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तलाक के बाद भी बच्चों पर मां का अधिकार:पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का आदेश, कहा- लिव-इन रिलेशनशिप का कोई प्रभाव नहीं
तलाक के बाद भी बच्चों पर मां का अधिकार:पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का आदेश, कहा- लिव-इन रिलेशनशिप का कोई प्रभाव नहीं पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि तलाक के बाद किसी अन्य व्यक्ति के साथ रिश्ते में आने से मां का अपने नाबालिग बच्चों पर अधिकार समाप्त नहीं होता है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मां और बच्चे के बीच का प्राकृतिक संबंध अटूट है, जिसे वैवाहिक संबंध टूटने के बावजूद खत्म नहीं किया जा सकता। इस फैसले के तहत एक महिला को तलाक के 8 साल बाद अपने बच्चों की कस्टडी सौंपने का आदेश दिया गया, भले ही वह लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही थी। क्या है पूरा मामला यह मामला 2009 में हुई एक शादी से जुड़ा है। जिसमें 2010 और 2013 में दंपती दो बच्चों के माता-पिता बने। लेकिन आपसी विवादों के चलते पति ने पत्नी पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाया, जिसके बाद 2016 में दोनों ने तलाक ले लिया। तलाक के बाद बच्चों की कस्टडी को लेकर विवाद खड़ा हो गया और कुरुक्षेत्र (हरियाणा) की पारिवारिक अदालत ने बच्चों की कस्टडी पिता को सौंप दी, जबकि महिला को प्रति माह बच्चों से मिलने की अनुमति दी गई। महिला की याचिका और हाईकोर्ट का फैसला महिला ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बच्चों की कस्टडी की मांग की, जिसमें उसने तर्क दिया कि भले ही वह लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही है, लेकिन इससे उसके मातृत्व का अधिकार प्रभावित नहीं होता। उसने यह भी आरोप लगाया कि बच्चे अपने दादा-दादी के साथ रह रहे हैं, जहां उनके साथ बुरा व्यवहार किया जा रहा है। दूसरी ओर, पति ने अदालत में दलील दी कि महिला के अन्य पुरुषों से संबंध होने के कारण उसे बच्चों की कस्टडी नहीं दी जानी चाहिए। इस दावे के समर्थन में कुछ वीडियो और साक्ष्य भी पेश किए गए थे। हाईकोर्ट का तर्क हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि वैवाहिक संबंध टूटने के बाद भी मां का अपने बच्चों पर अधिकार बना रहता है। न्यायालय ने यह भी कहा कि बच्चों के लिए मां और पिता दोनों का प्यार और देखभाल आवश्यक है, ताकि वे अपने जीवन में बेहतर विकास कर सकें। कोर्ट ने यह भी कहा कि मां के लिव-इन में रहने से उसके मातृत्व अधिकार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता और बच्चों की भलाई के लिए उसे उनकी कस्टडी सौंपना उचित है। इस प्रकार, हाईकोर्ट ने महिला को बच्चों की कस्टडी सौंपने का आदेश दिया, जिससे यह स्पष्ट संदेश गया कि तलाक और नए रिश्ते बच्चों पर मां के अधिकार को समाप्त नहीं कर सकते।
Bihar Crime: फिल्मी स्टाइल में शव को ठिकाने लगाने की थी तैयारी, ऐन मौके पर बेतिया पुलिस ने बिगाड़ा खेल
Bihar Crime: फिल्मी स्टाइल में शव को ठिकाने लगाने की थी तैयारी, ऐन मौके पर बेतिया पुलिस ने बिगाड़ा खेल <p style=”text-align: justify;”><strong>Woman Strangled To Death:</strong> बेतिया में विवाहिता की गला दबाकर हत्या कर देने का मामला सामने आया है. मामला 23 दिसंबर के रात का बताया जा रहा है. हत्या के बाद फिल्मी स्टाइल में शव को ठिकाने लगाने के लिए करीब 15 किलोमीटर दूर बैरिया थाना क्षेत्र ले जाया जा राहा था, लेकिन ऐन मौके पर पुलिस पहुंच गई और बदमाशों का सारा खेल बिगाड़ गया. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कार में रखा हुआ था शव </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल बेतिया पुलिस बैरिया थाना क्षेत्र में वाहन जांच कर रही थी. इसी बीच एक कार में जो पुलिस ने देखा तो उनके भी होश उड़ गए. पुलिस जवानों ने देखा कि कार में एक शव रखा हुआ है. पुलिसकर्मियों ने तुरंत कार में बैठे सभी लोगों को को गिरफ्ता कर लिया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं मृतका की पहचान चनपटिया थाना क्षेत्र के मूसारी वार्ड नंबर 3 निवासी सुनील दास की पत्नी उर्मिला देवी के रूप में की गई है. बताया जा रहा है कि उर्मिला देवी की हत्या गला दबाकर की गई औए शव को कार में रखकर तीन अपराधी चनपटिया से बैरिया पहुंचे थे, तभी वहां जांच में पुलिस ने सभी को पकड़ लिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बेतिया एसपी डॉक्टर शौर्य सुमन ने बताया कि एक महिला की हत्या कर शव को कर में रखकर कुछ बदमाश बैरिया थाना क्षेत्र में ठिकाने लगाने जा रहे थे, तभी वाहन चेकिंग के दौरान कार को चेक किया गया तो एक महिला के शव के साथ तीन लोग बैठे थे. जब उन लोगों से पूछताछ की गई तो पता चला कि महिला की हत्या कर शव को ठिकाने लगाने के लिए बैरिया पहुंचे थे. पुलिस ने मृतका उर्मिला देवी के देवर के साथ दो अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मायके वालों का क्या है आरोप?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं पुलिस ने मृतका के मायके वालों को सूचना दे दी है. सूचना के बाद विवाहिता के पिता संत दास चनपटिया थाना पहुंचे तो उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले बेटी को ससुराल वाले मारपीट कर प्रताड़ित करते थे. उसके ससुराल वालों ने ही गला दबाकर हत्या की है. मृतका के पिता के आवेदन पर चनपटिया थाना में एफआईआर दर्ज की गई है. वहीं पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करा कर परिजनों को सौंप दिया और पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है.</p>
<p><strong>ये भी पढ़ेंः <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/bjp-objection-in-patna-over-mahatma-gandhi-bhajan-sung-by-singer-devi-on-occasion-of-former-pm-atal-bihari-vajpayee-birthday-ann-2850404″>पटना में महात्मा गांधी के भजन ‘ईश्वर-अल्लाह तेरो नाम’ पर भड़के BJP के लोग, भोजपुरी गायिका देवी को मांगनी पड़ी माफी</a></strong></p>
मंडी पहुंचे खेल एवं कानून मंत्री गामा:कर्मचारी संघ के स्थापना दिवस में की शिरकत, यादविंदर बोले- सुक्खू सरकार ने प्रदान की आर्थिक सुरक्षा
मंडी पहुंचे खेल एवं कानून मंत्री गामा:कर्मचारी संघ के स्थापना दिवस में की शिरकत, यादविंदर बोले- सुक्खू सरकार ने प्रदान की आर्थिक सुरक्षा हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ का 59वां राज्य स्तरीय स्थापना दिवस आज मंडी में आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता आयुष, युवा सेवाएं एवं खेल तथा कानून मंत्री यादविंदर गोमा ने की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के विकास में कर्मचारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। कर्मचारी सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों को आम लोगों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं और प्रदेश सरकार भी कर्मचारी हितैषी होने के साथ-साथ उनके कल्याण के लिए प्राथमिकता प्रदान कर रही हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कर्मचारियों के हितों के साथ-साथ सभी वर्गों का एक समान विकास किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री प्रदेश के लोगों का दुख-दर्द भली भांति समझते हैं। मुख्यमंत्री ने जहां एक लाख 36 हजार से अधिक एनपीएस कर्मचारियों को ओपीएस देकर उनका भविष्य सुरक्षित किया है, वहीं उनको आर्थिक व सामाजिक सुरक्षा प्रदान की है। 1000 करोड़ की अतिरिक्त राशि जारी की उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देने पर इस वर्ष एक हजार करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि जारी की है। उन्होंने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार ने कर्मचारियों की करीब 10 हजार करोड़ रुपए की देनदारियों को लंबित रखा, जिसमें वेतन आयोग का एरियर व लंबित डीए शामिल है। वर्तमान प्रदेश सरकार इन देनदारियों का प्राथमिकता के आधार पर निपटारा कर रही है। दिवाली के अवसर पर कर्मचारियों व पेंशनरों को चार प्रतिशत मंहगाई भत्ता जारी किया गया तथा 75 साल अधिक आयु के पेंशनरों को बकाया एरियर का पूरा भुगतान कर दिया गया है, जबकि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को एरियर का 20 हजार रुपए भी जारी किए गए हैं। पेंशनरों की चिकित्सा प्रतिपूर्ति निपटारे के लिए सभी विभागों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद प्रदेश सरकार कर्मचारियों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने हिमाचल के प्रति उदासीन रवैया अपना रखा है, बावजूद इसके मुख्यमंत्री समय-समय पर कर्मचारियों के देय लाभ जारी कर रहे हैं। ओपीएस देने वाला हिमाचल पहला राज्य उन्होंने कहा कि हिमाचल देश का पहला राज्य है जो एनपीएस के बाद ओपीएस दे रहा है। यह ओपीएस अब भाजपा सरकार के राज्यों के लिए गले की फांस बन रहा है। पूर्व की भाजपा सरकार ने ओपीएस बहाली के लिए चलाए जा रहे आंदोलन में शामिल कर्मचारी नेताओं को प्रताड़ित किया तथा विधानसभा में शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों पर लाठियों तथा वाटर कैनन का प्रयोग किया। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अब भी प्रदेश के बाहर जाकर प्रदेश को बदनाम कर रहे हैं तथा ओपीएस बहाली पर टीका टिप्पणी कर रहे हैं, जो कि उनको शोभा नहीं देता।उन्होंने कहा कि सरकार कर्मचारियों की सभी मांगों को चरणबद्ध ढंग से पूरा करेगी तथा जो भी मांगें अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ द्वारा रखी गई हैं उन सभी को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाएगा। उन्होंने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए आयोजकों को 51 हजार रुपए देने की घोषणा की।