिप्लोमा धारक को वरीयता दी जाएगी। एक साल के लिए होगी चयनित अभ्यर्थियों की संबद्धता पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि चयनित शोधार्थी की संबद्धता एक साल के लिए रहेगी। इसे एक साल के लिए बढ़ाया भी जा सकता है। फेलोशिप का मुख्य उद्देश्य शोधार्थियों को पर्यटन विभाग द्वारा कार्यान्वित योजनाओं के पर्यवेक्षण, अनुश्रवण व पारिस्थितिकी से जुड़े स्थलों का सर्वांगीण विकास करना है। उत्तर प्रदेश के स्नातक पास छात्रों को प्रदेश में घूमने फिरने और टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए 40 हज़ार रुपए महीना देने जा रही है। जिसके लिए मुख्यमंत्री टूरिज्म फेलोशिप कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसमे आवेदन की अंतिम तिथि 31 अगस्त है। इसके लिए 40 साल तक की उम्र वाले स्नातक आवेदन कर सकते हैं। शोधार्थियों को पारिश्रमिक और क्षेत्र भ्रमण के लिए प्रति माह 40 हजार रुपये दिए जाएंगे। इसने माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा देने में सहयोग मिलेगा, वहीं युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। 60 प्रतिशत अंक वाले स्नातक पास कर सकते है अप्लाई पर्यटन व संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि इच्छुक अभ्यर्थी विभाग की वेबसाइट uptourism.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए मान्यता प्राप्त संस्थानों या विश्वविद्यालयों से न्यूनतम 60 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक व उच्च शैक्षणिक योग्यता होनी चाहिए। बीबीए, एमए, एमफिल, पीएचडी, टूरिज्म एंड ट्रैवल मैनेजमेंट, एमबीए-हॉस्पिटैलिटी टूरिज्म एंड ट्रैवल, पीजी डिप्लोमा-ट्रैवल एंड टूरिज्म, हॉस्पिटैलिटी, पर्यटन व पुरातत्व में डिग्री या डिप्लोमा धारक को वरीयता दी जाएगी। एक साल के लिए होगी चयनित अभ्यर्थियों की संबद्धता पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि चयनित शोधार्थी की संबद्धता एक साल के लिए रहेगी। इसे एक साल के लिए बढ़ाया भी जा सकता है। फेलोशिप का मुख्य उद्देश्य शोधार्थियों को पर्यटन विभाग द्वारा कार्यान्वित योजनाओं के पर्यवेक्षण, अनुश्रवण व पारिस्थितिकी से जुड़े स्थलों का सर्वांगीण विकास करना है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में 3 दिन तक कमजोर रहेगा मानसून:20 से फिर बारिश के आसार; 3 जिलों में हेवी रेन, यमुना-टांगरी में बहाव तेज हरियाणा में अगस्त भर मानसून एक्टिव रहा, लेकिन अब 3 तीन इसकी सक्रियता कम रहेगी। हालांकि 20 अगस्त से मानसून फिर एक्टिव होगा। इसको लेकर मौसम विभाग की ओर से 3 जिलों यमुनानगर, करनाल व पानीपत में हेवी रेन का अलर्ट जारी किया गया है। इस दिन इन जिलों में हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं। वहीं अब तक हुई बारिश से प्रदेश की दो प्रमुख नदियां यमुना और टांगरी में पानी का बहाव तेज रिकॉर्ड किया गया। यमुना नदी का बहाव 25 हजार क्यूसेक पहुंच गया, वहीं टांगरी नदी का बाहव 4 हजार क्यूसेक रिकॉर्ड किया गया। दोनों नदियों के बहाव के साथ आई रेत से 20 से अधिक गांवों में फसलें खराब हो गई हैं। 11 जिलों में झमाझम बारिश हुई हरियाणा के 11 जिले ऐसे रहे, जहां 24 घंटे के दौरान झमाझम बारिश हुई। सबसे ज्यादा बारिश सिरसा में हुई, यहां 29.2 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है। इसके अलावा कुरुक्षेत्र में 27.9, भिवानी में 27.3, करनाल में 27.2, गुरुग्राम में 26.7, फरीदाबाद में 26.3, हिसार में 26.5, नारनौल में 26.0 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। अन्य जिलों में बारिश नहीं हुई, हालांकि बादल छाए रहे। अगस्त में मेहरबान मानसून अगर आंकड़ों को देखें तो हरियाणा के 22 जिलों में अगस्त के 10 दिनों में अभी तक सामान्य से 42% अधिक बारिश हुई है। अभी तक सभी जगह 53.9 एमएम बारिश होनी थी, लेकिन इन दस दिनों में 76.7 एमएम बारिश हो चुकी है। इनमें फतेहाबाद, हिसार, कैथल, करनाल, पलवल, पंचकूला, पानीपत में सामान्य से कम बारिश हुई है। जुलाई में कम हुई बरसात हरियाणा में जुलाई में इस बार 5 सालों में सबसे कम बारिश हुई है। आंकड़ों को देखे तो 2018 में 549 एमएम बारिश हुई थी। 2019 में 244.8, 2020 में 440.6, 2021 में 668.1, 2022 में 472, 2023 में 390 और 2024 में 97.9 एमएम ही बारिश रिकॉर्ड की गई है। कम बारिश होने के कारण सूबे के धान पैदावार करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हें ट्यूबवेल से सिंचाई करनी पड़ रही है।
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कोलकाता रेप कांड के बाद यूपी में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर योगी सरकार सख्त, दिशा निर्देश जारी <p style=”text-align: justify;”><strong>UP News:</strong> उत्तर प्रदेश में महिला कर्मियों की सुरक्षा के संबंध में एसीएस होम दीपक कुमार ने उत्तर प्रदेश के समस्त मंडलायुक्तों, समस्त पुलिस आयुक्त, समस्त जिला मजिस्ट्रेट, समस्त वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक, समस्त मुख्य चिकित्साधिकारी, समस्त विभागाध्यक्ष/कार्यालयाध्यक्ष पर पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने महिलाओं की कार्यस्थल पर सुरक्षा, रात्रि ड्यूटी में सुरक्षा, आत्मरक्षा, सुरक्षा ऑडिट आदि के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं.<span class=”Apple-converted-space”> </span></p>
<p style=”text-align: justify;”>एसीएस होम दीपक कुमार ने महिला कर्मियों की सुरक्षा के संबंध में पत्र लिखकर दिशा निर्देश दिया है. उन्होंने इस पत्र में कहा कि भारत के संविधान का अनुच्छेद-14, समानता के अधिकार और भेदभाव मुक्त वातावरण की गारंटी देता है. वहीं अनुच्छेद-21 प्रत्येक नागरिक को गरिमापूर्ण जीवन का अधिकार प्रदान करता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एसीएस होम दीपक कुमार अधिकारियों को निर्देश दिया कि कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करें. इसके अलावा उन्होंने कहा कि रात में आने जाने के मार्गों को भी सुरक्षित करें. उन्होंने कहा कि राज्य में अनेकों ऐसी विधियां प्रभावी हैं, जो कार्यस्थल पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के अलावा महिलाओं के स्वास्थ्य तथा उनकी गरिमा की सुरक्षा भी सुनिश्चित करती हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एसीएस होम दीपक कुमार ने कहा कि रात में ड्यूटी और आवागमन के मार्गों को सुरिक्षत करना बहुत जरूरी है. इसके लिए रात में ड्यूटी का समय नियत करना होगा. उन्होंने ये भी भी आदेश दिया कि ये सुनिश्ति किया जाए कि किसी भी महिला कार्मिकों को तय समय से अधिक काम न करना पड़े.<span class=”Apple-converted-space”> इसके </span>साथ ही कंपनियों को जब महिला काम खत्म करके घर लौट रही तो उसके लिए विश्वसनीय निगरानी वाली परिवहन सेवाओं की व्यवस्था करना अनिवार्य है ताकि महिला कर्मचारी बिना किसी डर से काम पर आ-जा सकें.<span class=”Apple-converted-space”> </span></p>
<p style=”text-align: justify;”>एसीएस होम दीपक कुमार ने कहा कि परिवहन निगम की बसों तथा प्राइवेट टैक्सी वाहनों हेतु ऐसे Drop-off-Point चिन्हित किये जाएं, जहां पर लाइट की व्यवस्था और सीसीटीवी कैमरे लगे हों. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि रात में महिलाओं के आवागमन से संबंधित सभी कार्यस्थल कॉल सेंटर, स्वास्थ्य संस्थानों, ऑफिस, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, सिनेमा हाल. मल्टीप्लेक्स, होटल, रेस्टॉरेंट, रेलवे, बस स्टेशन आदि की समस्त जनपदों में थानावार सूची बना ली जाए. इनमें आने जाने वाले महिला कर्मचारियों के संबंध में रात के समय में उनकी लोकेशन को चिन्हित किया जा सकेगा.<span class=”Apple-converted-space”> </span></p>
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