हम सफर एक्सप्रेस में सफर कर रही बच्ची की मौत हो गई। ट्रेन 13 घंटे लेट थी। लखनऊ में जब रेलवे डॉक्टर ने चेक किया तब मौत का पता चला। ट्रेन ऐशबाग स्टेशन पर सुबह पौने 10 बजे पहुंची थी। यहां 15 मिनट खड़ी रही। इसके बाद रवाना हो गई। यात्री ने RPF, GRP, रेलवे मंत्री अश्वनी वैष्णव और DRM लखनऊ से शिकायत की है। यात्री हर्ष भारद्वाज बरौनी-नई दिल्ली हमसफर एक्सप्रेस 02563 के B-1 क्लास सीट नंबर 40 पर थे। उन्होंने कहा- जब X पर पोस्ट किया तब पूर्वोत्तर रेलवे के DRM ने लखनऊ के ऐशबाग में एम्बुलेंस सहायता मिलने का आश्वासन दिया। स्टेशन मास्टर और टिकट निरीक्षक को भी सूचित किया था। यात्री ने ‘X’ पर दी रेलवे को जानकारी ट्रेन नं. 02563 10 घंटे की देरी से छपरा पहुंची। मेरी गुजारिश है कि ट्रेन को आगे बिना किसी कारण के क्रॉसिंग या स्टेशन पर न रोका जाए। क्योंकि इसमें बैठे पैसेजर काफी परेशानी का सामना कर रहे हैं। ट्रेन के कोट B1- सीट नं. 40 पर एक बच्ची की मौत हो गई है। ट्रेन अभी-अभी ऐशबाग स्टेशन पहुंची है। बच्ची की मौत को लेकर यूजर ने रेल मंत्री, रेलवे सेवा और DRM को टैग किया है।लखनऊ से छपरा की दूरी लगभग 480 किलोमीटर है। सामान्य तौर पर इस ट्रेन को छपरा से लखनऊ पहुंचने में 8 घंटे लगते हैं। लेकिन ट्रेन 13 घंटे देरी से लखनऊ पहुंची। रेलवे सेवा ने दिया जवाब जानकारी पर संबंधित अधिकारी को एक्शन लेने के निर्देश दिए गए हैं। यात्री से मोबाइल और पीएनआर नंबर मांगा। ताकि तुरंत एक्शन लिया जा सके। साथ ही रेल मदद के लिए मेल आई डी और टोल फ्री नंबर भी दिया गया। रेलवे ने RPF नॉदर्न रेलवे को तत्काल मैटर देखने के लिए कहा। लखनऊ से छपरा की दूरी लगभग 480 किलोमीटर
लखनऊ से छपरा की दूरी लगभग 480 किलोमीटर है। सामान्य तौर पर इस ट्रेन को छपरा से लखनऊ पहुंचने में 8 घंटे लगते हैं। लेकिन ट्रेन 13 घंटे देरी से लखनऊ पहुंची थी। बाद में भास्कर रिपोर्टर वैभव तिवारी ने यात्री से बातचीत की…। दिल्ली जा रहे थे परिजन
बच्ची के परिजन देवरिया के रहने वाले हैं। पिता सद्दाम का कहना है- हम बच्ची को दिल्ली एम्स में दिखाने ले जा रहे थे। रास्ते में उसकी तबीयत बिगड़ गई। अचानक उसकी सांस रुक गई। सूचना पर डॉक्टरों की टीम पहुंची, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। पहले से खराब थी बच्ची की तबीयत
मामले में रेलवे अधिकारियों ने भी दलील दी है। इनका कहना है- बाराबंकी और जहांगीराबाद से जैसे ही ट्रेन निकली बच्ची की तबीयत खराब होने की सूचना मिली। ऐशबाग स्टेशन पर रेलवे डॉक्टर ने उसे चेक किया। तब बच्ची की मौत हो गई थी। डॉक्टर ने बच्ची का डेथ सर्टिफिकेट बना दिया है। परिवार के लोग शव वापस लेकर चले गए हैं। हम सफर एक्सप्रेस में सफर कर रही बच्ची की मौत हो गई। ट्रेन 13 घंटे लेट थी। लखनऊ में जब रेलवे डॉक्टर ने चेक किया तब मौत का पता चला। ट्रेन ऐशबाग स्टेशन पर सुबह पौने 10 बजे पहुंची थी। यहां 15 मिनट खड़ी रही। इसके बाद रवाना हो गई। यात्री ने RPF, GRP, रेलवे मंत्री अश्वनी वैष्णव और DRM लखनऊ से शिकायत की है। यात्री हर्ष भारद्वाज बरौनी-नई दिल्ली हमसफर एक्सप्रेस 02563 के B-1 क्लास सीट नंबर 40 पर थे। उन्होंने कहा- जब X पर पोस्ट किया तब पूर्वोत्तर रेलवे के DRM ने लखनऊ के ऐशबाग में एम्बुलेंस सहायता मिलने का आश्वासन दिया। स्टेशन मास्टर और टिकट निरीक्षक को भी सूचित किया था। यात्री ने ‘X’ पर दी रेलवे को जानकारी ट्रेन नं. 02563 10 घंटे की देरी से छपरा पहुंची। मेरी गुजारिश है कि ट्रेन को आगे बिना किसी कारण के क्रॉसिंग या स्टेशन पर न रोका जाए। क्योंकि इसमें बैठे पैसेजर काफी परेशानी का सामना कर रहे हैं। ट्रेन के कोट B1- सीट नं. 40 पर एक बच्ची की मौत हो गई है। ट्रेन अभी-अभी ऐशबाग स्टेशन पहुंची है। बच्ची की मौत को लेकर यूजर ने रेल मंत्री, रेलवे सेवा और DRM को टैग किया है।लखनऊ से छपरा की दूरी लगभग 480 किलोमीटर है। सामान्य तौर पर इस ट्रेन को छपरा से लखनऊ पहुंचने में 8 घंटे लगते हैं। लेकिन ट्रेन 13 घंटे देरी से लखनऊ पहुंची। रेलवे सेवा ने दिया जवाब जानकारी पर संबंधित अधिकारी को एक्शन लेने के निर्देश दिए गए हैं। यात्री से मोबाइल और पीएनआर नंबर मांगा। ताकि तुरंत एक्शन लिया जा सके। साथ ही रेल मदद के लिए मेल आई डी और टोल फ्री नंबर भी दिया गया। रेलवे ने RPF नॉदर्न रेलवे को तत्काल मैटर देखने के लिए कहा। लखनऊ से छपरा की दूरी लगभग 480 किलोमीटर
लखनऊ से छपरा की दूरी लगभग 480 किलोमीटर है। सामान्य तौर पर इस ट्रेन को छपरा से लखनऊ पहुंचने में 8 घंटे लगते हैं। लेकिन ट्रेन 13 घंटे देरी से लखनऊ पहुंची थी। बाद में भास्कर रिपोर्टर वैभव तिवारी ने यात्री से बातचीत की…। दिल्ली जा रहे थे परिजन
बच्ची के परिजन देवरिया के रहने वाले हैं। पिता सद्दाम का कहना है- हम बच्ची को दिल्ली एम्स में दिखाने ले जा रहे थे। रास्ते में उसकी तबीयत बिगड़ गई। अचानक उसकी सांस रुक गई। सूचना पर डॉक्टरों की टीम पहुंची, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। पहले से खराब थी बच्ची की तबीयत
मामले में रेलवे अधिकारियों ने भी दलील दी है। इनका कहना है- बाराबंकी और जहांगीराबाद से जैसे ही ट्रेन निकली बच्ची की तबीयत खराब होने की सूचना मिली। ऐशबाग स्टेशन पर रेलवे डॉक्टर ने उसे चेक किया। तब बच्ची की मौत हो गई थी। डॉक्टर ने बच्ची का डेथ सर्टिफिकेट बना दिया है। परिवार के लोग शव वापस लेकर चले गए हैं। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर